Hartog Committee 1929 Archives | TheExamPillar

Hartog Committee 1929

हर्टाग समिति (1929)

हर्टाग समिति (1929)
(Hartog Committee 1929)

शिक्षा संस्थाओं की संख्या बढ़ने से शिक्षा के स्तर में गिरावट आयी। शैक्षणिक पद्धति के प्रति असंतोष बढ़ता गया। 8 नवम्बर 1927 को साइमन कमीशन की नियुक्ति की गयी। जिसका उद्देश्य राष्ट्रीय आन्दोलन से उत्पन्न विभिन्न परिस्थितियों की जाँच के साथ-साथ भारतीय शिक्षा की व्यवस्था की जाँच करना था। कमीशन ने भारतीय शिक्षा की अवस्था की जांच करने के लिये तथा अपने उद्देश्यों की पूर्ति के लिये सहायता समिति की स्थापना की। इस समिति के सभापति सर फिलिप हर्टाग (Sir Philip Hartog) बनाये गये थे। इसी कारण से इस समिति का नाम हर्टाग समिति (Hartog Committee) पड़ा। भारतीय शिक्षा के समस्त अंगों का अध्ययन करने के पश्चात् कमेटी ने सितम्बर 1929 में अपनी रिपोर्ट साइमन कमीशन के समक्ष प्रस्तुत की । जिसके सुझाव निम्न – 

  • प्राथमिक शिक्षा का विस्तार किया जाये परन्तु उसमें शीघ्रता न की जाये।
  • आठवीं कक्षा के पश्चात विद्यार्थियों को उनकी रूचि और योग्यता के अनुसार व्यावसायिक शिक्षा-संस्थाओं में भेजा जाये । हाई स्कूल तथा उसके आगे की शिक्षा केवल योग्य और चुने हुए विद्यार्थियों को ही दी जाये।
  • विश्वविद्यालय की शिक्षा योग्य विद्यार्थियों तक सीमित की जाये। औद्योगिक शिक्षा का पाठ्यक्रम प्रारंभ किया जाये तथा रोजगार कार्यालय विश्वविद्यालय में खोले जाएं।

 

Read More :
error: Content is protected !!