सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj)
सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) का जन्म 14 फरवरी 1952 को श्री हरदेव शर्मा और श्रीमती लक्ष्मी देवी के यहाँ हरियाणा (तब के पंजाब) में अंबाला छावनी में हुआ था। इनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रतिष्ठित सदस्य थे। वे एक कुशल राजनेता के तौर पर भारत की राजनीति में उभर कर सामने आईं। अपने राजनीतिक कौशल से वे सत्तापक्ष के साथ ही विपक्षी दलों के दिलों में राज करती थीं।
- नाम – सुषमा स्वराज
- जन्म – 14 फरवरी, 1952 (अंबाला कैंट)
- पिता – हरदेव शर्मा
- माता – श्रीमती लक्ष्मी देवी
- पति – स्वराज कौशल
- शिक्षा – बी.ए. तथा एल.एल.बी.
- मृत्यु – 6 अगस्त, 2019
सुषमा स्वराज की शिक्षा (Education of Sushma Swaraj)
इन्होंने राजनीति विज्ञान और संस्कृत जैसे प्रमुख विषयों से अंबाला छावनी के एस.डी. कॉलेज से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। सुषमा स्वराज ने चंडीगढ़ में पंजाब विश्वविद्यालय के कानून विभाग से एलएलबी की डिग्री हासिल की। 1970 में इन्होंने, अंबाला छावनी के एस.डी. कॉलेज से सर्वश्रेष्ठ छात्रा का पुरस्कार प्राप्त किया। वे तीन साल तक लगातार एस॰डी॰ कालेज छावनी की एन. सी. सी. की सर्वश्रेष्ठ कैडेट और तीन साल तक राज्य की श्रेष्ठ वक्ता भी चुनी गईं।
व्यक्तिगत जीवन (Personal Life)
सुषमा जी ने कानून में डिग्री हासिल करने के बाद वकालत करना शुरू की। इसकी शुरुआत इन्होंने सन 1973 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में अभ्यास कर की। बाद में वे एक वरिष्ठ वकील बनी और अपराधिक क्षेत्र की वकालत करने लगी। 3 जुलाई 1975 को उनका विवाह स्वराज कौशल के साथ हुआ, जो सर्वोच्च न्यायालय में उनके सहकर्मी और साथी अधिवक्ता थे। कौशल बाद में छह साल तक राज्यसभा में सांसद रहे, और इसके अतिरिक्त वे मिजोरम प्रदेश के राज्यपाल भी रह चुके हैं। स्वराज दम्पत्ति की एक पुत्री है, बांसुरी है।
राजनीतिक जीवन (Political life)
1970 के दशक में एबीवीपी के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरूआत की और जनता पार्टी आंदोलन में भाग लेने के बाद आपातकाल के खिलाफ अभियान चलाया। 1977 से 1982 के बीच अंबाला छावनी इलाके से हरियाणा विधानसभा की सदस्य रहीं सुषमा ने जुलाई 1977 में हरियाणा में देवी लाल के नेतृत्व वाली जनता पार्टी सरकार में केबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ ली।
वह 27 बरस की उम्र में हरियाणा में जनता पार्टी की राज्य इकाई की अध्यक्ष बनीं और 1987 से 90 के दौरान भाजपा-लोकदल गठबंधन सरकार में शिक्षा मंत्री बनीं।
उसके कुछ समय बाद वह राज्यसभा के लिए चुनी गइ और 1996 में दक्षिण दिल्ली लोकसभा क्षेत्र से 11वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित होने तक वह उच्च सदन की सदस्य बनी रहीं। सुषमा ने 1996 में अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली 13 दिन की सरकार में केन्द्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री का कामकाज संभाला। इतने छोटे से कार्यकाल में भी उन्हें लोकसभा की कार्यवाही का सीधा प्रसारण शुरू करने का श्रेय जाता है।
दक्षिण दिल्ली संसदीय सीट से दूसरी बार 12वीं लोकसभा के लिए चुने जाने के बाद वह दूसरी वाजपेयी सरकार में सूचना और प्रसारण मंत्री बनीं और उन्हें दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया।
अपने कार्यकाल के दौरान सुषमा ने ही फिल्म निर्माण को उद्योग का दर्जा दिया, जिससे फिल्म उद्योग बैंक से वित्तपोषण के योग्य हो सका। पार्टी नेतृत्व के कहने पर वह अक्तूबर 1998 में केन्द्रीय मंत्रिमंडल छोड़ कर दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनीं। वह जनवरी 2003 से मई 2004 तक स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और संसदीय मामलों की मंत्री रहीं।
सन 2004 से सन 2006 तक सुषमा जी उत्तर प्रदेश की राज्यसभा सदस्य के रूप में सांसद बनी, और इस तरह से उन्होंने फिर से राज्य स्तर की राजनीति की तरफ अपना रुख किया। उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बनने के बाद अगले 3 साल मध्य प्रदेश से राज्यसभा में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए संसद की सदस्य बनी। अतः सुषमा जी सन 2009 तक राज्यसभा की सांसद बनी रही।
सुषमा जी सन 2009 में एमपी के विदिशा लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा की सदस्य बनी। उसी साल दिसम्बर में उन्होंने लाल कृष्ण आडवाणी के स्थान पर लोकसभा में विपक्ष की नेता के रूप में बागडोर संभाली। मई सन 2014 तक वे लोकसभा सदस्य के पद पर कार्यरत थी।
मई 2014 में, नरेंद्र मोदी जी के सत्ता में आने के बाद सुषमा स्वराज जी फिर लोकसभा की सदस्य बनी और उन्हें विदेश नीति को लागू करने के लिए कमान सौंपी गई। अतः उन्हें विदेश मंत्री नियुक्त किया गया। वे इंदिरा गाँधी जी के बाद इस पद को सँभालने वाली दूसरी महिला बनी।
उपलब्धियां व सम्मान (Achievements and Honors)
- 1977 में ये देश की प्रथम केन्द्रीय मन्त्रिमण्डल सदस्या बनीं, वह भी 25 वर्ष की आयु में।
- 1979 में 27 वर्ष की आयु में ये जनता पार्टी, हरियाणा की राज्य अध्यक्षा बनीं।
- स्वराज भारत की किसी राष्ट्रीय राजनीतिक पार्टी की प्रथम महिला प्रवक्ता बनीं।
- भाजपा की प्रथम महिला मुख्य मंत्री, केन्द्रीय मन्त्री, महासचिव, प्रवक्ता, विपक्ष की नेता एवं विदेश मंत्री बनीं।
- ये भारतीय संसद की प्रथम एवं एकमात्र ऐसी महिला सदस्या हैं जिन्हें आउटस्टैण्डिंग पार्लिमैण्टेरियन सम्मान मिला है।
- सुषमा स्वराज को हरियाणा राज्य विधानसभा द्वारा सर्वश्रेष्ठ वक्ता पुरस्कार दिया गया।
- सुषमा स्वराज को वर्ष 2008 और 2010 में दो बार सर्वश्रेष्ठ संसदीय पुरस्कार मिला था।
- वह उत्कृष्ट संसदीय पुरस्कार को प्राप्त करने वाली पहली और एकमात्र महिला सांसद हैं।
स्वास्थ्य (Health)
साल 2018 में सुषमा जी को किडनी से जुड़ी बीमारी से जूझना पड़ा था। 10 दिसम्बर को दिल्ली के एम्स में सुषमा जी का किडनी ट्रांसप्लांट हुआ, किसी असंबंधित डोनर ने उन्हें किडनी दी और यह सर्जरी सफल रही। सुष्मा स्वराज जी का 6 अगस्त 2019 को दिल का दौरा पड़ने से मृत्यु हो गई। यह देश के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है।
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