Deputy Prime Minister of Indian

भारत के उप-प्रधानमंत्री (Deputy Prime Minister of Indian)

भारत के उप-प्रधानमंत्री पद के बारे में संविधान पूर्णतया मौन है भले ही संविधान लागू होने से आज तक सात व्यक्ति इस पद पर आसीन हो चुके हैं। प्रथम उप-प्रधानमंत्री होने का श्रेय सरदार वल्लभ भाई पटेल को जाता है जो कि पंडित जवाहरलाल नेहरू के मंत्रिमंडल में गृहमंत्री थे। दूसरे उप-प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई थे जिन्हें कांग्रेस सिंडिकेट के कहने पर इंदिरा गांधी के मंत्रिमंडल में सम्मिलित किया गया। जनता पार्टी में संकट को निपटाने के लिए मोरारजी देसाई के मंत्रिमंडल में चरणसिंह तथा जगजीवन राम को उप-प्रधानमंत्री का पद प्रदान किया गया। वाई० बी० चव्हाण ने भी चरण सिंह मंत्रिमंडल में कुछ समय के लिए उपप्रधानमंत्री पद सम्भाला। वी०पी० सिंह की जनता दल सरकार में 1989 में देवी लाल उप-प्रधानमंत्री नियुक्त किए गए। जून 2002 में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लालकृष्ण आडवाणी को उप-प्रधानमंत्री नियुक्त किया। इस पद के साथ साथ वह गृहमंत्री के रूप में भी कार्य करते रहे ।

उप-प्रधानमंत्री को प्रधानमंत्री के बाद स्थान प्राप्त है। वह प्रधानमंत्री को सहायता प्रदान करता है तथा उसकी अनुपस्थिति में उसके पद से सम्बन्धित सभी उत्तरदायित्व निभाता है। यह बात ध्यान देने योग्य है कि भारत के प्रशासनिक सुधार आयोग (1966-1970) ने सरकार की मशीनरी तथा इसकी कार्य प्रक्रिया से सम्बन्धित रिपोर्ट में उप-प्रधानमंत्री पद की स्थापना की सिफारिश की थी ताकि सरकारी तंत्र प्रभावशाली रूप से कार्य कर सके। रिपोर्ट ने सुझाया कि प्रधानमंत्री अपने कार्य भार को कम करने के लिए उप-प्रधानमंत्री को कुछ कार्य सौंप सकता है अथवा कुछ जिम्मेदारियां अस्थाई रूप से उसे प्रदान कर सकता है।

भारत के उप-प्रधानमंत्री

क्र. नाम कार्यकाल
1 सरदार वल्लभभाई पटेल 1947-1950
2 मोरारजी देसाई 1967-1969
3 चरण सिंह एवं जगजीवनराम 1979-1979
4 वाई. बी. चह्वाण 1979-1980
5 देवीलाल 1989-1990
6 देवीलाल 1990-1991
7 एल. के. आडवाणी 2002-2004

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