CTET 31 Jan 2021 Paper I Language II (Hindi) Answer Key | TheExamPillar
CTET 2021 Answer Key

CTET 31 Jan 2021 Paper I Language II (Hindi) Official Answer Key

CBSE conducted the CTET (Central Teacher Eligibility Test) Exam Paper 2020. This Paper held on 31st January 2021 Morning Shift. Here The CTET Paper – I, Part – V Language II (Hindi) Solved Question Paper. CTET January 2021 Question Paper with Answer Key.

CTET (Central Teachers Eligibility Test)
Paper – I Primary Level (Class 1 to Class 5)

परीक्षा (Exam) – CTET Paper I Primary Level (Class I to V) 
भाग (Part) – Part – V Language II (Hindi)

परीक्षा आयोजक (Organized) – CBSE 
कुल प्रश्न (Number of Question) – 30
Paper Set – L
परीक्षा तिथि (
Exam Date) – 31st January 2021

CTET Exam Paper I Jan 2021  Link
CTET 31 Jan 2021 Paper I – Part – I (Child Development and Pedagogy)  Click Here
CTET 31 Jan 2021 Paper I – Part – II (Mathematics)  Click Here
CTET 31 Jan 2021 Paper I – Part – III (Environmental Studies)  Click Here
CTET 31 Jan 2021 Paper I – Part – IV Language I (English)  Click Here
CTET 31 Jan 2021 Paper I – Part – IV Language I (Hindi)  Click Here
CTET 31 Jan 2021 Paper I – Part – V Language II (Hindi)  Click Here
CTET 31 Jan 2021 Paper I – Part – V Language II (English)  Click Here

CTET Exam January 2021 Paper – 1 (Primary Level)
Part – V Language II (Hindi)
(Official Answer Key)

 

दिए गए अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 121 से 128 तक) के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए:

किताब का विषय और सामग्री उस आयु वर्ग के हिसाब से हो जिसके लिए आप पुस्तक चुन रहे हैं। छोटे बच्चों के लिए रोज़मर्रा की समस्याएँ और घटनाएँ पुस्तक का विषय हो सकती हैं। उदाहरण के लिए, स्कूल से घर लौटते समय रास्ते में मिलने वाले कुत्ते से डर लगना । इस वर्ग के बच्चों की कहानियों की एक विशेषता होती है – शब्दों, वाक्यों और घटनाओं की पुनरावृत्ति । बच्चों को मज़ेदार शब्द और वाक्य दोहराना अच्छा लगता है। आप किसी बच्चे को खेलते देखिए, आपको इस बात का सबूत मिल जाएगा। इसके अतिरिक्त पुनरावृत्ति से उन बच्चों को पढ़ने में प्रवीणता हासिल करने में मदद मिलती है जो अभी सीखने की प्रक्रिया में हैं।

इस स्तर की कहानियाँ बहुत अधिक लंबी या जटिल नहीं होनी चाहिए। उनमें बहुत ज़्यादा घटनाएँ या पात्र नहीं हों तो बेहतर है।

121. निम्न में कौन-सा शब्द कारक चिह्न नहीं है ?
(1) और
(2) के लिए

(3) की
(4) से

Show Answer/Hide

Answer – (1)

122. पुस्तक का चयन ___ के आधार पर करना चाहिए।
(1) कीमत
(2) आयु वर्ग

(3) नैतिक शिक्षा
(4) उपलब्धता

Show Answer/Hide

Answer – (2)

123. छोटे बच्चे की पुस्तक का विषय मुख्य रूप से होना चाहिए –
(1) वीर पुरुष
(2) राजा – रानी

(3) नैतिक मूल्य
(4) दैनिक जीवन

Show Answer/Hide

Answer – (4)

124. बच्चों को कैसे शब्द दोहराना अच्छा लगता है ?
(1) मजेदार
(2) सरल

(3) जटिल
(4) लंबे

Show Answer/Hide

Answer – (1)

125. सीखने की प्रक्रिया में पुनरावृत्ति का महत्त्व है, क्योंकि –
(1) लिखने में कुशलता प्राप्त होती है ।
(2) बच्चे को कहानी याद हो जाती है ।

(3) घटनाएँ याद हो जाती हैं।
(4) पढ़ने में कुशलता प्राप्त होती है।

Show Answer/Hide

Answer – (4)

126. पुस्तक चुनते समय कम महत्त्वपूर्ण है –
(1) कीमत
(2) विषय

(3) सामग्री
(4) आयु वर्ग

Show Answer/Hide

Answer – (1)

127. ‘छोटे बच्चे में ‘छोटे’____ विशेषण है।
(1) संख्यावाचक
(2) गुणवाचक

(3) सार्वनामिक
(4) परिमाणवाचक

Show Answer/Hide

Answer – (2)

128. ‘पुनरावृत्ति’ का संधि-विच्छेद है
(1) पुनरा + वृत्ति
(2) पुन + रावृत्ति

(3) पुनः + आवृत्ति
(4) पुनः + अवृत्ति

Show Answer/Hide

Answer – (3)

दिए गए अनुच्छेद को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों (प्रश्न सं. 129 से 135 तक) के सही / सबसे उपयुक्त उत्तर वाले विकल्प चुनिए :

चिनार वृक्ष सामान्यतया मध्यम आकार के, मध्यम से अधिक ऊँचे आकार के होते हैं । इनकी ऊँचाई 50 मीटर अथवा इससे भी अधिक हो सकती है। इसकी लकड़ी का घनत्व बहुत अधिक होता है तथा यह मजबूत और कठोर होती है । चिनार की लकड़ी सफ़ेद होती है तथा इसके किनारे पीले अथवा लाल रंग के होते हैं। इसकी लकड़ी पर सरलता से पॉलिश की जा सकती है तथा रंग भी किया जा सकता है। इसकी लकड़ी न तो आसानी से कटती है और न आसानी से टूटती है । किंतु यह टिकाऊ भी नहीं होती है, अत: कीमती फ़ीचर आदि इससे नहीं बनाए जाते। चिनार वृक्ष का तना सुंदर और आकर्षक होता है एवं इस पर काँटे नहीं होते, किंतु छूने पर यह खुरदुरा लगता है। चिनार वृक्ष के तने की छाल अविकसित सी होती है तथा यह पहाड़ी बनकर झरती रहती है। इससे इसका तना शल्क वाला दिखाई देने लगता है। इसके पुराने वृक्षों की छाल झरती नहीं है, किंतु इसमें लंबी-लंबी दरारें पड जाती हैं। चिनार वृक्ष की छाल का रंग धूसर, हरापन लिए धूसर अथवा सफ़ेदी लिए हुए धूसर रंग का होता है, शरद ऋतु में चिनार का वृक्ष अपनी छाल का रंग बदलता है और नारंगी अथवा नारंगीपन लिए सुनहरे रंग का हो जाता है । चिनार वृक्ष की शाखाएँ कत्थई रंग की होती हैं तथा आसानी से नहीं टूटतीं किंतु वृक्ष के बढ़ने के साथ ही ये नीचे झुकने लगती हैं और कभी-कभी वृक्ष के नीचे से गुज़रने वालों से टकराने लगती हैं।

129. समूह से भिन्न शब्द है
(1) लाल-लाल
(2) कभी – कभी

(3) लंबी-लंबी
(4) पतली – दुबली

Show Answer/Hide

Answer – (4)

130. इनमें से चिनार की लकड़ी का कौन-सा गुण नहीं है?
(1) आसानी से पॉलिश हो जाती है।
(2) आसानी से कट जाती है।

(3) आसानी से नहीं कटती है।
(4) आसानी से नहीं टूटती है।

Show Answer/Hide

Answer – (2)

131. चिनार का तना होता है –
(1) कँटीला
(2) चिकना

(3) खुरदुरा
(4) भुरभुरा

Show Answer/Hide

Answer – (3)

132. चिनार वृक्ष अपनी छाल का रंग कब बदलता है ?
(1) सर्दी में
(2) गर्मी में

(3) बरसात में
(4) बसंत में

Show Answer/Hide

Answer – (1)

133. इनमें से कौन-सा शब्द समूह से भिन्न है ?
(1) चिनार वृक्ष
(2) लंबी दरारें

(3) पुराने वृक्ष
(4) धूसर छाल

Show Answer/Hide

Answer – (1)

134. चिनार की लकड़ी होती है –
(1) काली
(2) पीली

(3) लाल
(4) सफ़ेद

Show Answer/Hide

Answer – (4)

135. ‘अत: कीमती फ़र्नीचर आदि इससे नहीं बनाए जाते।’ वाक्य में विशेषण शब्द है
(1) बनाए
(2) कीमती

(3) फ़र्नीचर
(4) इससे

Show Answer/Hide

Answer – (2)

1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published.

error: Content is protected !!