जम्मू एवं कश्मीर के पुनर्गठन के बाद भारत का नया राजनीतिक मानचित्र
(New Political map of India After Reorganization of Jammu & Kashmir)
जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 जिसे भारतीय संविधान की धारा 370 के निराकरण के बाद लागू किया गया, पूर्व के जम्मू एवं कश्मीर राज्य को जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के दो नये संघ शासित प्रदेशों के रूप में पुनर्गठित किया गया है। नये संघ शासित प्रदेश लद्दाख में करगिल और लेह दो जिले होंगे। पूर्व के शेष जम्मू एवं कश्मीर राज्य में नया संघ शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर है। 1947 में, पूर्व के जम्मू एवं कश्मीर राज्य में निम्नांकित 14 जिले थेः कठुआ, जम्मू, ऊद्यमपुर, रियासी, अनंतनाग, बारामुला, पुंछ, मीरपुर, मुजफ्फराबाद, लेह और लद्दाख, गिलगिट, गिलगित वज़ारत, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्र। 2019 में, पूर्व के जम्मू एवं कश्मीर राज्य सरकार ने इन 14 जिलों को 28 जिलों में पुनर्गठित किया है। नये जिलों के नाम निम्नवत हैं: कुपवाड़ा, बांदीपुर, गांदेरबल, श्रीनगर, बड़गाम, पुलवामा, शोपियां, कुलगाम, राजौरी, रामबन, डोडा, किश्तवार, सांबा और करगिल इनमें से करगिल जिले को लेह और लद्दाख जिलों के क्षेत्रों को मिलाकर बनाया गया। लद्दाख के नये संघ शासित प्रदेश के लेह जिले का गठन करगिल जिला बनाए जाने के बाद 1947 के लेह और लद्दाख जिले के शेष क्षेत्रों के अतिरिक्त 1947 के गिलगित, गिलगित वज़ारत, चिल्हास और जनजातीय क्षेत्रों के जिलों को मिलाने के लिए भारत के राष्ट्रपति द्वारा जारी जम्मू एवं कश्मीर पुनर्गठन (कठिनाईयों को दूर करना) द्वितीय आदेश, 2019 में किया गया।
इस आधार पर भारत के मानचित्र के साथ 31 अक्टूबर 2019 को तैयार किए गए जम्मू एवं कश्मीर तथा लद्दाख के नये संघ शासित प्रदेशों को दर्शाते हुए भारत के महासर्वेक्षण द्वारा तैयार किए गए मानचित्र नीचे दिए गए अनुसार होंगेः
श्री आर के माथुर ने नवगठित संघ शासित प्रदेश लद्दाख के पहले उपराज्यपाल के रूप में शपथ ली। श्री गिरीश चंद मुर्मू ने संघ शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर के पहले उपराज्यपाल का कार्यभार संभाल लिया। केन्द्र सरकार ने इसी साल पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 और 35 A को खत्म करने का फैसला किया था जिसके बाद ये दोनों संघ शासित प्रदेश वजूद में आये हैं। संघ शासित प्रदेश जम्मू एवं कश्मीर में पुदुच्चेरी की तरह ही निर्वाचित विधानसभा और मुख्यमंत्री होगा। लेकिन लद्दाख को अंडमान और निकोबार की तरह का संघ शासित प्रदेश बनाया गया है जिस पर उपराज्यपाल का सीधा शासन रहेगा। इसके साथ ही जम्मू एवं कश्मीर की विधान परिषद को भंग कर दिया गया। सीटों के पुनर्परिसीमन के बाद जम्मू एवं कश्मीर विधानसभा का फिर से गठन किया जायेगा। जम्मू एवं कश्मीर उच्च न्यायालय दोनों संघ शासित प्रदेशों के लिये काम करेगा। लद्दाख में अधिकारियों की नियुक्ति संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) के जरिये की जायेगी। जम्मू एवं कश्मीर में राजपत्रित पदों के लिये नियुक्ति इस संघ शासित प्रदेश का लोक सेवा आयोग करेगा। दोनों नये संघ शासित प्रदेशों के सरकारी कर्मचारियों को तनख्वाह और अन्य लाभ सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप मिलने शुरू हो जायेंगे।