Mountains

प्रमुख भू-स्थल – पर्वत

April 2, 2019

धरातल पर विद्यमान तीन विस्तृत स्थलरूप पर्वत, पठार और मैदान हैं जो भूपर्पटी के विरूपण का परिणाम हैं। इनमें से पर्वत सबसे रहस्यमयी रचना है। पर्वतों द्वारा पृथ्वी की सम्पूर्ण सतह का 27 प्रतिशत भाग घिरा हुआ है। पर्वत पृथ्वी की सतह के ऊपर उठे हुये वे भाग हैं, जो आसपास की भूमि से बहुत ऊँचे हैं। परन्तु धरातल के सभी ऊपर उठे हुये भाग पर्वत नहीं कहलाते। किसी भी स्थलरूप को पहचानने के लिये ऊँचाई और ढाल दोनों को सम्मिलित किया जाता है। इस नाते तिब्बत की ऊपर उठी हुई भूमि पर्वत नहीं कहलाती यद्यपि उसकी ऊँचाई समुद्र तल से 4500 मीटर है।

यह ध्यान रखने योग्य बात है कि एक पर्वत श्रेणी के बनने में लाखों वर्ष लगते हैं। इस लम्बी अवधि में आन्तरिक बल भूमि को ऊपर उठाने में व्यस्त रहते हैं तो इसके विपरीत बाह्य बल इस ऊपर उठी भूमि को काटने-छाँटने या अपरदित करने में जुटे रहते हैं। माउन्ट एवरेस्ट जैसे ऊँचे एक पर्वत शिखर का निर्माण तब ही हो पाता है जब आन्तरिक बलों का पर्वत निर्माणकारी या जमीन को ऊपर उठाने वाला कार्य बाह्य बलों के अपरदन कार्य की अपेक्षा अधिक द्रुत गति से होता है। अतः पर्वत धरातल के ऊपर उठे हुए वे भू–भाग हैं, जिनके ढाल तीव्र होते हैं और समुद्र तल से लगभग 1000 मीटर से अधिक ऊँचे होते हैं। पर्वतों की समुद्र की सतह से सामान्य ऊँचाई हजार मीटर से अधिक मानी जाती है। स्थानीय उच्चावच लक्षणों में पर्वत ही एक ऐसा स्थलरूप है, जिसके उच्चतम और निम्नतम भागों के बीच सर्वाधिक अन्तर होता है।

पर्वतों का वर्गीकरण

निर्माण क्रिया के आधार पर पर्वतों को निम्न चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है।

  • वलित पर्वत,
  • खंड पर्वत,
  • ज्वालामुखी पर्वत और
  • अवशिष्ट पर्वत
Read More :

Read More Geography Notes

 

SOCIAL PAGE

E-Book UK Polic

Uttarakhand Police Exam Paper

CATEGORIES

error: Content is protected !!
Go toTop