G-20 Summit

G–20 (जी-20) [Group – 20 Countries]

G-20 को समझने से पहले हमें G-7 और G-8 के बारे में जानलेने जरुरी है, क्योंकि सितंबर 1999 में G–7 देशों के वित्त मंत्रियों ने G–20 का गठन एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर किया था जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के साथ ब्रेटन वुड्स संस्थागत प्रणाली की रूपरेखा के भीतर आने वाले व्यवस्थित महत्वपूर्ण देशों के बीच अनौपचारिक बातचीत एवं सहयोग को बढ़ावा देता।

G-8

सदस्य देश – फ्रांस, जर्मनी, इटली, ब्रिटेन, जापान, कनाडा, संयुक्त राज्य अमेरिका, एवं रूस
उद्देश्य – आर्थिक विकास एवं संकट प्रबंधन, वैश्विक सुरक्षा, ऊर्जा एवं आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर आमसहमति को बढ़ावा देना

1975 के आर्थिक संकट के मद्देनजर दुनिया के छह बड़े देशों ने एक साथ आने का फैसला किया। जिसमे फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका देश थे, बाद में इसमें अन्य देश जुड़ते गए। जिससे यह देश G-7 और G-8 देशों के समूहों बनते गए। 1976 में इस समूह में कनाडा के शामिल होने के बाद यह G– 7 और 1998 में रूस के शामिल होने पर G– 8 बन गया। G–8, विश्व के सर्वोच्च सम्पन्न औद्योगिक देशों– फ्रांस, जर्मनी, इटली, यूनाइटेड किंग्डम, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा एवं रूस, का एक संघ है। यह समूह आर्थिक विकास एवं संकट प्रबंधन, वैश्विक सुरक्षा, ऊर्जा एवं आतंकवाद जैसे वैश्विक मुद्दों पर आमसहमति को बढ़ावा देने के लिए सालाना बैठक का आयोजन करता हैं। ये देश दुनिया के सबसे अधिक औद्योगिक गतिविधियों वाले देश हैं।

  • G–7 का पहला शिखर सम्मेलन नवंबर 1975 में पेरिस के नजदीक रैमबोनीलेट (Rambonilet) में आयोजित किया गया था।

G-8 का विभाजन

शीत युद्ध की समाप्ति के सालों बाद रूस को G-7 में शामिल कर लिया गया था। G-7, 2004 तक G-8 बन रहा। यूक्रेन के क्रीमिया इलाके को अपने साथ मिलाने के कारण रूस को इस अनौपचारिक संस्था से निकाल दिया गया। 2005 में पर्यावरण और विकास के मुद्दों पर चर्चा के लिए ब्राजील, चीन, भारत, मेक्सिको और दक्षिण अफ्रीका के साथ G-8 + 5 मंच बना।

G–20 (ग्रुप-20)

स्थापना – 1999 (जर्मनी की राजधानी बर्लिन)

सदस्य देश – 19 देश व 1 देशों का संगठन (अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रिपब्लिक ऑफ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सउदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ।)
G-20 के सदस्य वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का करीब 85 फीसदी, वैश्विक व्यापार के 75 फीसदी और विश्व की आबादी के दो-तिहाई से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उद्देश्य – बातचीत के द्वारा अन्तराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को प्रोत्साहन देना है। 

G–20 की शुरुआत, 1999 में एशिया में आए वित्तीय संकट के बाद वित्त मंत्रियों और सेंट्रल बैंक के गवर्नरों की बैठक के तौर पर हुई थी।सितंबर 1999 में G–7 देशों के वित्त मंत्रियों ने G–20 का गठन एक ऐसे अंतरराष्ट्रीय मंच के तौर पर किया था जो अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बनाए रखने के साथ ब्रेटन वुड्स संस्थागत प्रणाली की रूपरेखा के भीतर आने वाले व्यवस्थित महत्वपूर्ण देशों के बीच अनौपचारिक बातचीत एवं सहयोग को बढ़ावा देता।

वर्ष 2008 में G–20 के नेताओं का पहला शिखर सम्मेलन आयोजित किया गया था और समूह ने वैश्विक वित्तीय संकट का जवाब देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसकी निर्णायक और समन्वित कार्रवाई ने उपभोक्ता और व्यापार में भरोसा रखने वालों को शक्ति दी और आर्थिक सुधार के पहले चरण का समर्थन किया।

G–20 के नेता वर्ष में एक बार बैठक करते हैं; इसके अलावा, वर्ष के दौरान, देशों के वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सुधार लाने, वित्तीय नियमन में सुधार लाने और प्रत्येक सदस्य देश में जरुरी प्रमुख आर्थिक सुधारों पर चर्चा करने के लिए नियमित रूप से बैठक करते रहते हैं। इन बैठकों के अलावा वरिष्ठ अधिकारियों और विशेष मुद्दों पर नीतिगत समन्वय पर काम करने वाले कार्य समूहों के बीच वर्ष भर चलने वाली बैठकें भी होती हैं।

G–20 शिखर सम्मेलन में रोजगार के सृजन और मुक्त व्यापार पर अधिक जोर देने के साथ वैश्विक आर्थिव विकास को समर्थन देने के उपायों पर फोकस जारी है। प्रत्येक G–20 अध्यक्ष हर वर्ष कई अतिथि देशों को आमंत्रित करता है। 

जी20 शिखर सम्मेलन

तिथिस्‍थान
114-15, नवंबर, 2008वाशिंगटन, अमेरिका
22 अप्रैल, 2009लंदन, यूनाईटेड किंगडम
324-25, सितंबर, 2009पीट्सबर्ग, अमेरिका
426-27, जून, 2010टोरंटो, कनाडा
511-12, नवंबर, 2010सियोल, दक्षिण कोरिया
63-4, नवंबर, 2011कान्स, फ्रांस
718-19 जून, 2012लॉस कॉबोस, मेक्सिको
85-6, सितंबर, 2013सेंट पीटर्सबर्ग, रूस
915-16 नवंबर, 2014बि्रसबेन, ऑस्‍ट्रेलिया
1015-16 नवंबर, 2015अंतालिया तुर्की
114-5 सितम्बर 2016हांगझाऊ, चीन
127-8 जुलाई, 2017हैम्बर्ग, जर्मनी
1330 नवम्बर 1दिसम्बर 2018 ब्यूनस आयर्स, अर्जेण्‍टीना

G-20 देशों की जीडीपी आबादी

देश GDPआबादी
फ्रांस2,420.4 अरब डालर 6.68 करोड़
अमेरिका19,417 अरब डालर 32.3 करोड़
इंडोनेशिया1,020.5 अरब डालर 25.8 करोड़
मेक्सिको987.30 अरब डालर 12.3 करोड़
द. अफ्रीका317.56 अरब डालर 5.43 करोड़
अर्जेंटीना628.93 अरब डालर 4.38 करोड़
जर्मनी3,423.2 अरब डालर 8.07 करोड़
चीन11,795 अरब डालर 138 करोड़
रूस1,560.7 अरब डालर 14.2 करोड़
तुर्की793.69 अरब डालर 8.02 करोड़
ब्राजील2,140.9 अरब डालर 20.58 करोड़
द. कोरिया 1,498.1 अरब डालर 5.09 करोड़
भारत2,454.4 अरब डालर 126 करोड़

G-20 की अध्यक्षता 

G-20 की अध्यक्षता एक प्रणाली के तहत हर साल बदलती रहती है। जो समय के साथ क्षेत्रीय संतुलन को सुनिश्चित करता है। अनौपचारिक राजनीतिक मंच की अपनी प्रकृति को दर्शाते हुए जी-20 का कोई स्थायी सचिवालय नहीं है। इसके बजाय अन्य सदस्यों के साथ जी 20 एजेंडा पर परामर्श और वैश्विक अर्थव्यवस्था में हुए विकास पर प्रतिक्रिया देने के लिए उन्हें एक साथ लाने की जिम्मेदारी जी- 20 के अध्यक्ष की होती है।

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