उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
19 December, 2025
| Read This UKPSC / UKSSSC Daily MCQ – (Uttarakhand) in English Language |
Q1. कृर्तपुर राज्य का भौगोलिक विस्तार किस क्षेत्र तक फैला हुआ था?
(A) केवल उत्तराखण्ड तक सीमित था
(B) उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और रोहिलखण्ड के उत्तरी भाग तक फैला था
(C) सिर्फ हिमाचल प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्र में स्थित था
(D) गंगा-यमुना के दोआब क्षेत्र में केंद्रित था
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Explanation: कृर्तपुर राज्य का क्षेत्रीय विस्तार एक व्यापक भौगोलिक सीमा में फैला हुआ था जिसमें उत्तराखण्ड, हिमाचल प्रदेश और वर्तमान उत्तर प्रदेश के रोहिलखण्ड का उत्तरी भाग सम्मिलित था। यह क्षेत्र सांस्कृतिक, धार्मिक और सामरिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है क्योंकि यह हिमालय की तलहटी से लेकर तराई तक विस्तारित था। इस राज्य का उल्लेख कई प्राचीन अभिलेखों में मिलता है, जो इसे एक व्यापक भौगोलिक इकाई के रूप में स्थापित करते हैं। विकल्प (A) अधूरा है क्योंकि यह केवल उत्तराखण्ड तक सीमित करता है, जबकि कृर्तपुर का प्रभाव उससे अधिक व्यापक था। विकल्प (C) गलत है क्योंकि इसका विस्तार केवल हिमाचल तक नहीं था। विकल्प (D) भी असत्य है क्योंकि गंगा-यमुना दोआब मुख्यतः मौर्य और गुप्त प्रभाव क्षेत्र था, कृर्तपुर नहीं। अतः विकल्प (B) सही और ऐतिहासिक रूप से सटीक है।
Q2. प्रयाग प्रशस्ति अभिलेख में कृर्तपुर राज्य का उल्लेख किस प्रकार किया गया है?
(A) एक स्वतंत्र गणराज्य के रूप में
(B) गुप्त साम्राज्य के अधीन राज्य के रूप में
(C) हूण साम्राज्य के सहयोगी राज्य के रूप में
(D) कुणिन्दों के विरोधी राज्य के रूप में
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Explanation: प्रयाग प्रशस्ति, जो गुप्त सम्राट समुद्रगुप्त की विजयों का अभिलेख है, उसमें कृर्तपुर राज्य को गुप्त साम्राज्य के अधीन एक आश्रित राज्य (feudatory state) के रूप में वर्णित किया गया है। इससे यह स्पष्ट होता है कि कृर्तपुर राज्य गुप्त प्रशासनिक संरचना का हिस्सा था, यद्यपि उसे स्थानीय स्तर पर शासन की स्वतंत्रता प्राप्त थी। विकल्प (A) गलत है क्योंकि कृर्तपुर उस काल में स्वतंत्र गणराज्य नहीं रहा; विकल्प (C) असत्य है क्योंकि हूणों का प्रभाव गुप्तोत्तर काल में आया; विकल्प (D) भी गलत है क्योंकि कुणिन्द व कृर्तपुर के संबंध को विरोधात्मक नहीं, बल्कि ऐतिहासिक रूप से परस्पर जुड़ा हुआ माना गया है। इसलिए सही उत्तर (B) है।
Q3. कृर्तपुर राज्य की राजधानी किस स्थान को माना गया है?
(A) पुरुषपुर
(B) कार्तिकेयपुर
(C) कालसी
(D) काशीपुर
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Explanation: ऐतिहासिक मतों के अनुसार कृर्तपुर राज्य की राजधानी कार्तिकेयपुर थी। कुछ विद्वानों का यह भी मानना है कि कार्तिकेयपुर नाम भगवान कार्तिकेय से संबंधित धार्मिक केंद्र की ओर संकेत करता है, जो उस काल में एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थल था। यह राजधानी राज्य के प्रशासनिक और धार्मिक दोनों दृष्टियों से प्रमुख रही। विकल्प (A) पुरुषपुर कनिष्क की राजधानी थी; विकल्प (C) कालसी अशोककालीन अभिलेखों से जुड़ा स्थान है; और विकल्प (D) काशीपुर (गोविषाण) कुषाण व मित्र वंश से संबंधित क्षेत्र है। इसलिए सही उत्तर (B) कार्तिकेयपुर है।
Q4. स्कन्दगुप्त काल के दौरान कृर्तपुर राज्य पर किस विदेशी शक्ति का आक्रमण हुआ था?
(A) शक
(B) हूण
(C) कुषाण
(D) यवन
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Explanation: स्कन्दगुप्त के शासनकाल में हूणों का आक्रमण उत्तर भारत के कई हिस्सों पर हुआ, जिसमें कृर्तपुर राज्य भी सम्मिलित था। यह आक्रमण गुप्त साम्राज्य की स्थिरता के लिए गंभीर चुनौती सिद्ध हुआ। हूणों की इन आक्रमणों ने हिमालय क्षेत्र तक अपनी पैठ बनाई, जिससे कृर्तपुर जैसे सामरिक क्षेत्रों पर भी प्रभाव पड़ा। विकल्प (A) शक शासक पहले के काल में सक्रिय थे; विकल्प (C) कुषाण साम्राज्य का काल उससे पहले समाप्त हो चुका था; विकल्प (D) यवन प्रभाव गुप्त काल में समाप्त हो गया था। इसलिए हूणों द्वारा आक्रमण का संदर्भ सबसे सटीक है, जिससे (B) सही उत्तर बनता है।
Q5. राहुल सांकृत्यायन के मत में हूणों के अधीन हिमालय का कौन-सा भाग सम्मिलित था?
(A) केवल गढ़वाल का पश्चिमी भाग
(B) पूरा हिमाचल प्रदेश
(C) हिमालय का कुछ भाग राजा तोरमाण व मिहिरकुल के अधीन रहा
(D) कुमाऊँ क्षेत्र हूणों के प्रत्यक्ष शासन में था
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Explanation: प्रसिद्ध विद्वान राहुल सांकृत्यायन का मत है कि हूण शासक तोरमाण और उसके उत्तराधिकारी मिहिरकुल ने हिमालय के कुछ हिस्सों पर अपना नियंत्रण स्थापित किया था। यह मत इस तथ्य की ओर इंगित करता है कि हूण साम्राज्य की शक्ति केवल मैदानी भारत तक सीमित नहीं थी, बल्कि उसने उत्तर भारत के पर्वतीय क्षेत्रों तक अपनी राजनीतिक पहुँच बढ़ाई थी। विकल्प (A) और (D) सीमित भौगोलिक अनुमान प्रस्तुत करते हैं, जबकि हूण प्रभाव उससे अधिक व्यापक था। विकल्प (B) पूरी तरह असत्य है क्योंकि पूरा हिमाचल हूणों के अधीन नहीं रहा। इसलिए विकल्प (C) वह ऐतिहासिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है जो विद्वान मत से मेल खाता है और ऐतिहासिक प्रमाणों के अनुरूप है।
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