केन्द्रीय बजट 2019-20 की प्रमुख विशेषताएं
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 05 जुलाई 2019 को मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट संसद में पेश किया। बजट की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं : –
दस सालों के लिए परिकल्पना
- जन भागीदारी से टीम इंडिया का निर्माण : न्यूनतम सरकार अधिकतम शासन।
- हरी-भरी पृथ्वी और नीले आकाश के साथ प्रदूषण मुक्त भारत बनाना।
- डिजिटल इंडिया को अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र तक पहुंचाना।
- गगनयान, चन्द्रयान, अन्य अंतरिक्ष और उपग्रह कार्यक्रमों की शुरूआत।
- वास्तविक और सामाजिक बुनियादी ढांचे का निर्माण।
- नीली अर्थव्यवस्था।
- खाद्यान्नों, दालों, तिलहनों, फलों और सब्जियों में आत्मनिर्भरता और निर्यात।
- आयुष्मान भारत, पोषणयुक्त मां और बच्चा के जरिए स्वस्थ समाज की स्थापना, नागरिकों की सुरक्षा।
- एमएसएमई, मेक इन इंडिया के अंतर्गत स्टार्ट-अप्स, रक्षा निर्माण, मोटर वाहनों, इलेक्ट्रॉनिक्स, वस्त्रों और बैटरियों तथा चिकित्सा उपकरणों पर जोर।
आयकर
- इस बजट से अमीरों पर टैक्स का बोझ बढ़ गया है।
- जिनकी आय 2 से 5 करोड़ के बीच है, उनको 3 फीसद का सरचार्ज देना होगा।
- 5 करोड़ से ऊपर की आय पर 7 फीसद का सरचार्ज देना होगा।
महिलाओं के लिए
- महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के साथ, मुद्र योजना के तहत महिलाओं को सस्ता लोन देने का एलान किया गया है।
- महिला उद्यमियों को अब एक लाख तक का लोन दिया जाएगा।
- जन धन खाते वाले प्रत्येक सत्यापित महिला एसएचजी (सेल्फ हेल्प ग्रुप) सदस्य, 5000 रुपये के ओवरड्राफ्ट की अनुमति दी गई है।
उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए
- स्कूल और उच्च शिक्षा दोनों में प्रमुख परिवर्तन।
- अनुसंधान और नवाचार पर अधिक ध्यान देना।
- राष्ट्रीय अनुसंधान प्रतिष्ठान(एनआरएफ) में प्रस्ताव किया गया है।
- देश में अनुसंधान को धन उपलब्ध, समन्वय और बढ़ावा देना।
- विभिन्न मंत्रालयों द्वारा दी गई स्वतंत्र अनुसंधान अनुदान का उपयोग।
- देश में समग्र अनुसंधान पारिस्थिकी को मजबूत बनाना।
- अतिरिक्त निधियों के साथ इसे पर्याप्त रूप से आगे बढ़ाया जाएगा।
- वित्तवर्ष 2019-20 के लिए ‘विश्व स्तर के संस्थानों’ हेतु 400 करोड़ रुपये उपलब्ध कराए गए, जो पिछले वर्ष के संशोधित अनुमानों से तीन गुणा से अधिक हैं।
- ‘भारत में अध्ययन’ के तहत विदेशी छात्रों को भारत के उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई हेतु लाना।
- उच्च शिक्षा की नियामक प्रणालियों में व्यापक रूप से सुधार लाना।
- अधिक स्वायत्ता को बढावा देना।
- बेहतर शैक्षिक परिणामों पर ध्यान देना।
- भारत उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीएल) स्थापित करने के लिए मसौदा विधायी पेश करना है।
- खेलो इंडिया योजना का सभी आवश्यक वित्तीय सहायता के साथ विस्तार करना।
- खेलों को सभी स्तरों पर लोकप्रिय बनाने के लिए खेलो इंडिया के तहत खिलाडि़यों के विकास हेतु राष्ट्रीय खेल शिक्षा बोर्ड की स्थापना।
- भाषा प्रशिक्षण, एएल, एलओटी, बिग डाटा, 3डी प्रिंटिंग, वर्चुअल रीयल्टी और रोबोटिक्स सहित वैश्विक मूल्य कौशल सैट के बारे में युवाओं को विदेशों में रोजगार के लिए तैयार करने के बारे में अधिक ध्यान दिया जाएगा।
- पंजीकरण को मानकीकृत और सरल बनाने तथा रिटर्न फाइल करने के लिए विविध श्रम कानूनों को सरल बनाने के लिए चार श्रम कोड के सैट का प्रस्ताव किया गया है।
- दिल्ली दूरदर्शन के चैनलों पर स्टार्ट अप्स के लिए और उनके ही द्वारा विशेष रूप से एक टेलीविजन कार्यक्रम का प्रस्ताव है।
- 2020-25 अवधि के लिए स्टार्टअप इंडिया योजना जारी रहेगी। बैंक मांग आधारित व्यापार के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध करायेंगे।