उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर देवी-देवताओं के अनेकों मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, इनमे से कुछ गढ़वाल मंडल के प्रमुख मंदिर और धार्मिक स्थल
उत्तराखंड को देवभूमि के नाम से भी जाना जाता है। यहाँ पर देवी-देवताओं के अनेकों मंदिर और धार्मिक स्थल हैं, इनमे से कुछ कुमाऊँ मंडल के प्रमुख मंदिर इस प्रकार है
उत्तराखंड राज्य के प्रमुख दिवस (Major days of Uttarakhand state) 25 मई – राज्य जल दिवस 5 जुलाई – हरियाली दिवस 12 अगस्त – प्रेरणा दिवस (नरेन्द्र सिंह नेगी के
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में कुमांऊँनी बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमाऊँ क्षेत्र में प्रचलित
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में कुमांऊँनी बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमाऊँ क्षेत्र में प्रचलित
उत्तराखण्ड के कुमाऊँ क्षेत्र में कुमांऊँनी बोली जाने वाली एक बोली है। इस बोली को हिन्दी की सहायक पहाड़ी भाषाओं की श्रेणी में रखा जाता है। कुमाऊँ क्षेत्र में प्रचलित
जसूली देवी ‘शौक्याणी’ (Jasuli Devi ‘Shaukyani’) जन्म 1805 जन्म स्थान दांतू गाँव, दारमा घाटी (धारचुला, पिथौरागढ़) पति का नाम ठाकुर जम्बू सिंह दताल मृत्यु 1895 अन्य नाम जसुली शौक्याणी, जसुली
अध्ययन रिपोर्ट के मुताबिक 2013 में उत्तराखंड में आई आपदा में मिट्टी कटान सबसे ज्यादा था। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में कुछ सालों से बादल फटने की घटनाएं बढ़ रही
उत्तराखण्ड : जिला दर्पण प्रस्तुत पुस्तिका में उत्तराखण्ड के समस्त 13 जनपदों का संक्षिप्त ब्योरा दिया गया है। जिसमे सभी जनपदों के भौगोलिक, राजनैतिक एवं जनसँख्या के आकड़ों को प्रस्तुत
SOCIAL PAGE