संभल जनपद का परिचय (Introduction of Sambhal District)
संभल की स्थिति (Location of Sambhal)
- मुख्यालय – पवांसा
- पुराना नाम व उपनाम – भीमनगर
- मंडल – मुरादाबाद
- स्थापना – 28 सितंबर, 2011
- क्षेत्रफल – 2453.30 वर्ग किमी
- सीमा रेखा
- पूर्व में – बदायूं
- पश्चिम में – बुलंदशहर
- उत्तर में – अमरोहा, मुरादाबाद एवं रामपुर
- दक्षिण में – अलीगढ़
- राज्य राजमार्ग – SH-18, SH-43, SH-51
- नदियाँ – गंगा नदी
संभल की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Sambhal)
- विधानसभा सीट – 4 (बिलारी, चन्दौसी (एस सी), असमोली, सम्भल)
- लोकसभा सीट – 1 (सम्भल)
- तहसील – 3 (सम्भल, चन्दौसी, गुन्नौर)
- विकासखंड – 8 (सम्भल, असमोली, पंवासा, बनियाखेरा, बहजोई, रजपुरा, जुनवाई, गुन्नौर)
- कुल ग्राम – 1,022
- कुल ग्राम पंचायत – 556
- नगर पालिका परिषद – 3 (बहजोई, सम्भल, चन्दौसी)
संभल की जनसंख्या (Population of Sambhal)
- कुल जनसंख्या – 21,92,933
- पुरुष जनसंख्या – 11,61,093
- महिला जनसंख्या – 10,31,840
- साक्षरता दर – 55%
- जनसंख्या घनत्व – 890
- लिंगानुपात – 889
Population Source – census2011.co.in
संभल के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Sambhal)
- धार्मिक स्थल – कैला देवी, बाबरी मस्जिद
- उद्योग – रासायनिक उद्योग, तेल उद्योग (मेंथा), चीनी मिल
Notes –
- सतयुग में सम्भल का नाम सत्यव्रत था, त्रेता में महदगिरि, द्वापर में पिंगल और कलयुग में सम्भल है।
- सम्भल में रेलवे स्टेशन पर मुग़ल सम्राट बाबर द्वारा बनवाई गई “बाबरी मस्जिद” भी है।
- यहाँ ऐसी पौराणिक मान्यता है कि कलियुग में कल्कि अवतार शंबल नामक ग्राम में होगा। लोक मान्यता में सम्भल को ही शंबल माना जाता है।
- बाबर ने हुमायूँ को संभल की जागीर दी लेकिन वहाँ वह बीमार हो गया, अतः आगरा लाया गया। इस प्रकार बाबर के बाद हुमायूँ ने साम्राज्य को भाइयों में बाँट दिया और सम्भल अस्करी को मिला।
- यह प्राचीन शहर एक समय महान चौहान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की राजधानी भी था व संभवतः यह वहीं है जहाँ वह अफगानियों द्वारा द्वितीय युद्ध में मारे गए।
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