उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा आयोजित की जानेवाली आगामी परीक्षाओं (UKPSC/ UKSSSC) को मध्यनजर रखते हुए Exam Pillar आपके लिए Daily MCQs प्रोग्राम लेकर आया है। इस प्रोग्राम के माध्यम से अभ्यर्थियों को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग व अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के परीक्षाओं के प्रारूप के अनुरूप वस्तुनिष्ठ अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराये जायेंगे।
Daily UKPSC / UKSSSC MCQs : उत्तराखंड (Uttarakhand)
06 November, 2025
Q1. शिवप्रसाद डबराल कोल या मुण्ड जाति के बारे में क्या मत रखते थे?
(A) इन्हें वैदिक युग की जाति मानते थे
(B) इन्हें आर्य जाति की शाखा मानते थे
(C) इन्हें नाग जाति का वंशज मानते थे
(D) इन्हें भारत या हिमालय क्षेत्र की प्राचीनतम जाति मानते थे
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व्याख्या: इतिहासकार शिवप्रसाद डबराल का मानना था कि कोल या मुण्ड जाति भारत और हिमालय क्षेत्र की सबसे प्राचीन जातियों में से एक थी। उनका जीवन, भाषा और संस्कृति भारतीय उपमहाद्वीप के मूल निवासियों की सबसे पुरानी परंपराओं को प्रतिबिंबित करती है।
Q2. कोल प्रजाति के पश्चात उत्तराखण्ड में किस प्रजाति का आधिपत्य स्थापित हुआ?
(A) नाग
(B) किरात
(C) खस
(D) मुण्ड
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व्याख्या: कोल प्रजाति के बाद उत्तराखण्ड क्षेत्र पर किरातों का आधिपत्य स्थापित हुआ। किरात जनजाति हिमालयी क्षेत्र की एक प्राचीन समुदाय थी, जिसने पर्वतीय भू-भागों में अपना विस्तार किया और स्थानीय संस्कृति को प्रभावित किया।
Q3. किरातों को अन्य किन नामों से जाना जाता था?
(A) नाग और कोल
(B) किन्नर या कीर
(C) थारू या भोट
(D) किरत और नाग
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व्याख्या: किरातों को किन्नर या कीर नामों से भी संबोधित किया जाता था। ये नाम उनके भौगोलिक और सांस्कृतिक वैविध्य को दर्शाते हैं तथा यह इंगित करते हैं कि किरात जनजाति विभिन्न रूपों में हिमालयी समाज में समाहित रही।
Q4. स्कन्दपुराण में किरातों को किस नाम से संबोधित किया गया है?
(A) नाग
(B) भिल्ल
(C) मुण्ड
(D) खस
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व्याख्या: स्कन्दपुराण में किरातों को भिल्ल कहा गया है। इसका तात्पर्य यह है कि वे पर्वतीय एवं वनवासी समाज से संबंधित थे, जिनका जीवन शिकार और पशुपालन पर आधारित था।
Q5. किरातों की भाषा किससे संबंधित थी और उनका प्रमुख भोजन क्या था?
(A) संस्कृत, दही
(B) प्राकृत, दूध
(C) मुण्डा, सत्तू
(D) अपभ्रंश, अन्न
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व्याख्या: किरातों की भाषा मुण्डा वर्ग से संबंधित थी, जो आदिम जनजातीय भाषाओं में से एक है। उनका मुख्य खाद्य पदार्थ सत्तू था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि उनका भोजन सरल और श्रमजीवी जीवनशैली के अनुरूप था।
