Uttar Pradesh GK in Hindi - Page 4

कन्नौज जनपद (Kannauj District)

कन्नौज जनपद का परिचय (Introduction of Kannauj District)

कन्नौज की स्थिति (Location of Kannauj)

  • मुख्यालय – कन्नौज
  • पुराना नाम व उपनाम – इत्र नगरी, खुशबुऔ का शहर, कान्यकुब्ज, नगरमहोदय श्री
  • मंडल – कानपूर 
  • क्षेत्रफल – 2,093 वर्ग किमी०
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – हरदोई, उन्नाव
    • पश्चिम में मैनपुरी
    • उत्तर में – फर्रुखाबाद, हरदोई
    • दक्षिण में इटावा, औरैया, कानपूर देहात
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH091A,NH0091 
  • नदियाँ –   गंगा, काली, रामगंगा,  ईशन
  • परियोजनाएँ – निचली गंगा नहर 

कन्नौज की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Kannauj)

  • विधानसभा क्षेत्र –3 (कन्नौज, छिबरामऊ, तिर्वा) 
  • लोकसभा सीट – 1 (कन्नौज) 
  • तहसील – 3 (कन्नौज, छिबरामऊ, तिर्वा)
  • विकासखंड (ब्लाक)  –8 (उमर्दा,कन्नौज, गुगरापुर, छिबरामऊ, तालग्राम, जलालाबाद, सौरिख, हसेरन)
  • कुल ग्राम 752  
  • कुल ग्राम पंचायत – 504 
  • नगर पालिका परिषद –3 (कन्नौज, गुरसहायगंज, छिबरामऊ)
  • नगर पंचायत – 5 (तालग्राम, तिर्वागंज, समधन, सिकंदरपुर, सौरिख)

कन्नौज की जनसंख्या (Population of Kannauj)

  • जनसंख्या – 16,56,616
    • पुरुष जनसंख्या – 8,81,776
    • महिला जनसंख्या – 7,74,840
  • शहरी जनसंख्या – 2,80,841 (16.95%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 13,75,775 (83.05%)
  • साक्षरता दर – 72.70%
    • पुरुष साक्षरता – 80.91%
    • महिला साक्षरता – 63.33%
  • जनसंख्या घनत्व – 792
  • लिंगानुपात – 879
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 19.27%
  • हिन्दू जनसंख्या – 13,75,788 (83.05%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 2,73,967 (16.54%)

Population Source – census2011.co.in

कन्नौज के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Kannauj)

  • धार्मिक स्थान – अन्नपूर्णा मन्दिर, गौरी शंकर मन्दिर
  • प्रसिद्ध स्थल म्युसियम
  • उद्योग – सुगंधित उद्योग, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग (आलू)
  • अभयारण्य – लाख बहोसि

Notes –

  • कन्नौज भारत की सबसे प्राचीन जगहों में से एक है जिसमें समृद्ध पुरातात्विक और सांस्कृतिक विरासत है, इस स्थान का प्राचीन नाम कन्याकुज्जा या महोधी है (बाल्मीकि रामायण, महाभारत और पुराण के अनुसार) बाद में कन्याकुज्जा को कन्नौज के रूप में परिवर्तित किया गया था, जो कि वर्तमान का नाम है।
  • ‘अमावासु’ ने एक राज्य की स्थापना की, जिसकी राजधानी बाद में कन्याकुज्जा (कन्नौज) थी।

फर्रूखाबाद जनपद (Farrukhabad District)

फर्रूखाबाद जनपद का परिचय (Introduction of Farrukhabad District)

फर्रूखाबाद की स्थिति (Location of Farrukhabad)

  • मुख्यालय –  फतेहगढ़
  • पुराना नाम व उपनाम –  पांचाल नगर
  • मंडल – कानपुर
  • क्षेत्रफल – 2,181 वर्ग किमी.
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – हरदोई
    • पश्चिम में कासगंज, एटा और मैनपुरी
    • उत्तर में – शाहजहांपुर एवं बदायु
    • दक्षिण में – कन्नोज
  • राष्ट्रीय राजमार्ग N/A
  • नदियाँ –  गंगा , रामगंगा, कालिन्दी, ईसन 
  • परियोजनाएँ – ऊपरी गंगा नाहर, निचली गंगा नाहर

फर्रूखाबाद की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Farrukhabad)

  • विधानसभा क्षेत्र – 4 (कायमगंज, भोजपुर, फर्रूखाबाद, अमृतपुर)
  • लोकसभा सीट – 1 (फर्रूखाबाद)
  • तहसील – 3 (सदर, कायमगंज, अम्रतपुर)
  • विकासखंड (ब्लाक)   7 (बढपुर, कमालगंज, मोहम्दाबाद, नवाबगंज, कायमगंज, शमसाबाद, राजेपुर)
  • कुल ग्राम 1,007
  • कुल ग्राम पंचायत 603
  • नगर पालिका परिषद –2 (कायमगंज, फर्रूखाबाद)
  • नगर पंचायत –4 (कमालगंज, कम्पिल, मोहम्दाबाद, शमसाबाद)

फर्रूखाबाद की जनसंख्या (Population of Farrukhabad)

  • जनसंख्या – 18,85,204
    • पुरुष जनसंख्या – 10,06,240
    • महिला जनसंख्या – 8,78,964
  • शहरी जनसंख्या –  4,16,185(22.08 %)
  • ग्रामीण जनसंख्या –14,69,019(77.92 %) 
  • साक्षरता दर – 69.04%
    • पुरुष साक्षरता – 77.40%
    • महिला साक्षरता – 59.44%
  • जनसंख्या घनत्व – 864
  • लिंगानुपात – 874
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 20.05%
  • हिन्दू जनसंख्या – 15,96,278 (84.67%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 2,76,846 (14.69%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 3,137 (0.17%)

Population Source – census2011.co.in

फर्रूखाबाद के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Farrukhabad)

  • धार्मिक स्थान – कम्पिल तीर्थ, श्रीगिराम्पुर 
  • प्रसिद्ध स्थल – संकिसा
  • उद्योग – कपड़ों की छपाई उद्योग 

Notes –

  • फर्रूखाबाद जनपद का इतिहास बहुत ही दूरस्थ प्राचीनकाल का है। कांस्य युग के दौरान कई पूर्व ऐतिहासिक हथियार और उपकरण यहां मिले थे।
  • महाभारत काल के दौरान यह क्षेत्र महान प्रतिष्ठा में उदय हुआ। काम्पिल्य, दक्षिण पांचाल की राजधानी थी और द्रौपदी के प्रसिद्ध स्वयंमवर यहीं हुआ था।
  • महावीर और बुद्ध के समय में सोलह प्रमुख राज्यों (महाजनपद) की सूची में पांचाल दसवें स्थान के रूप में शामिल था और यह भी कहा जाता है की इसका क्षेत्र, वर्तमान जनपद बरेली , बदायूं और फर्रुखाबाद तक फैला हुआ था।
  • 19वीं शताब्दी के अंत में फर्रूखाबाद और अन्य शहरों में आर्य समाज की गतिविधियों का उदय हुआ।
  • 1905 के बंगाल आंदोलन के विभाजन के विरोध में हुए आंदोलनों के दौरान, सार्वजनिक सभा, हमलों और विरोध प्रदर्शन हुए।
  • 1930 में, फर्रुखाबाद में सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हुआ था। नमक का निर्माण सिकंदरपुर, भोलेपुर, छिबरामउ और कन्नौज में भी हुआ था।
  • सुभाष चंद्र बोस के द्वारा जनवरी 25, 1940 को फर्रुखाबाद का दौरा किया गया।
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झांसी जनपद (Jhansi District)

झांसी जनपद का परिचय (Introduction of Jhansi District)

झांसी की स्थिति (Location of Jhansi )

  • मुख्यालय झांसी
  • पुराना नाम व उपनाम – बुन्देलो की नगरी
  • मंडल – झांसी
  • क्षेत्रफल – 5,024 वर्ग  किमी. 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – हमीरपुर एवं महोबा
    • पश्चिम में मध्य प्रदेश
    • उत्तर में – जालौन
    • दक्षिण में – ललितपुर एवं मध्य प्रदेश 
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-076, NH-075, NH-026, NH-025 
  • नदियाँ –  बेतवा, पहुज, डासन
  • परियोजनाएँ बेतवा नहर ,रानी लक्ष्मीबाईबाँध, धसान नहर, सपरार, ललितपुल बाँध

झांसी की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Jhansi )

  • विधानसभा क्षेत्र – 4 (गरौठा, मऊरानीपुर, झांसी नगर, बबीना)
  • लोकसभा सीट – 1 (झाँसी)
  • तहसील – 5 (झाँसी, मोठ, मऊरानीपुर, गरौठा, टेहरोली)
  • विकासखंड (ब्लाक)   8 (बबीना, बड़ागांव, बामौर, बंग, राचिरगांव, गुरसरायं, मऊरानीपु, रमोंठ)
  • कुल ग्राम – 743
  • कुल ग्राम पंचायत 496
  • नगर पालिका परिषद 5 (चिरगॉंव, बरूआसागर, गुरसरांय, समथर, मऊ रानीपुर)
  • नगर पंचायत 7

झांसी की जनसंख्या (Population of Jhansi )

  • जनसंख्या – 19,98,603
    • पुरुष जनसंख्या – 10,57,436 
    • महिला जनसंख्या – 9,41,167
  • शहरी जनसंख्या – 8,33,484 (41.70%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 11,65,119 (58.30%)
  • साक्षरता दर – 75.05%
    • पुरुष साक्षरता – 85.38% 
    • महिला साक्षरता – 63.49%
  • जनसंख्या घनत्व – 398
  • लिंगानुपात – 890
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 14.54%
  • हिन्दू जनसंख्या – 18,23,930 (91.26%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 1,47,842 (7.40%)

Population Source – census2011.co.in

झांसी के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Jhansi )

  • धार्मिक  स्थल – सेंट जुडेस चर्च, बरुसागर 
  • प्रसिद्ध स्थल – रानी लक्ष्मी बाई के महल, राज्य संग्रहालय, झांसी  का किला, पारीछा बाँध
  • उद्योग विद्युत उद्योग, पेट्रोलियम उद्योग, सीमेंट उद्योग, थर्मल पावर प्लांट, आयुर्वेदिक उद्योग

Notes –

  • प्राचीन काल में झाँसी, छेदी राष्ट्र, जेजक भुकिट, झझोती और बुंदेलखंड क्षेत्र में से एक था।
  • झांसी, चंदेल राजाओं का गढ़ था। बलवंत नगर इस स्थान का नाम था।
  • 17 वीं शताब्दी में ओरछा के राजा बीर सिंह देव के शासनकाल में फिर से झाँसी की शोहरत बढ़ी। राजा बीर सिंह देव के मुगल सम्राट जहांगीर के साथ अच्छे संबंध थे।
  • सन‍‍् 1613 में राजा बीर सिंह देव ने झाँसी किला का निर्माण किया। सन‍‍् 1627 में उनकी मृत्यु हो गई। उनकी मृत्यु के बाद उनके पुत्र जुझार सिंह ने सिंहासन संभाला।
  • सन‍‍् 1803 में ईस्ट इंडिया कंपनी और मराठा के बीच एक संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे।
  • सन‍‍् 1842 में राजा गंगाधर राव ने मणिकर्णिका से शादी की। विवाह के बाद मणिकर्णिका को नया नाम लक्ष्मी बाई दिया गया, जिसने सन‍‍् 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ सेना का नेतृत्व किया। उन्होंने सन‍‍् 1858 में भारतीय स्वतंत्रता के कारण अपना जीवन बलिदान किया।
  • सन‍‍् 1861 में ब्रिटिश सरकार ने झांसी किला और झांसी शहर को जीवाजी राव सिन्धिया को दिया।

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महाराजगंज जनपद (Mahrajganj District)

महाराजगंज जनपद का परिचय (Introduction of Mahrajganj District)

महाराजगंज की स्थिति (Location of Maharajganj)

  • मुख्यालय – महाराजगंज
  • पुराना नाम व उपनाम – कारापथ नगर 
  • मंडल – गोरखपुर
  • स्थापना 2 अक्टूबर, 1989 
  • क्षेत्रफल – 2,952 वर्ग किमी.
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – कुशीनगर
    • पश्चिम में सिद्धार्थनगर 
    • उत्तर में – नेपाल
    • दक्षिण में – गोरखपुर एवं संत कबीर नगर
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730, NH-29E
  • नदियाँ/ नहरें –गण्डक
  • परियोजनाएँ – गण्डक नहर 

महाराजगंज की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Maharajganj)

  • विधानसभा क्षेत्र – 5 (नौतनवां, महराजगंज, पनियरा, सिसवा, फरेन्दा)
  • लोकसभा सीट – 1 (महराजगंज)
  • तहसील – 4 (महराजगंज (सदर), फरेंदा, निचलौल, नौतनवा)
  • विकासखंड (ब्लाक)   12 (बृजमनगंज, धानी, परतावल, पनियरा, लक्ष्मीपुर, घुघली,  मिठौरा, नौतनवा, फरेंदा, निचलौल, सदर,  सिसवां)
  • कुल ग्राम 1,262
  • कुल ग्राम पंचायत 929
  • नगर पालिका परिषद 2 (नौतनवा, महराजगंज)
  • नगर पंचायत – 5

महाराजगंज की जनसंख्या (Population of Maharajganj (Mahrajganj))

  • जनसंख्या – 26,84,703
    • पुरुष जनसंख्या – 13,81,754 
    • महिला जनसंख्या – 13,02,949
  • शहरी जनसंख्या – 1,34,730 (5.02%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 25,49,973 (94.98%)
  • साक्षरता दर – 62.76%
    • पुरुष साक्षरता – 75.85%
    • महिला साक्षरता – 48.92%
  • जनसंख्या घनत्व – 909
  • लिंगानुपात – 943
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 23.50%
  • हिन्दू जनसंख्या – 21,96,884 (81.83%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 4,58,650 (17.08%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 3,527 (0.13%)

Population Source – census2011.co.in

महाराजगंज के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Maharajganj)

  • धार्मिक स्थल – कटहरा के उभय शिवलिंग, अदरौना (लेहड़ा) देवी का मंदिर, कटहरा के उभय शिवलिंग, बोकड़ा देवी स्थल
  • प्रसिद्ध स्थल बनर सिहागढ़ (वनरसिया कला)
  • उद्योग लकड़ी आधारित फर्नीचर, कृषि आधारित, रेडी-मेड गारमेंट्स एवं कढ़ाई, रसायन आधारित उत्पाद, धातु आधारित (स्टील फ़ेब्रिकेशन), इंजीनियरिंग इकाइयाँ, विद्युत मशीनरी एवं यातायात उपकरण, मरम्मत एवं सर्विसिंग
  • अभयारण्य – सोहगीबरबा वन्यजीव

Notes –

  • महाकाव्य काल में यह क्षेत्र ‘कारापथ’ के रूप में जाना जाता था, जो कोसल राज्य का एक अंग था।
  • बाल्मीकि रामायण से ज्ञात होता है कि मल्ल उपाधिकारी लक्ष्मण पुत्र चन्द्रकेतु ने इसके उपरान्त इस सम्पूर्ण क्षेत्र के शासन सूत्र का संचालन करना प्रारम्भ किया।
  • ऐसा प्रतीत होता है कि इस क्षेत्र पर राज्य करने वाले प्राचीनतम सम्राट अयोध्या नरेश इक्ष्वाकु थे, जिन्होंने सुर्यवंश की स्थापना की थी।
  • बौद्धगंथों में भगवान गौतम बुद्ध की माता महामाया, मौसी महाप्रजापति गौतमी एवं पत्नी भद्रा कात्यायनी (यशोधरा) को देवदह नगर से ही सम्बबंधित बताया गया है।
  • अठारहवीं शताब्दी ई. में प्रारम्भ में यह क्षेत्र अवध के सूबे के गोरखपुर सरकार का अंग था।
  • 9 सितम्बर 1722 ई. को सआदत खां को अवध का नवाब और गोरखपुर का फौजदार बनाया गया।
  • 19 मार्च 1739 को सआदत खां की मृत्यु हो गयी तथा सफदरजंग अवध का नवाब बना।
  • 5 अक्टूबर 1754 को सफदरजंग की मृत्यु हुई और उसका पुत्र एवं उत्तराधिकारी शुजाऊददौला अवध का नवाब बना। उसके शासन काल में इस क्षेत्र में सुख-समृद्धि का वातावरण उत्पन्न हुआ।
  • 26 जनवरी 1775 को शुजाऊददौला की मृत्यु हुई और उसका पुत्र आसफददौला गददी पर बैठा।
  • 10 नवम्बर 1801 को नवाब ने कंपनी के कर्ज से मुकित हेतु कतिपय अन्य क्षेत्रों के साथ-साथ गोरखपुर क्षेत्र को भी कंपनी को दे दिया। इस संधि के फलस्वरूप वर्तमान महराजगंज का क्षेत्र भी कंपनी के अधिकार में चला गया। इस संपूर्ण क्षेत्र का शासन रूटलेज नामक कलेक्टर को सौंपा गया।

 

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गोरखपुर जनपद (Gorakhpur District)

गोरखपुर जनपद का परिचय (Introduction of Gorakhpur District)

गोरखपुर की स्थिति (Location of Gorakhpur)

  • मुख्यालय गोरखपुर
  • पुराना नाम व उपनाम – गोरखधाम/ नाथ नगर 
  • मंडल गोरखपुर
  • क्षेत्रफल – 3,321 वर्ग किमी 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – देवरिया और कुशीनगर
    • पश्चिम में संत कबीर नगर
    • उत्तर में – महराजगंज
    • दक्षिण में – आज़मगढ़ एवं मऊ
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730, NH-29E, NH-029, NH-028 
  • नदियाँ /नहरें –  राप्ती, रोहिणी
  • परियोजनाएँ – गंडक नहर 

गोरखपुर की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Gorakhpur)

  • विधानसभा क्षेत्र – 9 (कैम्पियरगंज, पिपराइच, गोरखपुर शहर, चिल्लूपार, गोरखपुर ग्रामीण, बांसगांव, सहज़नवा, चौरी-चौरा, खज़नी)
  • लोकसभा सीट – 2 (गोरखपुर, बांसगांव)
  • तहसील – 7 (सदर, कैम्पियरगंज, बांसगांव, खजनी, चौरीचौरा, सहजनवा, गोला)
  • विकासखंड (ब्लाक)   20 (कैम्पियरगंज, जंगल कौड़िया , खजनी , बेलघाट ,  सरदारनगर,  ब्रह्मपुर,  चरगांवा, भटहट,  खोराबार,  पिपराईच, सहजनवा, पाली,  पिपरौली, बांसगांव,  कौड़ीराम,  गगहा, गोला, बढ़हलगंज,  उरुवा,  भरोहिया)
  • कुल ग्राम 3,448
  • कुल ग्राम पंचायत 1,354
  • नगर पंचायत – 8

गोरखपुर की जनसंख्या (Population of Gorakhpur)

  • जनसंख्या – 44,40,895
    • पुरुष जनसंख्या – 22,77,777 
    • महिला जनसंख्या – 21,63,118
  • शहरी जनसंख्या – 8,36,129 (18.83%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 36,04,766 (81.17%)
  • साक्षरता दर – 70.83%
    • पुरुष साक्षरता – 81.80%
    • महिला साक्षरता – 59.36 %
  • जनसंख्या घनत्व – 1,337
  • लिंगानुपात – 950
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 17.81%
  • हिन्दू जनसंख्या – 40,09,037 (90.28%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 4,03,847 (9.09%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 9,662 (0.22%)

Population Source – census2011.co.in

गोरखपुर के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Gorakhpur)

  • तीर्थ स्थल – गोरखनाथ, कुशीनगर, तरकुलहा देवी
  • प्रसिद्ध स्थल – शहीद स्मारक चौरी चौरा, कपिलवस्तु 
  • उद्योग – चीनी मिल, वस्त्र, सर्जिकल उत्पाद, खाद्य उत्पाद, गार्मेंट

Notes –

  • आधुनिक गोरखपुर, आधुनिक के अलावा, बस्ती, देवरिया, आज़मगढ़ और नेपाल के कुछ हिस्सों के जिलों के जिलों में शामिल थे।
  • 1801 में अवध के नवाब ने ईस्ट इंडिया कंपनी को इस क्षेत्र के हस्तांतरण से आधुनिक काल को चिह्नित किया था।
  • 1829 में, गोरखपुर को इसी नाम के एक डिवीजन का मुख्यालय बनाया गया था, जिसमें गोरखपुर, गाजीपुर और आज़मगढ़ के जिले शामिल थे।
  • 1865 में, नया जिला बस्ती गोरखपुर से बनाया गया था। 1946 में नया जिला देवरिया बना दिया गया था। गोरखपुर के तीसरे विभाजन ने 1989 में जिला महाराजगंज के निर्माण का नेतृत्व किया।
  • गोरखपुर को हिंदू धार्मिक पुस्तकों के विश्व प्रसिद्ध प्रकाशक गीता प्रेस के साथ भी पहचान लिया गया है। सबसे प्रसिद्ध प्रकाशन ‘कल्याण’ पत्रिका है श्री भागवत गीता के सभी 18 हिस्सों को अपनी संगमरमर की दीवारों पर लिखा गया है।
  • 4 फरवरी, 1922 की ऐतिहासिक ‘चौरोई चौरो’ घटना के कारण गोरखपुर महान प्रतिष्ठा पर पहुंच गया।
  • गोरखपुर वायु सेना का मुख्यालय भी है जो कोबरा स्क्वाड्रन के नाम से जाना जाता है।
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कुशीनगर जनपद (Kushinagar District)

कुशीनगर जनपद का परिचय (Introduction of Kushinagar District)

कुशीनगर की स्थिति (Location of Kushinagar)

  • मुख्यालय – कुशीनगर 
  • पुराना नाम व उपनाम – महापरिनिर्वाण नगर 
  • मंडल – गोरखपुर
  • स्थापना 13 मई, 1994 
  • क्षेत्रफल – 2,905 वर्ग किमी 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – बिहार राज्य 
    • पश्चिम में गोरखपुर एवं महराजगंज
    • उत्तर में – नेपाल
    • दक्षिण में – देवरिया
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-028
  • नदियाँ/नहरें – राप्ती, गण्डक नहर
  • परियोजनाएँ – गण्डक नहर परियोजना

कुशीनगर की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Kushinagar)

  • विधानसभा क्षेत्र – 7 (खड्डा, पडरौना, तमकुहीराज, फाजिलनगर, कुशीनगर, हाटा, रामकोला)
  • लोकसभा सीट – 2 (कुशीनगर, देवरिया)
  • तहसील – 6 (पडरौना,  कसिया,  हाटा,  तमकुहीराज,  कप्तानगंज,  खड्डा)
  • विकासखंड (ब्लाक)   14 (तमकुही,  दुदही, सेवरही , कसिया,  फाजिलनगर,  हाटा,  मोतीचक,  सुकरौली,  विशुनपुरा,  पडरौना,  खड्डा,  नेबुआ नौरंगिया,  कप्तानगंज,  रामकोला)
  • कुल ग्राम 1,620
  • कुल ग्राम पंचायत 1,121
  • नगर पालिका परिषद – 3 (पडरौना, हाटा, कुशीनगर)
  • नगर पंचायत – 4 

कुशीनगर की जनसंख्या (Population of Kushinagar)

  • जनसंख्या – 35,64,544
    • पुरुष जनसंख्या – 18,18,055 
    • महिला जनसंख्या – 17,46,489
  • शहरी जनसंख्या – 1,68,107 (4.72%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 33,96,437 (95.28%)
  • साक्षरता दर – 65.25%
    • पुरुष साक्षरता – 77.71% 
    • महिला साक्षरता – 52.36%
  • जनसंख्या घनत्व – 1,227
  • लिंगानुपात – 961
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 23.20%
  • हिन्दू जनसंख्या – 29,28,462 (82.16%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 6,20,244 (17.40%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 5,006 (0.14%)

Population Source – census2011.co.in

कुशीनगर के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Kushinagar)

  • धार्मिक स्थल महापरिनिर्वाण मंदिर, सूर्य मंदिर
  • प्रसिद्ध स्थल – कुशीनगर संग्रहालय, रामभार स्तूप
  • उद्योग फाइबर इंडस्ट्रीज, चीनी मिल, इंजीन्यरिंग, डिस्टिलरीज

Notes –

  • वर्तमान कुशीनगर जनपद की पहचान कुसावती (पूर्व बुद्ध काल में) और कुशीनारा (बुद्ध काल के बाद) से की जाती है।
  • कुशीनारा मल्ल की राजधानी थी जो छठी शताब्दी ईसा पूर्व के सोलह महाजनपदों में से एक थी।
  • आधुनिक कुशीनगर 19वीं सदी में अलेक्जेंडर कनिंघम द्वारा किए गए पुरातत्व उत्खनन के साथ प्रमुखता से सामने आया, भारत के पहले पुरातत्व सर्वेक्षणकर्ता और बाद में सी. एल. कार्ललेइल ने मुख्य स्तूप को उजागर किया और 1876 में बुद्ध को पुनः प्राप्त करने के लिए 6.10 मीटर लंबी प्रतिमा की भी खोज की।
  • आजादी के बाद, कुशीनगर देवरिया जिले का हिस्सा रहा। 13 मई 1994 को, यह उत्तर प्रदेश के एक नए जिले के रूप में अस्तित्व में आया।

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अम्बेडकर नगर जनपद (Ambedkar Nagar District)

अम्बेडकर नगर जनपद का परिचय (Introduction of Ambedkar Nagar District)

अम्बेडकर नगर की स्थिति (Location of Ambedkar Nagar)

  • मुख्यालय – अकबरपुर
  • पुराना नाम व उपनाम – शिमाई कारिरत नगर
  • मंडल – फौजाबाद
  • स्थापना 29 सितंबर, 1995
  • क्षेत्रफल – 2350 वर्ग किमी.
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – आजमगढ़ एवं गोरखपुर
    • पश्चिम में फैजाबाद
    • उत्तर में – बस्ती एवं संत कबीर नगर
    • दक्षिण में – सुल्तानपुर
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-233, NH-232
  • नदियाँ – टोंस, घाघरा (सरयू) 

अम्बेडकर नगर की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Ambedkar Nagar)

  • विधानसभा क्षेत्र – 5 (कटेहरी, टांडा, आलापुर, जलालपुर, अकबरपुर)
  • लोकसभा सीट – 1 (अम्बेडकरनगर)
  • तहसील – 5 (अकबरपुर, टांडा, भीटी, जलालपुर, आलापुर)
  • विकासखंड (ब्लाक)   9 (अकबरपुर, कटेहरी, भीटी, टांडा, बसखारी, जलालपुर, भियांव, रामनगर, जहागीरगंज)
  • कुल ग्राम 1,757
  • कुल ग्राम पंचायत 930
  • नगर पालिका परिषद –3 (अम्बेडकर नगर, जलालपुर, टांडा)
  • नगर पंचायत – 2

अम्बेडकर नगर की जनसंख्या (Population of Ambedkar Nagar)

  • जनसंख्या – 23,97,888
    • पुरुष जनसंख्या – 12,12,410 
    • महिला जनसंख्या – 1,185,478
  • शहरी जनसंख्या – 2,80,730 (11.71%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 21,17,158 (88.29%)
  • साक्षरता दर – 72.23%
    • पुरुष साक्षरता – 81.66% 
    • महिला साक्षरता – 62.66%
  • जनसंख्या घनत्व – 1,020
  • लिंगानुपात – 978
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 18.30%
  • हिन्दू जनसंख्या – 19,85,654 (82.81%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 4,01,678 (16.75%)

Population Source – census2011.co.in

अम्बेडकर नगर के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Ambedkar Nagar)

  • धार्मिक स्थल – गोविंद साहब, किछौछा शरीफ
  • प्रसिद्ध स्थल एन.टी.पी.सी. टाण्डा
  • उद्योग – वस्त्र, चीनी मिलें, सीमेंट, कृषि आधारित

Notes –

  • अम्बेडकर नगर जिला 29 सितंबर 1995 को बनाया गया था और डॉ० भीमराव अम्बेडकर की याद में नामित किया गया था, जो वंचित वर्गों, महिलाओं और समाज के अन्य कमजोर वर्गों के उत्थान के लिए काम किया था।
  • अकबरपुर शहर टोंस (तमसा) नदी के किनारे पर स्थित है, जो शहर को दो भागों में अकबरपुर और शाहजदपुर में विभाजित करता है, जिसके बाद शहर का मुख्य वाणिज्यिक केंद्र है।
  • अकबरपुर श्री राम मनोहर लोहिया (1910-1967) और डॉ गणेश कृष्ण जेटली, एक प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी और एक समाजवादी राजनीतिक नेता का जन्मस्थान है।
  • अम्बेडकर नगर जिले में कई ऐतिहासिक स्थान हैं जैसे श्रवण क्षेत्र, दरगाह शरीफ, किचौचा में, गोविंद साहब और शिव बाबा आदि|

 

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श्रावस्ती जनपद (Shravasti District)

श्रावस्ती  जनपद का परिचय (Introduction of Shravasti District)

श्रावस्ती  की स्थिति (Location of Shravasti)

  • मुख्यालय – भिंगा 
  • पुराना नाम व उपनाम – सहेत-महेत नगर 
  • मंडल – देवीपाटन
  • क्षेत्रफल – 1,640 वर्ग किमी
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – बलरामपुर
    • पश्चिम में बहराइच
    • उत्तर में – नेपाल
    • दक्षिण में – गोंडा
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730
  • नदियाँ/ नहरें – राप्ती, सरयू , भाकला
  • परियोजनाएँ – सरयू या घाघरा नहर 

श्रावस्ती  की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Shravasti)

  • विधानसभा क्षेत्र – 2 (भिनगा, श्रावस्ती)
  • लोकसभा सीट – 1 (श्रावस्ती)
  • तहसील – 3 (भिनगा, इकौना, जमुनहा)
  • विकासखंड (ब्लाक)   5 (हरिहरपुर रानी, सिरसिया, जमुनहा, इकौना, गिलौला)
  • कुल ग्राम 536 
  • कुल ग्राम पंचायत – 400 
  • नगर पालिका परिषद 1 (भिनगा)
  • नगर पंचायत 1

श्रावस्ती  की जनसंख्या (Population of Shravasti)

  • जनसंख्या – 11,17,361
    • पुरुष जनसंख्या – 5,93,897 
    • महिला जनसंख्या – 5,23,464
  • शहरी जनसंख्या – 38,649 (3.46%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 10,78,712 (96.54%)
  • साक्षरता दर – 46.74%
    • पुरुष साक्षरता – 57.16%
    • महिला साक्षरता – 34.78%
  • जनसंख्या घनत्व – 681
  • लिंगानुपात – 881
  • जनसंख्या वृद्धि दर – (Negative) – 5.02%
  • हिन्दू जनसंख्या – 7,68,643 (68.79%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 3,43,981 (30.79%)

Population Source – census2011.co.in

श्रावस्ती  के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Shravasti)

  • धार्मिक स्थान विभूतीनाथ
  • प्रसिद्ध स्थल कच्ची कुटी, विपश्यना ध्यान केन्द्र, पक्की कुटी
  • उद्योग – पेपर उद्योग, धातु उद्योग, लकड़ी उद्योग
  • अभयारण्य सुहेलदेव वन्यजीव

Notes –

  • श्रावस्ती जनपद का गठन दिनांक 22 मई, 1997 को हुआ था, दिनांक 13 जनवरी 2004 को शासन द्वारा इस जनपद का अस्तित्व समाप्त कर दिया गया था। पुनः माह जून 2004 को यह जनपद अस्तित्व मे आया है।
  • बोद्ध ग्रंथो के अनुसार अवत्थ श्रावस्ती नामक एक ऋषि यहाँ रहते थे, जिनके नाम के आधार पर इस नगर का नाम श्रावस्त पड़ गया था।
  • महाभारत के अनुसार श्रावस्ती नाम श्रावस्त नाम के एक राजा के नाम पड़ गया।
  • ब्राह्मण साहित्य, महाकाव्यों एवं पुराणों के अनुसार श्रावस्त का नामकरण श्रावस्त या श्रावास्तक के नाम के आधार पर हुआ था।
  • श्रावस्ती के प्राचीन इतिहास को प्रकार्ण मे लाने के लिए प्रथम प्रयास जनरल कनिघम ने किया।

 

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बलरामपुर जनपद (Balrampur District)

बलरामपुर जनपद का परिचय (Introduction of Balrampur District)

बलरामपुर की स्थिति (Location of Balrampur)

  • मुख्यालय देवीपाटन
  • पुराना नाम व उपनाम – देवीपाटन, शक्तिपीठ 
  • मंडलदेवीपाटन
  • स्थापना 25 मई, 1997
  • क्षेत्रफल – 3,349 वर्ग किमी. 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – सिद्धार्थनगर
    • पश्चिम में बलरामपुर
    • उत्तर में – नेपाल
    • दक्षिण में – गोंडा
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730
  • नदियाँ –  राप्ती, घाघरा
  • परियोजनाएँ सरयू या घाघरा नहर 

बलरामपुर की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Balrampur)

  • विधानसभा क्षेत्र – 4 (तुलसीपुर, बलरामपुर, उतरौला, गैंसड़ी)
  • लोकसभा सीट – 1 (बलरामपुर)
  • तहसील – 3 (बलरामपुर, तुलसीपुर, उत्तरौला)
  • विकासखंड (ब्लाक)   9 (हर्रैया सतघरवा, बलरामपुर, तुलसीपुर, गैंसड़ी, पचपेड़वा, श्रीदत्तगंज, उतरौला, गैंडास बुजुर्ग, रेहरा बाजार)
  • कुल ग्राम 1,017
  • कुल ग्राम पंचायत 801
  • नगर पालिका परिषद 2 (उतरौला, बलरामपुर)
  • नगर पंचायत – 2

बलरामपुर की जनसंख्या (Population of Balrampur)

  • जनसंख्या – 21,48,665
    • पुरुष जनसंख्या – 11,14,721 
    • महिला जनसंख्या – 10,33,944
  • शहरी जनसंख्या – 1,66,391 (7.74%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 19,82,274 (92.26%)
  • साक्षरता दर – 49.51%
    • पुरुष साक्षरता – 59.73% 
    • महिला साक्षरता – 38.43%
  • जनसंख्या घनत्व – 642
  • लिंगानुपात – 928
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 27.72%
  • हिन्दू जनसंख्या – 13,33,242 (62.05%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 8,05,975 (37.51%)

Population Source – census2011.co.in

बलरामपुर के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Balrampur)

  • तीर्थ स्थल सुहैलदेव वाइल्डलाइफ सैंक्चरी, कोइलाबास, देवी पाटन मन्दिर, बिजलीपुर मंदिर
  • प्रसिद्ध स्थल जयप्रभा ग्राम, तुलसीपुर
  • उद्योग – कृषि पदार्थ प्रसंस्करण इकाइयाँ, चीनी मिल

Notes –

  • बलरामपुर नदी राप्ती के किनारे पर स्थित है।
  • 25 मई, 1997 को जिला गोंडा और सिद्धार्थ नगर से पृथक कर के बलरामपुर जनपद का गठन किया गया।
  • तुलसीपुर में देवी पाटनी मंदिर में हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार देवी दुर्गा के 51 “शक्तिपीठ” में शामिल होने का गौरव प्राप्त है।

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बहराइच जनपद (Bahraich District)

बहराइच जनपद का परिचय (Introduction of Bahraich District)

बहराइच की स्थिति (Location of Bahraich)

  • मुख्यालय – गोंडा
  • पुराना नाम व उपनाम – सैयद मसूद गाजी नगर, ऋषि भूमि 
  • मंडल – देवीपाटन
  • क्षेत्रफल – 5,237 वर्ग किमी. 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – श्रावस्ती 
    • पश्चिम में लखीमपुर एवं सीतापुर
    • उत्तर में – नेपाल
    • दक्षिण में – बारांबकी
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730, NH-28C 
  • नदियाँ – शारदा , घाघरा, राप्ती 
  • परियोजनाएँ – सरयू या घाघरा नहर

बहराइच की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Bahraich)

  • विधानसभा क्षेत्र – 6 (बहराइच, नानपारा, कैसरगंज, मटेरा, प्यागपुर, महसी)
  • लोकसभा सीट – 1 (बहराइच)
  • तहसील – 6 (पयागपुर, नानपारा, मोतीपुर ( मिहींपुरवा ), महसी, बहराइच, कैसरगंज)
  • विकासखंड (ब्लाक)   14 (हुजूरपुर, महसी, फखरपुर, चित्तौरा, मिहींपुरवा, शिवपुर, रिसिया, विशेश्वरगंज, जरवल, नवाबगंज, तेजवापुर, कैसरगंज, बलहा, पयागपुर)
  • कुल ग्राम 1,387
  • कुल ग्राम पंचायत 1,053
  • नगर पालिका परिषद 2 (नानपारा, बहराइच )
  • नगर पंचायत – 2

बहराइच की जनसंख्या (Population of Bahraich)

  • जनसंख्या – 34,87,731
    • पुरुष जनसंख्या – 18,43,884 
    • महिला जनसंख्या – 16,43,847
  • शहरी जनसंख्या – 2,84,044 (8.14%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 32,03,687 (91.86%)
  • साक्षरता दर – 49.36%
    • पुरुष साक्षरता – 58.34%
    • महिला साक्षरता – 39.18%
  • जनसंख्या घनत्व – 666
  • लिंगानुपात – 892
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 46.48%
  • हिन्दू जनसंख्या – 22,91,892 (65.71%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 11,69,330 (33.53%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 6,400 (0.18%)

Population Source – census2011.co.in

बहराइच के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Bahraich)

  • धार्मिक स्थान – दरगाह शरीफ, मारी माता मंदिर, संघारन मंदिर
  • उद्योग – चीनी मिलें, गेहूँ डंठल हस्तकला
  • अभयारण्य – सुहेलवन्यजीव विहार, कतरनिया (कतर्निया) घाट वन्यजीव विहार 

Notes –

  • पौराणिक तथ्य के अनुसार बहराइच भगवान ब्रह्मा की राजधानी, ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में प्रसिद्ध था यह गंधर्व वन के हिस्से के रूप में भी जाना जाता था।
  • मध्य युग में कुछ अन्य इतिहासकारों के अनुसार, यह जगह “भर” राजवंश की राजधानी थी। इसलिए इसे “भारिच” कहा जाता था। जो बाद में “बहराइच” के रूप में जाना जाने लगा।
  • 1920 में कांग्रेस पार्टी की स्थापना के साथ बहराइच में दूसरी स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई।

 

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