मोटे अनाज (Coarse Grains) | TheExamPillar
Coarse Grains

मोटे अनाज (Coarse Grains)

मोटे अनाजों में ज्वार-बाजरा, मक्का और जौ शामिल किये जाते है। हमारे देश में लगभग 360 लाख हेक्टेयर भूमि पर मोटे अनाज की खेती की जाती है। सन् 1970 के दशक में इसका उत्पादक लगभग स्थिर था। सन् 1983-84 में इसका शिखर उत्पादन 325 लाख टन हो गया था। इसके बाद से यह पुनः घट गया। इसका मुख्य कारण शस्य-क्षेत्र में ह्रास था क्योंकि इन अनाजों के स्थान पर उच्च मूल्य वाली फसलें उत्पन्न की जाने लगी हैं। वर्तमान में 2017-18 में मोटे अनाजों का उत्पादन 448.7 लाख टन हो गया हैं। 

ज्वार (Sorghum)

भारत में चावल तथा गेहूँ के बाद ज्वार सबसे महत्वपूर्ण खाद्यान्न फसल है। दक्षिणी पठार के शुष्क भागों में जहाँ चावल तथा गेहूँ की कृषि नहीं की जा सकती, वहाँ यह विस्तृत क्षेत्र में बोया जाता है और लोगों का मुख्य आहार है। देश के कई भागों में इसे पशुओं के लिए चारे के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।

उत्पादक क्षेत्र : ज्वार का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य   महाराष्ट्र   है। इसके बाद द्वितीय स्थान   कर्नाटक   एवं तृतीय स्थान   मध्य प्रदेश   का है। इसके अलावा   आन्ध्र प्रदेश ,   तमिलनाडु ,   उत्तर प्रदेश ,   गुजरात  इत्यादि राज्यों में भी इसकी कृषि की जाती है। वर्ष 2005-06 के दौरान देश के कुल उत्पादन का 39.0 लाख टन (51.11 प्रतिशत ) ज्वार का उत्पादन करके महाराष्ट्र प्रथम स्थान पर रहा । ज्वार के उत्पादन में जिनअन्य राज्यों ने अशदान दिया वे कर्नाटका (21.89 प्रतिशत ), मध्य प्रदेश (8.26 प्रतिशत ), आंध्र प्रदेश (7.73 प्रतिशत ), तिमलनाडु (3.01 प्रतिशत ), उत्तर प्रदेश (3.15 प्रतिशत ), गजरात (1.97 प्रतिशत ),राजस्थान (2.23 प्रतिशत ), हरयाणा (0.26 प्रतिशत ), और उड़ीसा (0.13 प्रतिशत ) ।

बाजरा (Millet)

बाजरा निर्धन लोगों के लिए भोजन तथा पशुओं के लिए चारे के रुप में प्रयोग की जाने वाली प्रमुख फसल है। बाजरे के लिए 25 से 30° सेटीग्रेड तापमान तथा 40 से 50 से०मी० वर्षा की आवश्यकता होती हैं हल्की व रेतीली मिट्टी में यह भली-भाँति उगता हैं। भारी वर्षा इसके लिए हानिकारक होती हैं।

98 मिलियन टन हुआ। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र है। इसके अतिरिक्त आन्ध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, हरियाणा, पंजाब तथा मध्य प्रदेश में भी बाजरे की खेती की जाती है।

मक्का (Maize)

मक्का एक अन्य महत्वपूर्ण मोटा अनाज है। इसमें ग्लूकोज तथा मांड (Starch) की मात्रा अधिक होती है, जिस कारण इसे पशुओं को मोटा करने के लिए खिलाया जाता है यह निर्धन लोगों के भोजान का काम भी करता है।

इसके लिए 21 से 27° सेंटीग्रेड, तापमान तथा 75 से०मी० वर्षा की आवश्यकता होती हैं। यह फसल नदियों द्वारा लाई दोमट मिट्टी में भली-भाँति उगती हैं। इसकी कृषि मुख्यतः मैदानी भागों में की जाती है।

भारत में उत्पादक राज्य : भारत में मक्का , राष्ट्रीय खाद्य टोकरी में लगभग 9% योगदान देता है। भारत में मक्का के कुल उत्पादन का 80% से अधिक आंध्र प्रदेश (20.9%), कर्नाटक (16.5%), राजस्थान (9.9%), महाराष्ट्र (9.1%), बिहार (8.9%), उत्तर प्रदेश (6.1%), मध्य प्रदेश (5.7%), हिमाचल प्रदेश (4.4%) इत्यादी राज्योंमें होता है। इसके अलावा जम्मू एवं कश्मीर और पूर्वोत्तर राज्यों में भी मक्का उगाया जाता है। मक्का गैर परंपरागत क्षेत्रों जैसे प्रायद्वीपीय भारत एवं आंध्र प्रदेश में महत्वपूर्ण फसल के रूप में उभरा है जहाँ कुछ जिलों में उत्पादकता (5.26 टन प्रतिहेक्टयेर ) और उच्चतम उत्पादन (4.14 लाख टन ) के अधिक या अमरीका के बराबरहोता है। मक्का का उत्पादन 2017-18 में 268.8 लाख टन था।

जौ (Barley)

जौ एक मोटे अनाज की फसल है। यह निर्धन लोगों के भोजन के काम आता हैं। इससे सत्तू, बीयर तथा शराब भी बनाई जाती हैं। इसकी सर्वाधिक माँग मदिरा कारखानों को रहती है।

जौ की उपज की दशाएँ गेहूँ से मिलती-जुलती है। अन्तर यह है कि यह कम वर्षा तथा कम तापमान को भी सहन कर लेती है। इसकी उपज के लिए 10 से 150 सेल्सियस तापमान की आवश्यकता होती है। यह 40 से०मी० से 50 से०मी० वर्षा में उग आता है। इसके लिए हल्की दोमट मिट्टी अच्छी होती हैं। यह 1000 मीटर की ऊँचाई वाले इलाको में भी सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है। जौ के कुल क्षेत्रफल के 54% भाग में सिंचाई नहीं की जाती।

भारत के उत्पादक राज्य : देश में जौ के प्रमुख उत्पादकों में राजस्थान (40%), उत्तर प्रदेश (30%), मध्य प्रदेश (8%), हरयाणा (6%) और पंजाब (5%) का नाम आता है। कुछ खेती बिहार , हिमाचल प्रदेश औरउत्तरांचल में भी की जाती है।

प्रमुख भारतीय व्यापार केंद्र : जौ के प्रमुख बाजार राजस्थान और मध्य प्रदेश में स्थित हैं। राजस्थान में तीन सबसे बडे़ बाजारों में कोटा , रामगंज मंडी और बारन का नाम आता है।

उत्पादक देश : यूरोपीय संघ , रूस , उक्रेन , कनाडा , ऑस्ट्रेलिया , जर्मनी , भारत टर्की   और अमेरिका जौ के प्रमुख उत्पादक देश हैं, ये कुल वैश्विक उत्पादन के 75 फीसदी के हिस्सेदार हैं।

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