उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा (सामान्य तथा महिला शाखा)
द्वितीय चरण (विषयवार लिखित परीक्षा – वस्तुनिष्ठ प्रकार) पाठ्यक्रम
विषय | प्रश्नों की संख्या | अधिकतम अंक | समय अवधि |
गणित | 200 | 200 | 03 घण्टे |
नोटः- लिखित परीक्षा में मूल्यांकन हेतु ऋणात्मक पद्धति प्रयुक्त की जाएगी।
परीक्षा पाठ्यक्रम (गणित)
यूनिट – 1
1. समुच्चय सिद्धान्त : समुच्चय सिद्धान्त, रिक्त एवं परिमित समुच्चय, उपसमुच्चय, घात समुच्चय, सार्वत्रिक समुच्चय, वैन आरेख, सम्मिलन, सर्वनिष्ठ व अन्तर समुच्चय, समूह, उपसमूह, सामान्य उपसमूह, भागफल समूह, समाकारिता, चक्रीय समूह, क्रमचय समूह, कैलीज प्रमेय, सायलो प्रमेय, वलय ।
2. सम्बन्ध एवं फलन : सम्बन्ध एवं फलन, समुच्चयों का कार्तीय गुणन, समबन्ध का प्रांत, सहप्रांत तथा परिसर, एक फलन का एक समुच्चय से दूसरे समुच्चय से में विशेष प्रकार का सम्बन्ध । फलन, प्रांत, सहप्रांत तथा परिसर का चित्रण । विभिन्न प्रकार के फलन एवं उनके ग्राफ ।
यूनिट – 2
3. गणितीय आगमन : गणितीय आगमन का सिद्धान्त तथा साधारण अनुप्रयोग, समिश्र संख्यायें तथा द्विघातीय समीकरण, समिश्र संख्याओं की आवश्यकता, समिश्र संख्याओं के गुण, आर्गड तल और ध्रुवीय निरूपण । बीजगणित की आधारीय प्रमेय, समिश्र संख्याओं के निकायों के द्विघातीय समीकरण का हल । समिश्र संख्याओं का वर्गमूल ।
4. रैखिक असमिकाएँ : रैखिक असमिकाएँ, एक चर राशि के रैखिक असमिकाओं का बीजगणितीय हल और उनका अंक रेखा पर आलेखीय निरूपण । दो चर राशियों की असमिका निकाय का हल ।
5. क्रमचय और संचय : क्रमचय और संचय, गणना का आधार भूत सिद्धान्त, n! फलन, क्रमचय तथा संचय के सूत्रों का प्रतिपादन तथा उनमें सम्बन्ध, साधारण अनुप्रयोग। धन पूर्णांकों के लिये द्विपद प्रमेय। साधारण अनुप्रयोग ।
6. अनुक्रम तथा श्रेणी : समातंर श्रेणी, गुणोत्तर श्रेणी, इन श्रेणियों का व्यापक पद, गुणोत्तर श्रेणी के n पदों का योग, अनन्त गुणोत्तर श्रेणी तथा उनका योग, समांतर माध्य तथा गुणोत्तर माध्य में सम्बन्ध ।
यूनिट – 3
7. द्वि-विमीय निर्देशांक ज्यामिती: सरल रेखायें, मूल बिन्दू का स्थानान्तरण, रेखा का व्यापक समीकरण, रेखा के समीकरण के विविध रूप। दो सरल रेखाओं के कटान बिन्दू से गुजरने वाली सरल रेखाओं की फैमिली का समीकरण, एक बिन्दू की सरल रेखा से दूरी । वृत्त, परवलय, दीर्घवृत्त, अति परवलय, अपभ्रष्ट शंकु परिच्छेद । परवलय, दीर्घवत्त तथा अति परवलय की मानक समीकरणें तथा उनके गुण । वृत्त की मानक समीकरण ।
8. त्रि – विमीय ज्यामिति : त्रिविमीय अंतरिक्ष में निर्देशांक्ष और निर्देशांक्ष तल । अंतरिक्ष में एक बिन्दु के निर्देशांक, दो बिन्दुओं के बीच की दूरी तथा विभाजन सूत्र तथा उनका दिशीय कोज्या / भिन्न । एक तल की कार्तीय तथा सदिश समीकरण, सहतलीय तथा त्रियक रेखायें। दो रेखाओं के मध्य न्यूनतम दूरी । किसी तल की कार्तीय तथा सदिश समीकरण । क. दो रेखाओं ख. दो तलों ग. एक रेखा तथा एक तल, के मध्य कोण । किसी बिन्दु की तल से दूरी ।
9. सदिश विश्लेषण : सदिश एवं अदिश, सदिश का मापांक एवं दिशा, सदिशों की दिशीय कोज्या/भिन्न । सदिशों के प्रकार, किसी बिन्दु का स्थिति सदिश। सदिश की ऋणात्मकता, सदिशों के अवयव, सदिशों का योग, सदिशों का अदिश से गुणन। उस बिन्दु का स्थिति सदिश जो किसी सरल रेखा के भाग को दिये गये भागों से विभाजित करता है। सदिश का अदिश गुणनफल । किसी रेखा पर सदिश का प्रक्षेपण । सदिशों का सदिश गुणनफल, सदिशों का त्रिअदिश गुणनफल ।
यूनिट – 4
10. सांख्यिकी एवं प्रायकिता : प्रकीर्णन की माप, माध्य विचलन, सामूहिक तथा असामूहिक आकड़ों का प्रसरण और विचलन । समान माध्यों तथा असमान प्रसरणों वाले बारंबारता बंटनों का विश्लेषण । प्रतिदर्श समष्टि तथा घटनायें । कालजयी, अनुभव एवं मान्यताओं पर आधारित प्रायकिता की परिभाषा। घटनाओं का घटित होना ‘not’, ‘and’ और ‘or’ घटनायें । परिभाषा । स्वतन्त्र घटनायें, प्रतिबन्धित प्रायकिता, बेज प्रमेय, असंगत तथा संगत एक चरीय बंटन, नाम है:- द्विपद, प्यॉजन तथा प्रसामान्य ।
11. आव्यूह एवं सारणिक : आव्यूहों के प्रकार, सममित तथा विषम सममित आव्यूह, आव्यूहों पर संक्रियायें तथा उनके गुण, व्युत्क्रमणीय आव्यूह तथा व्युत्क्रम आव्यूह की अद्वितीयता । आव्यूह का सारणिक, गुण, उपसारणिक, सहखंड तथा अनुप्रयोग। सहखंडज तथा व्युक्रम आव्यूह । रैखिक समीकरणों के निकायों के हल तथा उदाहरण । व्युत्क्रम आव्यूह के प्रयोग से दो या तीन चरों वाले रैखिक समीकरणों के निकायों का हल ।
यूनिट – 5
12. अवकलन : फलन का अवकलन, सांतव्य और अवकलनीयता, फलनों के योग, अन्तर, गुणनफल तथा लब्धि का अवकलज । बहुपदों तथा त्रिकोणमितीय फलनों का अवकलन, समग्र फलनों का अवकलन, श्रंखला नियम, व्युक्रम, त्रिकोणमितिय फलनों का अवकलन, । घातीय तथा लघुगणक फलनों का अवकलन । पैरामीट्रिक रूप के फलनों का अवकलन, द्विकोटिय अवकलन | रॉल्स तथा लैगरेंजिस—मीन वैल्यू प्रमेय तथा उनकी ज्यामितीय व्याख्या। स्पर्शी व लम्ब रेखाओं, अनुमान व अधिकतमता निकालने में अवकलनों का अनुप्रयोग। साधारण समस्याएं।
13. समाकलन : समाकलन, प्रतिस्थपन, आशिंक भिन्न तथा भागों द्वारा समाकलन, सम्बन्धित उदाहरण । किसी फलन के योग सीमा के रूप में निश्चित समाकलन। समाकलन आधारीत मूलभूत प्रमेय, निश्चित समाकलन के मूलभूत गुण तथा मूल्यांकन । समाकलन के अनुप्रयोग द्वारा साधारण वक्रों के नीचे का क्षेत्रफल ज्ञात करना ।
14. अवकलन समीकरण : परिभाषा, आर्डर एवं डिग्री और अवकलन समीकरणों का व्यापक तथा विशेष हल, दिये गये हल से अवकल समीकरण बनाना, चरों की पृथक्करण विधि द्वारा अवकलन समीकरणों का हल । प्रथम आर्डर तथ प्रथम डिग्री वाली समान कोटि पद की अवकलन समीकरण का हल । रैखियक साधारण अवकलन, समीकरणों का हल, सजातीय तथा असजातीय रैखिक अवकलन समीकरणों का हल, पैरामीटर विविधता, द्वि-आर्डर की आंशिक अवकल समीकरणों का लैग्रैन्जे तथा चारपिट्स विधियों द्वारा हल । प्रथम आर्डर की आंशिक अवकल समीकरण से संबंध कौशी प्रश्न, द्वितीय आर्डर की आंशिक अवकल समीकरण का वर्गीकरण ।
15. रैखिक प्रोग्रामिंग : रैखिक प्रोग्रामिंग समस्याओं का गणितीय सूत्रीकरण विभिन्न प्रकार की रैखिक प्रोग्रामन समस्याऐं दो चरों की समस्याओं का ग्राफीय विधि से हल, सम्भव तथा असम्भव क्षेत्र, सम्भव तथा असम्भव हल, इष्टतम सम्भव हल, सिम्पलेक्स विधि, रैखिक प्रोग्रामन समस्याओं का दोहरा रूप, डुवल सिम्प्लेक्स विधि ।
यूनिट – 6
16. विचरण कलन : फलन का विचरण, आयलर – लैंगरेन्ज समीकरण, चरण के लिये आवश्यक एवं पर्याप्त प्रतिबन्ध, साधारण एवं आंशिक अवकलन समीकरणों के सीमा मान समस्याओं में विचरण विधि ।
17. संख्यात्मक विश्लेषण : बीजगणितीय समीकरणों का संख्यात्मक हल, इट्रेशन तथा न्यूटन-रैफ्सन विधियां, अभिसरण दर, गौस–एलीमिनेशन तथा गास-सिडल विधियों द्वारा रैखिक बीजगणितीय समीकरणों का हल, परिमित तथा अपरिमित अन्तरों मं अंतर्वेशन । आईवीपी का हल ।