हिमालय के गजटकार
- हिमालयन गजेटियर (1882 – 86 के बीच प्रकाशित) के समन्वयक के रूप में एडविन फेलिक्स थामस एटकिन्सन (6 सितम्बर, 1840-15 सितम्बर 1890) औपनिवेशिक भारत के चर्चित गजटकारों में से एक थे।
- 23 साल की उम्र में वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में आए।
- तत्पश्चात् इलाहाबाद में उन्होंने न्यायालय का कार्य सम्भाला।
- सन् 1874 से 1886 तक उनके द्वारा तैयार किए गए गजेटियर 14 भागों में प्रकाशित हुए।
- सबसे अन्त में 1882, 84 व 86 में हिमालयी जनपदों का गजेटियर प्रकाशित हुआ, जो 3 खण्डों और 2631 पृष्ठों में है।
उत्तराखण्ड पर महत्त्वपूर्ण पुस्तके
पुस्तक का नाम | लेखक |
हिमालयन डिस्ट्रिक्ट गजेटियर्स | एटकिन्सन, 1882-86 |
मेम्वायर्स ऑफ देहरादून | जी०आर०सी० विलियम्स, 1874 |
होली हिमालय | इ० सेरमन ओकले, 1905 |
गढ़वाल गजेटियर्स | एच०जी० वाल्टन, 1911 |
गढ़वाल-एन्शिएंट एण्ड माडर्न | पातीराम, 1917 |
हिमालयन ट्रैवल्स | जोधसिंह नेगी, 1920 |
गढ़वाल का इतिहास | हरिकृष्ण रतूड़ी, 1928 |
हिमालयन फोकलोर | तारादत्त गैरोला/ओकले, 1935 |
कुमाऊँ का इतिहास | बद्रीदत्त पाण्डे, 1937 |
हिमालय की यात्रा | काका साहब कालेलकर, 1948 |
हिमालय परिचय-1, गढ़वाल | राहुल सांकृत्यायन, 1953 |
कुमाऊँ | राहुल सांकृत्यायन, 1959 |
गढ़वाली भाषा और उसका साहित्य | श्री हरिदत्त भट्ट ‘शैलेश’, 1976 |
उत्तराखण्ड के प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी | डॉ० धर्मपाल सिंह मनराल, 1977 |
गढ़वाल की दिवंगत विभूतियाँ | भक्तदर्शन, 1980 |
मध्य हिमालय का पुरातत्व | डॉ० यशवन्त सिंह कठोच, 1981 |
गढ़वाल के लोकनृत्य गीत | डॉ० शिवानंद नौटियाल, 1981 |
गढ़वाल पेन्टिंग्स | बैरिस्टर मुकुन्दीलाल, 1968-1980 |
उत्तराखण्ड का इतिहास (21-भाग) | डॉ० शिवप्रसाद डबराल |
रुद्रप्रयाग का आदमखोर बाघ | जिम कार्बेट |
आर्यों का मूलस्थान : मध्य हिमालय | भजनसिंह ‘सिंह’, 1986 |
उत्तराखण्ड में कुली बेगार प्रथा | डॉ० शेखर पाठक, 1987 |
ब्रिटिश कुमाऊँ-गढ़वाल | डॉ आर०एस० टोलिया, 1996 |
कुमाऊँ की चित्रकला | डॉ० यशोधर मठपाल, 1997 |
मध्य हिमालय की कला | डॉ० यशवन्त सिंह कठोच, 2003 |
सेन्ट्रल हिमालया | डॉ० एम०एस०एस० रावत, 2003 |
उत्तराखण्ड का नवीन इतिहास | डॉ० यशवन्त सिंह कठोच, 2006 |
उत्तराखण्ड में जनजागरण और आन्दोलनों का इतिहास | डॉ० योगेश धस्माना, 2006 |
गढवाल के शिल्पकारों का इतिहास | बी०एल० दनोसी, 2006 |
गढ़वाली हिंदी शब्दकोश | अरविंद पुरोहित/बीना बेंजवाल, 2006 |
हिमालय के खश | डॉ० डी०डी० शर्मा, 2006 |
देहरादून का गजेटियर | एच०जी० वाल्टन अनुवादक प्रकाश थपलियाल, 2006 |
एशिया की पीठ पर | प्रो० शेखर पाठक, प्रो० उमा भट्ट, 2007 |
‘सोर’ (मध्य हिमालय) का अतीत | डॉ० राम सिंह, 2007 |
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मैं लिखीं गरी पुस्तकों में से एक दो पुस्तक पढ़ना चाहता हूं ।ये कहां उपलब्ध होगी ?
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