एशिया महाद्वीप की मिट्टियाँ (Soil of Asia Continent) | TheExamPillar
Soil of Asia Continent

एशिया महाद्वीप की मिट्टियाँ

एशिया की मिट्टी

एशिया महाद्वीप की मिट्टियों को रंग, उपस्थित तत्त्वों तथा रचना की विभिन्नता के आधार पर निम्नलिखित भागों में विभक्त किया जाता है –

  1. पोडजोल मिट्टी (Podzol Soil)
  2. टुण्डा मिट्टी (Trndra Soil)
  3. चरनोजम या काली मिट्टी (Chernozem or Black Soils)
  4. चेस्टनट या भूरी मिट्टी (Chestnut or Brown Soil)
  5. मरुस्थलीय मिट्टी (Desert Soil)
  6. लाल या लेटेराइट मिट्टी (Red or Laterite Soil
  7. पीली या लाल-पीली मिट्टी (Yellow or Red- Yellow Soil)
  8. पर्वतीय मिट्टी (Mountain Soil)

पोडजोल या राख मिट्टी (Podzol Soil)

  • इस मिट्टी में जैविक पदार्थों एवं चुना पदार्थों की कमी होती है। जबकि अम्लीय तत्वों की प्रधानता मिलती है।
  • इस प्रकार की मिट्टी में कृषि उत्पादन प्राप्त करने के लिए उर्वरकों की आवश्यकता पड़ती है।
  • इस मिट्टी का निमार्ण लम्बे शीतकाल तथा लघु ग्रीष्मकाल से प्रभावित होता है।
  • इस मिट्टी का रंग राख जैसा होता है तथा इस मिट्टी की गहराई भी कम होती है।
  • इस मिट्टी की उपस्थित उपध्रुवीय जलवायु वाले प्रदेशों में मुख्यतः मिलती है।
  • इस मिट्टी का वितरण साइबेरिया के मध्यवर्ती तथा दक्षिणी पूर्वी भाग, उत्तरी चीन तथा उत्तरी जापान में मुख्यतः मिलता है जहाँ नुकीली पत्ती वाले कोणधारी वनों की प्रधानता है।

टुण्डा मिट्टी (Tundra Soil)

  • इस टुण्डा मिट्टी में लौह की मात्रा अधिक तथा जीवांशम का अभाव होता है।
  • वर्षपर्यन्त निम्न तापमान रहने के कारण यहाँ की मूल चट्टानों का विखण्डन बहुत धीमा होता है।
  • उपजाऊ तत्वों तथा बारीक कणों की कमी के कारण यह मिट्टी कृषि कार्यो के लिए प्रायः अनुपयुक्त रहती है।
  • इस मिट्टी का रंग हल्का कत्थई होता है।
  • इस मिट्टी की मोटाई कुछ सेमी तक होती है।
  • एशिया महाद्वीप में इस प्रकार की मिट्टी की उपस्थिति साइबेरिया के उत्तरी भागों अर्थात् टुण्ड्रा प्रदेशों में मिलती है।
  • वर्ष के अधिकांश समय यहाँ की मिट्टी पर हिम का मोटा आवरण ढका होता है।

चरनोजम या काली मिट्टी (Chernozem or Black Soils)

  • इस प्रकार की मिट्टी का रंग काला तथा मिट्टी के कण बारीक होते हैं।
  • इस मिट्टी में चूना, नाइट्रोजन तथा जीवांशम की प्रचुरता होती है।
  • यह मिट्टी कृषि उत्पादन के दृष्टिकोण से उपजाऊ मानी जाती है इस मिट्टी में जल शोषण की पर्यात क्षमता होती है।
  • यह अर्धशुष्क जलवायु वाले भागों में प्रधानतः मिलती है।
  • एशिया महाद्वीप में चरनोजम मिट्टी की उपस्थिति साइबेरिया के प्रेयरी घास के मैदान, भारत में दक्कन पठार के उत्तरी पश्चिमी भाग और उत्तरी पूर्वी चीन हैं।

चेस्टनट या भूरी मिट्टी (Chestnut or Brown Soil)

  • यह मिट्टी चरनजोत मिट्टीयों जैसी लगती है लेकिन चेस्टनट मिट्टियों में जीवांशम कम होते हैं साथ ही इस मिट्टी का रंग हल्का काला या भूरा होता है।
  • इन मिट्टियों पर चारागाह मिलते हैं लेकिन सिंचाई प्रदान कर कृषि उत्पादन भी प्राप्त किया जाता है।
  • चेस्टन मिट्टियों की उपस्थिति सोवियत मध्य एशिया तथा मध्य साइबेरिया के स्टेपी घास क्षेत्रों, अनातोलिया पठार तथा भारत के उत्तरी विशाल मैदानी भाग में मिलती है।

मरुस्थलीय मिट्टी (Desert Soil)

  • इस प्रकार की मिट्टी में जीवाश्म की कमी होती हैं।
  • इसमें नमक तथा चूना अंश की ऊपरी परत में प्रधानता मिलती है।
  • इस मिट्टी के कण महीन तथा रंग हल्का होता है।
  • एशिया महाद्वीप में क्षेत्रफल की दृष्टि से मरुस्थलीय मिट्टी का विस्तार सर्वाधिक है।
  • उष्ण एवं शीत प्रधान शुष्क प्रदेशों में इस प्रकार की मिट्टी उपस्थिति मिलती है।
  • मरुस्थलीय मिट्टी के प्रमुख अरब प्रायद्वीप, ईरान का मध्यवर्ती पठार एवं थार का उष्ण मरुस्थलीय भाग, मंगोलिया, सोवियत मध्य एशिया एवं दक्षिणी साइबेरिया के मरुस्थलीय भाग में हैं।

लाल या लेटेराइट मिट्टी (Red or Laterite Soil)

  • इस मिट्टि का रंग लाल होता है।
  • इस मिट्टी की ऊपरी परत में खनिज एवं जीवांशमो की कमी होती है किंतु लोहांश की प्रचुरता होती है।
  • कृषि के लिए यह कम उपजाऊ मानी जाती है।
  • कृषि कार्य करने पर इस मिट्टी की उर्वरता शीघ्र समाप्त हो जाती है।
  • यह मिट्टी उष्ण एवं आद्र जलवायु प्रदेशों में मिलती है।
  • एशिया महाद्वीप में बर्मा, दक्षिणी भारत, श्रीलंका, हिन्दचीन के अधिकांश क्षेत्रों तथा पूर्वी द्वीप समूहों में लेटेराइट मिट्टी की उपस्थिति मिलती है।

पीली या लाल-पीली मिट्टी (Yellow or Red- Yellow Soil)

  • इस मिट्टी का रंग पीला अथवा हल्के रंग का होता है।
  • इसमें जीवांशम की कमी होती है।
  • लौह अंश की पर्याप्त मात्रा रहती है।
  • ग्रीष्मकाल की लम्बाई अवधि तथा पर्याप्त वर्षा की मात्रा के ऊपर की ऊपजाऊ मिट्टी निचली तहों में चली जाती है और मिट्टी कम उपजाऊ रह जाती है।
  • मोटे अनाज, मूंगफली तथा तम्बाकू की कृषि के लिए उपयुक्त होती है।
  • एशिया महाद्वीप में यह मिट्टी पूर्वी चीन एवं दक्षिणी चीन एवं दक्षिणी जापान और भारत की दक्षिणी पठार के पूर्वी भाग में पायी जाती है।

पर्वतीय मिट्टी (Mountain Soil)

  • पर्वतीय मिट्टी के कण असमान आकार के होते हैं इस मिट्टी में एक पतली परत प्रायः मिलती है जीवांशमों की प्रायः कमी होती है।
  • यह मिट्टी कृषि के लिए साधारण अनुपयुक्त रहती हैं घाटियों में प्रायः उपजाऊ मिट्टी मिलती है।
  • एशिया महाद्वीप के मध्यवर्ती उच्च पर्वतीय एवं अन्तर्पर्वतीय उच्च पठारी भागों पर इस प्रकार की मिट्टी की उपस्थिति मिलती है।

 

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