पठार (Plateau)
पठार (Plateau) पृथ्वी की सतह का लगभग 18 प्रतिशत भाग घेरे हुये हैं। पठार एक बहुत विस्तृत ऊँचा भू–भाग है, जिसका सबसे ऊपर का भाग पर्वत के विपरीत लम्बा-चौड़ा और लगभग समतल होता है। पठारी क्षेत्र में बहने वाली नदियाँ पठार पर प्रायः गहरी घाटियाँ और महाखड़ड बनाती हैं। इस प्रकार पठार का मौलिक समतल रूप कटा-फटा या ऊबड़-खाबड़ हो जाता है। फिर भी पठार आसपास के क्षेत्र या समुद्र तल से काफी ऊँचा होता है। पठार की ऊँचाई समुद्रतल से 600 मीटर ऊपर मानी जाती है। परन्तु तिब्बत और बोलिविया जैसे पठार समुद्र तल से 3600 मीटर से भी अधिक ऊँचे हैं।
पठारों का वर्गीकरण (Classification of Plateaus)
भौगोलिक स्थिति एवं संरचना के आधार पर पठारों को तीन श्रेणियों में बाँटा जा सकता है-
- अन्तरा पर्वतीय पठार
- गिरिपद पठार,
- महाद्वीपीय पठार
अन्तरा-पर्वतीय पठार (Inter-Mountain Plateau)
चारों ओर से ऊँची पर्वत श्रेणियों से पूरी तरह या आंशिक रूप से घिरे भू–भाग को अन्तरा पर्वतीय पठार कहते हैं। उर्ध्वाधर हलचलें लगभग क्षैतिज संस्तरों वाली शैलों के बहुत बड़े भूभाग को समुद्रतल से हजारों मीटर ऊँचा उठा देती है। संसार के अधिकांश ऊँचे पठार इसी श्रेणी में आते हैं। इनकी औसत ऊँचाई 3000 मीटर है। तिब्बत का विस्तृत एवं 4500 मीटर ऊँचा उठार ऐसा ही एक उदाहरण है। यह वलित पर्वत जैसे हिमालय, काराकोरम, क्यूनलुन, तियनशान से दो ओर से घिरा हुआ है। कोलोरेडो दूसरा चिर परिचित उदाहरण है जो एक किलोमीटर से अधिक ऊँचा है, जिसे नदियों ने ग्रॉड केनियन तथा अन्य महाखड्डों को काटकर बना दिया है। मेक्सिको, बोलीविया, ईरान और हंगरी इसी प्रकार के पठार के अन्य उदाहरण है।
गिरिपद (पीडमान्ट) पठार (Mountain Plateau)
पर्वत के पदों में स्थित अथवा पर्वतमाला से जुड़े हुए पठारों को जिनके दूसरी ओर मैदान या समुद्र हों, गिरिपद पठार कहते हैं। इन पठारों का क्षेत्रफल प्रायः कम होता है। इन पठारों का निर्माण कठोर शैलों से होता है। भारत में मालवा पठार, दक्षिण अमेरिका में पैटेगोनिया का पठार जिसके एक ओर अटलांटिक महासागर है और संयुक्त राज्य अमेरिका में एप्लेशियन पर्वत और अटलांटिक तटीय मैदान के बीच एप्लेशियन पठार इसके उदाहरण हैं। ये किसी समय बहुत ऊँचे थे परन्तु अब अपरदन के बहुत से कारकों द्वारा घिस दिए गए हैं। इसी कारणवश इन्हें अपरदन के पठार भी कहा जाता है।
महाद्वीपीय पठार (Continental Plateau)
धरातल के एक बहुत बड़े भाग के ऊपर उठने या बड़े भू–भाग पर लावा की परतों के काफी ऊँचाई तक जाने से महाद्वीपीय पठारो का निर्माण होता है। महाराष्ट्र का लावा पठार, उत्तर-पश्चिम संयुक्त राज्य अमेरिका में स्नेक नदी पठार, इस प्रकार के पठारों के उदाहरण हैं। इनको निक्षेपण के पठार भी कहते हैं। महाद्वीपीय पठार अपने आस-पास के क्षेत्रों तथा समुद्र तल से स्पष्ट ऊँचे उठे दिखते हैं। इस प्रकार के पठारों का विस्तार सबसे अधिक है। भारत का विशाल पठार, ब्राजील का पठार, अरब का पठार, स्पेन, ग्रीनलैण्ड और अंटार्कटिका के पठार, अफ्रीका तथा आस्ट्रेलिया के पठार महाद्वीपीय पठारों के उदाहरण हैं।
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