BPSC TRE 3.0 Class 01 - 05 Exam Paper - 20 July 2024 (Official Answer Key)

BPSC TRE 3.0 Class 01 – 05 Exam Paper – 20 July 2024 (Official Answer Key)

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC –  Bihar Public Service Commissionके द्वारा आयोजित की गई बिहार शिक्षा भर्ती का आयोजन 20 जुलाई 2024 को किया गया था। यह परीक्षा BPSC TRE 3.0 (Teachers Recruitment Exam) Class 01 – 05 तक के भाषा एवं सामान्य अध्ययन का प्रश्न पत्र उपलब्ध कराया गया था। इस परीक्षा का प्रश्नपत्र उत्तर कुंजी सहित (Exam Paper With Official Answer Key) यहाँ उपलब्ध है – 

Bihar Public Service Commission (BPSC) has Conduct the BPSC TRE 3.0 (Teachers Recruitment Exam) Class 01 – 05 Exam 2024 held on 20 July, 2024. This  BPSC TRE 3.0 Class 01 – 05 (Language and General Studies) Exam Paper available here with official Answer Key.

परीक्षा BPSC TRE 3.0 Exam 2024 (Class 01 to 05)
विषय भाषा एवं सामान्य अध्ययन (Language and General Studies)
परीक्षा तिथि
20 July, 2024 
कुल प्रश्न  150
पेपर सेट  E

BPSC TRE 3.0 Examination 2024 (Class 01 – 05)
भाषा एवं सामान्य अध्ययन (Language and General Studies)
(Official Answer Key)

PART – I (LANGUAGE)

Directions (Q. Nos. E-1 – E-5): Read the passage given below and on the basis of the passage, answer the questions that follow.

People are always communicating, verbally and non-verbally. Research shows that only seven percent of communication is through words. The rest of the communication process takes place through body language, eye contact and the various signals words cannot convey. A person should be sensitive enough to understand as to how the communication is being received and processed. All communication should be sensitive to eye movement, posture and gesture, skin colour, breathing rate and facial expression to be understood completely.

E-1. Words communicate just ______ per cent.
(A) seventy
(B) seven
(C) hundred
(D) More than one of the above
(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (B)

E-2. These are some nouns from the passage
(A) body, person
(B) should, through
(C) being, how
(D) More than one of the above
(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (A)

E-3. Communication must include
(A) eye movement
(B) breathing rate
(C) body language
(D) More than one of the above
(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (D)

E-4. Which are the two kinds of communication?
(A) Verbal and non-verbal
(B) Posture and gesture
(C) Spoken and written

(D) More than one of the above
(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (A)

E-5. The passage is about
(A) Disadvantages of words
(B) Nature of communication
(C) Communication failure
(D) More than one of the above
(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (B)

Directions (Q. Nos. E-6 – E-8): Fill in the blanks.

E-6. Had we ________ punctual, we would have ________ the train.
(A) been, caught
(B) were, boarded
(C) are, got
(D) More than one of the above

(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (A)

E-7. You can’t _______ with other people.
(A) arguing
(B) shouted
(C) quarreling
(D) More than one of the above
(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (E)

E-8. Since she is a ________, she has to talk a lot.
(A) jockey
(B) cook
(C) radio jockey
(D) More than one of the above
(E) None of the above

Show Answer/Hide

Answer – (C)

(Hindi Language) 

निर्देश (प्र. सं. H-9 से H-14 तक) : इस खंड में नीचे दिए गए गद्यांश से सम्बन्धित प्रश्न दिए गए हैं । सही विकल्प चुनकर उत्तर पत्रक में अंकित कीजिये । 

राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए चरित्र निर्माण परम आवश्यक है। जिस प्रकार वर्तमान में भौतिक निर्माण का कार्य अनेक योजनाओं के माध्यम से तीव्र गति के साथ संपन्न हो रहा है, वैसे ही वर्तमान की सबसे बड़ी आवश्यकता यह है कि देशवासियों के चरित्र निर्माण के लिए भी प्रयत्न किया जाए। उत्तम चरित्रवान व्यक्ति ही राष्ट्र की सर्वोच्च संपदा है । जनतंत्र के लिए जो यह एक महान कल्याणकारी योजना है । जन-समाज में राष्ट्र, संस्कृति, समाज एवं परिवार के प्रति हमारा क्या कर्तव्य है इसका पूर्ण रूप से बोध कराना एवं राष्ट्र में व्याप्त समग्र भ्रष्टाचार के प्रति निषेधात्मक वातावरण का निर्माण करना ही चरित्र निर्माण का प्रथम सोपान है।   

पाश्चात्य शिक्षा और संस्कृति के प्रभाव से आज हमारे मस्तिष्क में भारतीयता के प्रति हीन भावना उत्पन्न हो गई है । चरित्र निर्माण, जो कि बाल्यावस्था व्यवस्था से ही ऋषिकुल, गुरुकुल, आचार्यकुल की शिक्षा के द्वारा प्राचीन समय से किया जाता था, आज की लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति से संचालित स्कूलों एवं कॉलेजों के लिए एक हास्यास्पद विषय बन गया है। आज यदि कोई पुरातन संस्कारी विद्यार्थी संध्यावंदन या शिखा-सूत्र रखकर भारतीय संस्कृतिमय में जीवन बिताता है, तो अन्य छात्र उसे ‘बुद्ध’ या अप्रगतिशील कहकर उसका मजाक उड़ाते हैं । आज हम अपने भारतीय आदर्शों का परित्याग करके पश्चिम के अंधानुकरण को प्रगति मान बैठे हैं। इसका घातक परिणाम चरित्र दोष के रूप में आज देश में सर्वत्र दृष्टिगोचर हो रहा है ।

H-9. जनतंत्र के लिए लाभकारी हो सकते हैं
(A) निष्ठावान श्रमिक
(B) शक्तिशाली सिपाही
(C) उत्तम चरित्रवान व्यक्ति
(D) धनवान व्यक्ति
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (C)

H-10. राष्ट्र की सर्वोच्च संपदा है
(A) स्वार्थी व्यक्ति
(B) लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति
(C) पाश्चात्य संस्कृति
(D) चरित्रवान व्यक्ति
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (D)

H-11. अप्रगतिशील रूप में मजाक उड़ाया जाता है, जो
(A) पाश्चात्य संस्कृति को हृदय से अपनाता है
(B) भारतीय संस्कृतिमय जीवन बिताता है।
(C) धार्मिक वातावरण में जीवन बिताता है
(D) सत्संग में अधिक समय नहीं बिताता है
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (B)

H-12. चरित्र निर्माण की परम आवश्यकता है
(A) समाजोपयोगी कार्यों के लिए
(B) मानवमात्र के कल्याण के लिए
(C) राष्ट्र की योजनाओं के संचालन के लिए
(D) राष्ट्र के सर्वांगीण विकास के लिए
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (D)

H-13. उन्नत राष्ट्र के लिए विकास का प्रथम सोपान है
(A) भ्रष्टाचार के प्रति निषेधात्मक वातावरण
(B) चरित्र निर्माण के शैक्षणिक वातावरण
(C) राजनीति के कुशल दाँव-पेंच
(D) जनता में साम्प्रदायिक सद्भाव
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (A)

H-14. भारतीयता के प्रति हीन भावना का कारण है।
(A) पुरातन संस्कारी संस्कृतिमय जीवन
(B) वर्तमान वैज्ञानिक शिक्षा पद्धति
(C) प्राचीन गुरुकुल की शिक्षा पद्धति
(D) लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (D)

निर्देश (प्र. सं. H-15 से H-20 तक) : इस खंड में नीचे दिए गए गद्यांश से सम्बन्धित प्रश्न दिए गए हैं । सही विकल्प चुनकर उत्तर पत्रक में अंकित कीजिये । 

विकास क्रम में पशुता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मनुष्यता हमारे युग-युगांतर के अनवरत अध्यवसाय से अर्जित अमूल्य निधि । इसी से हम अपने पूर्व स्वप्न के लिए, सामंजस्यपूर्ण आदर्श के लिए और उदात्त भावनाओं के लिए प्राण की बाजी लगाते रहे हैं। जब हम से ऐसा करने की शक्ति शेष नहीं रह जाती तब हम एक मिथ्या दम्भ के साथ पशुता की ओर लौट चलते हैं क्योंकि वहाँ पहुँचने के लिए न किसी पराक्रम की आवश्यकता है और न साधन की। हम अपने शरीर को निश्चेष्ट छोड़कर हिमालय के शिखर से पाताल की गहराई तक सहज ही लुढ़कते चले आ सकते हैं। परंतु उसे ऊंचाई के सहस्र अंशो तक पहुँचने में हमारे पाँव काँपने लगेंगे, साँस फूलने लगेगी और आँखों के सामने अंधेरा छा जाएगा ।

H-15. मनुष्य पशुता की ओर कब लौटता है ?
(A) जब वह मनुष्यता का आदर्श भूल जाता है
(B) जब बस स्वप्न देखना बंद कर देता है
(C) जब वह जीवन में सामंजस्य की स्थापना के लिए प्रयास छोड़ देता है
(D) जब वह मिथ्या दम्भ से भर जाता है
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (D)

H-16. मनुष्य मिथ्या दम्भ के साथ पशुता की ओर लौट चलते हैं
(A) जब सृजनात्मक कार्य करने की शक्ति नहीं रहती
(B) जब ऊर्जा सक्रिय हो
(C) जब कोई पराक्रमी हो
(D) जब स्वार्थ वृति हो
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (A)

H-17. पूरे अवतरण का सारांश है कि
(A) मनुष्य, पशुता से बढ़कर है
(B) मनुष्य को चाहिए कि वह पशुता के पीछे छोड़कर मनुष्यता के लिए प्रयास करें
(C) अवनति की ओर जाना उन्नति की ओर जाने से आसान है।
(D) मनुष्यता, मनुष्य की सतत साधना का प्रतीक है
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (A)

H-18. प्रारम्भ में मुद्रित अंश का आशय है कि
(A) मनुष्यता मनुष्य की अमूल्य निधि है
(B) विकास क्रम का नतीजा है कि हम पशु से मनुष्य बन गए
(C) जन्म से पशु और मनुष्य में कोई अंतर नहीं है
(D) युगांतर की साधना से मनुष्य पशुता से ऊपर उठकर मनुष्यता के गुण प्राप्त कर सकता है
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (D)

H-19. अंतिम वाक्य में जो मुद्रित है, लेखक कहना चाहता है कि
(A) मनुष्यता का अर्जुन हिमालय पर चढ़ने जैसा कठिन है
(B) मनुष्यता से पतित होना पाताल में गिरने जैसा आसान है
(C) मनुष्यता प्राप्त करने में मनुष्य के पैर काँपने लगते हैं
(D) मनुष्य की आँखों के आगे अंधेरा छा जाता है
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (A)

H-20. अवतरणका उपर्युक्त शीर्षक होगा
(A) मनुष्यता की प्राप्ति
(B) मानव जीवन का लक्ष्य
(C) मनुष्य का जन्मसिद्ध अधिकार
(D) पशुता बनाम मनुष्यता
(E) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

Answer – (D)

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!