CTET Dec 2019 Paper I (Language - II Hindi) Answer Key | TheExamPillar
CTET Dec 2019 Paper I Answer Key

CTET December 2019 – Paper – I (Language – II Hindi) Official Answer Key

CBSE conducted the CTET (Central Teacher Eligibility Test) Exam Paper held on 08th December 2019 Morning Shift. Here The CTET Paper – I Part – V Language – II Hindi Question Paper with Answer Key. CTET December 2019 Answer Key.

CTET (Central Teachers Eligibility Test)
Paper – I Primary Level (Class 1 to Class 5)

परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V) 
भाग (Part) – Part – V – भाषा – II हिंदी (Language – II Hindi)
परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE 
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
Paper Set – D
परीक्षा तिथि (
Exam Date) – 08th December 2019

CTET Exam December 2019 Paper – 1 (Primary Level)
Part – V भाषा – II हिंदी (Language – II Hindi)

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 121 से 128 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए:

पाठ्यक्रम को कक्षाक्रम से बहुत कड़ाई के साथ बाँध देने के परिणामस्वरूप बच्चे का विकास एक अनवरत प्रक्रिया नहीं बन पाता, अपितु कृत्रिम खंडों में बँट जाता है । एक स्थिर पाठ्यक्रम बच्चे की व्यक्तिगत रुचियों और क्षमताओं के विकास में सहयोग न देकर एक मजबूरी बन जाता है, जिसे बच्चा और उसका अध्यापक दोनों बेबस होकर स्वीकार करते हैं । यदि एक बच्चा किसी विषय में अपने सहपाठियों से अधिक दिलचस्पी रखता है, तो पाठ्यक्रम की बदौलत उसे पूरे एक वर्ष या इससे भी अधिक प्रतीक्षा करनी होती है, जब वह उस विषय में कुछ अधिक विस्तृत जानकारी अध्यापक और नई पुस्तक से प्राप्त कर सकेगा । श्री अरविंद आश्रम के शिक्षा केंद्र में, जहाँ पाठ्यक्रम पूर्वनिर्धारित और स्थिर नहीं रहता, बच्चों को अपनी व्यक्तिगत रुचि और सामर्थ्य के अनुसार किसी विषय की जानकारी की प्रगति जारी रखने की छूट रहती है । सामान्य स्कूलों में, जहाँ यह छूट नहीं दी जाती । होता प्राय: यह है कि नई कक्षा में आने पर उसे वही विषय बिलकुल नया और अपरिचित लगता है, जिसके बारे में काफी-कुछ वह पिछली कक्षा में जान चुका था । विशेषतौर पर ऐसा तब होता है, जब पाठ्यक्रम पाठ्यपुस्तकों का पर्याय हो, जैसा भारत में है।

121. ‘वर्ष’ में ‘इक’ प्रत्यय लगाने पर नया शब्द बनेगा
(1) वार्षिक
(2) वर्षिकी
(3) वर्षिक
(4) वार्षिकी

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Answer – (1)

122. अनुच्छेद के आधार पर कहा जा सकता है कि
(1) पाठ्यक्रम जानकारीपरक होना चाहिए।
(2) पाठ्यक्रम स्थिर होना चाहिए।
(3) पाठ्यक्रम में लचीलापन होना चाहिए।
(4) पाठ्यक्रम पूर्णतः अस्थिर होना चाहिए।

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Answer – (3)

123. पाठ्यक्रम का निर्माण करते समय बच्चों की का ______ ध्यान रखा जाना चाहिए।
(1) रुचियों और आर्थिक पृष्ठभूमि
(2) क्षमताओं और आर्थिक पृष्ठभूमि
(3) क्षमताओं और पारिवारिक स्तर
(4) क्षमताओं और रुचियों

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Answer – (4)

124. यह संभव है कि अलग-अलग बच्चे अलग अलग विषयों में ____ रखते हों।
(1) भिन्न पूर्वाग्रह
(2) समान रुचियाँ
(3) समान क्षमताएँ
(4) भिन्न रुचियाँ

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Answer – (4)

125. पाठ्यक्रम को पाठ्यपुस्तकों का पर्याय ______
(1) माना जाता है।
(2) होना चाहिए।
(3) नहीं होना चाहिए।
(4) कहा जा सकता है।

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Answer – (3)

126. ‘बच्चों को यह छूट दी जानी चाहिए कि वे अपनी रुचि व क्षमता के अनुसार किसी विषय की विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकें।’ यह स्थिति
(1) अव्यावहारिक है।
(2) सराहनीय है।
(3) निंदनीय है।
(4) असंभव है।

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Answer – (2)

127. ‘बे’ उपसर्ग का प्रयोग किस शब्द में नहीं किया जा सकता ?
(1) फ़िजूल
(2) बस
(3) अदब
(4) ईमान

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Answer – (1)

128. ‘प्रतीक्षा’ शब्द से एक नया शब्द बन सकता है
(1) प्रतीक्षाहीन
(2) प्रतीक्षाशाली
(3) प्रतीक्षारत
(4) प्रतीक्षावान

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Answer – (3)

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 129 से 135 तक) के सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

आज जब भी कोई गाँव का नाम लेता है तो एक अलग ही छवि उभरती है । वह छवि कहती है कि वहाँ गरीबी है । वहाँ अशिक्षा और अज्ञान है । वहाँ अंध-विश्वास है । गंदगी है । बीमारी है। हमें विचार करना है कि सच क्या है ? क्या हमारे गाँव ऐसे ही थे जैसे आज हैं ? आज जो गाँवों की दुर्दशा हुई है उसके लिए जिम्मेदार कौन है ? इन सवालों की पड़ताल करते हुए हमें नई समझ बनानी है तथा गाँवों के सही स्वरूप की पहचान करनी है । वैसे यह खुदा का शुक्र है कि गाँवों पर कई तरह के आक्रामक दुष्प्रभावों के बावजूद उनका मूल स्वरूप नहीं बदला है। a जो दूरस्थ गाँव हैं – शहर के पड़ोस से दूर उनकी निजता तो खासी बची हुई है । ऐसी स्थिति में हमारा दायित्व, एक शिक्षित समाज का दायित्व क्या बनता है ? हमें विचार करना है । मगर ऐसा कोई भी विचार गाँवों को आँखों से देखे बिना, स्वयं देख कर समझे बिना नहीं किया जा सकता । तो हमें अपनी फर्स्ट हैंड समझ बनाने के लिए गाँव चलना है।

अपने मूल स्वरूप में गाँव एक वेधशाला है । एक विद्याशाला है । गाँव वेधशाला या प्रयोगशाला इसलिए है कि ज्ञान को रोज वहाँ कर्म की कसौटी पर कसा जाता है। आजमाया जाता है । जो ज्ञान कर्म की कसौटी पर खरा न उतरे तो उसे खारिज कर दिया जाता है । हर ज्ञान के होने की शर्त यह है वह सृजन और उत्पादन की शान पर तराशा जाए।

129. ‘शिक्षित’ शब्द में प्रत्यय है
(1) क्षत
(2) क्षित
(3) त
(4) इत

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Answer – (4)

130. गाँव की छवि में क्या शामिल नहीं है ?
(1) कर्म
(2) गंदगी
(3) अशिक्षा
(4) अज्ञान

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Answer – (1)

131. ज्ञान के होने की अनिवार्य शर्त है
(1) उत्पादन और ज्योति
(2) सृजन और धन
(3) सृजन और उत्पादन
(4) धन और उत्पादन

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Answer – (3)

132. अनुच्छेद के आधार पर कहा जा सकता है कि
(1) गाँव में लोग अशिक्षित और अज्ञानी हैं।
(2) गाँव में नकारात्मक परिवर्तन भी हुए हैं।
(3) गाँव में समस्त परिवर्तन सकारात्मक हैं।
(4) गाँव में बीमारी और अज्ञान ही है।

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Answer – (2)

133. गाँव को ठीक से समझने के लिए ज़रूरी है
(1) स्वयं गाँव में जाना
(2) गाँव के किस्से सुनना
(3) गाँव को टी.वी. पर देखना
(4) गाँव के बारे में पढ़ना

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Answer – (1)

134. गाँव को प्रयोगशाला क्यों कहा गया है ?
(1) ज्ञानवान व्यक्ति ज्ञान का प्रयोग करते हैं।
(2) ज्ञान को जानकारी की कसौटी पर कसा जाता है।
(3) ज्ञान को कर्म की कसौटी पर कसा जाता है।
(4) ज्ञान को निरंतर बढ़ाया जाता रहता है ।

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Answer – (3)

135. ‘फर्स्ट हैंड समझ’ से तात्पर्य है
(1) स्वयं के पूर्वज्ञान, पूर्वाग्रहों से समझ बनाना ।
(2) ज्ञानवान व्यक्तियों से जानकारी लेना।
(3) दूसरों के अनुभव से समझ बनाना ।
(4) स्वयं के अनुभव से समझ बनाना ।

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Answer – (4)

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