उत्तराखंड के प्रमुख वन आंदोलन (Major Forest Movements of Uttarakhand) रंवाई आन्दोलन (Ranwai Movement) स्वतंत्रता से पूर्व टिहरी राज्य में राजा नरेन्द्रशाह के समय एक नया वन कानून लागू किया
उत्तराखंड की जनजातियों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर (Important Question & Answer Related to Tribes of Uttarakhand) • उत्तराखंड की प्रमुख जनजाति कौन-सी हैं ? थारू, जौनसारी, भोटिया, बोक्सा, राज़ी
गढ़वाल क्षेत्र शुरू से ही पर्यटकों, साहसिक व्यक्तियों, दर्शनशास्त्रियों एवं प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सुरक्षित स्वर्ग के रूप में जाना जाता रहा है। 17वीं सदी के मध्य में एक मुगल
चंद वंशीय राजाओं की राजधानी रही चम्पावत को मंदिरों का शहर के नाम से भी जाना जाता है। भाद्र कृष्ण पक्ष की दशमी को होने वाला फूलडोल मेला(Phooldol Mela) कई
दान सिंह बिष्ट (Dan Singh Bisht) जन्म 1906 जन्म स्थान क्वीतड़ गाँव, झूलाघाट (पिथौरागढ़) पिता का नाम देव सिंह मृत्यु 1 सितंबर, 1964 देश के “टिबंर किंग आफ इंडिया” की उपाधि
उत्तराखंड वन रिपोर्ट 2021 (Uttarakhand Forest Report 2021) पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने 13 जनवरी 2021 को रिपोर्ट जारी की। वर्ष 1987 में पहला सर्वेक्षण प्रकाशित
उत्तराखण्ड की भाषा व बोलियाँ कुमाऊँ व गढ़वाल बोलियों का वर्णन ग्रीयर्सन ने ‘भारत का भाषा सर्वेक्षण’ नामक पुस्तक में दोनों गढ़वाल मण्डल व कुमाऊँ मण्डल की इक्कीस उप-बोलियों का उल्लेख किया
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में इगास अथवा पहाड़ी/पुरानी दीवाली अथवा बूढ़ी दीवाली का पर्व मैदानी क्षेत्रों में मनायी जाने वाली दीवाली के 11 दिन बाद कार्तिक शुक्ल एकादशी की तिथि
उत्तराखंड में 26 मार्च, 1974 को चमोली जिले के रैणी गाँव में एक आंदोलन की शुरुआत हुई थी, जिसे नाम दिया गया था चिपको आंदोलन (Chipko Andolan)। इस आंदोलन का
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