Biography of Guru Nanak Dev

गुरुनानक देव जी का जीवन परिचय (Guru Nanak Dev)

November 23, 2018

हमारे देश में समय-समय पर अनेकों संत-महात्माओं ने जन्म लिया है। गुरुनानक देव जी भी उनमे से एक हैं। गुरू नानक देव (Guru Nanak Dev) सिखों के प्रथम गुरु हैं। इनके अनुयायी इन्हें गुरु नानक, गुरु नानक देव जी, बाबा नानक और नानकशाह नामों से संबोधित करते हैं। गुरु नानक अपने व्यक्तित्व में दार्शनिक, योगी, गृहस्थ, धर्मसुधारक, समाजसुधारक, कवि, देशभक्त और विश्वबन्धुत्व सभी के गुण समेटे हुए थे। 

नाम– नानक
जन्म – 15 अप्रैल, 1469 (संवत्‌ 1526, कार्तिक पूर्णिमा)
जन्म-स्थान– ननकाना साहिब (तलवंडी) (वर्तमान पाकिस्तान)
पिता – कल्यानचंद (मेहता कालू )
माता – तृप्ता देवी
पत्नी  – सुलक्षणा देवी
 

जीवन परिचय

सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव (Guru Nanak Dev) के जन्म को लेकर दो मत है, कुछ लोगों का मत है कि गुरु नानक देव का जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था। लेकिन कई लोग संवत्‌ 1526 में कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक देव जा जन्म मानते हैं। कार्तिक पूर्णिमा के दिन को प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है। गुरु नानक जी का जन्म रावी नदी के किनारे स्थित तलवंडी नामक गाँव में एक खत्रीकुल में हुआ था। इनके पिता का नाम कल्यानचंद या मेहता कालू जी और माता का नाम तृप्ता देवी था। तलवंडी का नाम आगे चलकर नानक के नाम पर ननकाना पड़ गया। इनकी बहन का नाम नानकी था। 16 साल की उम्र में सुलक्खनी नाम की कन्या से शादी की और दो लड़कों श्रीचंद और लखमीदास के पिता बने। 1539 ई. में करतारपुर (जो अब पाकिस्तान में है) की एक धर्मशाला में उनकी मृत्यु हुई। मृत्यु से पहले उन्होंने अपने शिष्य भाई लहना को उत्तराधिकारी घोषित किया जो बाद में गुरु अंगद देव नाम से जाने गए। गुरु अंगद देव ही सिख धर्म के दूसरे गुरु बने।

सिख धर्म के गुरुओं के नाम

  1. पहले गुरु – गुरु नानक देव
  2. दूसरे गुरु – गुरु अंगद देव
  3. तीसरे गुरु – गुरु अमर दास
  4. चौथे गुरु – गुरु राम दास
  5. पाचंवे गुरु – गुरु अर्जुन देव
  6. छठे गुरु – गुरु हरगोबिन्द
  7. सातवें गुरु – गुरु हर राय
  8. आठवें गुरु – गुरु हर किशन
  9. नौवें गुरु – गुरु तेग बहादुर
  10. दसवें गुरु – गुरु गोबिंद सिंह

दस गुरुओं के बाद गुरु ग्रन्थ साहिब (Gur Granth Sahib) को ही सिख धर्म का प्रमुख धर्मग्रंथ माना गया. गुरु ग्रन्थ साहिब में कुल 1430 पन्ने हैं, जिसमें सिख गुरुओं के उपदेशों के साथ-साथ 30 संतों की वाणियां भी शामिल हैं.

गुरुनानक देव जी के सिद्धांत

गुरुनानक देव जी के सिद्धांत सिख धर्म के अनुयायियों द्वारा आज भी प्रासंगिक है, जो निम्न हैं:

  • ईश्वर एक है।
  • एक ही ईश्वर की उपासना करनी चाहिए।
  • ईश्वर, हर जगह व हर प्राणी में मौजूद है।
  • ईश्वर की शरण में आए भक्तों को किसी प्रकार का डर नहीं होता।
  • निष्ठा भाव से मेहनत कर प्रभु की उपासना करें।
  • किसी भी निर्दोष जीव या जन्तु को सताना नहीं चाहिए।
  • हमेशा खुश रहना चाहिए।
  • ईमानदारी व दृढ़ता से कमाई कर, आय का कुछ भाग जरूरतमंद को दान करना चाहिए।
  • सभी मनुष्य एक समान हैं, चाहे वे स्त्री हो या पुरुष।
  • शरीर को स्वस्थ रखने के लिए भोजन आवश्यक है, लेकिन लोभी व लालची आचरण से बचें है।

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