Daily MCQs - Constitution and Polity - 27 May 2024

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 27 May 2024 (Mon)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
27 May, 2024 (Monday)

1. भारत शासन अधिनियम, 1858 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस अधिनियम के द्वारा भारत के राज्य सचिव नामक एक नए पद का सृजन किया गया।

2. कंपनी में कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कंट्रोल की व्यवस्था बनी रही।
3. गवर्नर जनरल पद का नाम बदलकर ‘वायसराय’ कर दिया गया।
4. लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत के प्रथम वायसराय बने।
उपरोक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1 और 3
(C) केवल 1, 3 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4

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उत्तर – (B)

व्याख्या – कथन 2 एवं 4 गलत हैं, क्योंकि भारत शासन अधिनियम, 1858 के द्वारा कंपनी के कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कंट्रोल को समाप्त कर दिया गया एवं भारत में द्वैध शासन प्रणाली का अंत हो गया। भारत का प्रथम वायसराय लॉर्ड विलियम बैंटिक को नहीं बल्कि लॉर्ड कैनिंग को बनाया गया।

  • इस अधिनियम के द्वारा भारत के राज्य सचिव नामक एक नए पद का सृजन किया गया। यह सचिव ब्रिटिश मंत्रिमंडल का सदस्य होता था एवं भारतीय मामलों में ब्रिटिश संसद के प्रति उत्तरदायी होता था। भारतीय प्रशासन पर नियंत्रण की संपूर्ण शक्ति राज्य सचिव में निहित थी।
  • भारत सचिव की सहायता के लिये 15 सदस्यीय एक परिषद (Council of India) का गठन किया गया। यह परिषद एक सलाहकार समिति थी। परिषद का अध्यक्ष भारत सचिव को बनाया गया था।
  • गवर्नर जनरल का पद ‘वायसराय’ कहलाने लगा, क्योंकि इस अधिनियम के तहत कंपनी के शासन को समाप्त कर दिया गया। भारत का शासन सीधे महारानी विक्टोरिया के अधीन चला गया । गवर्नर जनरल अब सम्राट के प्रतिनिधि की हैसियत से कार्य करने लगा था।
  • संचालक मंडल, नियंत्रण मंडल एवं गवर्नर जनरल की सभी शक्तियाँ परिषद सहित भारत सचिव में केंद्रित कर दी गई, जो संसद के प्रति उत्तरदायी था। भारत सचिव की परिषद को निगमित निकाय (Corporate Body) घोषित किया गया, जिस पर इंग्लैंड एवं भारत में दावा किया जा सकता था।
  • नई व्यवस्था का प्रारंभ महारानी विक्टोरिया की घोषणा के साथ हुआ, जिसकी घोषणा इलाहाबाद में आयोजित एक विशेष दरबार में 1 नवंबर, 1858 में की गई थी।अतः कथन 1 और 3 सही है

 

2. चार्टर एक्ट, 1853 के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(A) चार्टर अधिनियमों की श्रृंखला में यह अंतिम अधिनियम था।
(B) इस अधिनियम के द्वारा सिविल सेवकों की भर्ती एवं चयन हेतु खुली प्रतियोगिता का प्रारंभ किया गया।
(C) इस अधिनियम के द्वारा गवर्नर जनरल के लिये एक विधान परिषद का गठन किया गया।
(D) इस अधिनियम ने भारतीय विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति प्रदान की।

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उत्तर – (D)

व्याख्या – कथन (d) असत्य है, क्योंकि विधान परिषद को बजट पर बहस करने की शक्ति भारतीय परिषद अधिनियम, 1892 के द्वारा प्राप्त हुई।

  • 1793 से 1853 के दौरान पारित किये गए चार्टर अधिनियमों की श्रृंखला में यह अंतिम अधिनियम था।
  • इस अधिनियम द्वारा सिविल सेवकों की भर्ती एवं चयन हेतु खुली प्रतियोगिता की व्यवस्था प्रारंभ की गई। 1854 में भारतीय सिविल सेवा के संबंध में ‘मैकाले समिति’ का गठन किया गया।
  • गवर्नर जनरल की परिषद में कानून-निर्माण में सहायता देने के लिये छः नए सदस्यों की नियुक्ति की गई। इस प्रकार गवर्नर जनरल के लिये विधान परिषद अस्तित्व में आया, जिसे भारतीय (केंद्रीय) विधान परिषद कहा गया इस विधान परिषद ने ‘लघु संसद’ की तरह कार्य किया। इस प्रकार पहली बार गवर्नर जनरल की परिषद के विधायी एवं प्रशासनिक कार्यों को अलग-अलग किया गया।
  • इस अधिनियम के तहत पहली बार भारतीय विधान परिषद में स्थानीय प्रतिनिधित्व प्रारंभ किया गया।
  • इस अधिनियम द्वारा बंगाल के लिये एक पृथक् लेफ्टिनेंट-गवर्नर की नियुक्ति की गई एवं गवर्नर जनरल को बंगाल के शासन भार से मुक्त कर दिया गया।

 

3. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
(A) 1813 के चार्टर एक्ट के तहत ईसाई मिशनरियों को भारत में कार्य करने की अनुमति प्रदान कर दी गई।
(B) 1813 के चार्टर एक्ट के द्वारा भारत में कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया।
(C) 1833 के चार्टर एक्ट के द्वारा गवर्नर जनरल की परिषद में चौथे सदस्य के रूप में विधि सदस्य नियुक्त किया गया।
(D) 1833 के चार्टर एक्ट के द्वारा बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया।

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उत्तर -(B)

व्याख्या – कथन (b) गलत है, क्योंकि 1813 के चार्टर एक्ट  द्वारा भारत में कंपनी के व्यापारिक एकाधिकार को समाप्त कर दिया गया, परंतु चाय एवं चीन पर कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार बना रहा। 1813 के चार्टर एक्ट द्वारा भारत में ईसाई धर्म के प्रचार की अनुमति प्रदान कर दी गई।

  • 1833 के चार्टर एक्ट के तहत गवर्नर जनरल की परिषद में विधि सदस्य के रूप में चौथे सदस्य की नियुक्ति की गई। लॉर्ड मैकाले को विधि सदस्य के रूप में नियुक्त किया गया। लॉर्ड मैकाले की अध्यक्षता में भारत में पहला ‘विधि आयोग’ गठित हुआ।
  • 1833 के चार्टर एक्ट के तहत बंगाल के गवर्नर जनरल को भारत का गवर्नर जनरल बना दिया गया। गवर्नर जनरल की सरकार भारत की सरकार एवं उसकी परिषद भारतीय परिषद कहलाई। लॉर्ड विलियम बैंटिक भारत के प्रथम गवर्नर जनरल बने।
  • 1833 के चार्टर एक्ट द्वारा भारत में दास प्रथा को गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया।
  • 1833 का चार्टर एक्ट में यह प्रावधान किया गया कि कंपनी के प्रदेशों में रहने वाले किसी भारतीय को धर्म, वंश, रंग या जन्म आदि के आधार पर कंपनी में किसी पद के लिये अयोग्य नहीं ठहराया जा सकता, परंतु कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स के विरोध के कारण इस प्रावधान को समाप्त कर दिया गया। आगे चलकर यह प्रावधान प्रशासन में भागीदारी का मुख्य आधार बना।

 

4. निम्नलिखित अधिनियमों पर विचार कीजियेः
1. 1793 का अधिनियम
2. 1813 का अधिनियम
3. 1833 का अधिनियम
4. 1853 का अधिनियम
उपर्युक्त में से कौन-से अधिनियम चार्टर अधिनियम के नाम से जाने जाते हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 1, 2 और 3
(C) केवल 2, 3 और 4
(D) 1, 2, 3 और 4

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उत्तर – (D)

व्याख्या – उपर्युक्त सभी अधिनियम चार्टर अधिनियम के नाम से जाने जाते हैं। 1786 एवं 1857 के बीच ब्रिटिश संसद ने कंपनी के मामले में चार प्रमुख चार्टर अधिनियम पारित किये। उपरोक्त चार्टर अधिनियम 20-20 वर्ष के अंतराल पर पारित किये गए। इन्हें चार्टर अधिनियम इसलिये कहा जाता है, क्योंकि इन अधिनियमों के द्वारा कंपनी की आज्ञा-पत्र अवधि बढ़ाने के साथ-साथ कंपनी के अधिकार, कंपनी एवं सरकार के बीच संबंध, कंपनी के भारतीय प्रशासन में समय-समय पर महत्त्वपूर्ण बदलाव किये गए।

5. पिट्स इंडिया एक्ट, 1784 के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. इस अधिनियम द्वारा द्वैध शासन व्यवस्था का प्रारंभ हुआ।
2. इस अधिनियम के द्वारा नियंत्रण मंडल (Board of Control) नाम से एक नए निकाय का गठन किया गया। जिसे व्यापार संबंधी प्रबंधन का कार्य सौंपा गया।
3. राजनीति संबंधी प्रबंधन का कार्य संचालक-मंडल (Court of Directors) के हाथों में सौंपा गया।
4.  कार्यकारी परिषद के सदस्यों की संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गई।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 4
(D) केवल 1, 2, 3 और 4

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उत्तर – (B)

व्याख्या – कथन 2 एवं 3 सही नहीं हैं, क्योंकि इस अधिनियम के द्वारा ब्रिटिश संसद द्वारा कंपनी के राजनीतिक एवं व्यापारिक कार्यों को पृथक् किया गया। व्यापार संबंधी कार्यों का प्रबंधन कंपनी के प्रतिनिधि संचालक मंडल (Court of Directors) के हाथों में सौंपा गया, जबकि राजनीतिक कार्यों के प्रबंधन के लिये ब्रिटिश संसद द्वारा ‘नियंत्रण-मंडल’ (Board of Control) नामक एक नए निकाय का गठन किया गया।

  • कंपनी के कार्यों को दो भागों में विभाजित किया गया: व्यापारिक एवं राजनीतिक संबंधित कार्य, जिन्हें क्रमशः कोर्ट ऑफ डायरेक्टर्स एवं बोर्ड ऑफ कंट्रोल के हाथों में सौंपा गया। इस प्रकार इस अधिनियम द्वारा द्वैध शासन व्यवस्था का प्रारंभ हुआ।
  • बंगाल के गवर्नर जनरल की सहायता के लिये रेग्यूलेटिंग एक्ट, 1773 में चार सदस्यीय एक कार्यकारी परिषद की स्थापना की गई थी। इस अधिनियम द्वारा इसकी सदस्य संख्या चार से घटाकर तीन कर दी गई ।
  • इस एक्ट से संबंधित विधेयक ब्रिटिश संसद में तत्कालीन ब्रिटिश प्रधानमंत्री पिट द यंगर ने प्रस्तुत किया था, इसलिये इस विधेयक को ‘पिट्स इंडिया एक्ट’ के नाम से जाना जाता है।

 

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