‘हो’ विद्रोह (‘Ho’ Rebellion) यह विद्रोह सन् 1821-22 छोटानागपुर के ‘हो’ लोगों ने सिंहभूम के राजा जगन्नाथ सिंह के विरुद्ध किया। जगन्नाथ सिंह के प्रति ‘हो’ लोग तटस्थ थे और
प्रारंभ से ही बिहार व्यापारिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। मध्यकाल में भी बिहार व्यापार का प्रमुख केंद्र था। यहाँ एडवर्ड टेरी, राल्फ फिट्ज, पीटर मुंडी, ट्रैवर आदि व्यापारियों ने
भारत में आनेवाली यूरोपीय कंपनियों (European Companies) में डेनमार्क का नाम सबसे अंत में लिया जाता है। प्रायः 1774-75 ई. में पटना में डेनमार्क के कंपनी की फैक्टरी की स्थापना
भारत में फ्रांसीसी ईस्ट इंडिया कंपनी (French East India Company) की स्थापना फ्रेंकोइस मार्टिन के नेतृत्व में 1664 ई. में की गई। मार्टिन ने 1674 ई. में पांडिचेरी की स्थापना
बिहार में यूरोपीय व्यापारी कंपनियों का आगमन 17वीं सदी में प्रारंभ हुआ। उस समय बिहार अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था। बिहार के क्षेत्र में सर्वप्रथम पुर्तगाली आए, जिन्होंने
11वीं सदी के प्रारंभ में भारत पर गजनी वंश के शासक महमूद गजनी के नेतृत्व में तुर्क आक्रमण हुआ। तुर्क आक्रमण की जानकारी फिरदौसी की रचना ‘शाहनामा’ से मिलती है।
कर्णाट वंश (Karnata Dynasty) संस्थापक – नान्यदेव राजधानी – सिमराँवगढ़ अंतिम शासक – हरिसिंह 11वीं सदी के अंत में जब पाल शासक कमजोर हो चुके थे, तब उसी समय भारत पर
पाल वंश (Pal/Pala Dynasty) संस्थापक – गोपाल सर्वश्रेष्ठ शासक – धर्मपाल, देवपाल पाल वंश का द्वितीय संस्थापक – महिपाल प्रथम अंतिम शासक – रामपाल उत्तर भारत में हर्षवर्धन के पतन
SOCIAL PAGE