Daily MCQs : इतिहास एवं कला-संस्कृति (History and Art & Culture) 15 May, 2024 (Wednesday)
1. निम्नलिखित प्राचीन भारतीय महाजनपदों के संदर्भ में विचार कीजियेः 1. कोशल 2. वज्जि 3. मगध 4. शाक्य उपर्युक्त में से कौन-से महाजनपद प्रशासन की राजतंत्रीय पद्धति का अनुसरण नहीं करते थे? केवल 1 और 2 (B) केवल 1, 2 और 3 (C) केवल 2 और 3 (D) केवल 2 और 4
वज्जि आठ गणराज्यों का समूह था। जिसमें प्रमुख थेः वैशाली, लिच्छवी, विदेह, मिथिला, ज्ञात्रिक आदि।
शाक्य (कपिलवस्तु) बुद्ध का जन्म इसी गणराज्य में हुआ था।
2. वैदिक धर्म की प्रतिक्रिया स्वरूप उभरे नवीन बौद्धिक आंदोलनों के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजियेः 1. पूरन कस्सपः ये अक्रियावादी अथवा अकर्मवाद के प्रचारक थे। 2. मक्खलि गोसालः ये नियतिवादी थे। 3. अजित केसकम्बलिनः ये उच्छेदवादी थे। 4. पकुध कच्चायनः ये नित्यवादी थे। उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं? (A) केवल 1 (B) केवल 2 और 3 (C) केवल 2, 3 और 4 (D) 1, 2, 3 और 4
मक्खलि गोशालः ये नियतिवादी थे, 6 वर्षों तक महावीर के साथ रहे बाद में आजीवक नामक स्वतंत्र सम्प्रदाय स्थापित किया। बिन्दुसार ने इस धर्म को संरक्षण दिया तथा अशोक एवं दशरथ ने गुफाएँ प्रदान की।
पूरन कस्सपः ये अक्रियावादी अथवा अकर्मवाद के प्रचारक थे।
पकुध कच्चायनः ये नित्यवादी थे।
अजित केसकम्बलिनः ये उच्छेदवादी थे तथा भारत के पहले भौतिकवादी चिंतक थे। आगे चलकर इसी को आधार बनाकर चार्वाक ने लोकायत दर्शन का प्रतिपादन किया।
संजय बेट्ठलिपुत्तः ये अनिश्चयवादी या संदेहवादी थे।
3. बौद्ध धर्म की विभिन्न शाखाओं के मतों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा असत्य है? (A) महायान शाखा में बोधिसत्व की अवधारणा उभरी। (B) वज्रयान के तहत प्रज्ञापारमिता बुद्ध एवं बोधिसत्व को उनकी कल्पित पत्नियों के साथ संयुक्त कर दिया गया। (C) महायानी बुद्ध को एक शिक्षक के रूप में देखते हैं एवं उनके प्रतीकों और उनसे सम्बन्धित स्थलों को ही महत्त्व देते हैं। (D) बोधिसत्व समस्त सचेतन प्रणालियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिये स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलम्बित करता है।
व्याख्या – कथन (C) असत्य है क्योंकि महायानी बुद्ध को देवता मानते हैं और उनकी पूजा मूर्ति बनाकर करते हैं जबकि हीनयानी बुद्ध को शिक्षक मानते हैं तथा उनके प्रतीकों तथा सम्बद्ध स्थलों को महत्त्व देते हैं। अन्य तीनों कथन सही हैं।
4. निम्नलिखित राज्यों में से किसका/किनका संबंध बुद्ध के जीवन से था? 1. गांधार 2. अवंति 3. मगध 4. कोसल नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये। (A) केवल 1 और 2 (B) केवल 3 और 4 (C) केवल 4 (D) 1, 2, 3 और 4
महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति मगध साम्राज्य में शामिल ‘बोध-गया’ में हुई तथा कोसल उनका मुख्य प्रचार क्षेत्र रहा।
महात्मा बुद्ध का विभिन्न स्थानों से संबंध निम्नलिखित हैः-
वैशाली के समीप इनकी भेंट अलार कलाम से हुई जो सांख्य दर्शन के आचार्य थे।
बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था।
कोसल में बुद्ध ने सर्वाधिक प्रचार किया।
कुशीनगर में इनकी मृत्यु हुई।
गांधार तथा अवंति से इनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं रहा।
5. बौद्ध धर्म की महायान शाखा के माध्यमिक या शून्यवाद के संदर्भ में कौन-सा कथन सही है? (A) इसके प्रतिपादक मैत्रेय थे। (B) इस शाखा के प्रमुख विद्वान असंग, वसुबंधु, धर्मकीर्ति स्थिरमति, दिंगनाग थे। (C) इसके अनुसार शून्य एक परमसत्ता है जो वर्णनातीत है। इसी आधार को लेकर शंकर का दर्शन आगे बढ़ा। (D) समाधि प्रज्ञा प्राप्ति का मार्ग नहीं है।
माध्यमिक अथवा शून्यवाद के प्रतिपादक नागार्जुन हैं, इनकी पुस्तक ‘माध्यमिककारिका’ है। इन्होंने इसमें स्पष्ट किया है कि प्रत्येक वस्तु किसी अन्य वस्तु पर निर्भर है। शून्य एक परमसत्ता है जो वर्णनातीत है।
शंकर ने इसे ही अपने दर्शन का आधार बताया, अतः इन्हें प्रच्छन्न बौद्ध भी कहा जाता है।
नागार्जुन ने समाधि के माध्यम से प्रज्ञा प्राप्ति को सम्भव बताया है। इस दर्शन को आइंस्टीन के सापेक्षवाद का पूर्वगामी भी माना जाता है। इसके प्रमुख विद्वान चन्द्र- कीर्ति, आर्यदेव, शांतिदेव, और बुद्धपालित थे।