चित्रकूट जनपद का परिचय (Introduction of Chitrakoot District)
चित्रकूट की स्थिति (Location of Chitrakoot)
- मुख्यालय – चित्रकूट
- पुराना नाम व उपनाम – वनवासनगर, मंदराचल, छत्रपति शाहू जी महाराज नगर
- मंडल – चित्रकूट
- स्थापना – 6 मई, 1997
- नाम परिवर्तित – 4 सितंबर 1998
- क्षेत्रफल – 3,216 वर्ग किमी.
- सीमा रेखा
- पूर्व में – प्रयागराज (इलाहाबाद) एवं मध्यप्रदेश राज्य
- पश्चिम में – बाँदा
- उत्तर में – फतेहपुर एवं कौशाम्बी
- दक्षिण में – मध्यप्रदेश राज्य
- राष्ट्रीय राजमार्ग – NH-76
- नदियाँ – मंदाकिनी, यमुना, गुंटा, बेजिन, ओहन, बाल्मीकि
चित्रकूट की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Chitrakoot)
- विधानसभा क्षेत्र – 2 (चित्रकूट, मानिकपुर)
- लोकसभा सीट – 1 (चित्रकूट)
- तहसील – 4 (कर्वी, मऊ, मानिकपुर, राजापुर)
- विकासखंड (ब्लाक) – 5 (कर्वी, मऊ, पहाड़ी, राजापुर, मानिकपुर)
- कुल ग्राम – 643
- कुल ग्राम पंचायत – 335
- नगर पालिका परिषद – 1 (चित्रकूटधाम कर्वी)
- नगर पंचायत – 2
चित्रकूट की जनसंख्या (Population of Chitrakoot)
- जनसंख्या – 9,91,730
- पुरुष जनसंख्या – 5,27,721
- महिला जनसंख्या – 4,64,009
- शहरी जनसंख्या – 96,332 (9.71%)
- ग्रामीण जनसंख्या – 8,95,398 (90.29%)
- साक्षरता दर – 65.05%
- पुरुष साक्षरता – 75.80%
- महिला साक्षरता – 52.74%
- जनसंख्या घनत्व – 308
- लिंगानुपात – 879
- जनसंख्या वृद्धि दर – 29.43%
- हिन्दू जनसंख्या – 9,55,372 (96.33%)
- मुस्लिम जनसंख्या – 34,559 (3.48%)
Population Source – census2011.co.in
चित्रकूट के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Chitrakoot)
- धार्मिक स्थल – धारकुंडी, कामदगिरी, गणेशबाग, भरत कूप, राजापुर, सीतापुर, सती अनुसूया
- प्रसिद्ध स्थल – कालिंजर किला ,गुप्त गोदावरी
- उद्योग – लकड़ी के खिलौने निर्मित
Notes –
- चित्रकूट एक प्राकृतिक स्थान है जो प्राकृतिक दृश्यों के साथ साथ अपने आध्यात्मिक महत्त्व के लिए प्रसिद्ध है।
- प्राचीन काल से चित्रकूट क्षेत्र ब्रह्मांडीय चेतना के लिए प्रेरणा का एक जीवंत केंद्र रहा है। हजारों भिक्षुओं, साधुओं और संतों ने यहाँ उच्च आध्यात्मिक स्थिति प्राप्त की है और अपनी तपस्या, साधना, योग, तपस्या और विभिन्न कठिन आध्यात्मिक प्रयासों के माध्यम से विश्व पर लाभदायक प्रभाव डाला है।
- हिंदू आस्था के अनुसार, प्रयागराज (आधुनिक नाम- इलाहाबाद) को सभी तीर्थों का राजा माना गया है; किन्तु चित्रकूट को उससे भी ऊंचा स्थान प्रदान किया गया है।
- ऐसी भी मान्यता है कि प्रयागराज प्रत्येक वर्ष पयस्वनी में स्नान करके अपने पापों को धोने के लिए आते हैं।
- चित्रकूट का पहला ज्ञात उल्लेख वाल्मीकि रामायण में है, जो पहले सबसे पहले कवि द्वारा रचित सबसे पहला महाकाव्य माना जाता है।
- उत्तर प्रदेश में 6 मई 1997 को बाँदा जनपद से काट कर छत्रपति शाहू जी महाराज नगर के नाम से नए जिले का सृजन किया गया। कुछ समय बाद, 4 सितंबर 1998 को जिले का नाम बदल कर चित्रकूट कर दिया गया।
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