सुल्तानपुरजनपद का परिचय (Introduction of Sultanpur District)
सुल्तानपुर की स्थिति (Location of Sultanpur)
- मुख्यालय – सुल्तानपुर
- पुराना नाम व उपनाम – कुसपुरा
- मंडल – फैजाबाद
- क्षेत्रफल – 4,436वर्ग किमी
- सीमा रेखा
- पूर्व में – अम्बेडकर नगर, आजमगढ़ एवं जौनपुर
- पश्चिम में – अमेठी
- उत्तर में – फैजाबाद
- दक्षिण में – प्रतापगढ़
- राष्ट्रीय राजमार्ग – NH-330A, NH-931, NH-232, NH-096, NH-056
- नदियाँ – गोमती, शारदा
- परियोजनाएँ – शारदा सहायक
सुल्तानपुर की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Sultanpur)
- विधानसभा क्षेत्र – 6 (इसौली, सुल्तानपुर, सदर, लम्भुआ, कादीपुर, जगदीशपुर (आंशिक))
- लोकसभा सीट – 2 (सुल्तानपुर, अमेठी)
- तहसील – 5 (सदर, जयसिंहपुर, लम्भुआ, कादीपुर, बल्दीराय)
- विकासखंड (ब्लाक) – 14 (दुबेपुर, भदैया, धनपतगंज, कुरेभार, कुडवार, जयसिंह पुर, प्रताप पुर कमैचा, बल्दीराय, कादीपुर, दोस्तपुर, अखंड नगर, करौंदी कला, मोतिगरपुर, लम्भुआ)
- कुल ग्राम – 1727
- कुल ग्राम पंचायत – 986
- नगर पालिका परिषद – 1 (सुलतानपुर)
- नगर पंचायत – 3
सुल्तानपुर की जनसंख्या (Population of Sultanpur)
- जनसंख्या – 37,97,117
- पुरुष जनसंख्या – 19,14,586
- महिला जनसंख्या – 18,82,531
- शहरी जनसंख्या – 1,99,916 (5.26 %)
- ग्रामीण जनसंख्या – 35,97,201 (94.74 %)
- साक्षरता दर – 69.27%
- पुरुष साक्षरता – 80.19%
- महिला साक्षरता – 58.28%
- जनसंख्या घनत्व – 856
- लिंगानुपात – 983
- जनसंख्या वृद्धि दर – 18.11%
- हिन्दू जनसंख्या – 31,19,590 (82.16 %)
- मुस्लिम जनसंख्या – 6,50,261 (17.13 %)
- इसाई जनसंख्या – 4,453 (0.12 %)
Population Source – census2011.co.in
सुल्तानपुर के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Sultanpur)
- धार्मिक स्थल – कोटवधाम, विजेथा (हनुमान)
- प्रसिद्ध स्थल – सुन्दरलाल मेमोरियल हाँल
- उद्योग – चीनी मिल, मूँज रस्सी, सूती वस्त्र, चमड़ा आधारित
Notes –
- महर्षि वाल्मीकि, दुर्वासा वशिष्ठ आदि ऋषि मुनियों की तपोस्थली का गौरव इसी जिले को प्राप्त है।
- सन 1903 में प्रकाशित सुल्तानपुर जिला गजेटिएर ने इतिहास और जिले की उत्पत्ति पर कुछ प्रकाश डाला है।
- उन्नीसवीं शताब्दी की शुरुआत में बाबू माधो सिंह, जिव नारायन के वंशज में ग्यारहवें स्थान पर, जिस संपत्ति के शासक थे उसमें 101 गांव शामिल थे।
- राष्ट्रीय चेतना के विकास मे सुलतानपुर का ऐतिहासिक योगदान रहा है।
- सन 1857 के स्वाधीनता संग्राम मे क्रांतकारियों ने ब्रिटिश साम्राज्यवाद को उखाड़ फेकने मे जान की बाजी लगाकर अंग्रेज़ो से मोर्चा लिया।
- सन 1921 के किसान आंदोलन मे इस जनपद ने खुलकर भाग लिया और सन 1930 से 1942 तक एवं बाद के सभी आंदोलनो मे यहा के स्वतंत्रा सेनानियो ने जिस शौर्य एवं वीरता का परिचय दिया वो ऐतिहासिक है।
- किसान नेता बाबा राम चंद्र और बाबा राम लाल इस संदर्भ मे उल्लेखनीय है , जिनके त्याग का वर्णन प. जवाहर लाल नेहरू ने अपनी आत्मकथा मे किया है ।
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