Prvaton ka mahtv Archives | TheExamPillar

Prvaton ka mahtv

पर्वतों का आर्थिक महत्व

पर्वतों का आर्थिक महत्व (Economic importance of mountains)

पर्वत हमारे लिए निम्न प्रकार से उपयोगी हैं –

1. संसाधनों के भण्डार – पर्वत प्राकृतिक सम्पदा के भंडार हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका की अप्लेशियन पर्वतमाला कोयले और चूना पत्थर के लिए प्रसिद्ध है। पर्वतों पर उगने वाले कई प्रकार के वनों में हमें विभिन्न उद्योगों के लिए इमारती लकड़ी, लाख, गोंद, जड़ी बूटियाँ तथा कागज उद्योगों के लिए लकड़ी प्राप्त होती हैं। पर्वतीय ढलानों पर चाय तथा फलों की कृषि का विकास हुआ है।

2. जल विद्युत उत्पादन – पर्वतीय प्रदेशों में बहने वाली नदियों के जल प्रपातों द्वारा जल विद्युत उत्पन्न की जाती है। कोयले की कमी वाले पर्वतीय देशों जैसे-जापान, इटली और स्विटजरलैण्ड में जल विद्युत का बहुत महत्व है।

3. जल के असीम भंडार – ऊँचे हिमाच्छादित या भारी वर्षा वाले पर्वतों से निकलने वाली सदा वाहिनी नदियाँ जल के भंडार हैं। उनसे नहरें निकाल कर खेतों की सिंचाई की जाती है, जिससे विभिन्न फसलों का अधिक उत्पादन होता है। उपजाऊ मैदानों के निर्माण में सहायक ऊँचे पर्वतों से निकलने वाली नदियाँ कटाव द्वारा मिट्टी बहाकर निचली घाटियों में जमा करती हैं, जिससे उपजाऊ मैदानों का निर्माण होता है। उत्तरी भारत का विशाल मैदान गंगा, सतलुज और ब्रह्मपुत्र नदियों की ही देन है।

4. राजनीतिक सीमायें – पर्वत दो देशों के बीच राजनीतिक सीमायें बनाते हैं तथा कुछ हद तक आपसी आक्रमण से बचाते हैं। हिमालय पर्वतमाला भारत और चीन के बीच राजनीतिक सीमा बनाये हुए हैं।

5. जलवायु पर प्रभाव – पर्वतों पर नीचे तापमान पाये जाते हैं। पर्वत दो प्रदेशों के बीच जलवायु विभाजक का कार्य करते हैं। उदाहरण के लिये हिमालय पर्वतमाला मध्य एशिया से आने वाली अति शीत पवनों को भारत में आने से रोकती है। वह दक्षिण-पश्चिम मानसून पवनों को भी रोककर उन्हें दक्षिणी ढलानों पर वर्षा करने को बाध्य करती है।

6. पर्यटन केन्द्र – प्राकृतिक सौन्दर्य के केन्द्र तथा स्वास्थ्यवर्धक स्थान होने के कारण बहुत से पर्वतीय स्थल पर्यटन केन्द्रों के रूप में विकसित हो जाते हैं। ऐसे स्थानों पर पर्यटन एवं होटल व्यवसाय विकसित हो जाते हैं। भारत के शिमला, नैनीताल, मसूरी तथा श्रीनगर पर्वतीय नगरों के उदाहरण हैं। ये सारी दुनिया के सैलानियों को आकर्षित करते हैं।

Read More :

Read More Geography Notes

 

 

 

error: Content is protected !!