राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोत | TheExamPillar
Archaeological Sources of Rajasthans History

राजस्थान के इतिहास के पुरातात्विक स्रोत

पुरातात्विक स्रोत (Archaeological Sources)

पुरातत्व सम्बन्धी सामग्री का राजस्थान के इतिहास (History of Rajasthans) के निर्माण में एक बड़ा स्थान है। इसके अन्तर्गत खोजों और उत्खनन से मिलने वाली ऐतिहासिक सामग्री है। गोपीनाथ शर्मा ने लिखा है, “यह ठीक है कि ऐसी सामग्री का राजनीतिक इतिहास से सहज और सीधा सम्बन्ध नहीं है, परन्तु इमारतें भवन, किले, राजप्रसाद, घर, बस्तियाँ, भग्नावशेष मुद्राएँ, उत्कीर्ण लेख, मूर्तियाँ, स्मारक आदि से हम ऐतिहासिक काल क्रम का निर्धारण तथा वास्तु और शिल्प-शैलियों का वर्गीकरण कर सकते हैं।”

प्रागैतिहासिक काल से मध्यकाल के अनेक भग्नावशेष तत्कालीन अवस्था का चित्र हमारे सम्मुख उपस्थित करते हैं। इसी प्रकार सिक्के, शिलालेख एवं दान-पत्र भी अपने समय की ऐतिहासिक घटनाओं एवं स्थिति के साक्षी है। पुरातात्विक सामग्री का अध्ययन हम निम्न भागों में कर सकते हैं।

उत्खनित पुरावशेष (Excavated Antiquity)

इतिहास लेखन को नए आधार पर खड़ा करने हेतु इतिहासकारों का ध्यान लम्बे समय से राजस्थान के पुरातत्व की ओर है। प्राक् ऐतिहासिक एवं ऐतिहासिक राजस्थान के इतिहास को जानने के लिए पुरातात्विक साक्ष्य राजस्थान में बड़ी मात्रा में उपलब्ध हैं। पुरातात्विक स्रोतों में उत्खनित पुरावशेष, मृद्भाण्ड, औजार एवं उपकरण, शैलचित्र, शिलालेख, सिक्के, स्मारक (दुर्ग, मन्दिर, स्तूप, स्तम्भ), मूर्तियाँ आदि प्रमुख हैं। राजस्थान में पुरातात्विक सर्वेक्षण कार्य सर्वप्रथम (1871 ई.) प्रारम्भ करने का श्रेय ए.सी.एल. कार्लाइल को जाता है।

पुरातत्ववेत्ताओं की बागौर कालीबंगा, नगरी, बैराठ, आहड, गिलुण्ड, तिलवाडा, गणेश्वर रंगमहल, रेढ़ सांभर, मण्डोर डीडवाना सुनारी, नोह, जोधपुरा बालाथल आदि के उत्खनन कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका रही। इन स्थानों से प्राप्त सामग्री के आधार पर राजस्थान की कई नवीन संस्मृतियों का ज्ञान होता है।

राजस्थान की अरावली पर्वत श्रृंखला में तथा चम्बल नदी की घाटी में ऐसे शैलाश्रय प्राप्त हुए हैं, जिनसे प्रागैतिहासिक काल के मानव द्वारा प्रयोग में लाये गये पाषाण उपकरण, अस्थि अवशेष एवं अन्य पुरा सामग्री प्राप्त हुई है।

शिलालेख (Inscription)

  • संस्कृत शिलालेख
  • फारसी शिलालेख

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!