प्राक्कलन समिति (Estimate Committee) प्राक्कलन समिति की स्थापना सबसे पहले 1920 के दशक में ब्रिटिश काल के दौरान की गई थी, लेकिन स्वतंत्र भारत की पहली प्राक्कलन समिति 1950 में
संविधान संशोधन (Constitution Amendment) भारतीय संविधान का संशोधन (Indian Constitution Amendment) भारत के संविधान में परिवर्तन करने की प्रक्रिया है। इस तरह के परिवर्तन भारत की संसद के द्वारा किये
2011 का 97वां संविधान संशोधन अधिनियम सहकारी समितियों (Cooperative Societies) को संवैधानिक स्थिति और संरक्षण प्रदान करता है। इस सिलसिले में इस विधेयक ने संविधान में निम्नलिखित तीन बदलाव किए:
भारत में तीन प्रकार के नगरपालिका कार्मिक हैं। नगर सरकारों में कार्यरत कार्मिक इन तीनों में से किसी एक अथवा तीनों से संबंधित हो सकते हैं: पृथक् कार्मिक प्रणाली एकीकृत
भारत में निम्नलिखित आठ प्रकार के स्थानीय निकाय नगर क्षेत्रों के प्रकाशन के लिए सृजित किए गए हैं: नगर निगम नगरपालिका अधिसूचित क्षेत्र समिति नगरीय क्षेत्र समिति छावनी परिषद नगरीय
नगर पालिकाओं से संबंधित मुख्य प्रावधानस्वायत्त शासन की संस्थाएं – नगर पंचायत, ऐसे क्षेत्र के लिए जो ग्रामीण क्षेत्र से, नगर क्षेत्र में परिवर्तित हो रहा है। (10,000 से 20,000
अगस्त 1989 में, राजीव गांधी सरकार ने लोकसभा में 65वां संविधान संशोधन विधेयक (नगरपालिका विधेयक) पेश किया। इस विधेयक का उद्देश्य नगरपालिका के ढांचे पर उनकी संवैधानिक स्थिति पर परामर्श
भारत में ‘शहरी स्थानीय शासन (Urban Local Government)’ का अर्थ शहरी क्षेत्र के लोगों द्वारा चुने प्रतिनिधियों से बनी सरकार से है। शहरी स्थानीय शासन का अधिकार क्षेत्र उन निर्दिष्ट
स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र के आधार हैं। इसमें मतदाताओं के बीच अपनी नीतियों तथा कार्यक्रमों को रखने के लिए सभी उम्मीदवारों तथा सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर और
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