पठार (Plateau) पठार (Plateau) पृथ्वी की सतह का लगभग 18 प्रतिशत भाग घेरे हुये हैं। पठार एक बहुत विस्तृत ऊँचा भू–भाग है, जिसका सबसे ऊपर…
Read Moreपर्वतों का आर्थिक महत्व (Economic importance of mountains) पर्वत हमारे लिए निम्न प्रकार से उपयोगी हैं – 1. संसाधनों के भण्डार – पर्वत प्राकृतिक सम्पदा…
Read Moreपर्वतों का वर्गीकरण (Classification of Mountains) निर्माण क्रिया के आधार पर पर्वतों को निम्न चार भागों में वर्गीकृत किया जाता है। वलित पर्वत, खंड पर्वत,…
Read Moreधरातल पर विद्यमान तीन विस्तृत स्थलरूप पर्वत, पठार और मैदान हैं जो भूपर्पटी के विरूपण का परिणाम हैं। इनमें से पर्वत सबसे रहस्यमयी रचना है।…
Read Moreमृदा, जैव तथा अजैव पदार्थों की एक परिवर्तनशील और विकासशील पतली परत है, जो भूपृष्ठ को ढके हुए है। यह वानस्पतिक आवरण को बनाए रखने…
Read Moreमनुष्य पृथ्वी तल पर विविध क्रियाकलाप लम्बे समय से कर रहा है। समय और तकनीकी विकास के साथ वह शैलों और खनिजों का विविध उपयोग…
Read Moreपर्वतीय प्रदेशों में अधिकांश शैलों में परिवर्तन के प्रमाण मिलते हैं। ये सभी शैलें कालान्तर में रूपान्तरित हो जाती हैं। अवसादी अथवा आग्नेय शैलों पर…
Read Moreअवसादी शैलें (Sedimentary Rock) इन शैलों की रचना अवसादों के निरन्तर जमाव से होती है। ये अवसाद किसी भी पूर्ववर्ती शैल – आग्नेय, रूपान्तरित या…
Read Moreआग्नेय शैल (Igneous Rock) “इंगनियस (Igneous)” अंग्रेजी भाषा का शब्द है। यह लैटिन भाषा के “इंग्निस” शब्द से बना है। “इंग्निस” शब्द का अर्थ अग्नि…
Read Moreस्थलमंडल का सबसे ऊपर भाग भूपर्पटी कहलाता है। यह पृथ्वी का सबसे महत्वपूर्ण भाग है; क्योंकि इसकी ऊपरी सतह पर मानव रहते हैं। जिन पदार्थों…
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