कोंकण रेलवे भारतीय रेल के एक अनुषांगिक इकाई के रूप में परंतु स्वायत्त रूप से परिचालित होने वाली रेल व्यवस्था है। इसकी स्थापना 26 जनवरी 1998 में हुई थी। इसका मुख्यालय नवी मुंबई में स्थित है। कोंकण रेलवे भारत की वाणिज्य राजधानी मुंबई और मंगलोर को जोड़ने वाली एक महत्वपूर्ण कड़ी है। यह लाइन महाराष्ट्र, गोवा और कर्नाटक राज्यों को जोड़ती है जो एक ऐसा क्षेत्र है जहां आर-पार बहती नदियां, गहरी घाटियां और आसमान छूते हुए पहाड़ हैं।
कोंकण रेलवे के रोचक तथ्य (Interesting facts from Konkan Railway)
- मार्च 1990 में कोंकण रेलवे परियोजना प्रारंभ की गई।
- इस परियोजना का निर्माण गोवा, महाराष्ट्र तथा कर्नाटक के मध्य रेल मार्ग द्वार एक लिंक प्रदान करने के लिए किया गया है।
- कोंकण रेलवे रोहा स्टेशन (महाराष्ट्र) से मंगलूर (कर्नाटक) स्टेशन के बीच 760 किमी की दूरी तय करती है।
- वर्ष 1998 को कोंकण रेलवे परियोजना का कार्य पूरा हो गया है। कोंकण रेलवे का मुख्यालय मुम्बई में है।
- कोंकण रेलवे के अंतर्गत रेलमार्ग पर बड़े पुलों की कुल संख्या 179 है।
- कोकण रेलवे के अंतर्गत सुरंगों की कुल संख्या 92 है। जिसमें कारबडे गित सुरंग (6.5 किमी) सबसे लंबी है तथा कुल रेलवे सुरंग की लम्बाई 84 किमी है।
- कोंकण रेलवे के अंतर्गत सबसे लम्बा पुल (2.062 किमी) होनावर से निकट शरवती नदी पर है तथा सबसे ऊँचा पुल (64 मी. ) रत्नागीरी के निकट पनवल नदी पर है।
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