उत्तराखण्ड विशेष अधीनस्थ शिक्षा (प्रवक्ता संवर्ग) सेवा (सामान्य तथा महिला शाखा)
द्वितीय चरण (विषयवार लिखित परीक्षा – वस्तुनिष्ठ प्रकार) पाठ्यक्रम
विषय | प्रश्नों की संख्या | अधिकतम अंक | समय अवधि |
भौतिक शास्त्र | 200 | 200 | 03 घण्टे |
नोटः- लिखित परीक्षा में मूल्यांकन हेतु ऋणात्मक पद्धति प्रयुक्त की जाएगी।
परीक्षा पाठ्यक्रम (भौतिक शास्त्र)
यूनिट 1: शुद्धगतिकी
निर्देश तंत्र। एक सरल रेखा में गति । समान तथा असमान गति, सामान रूप से त्वरित गति, गति-समय, स्थिति – समय ग्राफ, एक समान त्वरित गति के लिए संबंध।
गति का वर्णन करने के लिए अवकलन और समाकलन की प्राथमिक अवधारण, अदिश और सदिश राशियाँ,
स्थिति और विस्थापन सदिश सामान्य सदिश और संकेत । सदिश की समानता इकाई सदिश, एक समतल-आयताकार घटकों में सदिश का विभेदन, समतल में गति, एक समान वेग और एकसमान त्वरण – प्रक्षेपी गति, एक समान वृत्तीय गति।
यूनिट 2: गति के नियम
बल की अवधारणा, जडत्व, जड़ता, न्यूटन का गति का पहला नियम न्यूटन का गति का दूसरा नियम, आवेग, न्यूटन का गति का तीसरा नियम, रैखिक संवेग संरक्षण का नियम और इसके अनुप्रयोग, स्थितिज और गतिज घर्षण, घर्षण के नियम, रोलिंग घर्षण, एक समान वृत्ताकार गति की गतिकी, अभिकेन्द्रीय बल और इसके उदाहरण |
यूनिट 3: स्थिर वैद्युतिकी
वैद्युत आवेश, कूलॉम का नियम, वैद्युत क्षेत्र, एक बिंदु आवेश के कारण विद्युत क्षेत्र, आवेश वितरण तथा द्विध्रुव, एक समान वैद्युत क्षेत्र के कारण द्विध्रुव पर आघूर्ण, वैद्युत फ्लक्स, गाउस का प्रमेय और उसके अनुप्रयोग, वैद्युत विभव, विभवान्तर, वैद्युत विभव के ऋणात्मक ग्रेडिएण्ट के रूप में वैद्युत क्षेत्र, एक बिन्दु आवेश के कारण वैद्युत विभव, द्विध्रुव, आवेश वितरण और आवेशों के निकाय, समविभव सतह, दो बिन्दु आवेशों के निकाय की और स्थिर वैद्युत क्षेत्र में रखें वैधुतद्विध्रुव की वैधुत स्थितिज उर्जा।
चालक और कुचालक, परावैद्युतांक और वैद्युत ध्रुवीकरण, संधारित्र और धारिता, एक समानांतर प्लेट संधारित्र के लिए प्लेटस के बीच में परावैधुत के साथ और बिना परावैद्युत के धारिता, एक संधारित्र में जमा ऊर्जा, वैन डी-ग्राफ जेनरेटर।
यूनिट 4: वैद्युत चालन
वैद्युत धारा, किसी धात्विक चालक में आवेश का प्रवाह, अपवाह वेग, गतिशीलता तथा इनका धारा से सम्बन्ध, वैद्युत चालन का लोरेन्ज – ड्रयूड सिद्धान्त, विडामैन- फ्रैंज का नियम, ओम का नियम, वैद्युत ऊर्जा और शक्ति, वैद्युत प्रतिरोधकता तथा चालकता, कार्बन प्रतिरोधक, कार्बन प्रतिरोधोंकों के लिए रंग कोड, प्रतिरोध की ताप पर निर्भरता, किरचॉफ के नियम और उनके अनुप्रयोग।
यूनिट 5: धारा के चुम्बकीय प्रभाव तथा चुम्बकत्व
बायो–सैवर्ट का नियम और उसके अनुप्रयोग, एम्पीयर का नियम और उसके अनुप्रयोग, एक समान चुम्बकीय और वैद्युत क्षेत्र में गतिमान आवेश पर बल, साइक्लोट्रोन, एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में रखे धारावाही चालक पर बल, दो समानांतर धारावाही चालकों के बीच बल, चल कुण्डल गैल्वेनोमीटर और उसका अमीटर और वोल्टमीटर में रूपांतरण, धारा लूप – एक चुम्बकीय द्विध्रुव के रूप में तथा इसका चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण, परिभ्रमण करते इलेक्ट्रान का चुम्बकीय द्विध्रुव आघूर्ण, किसी चुम्बकीय द्विध्रुव के कारण उसकी धुरी के अक्ष के अनुदिश तथा धुरी के अक्ष के अभिलम्वत चुम्बकीय क्षेत्र की तीव्रता, एक समान चुम्बकीय क्षेत्र में चुम्बकीय द्विध्रुव के कारण बल-आघूर्ण, चुम्बकीय क्षेत्र रेखाऐं, अनुचुम्बकीय प्रतिचुम्बकीय तथा लोह – चुम्बकीय पदार्थ और इनके उदाहरण, विद्युत चुम्बक और उसकी शक्तियों को प्रभावित करने वाले कारक ।
यूनिट 6: वैद्युत चुम्बकीय प्रेरण और प्रत्यावर्ती धाराऐं
विद्युत चुम्बकीय प्रेरण, फैराडे का नियम, प्रेरित विद्युत वाहक बल और धारा, लेन्ज का नियम, भंवर धाराऐं, स्व और अन्योन्य प्रेरण, प्रत्यावर्ती धाराऐं, प्रत्यावर्ती धारा तथा विभव का शिखर और वर्गमाध्य मूल मान, प्रतिक्रिया और प्रतिबाधा, एल सी आर श्रेणी क्रम और सामानान्तर क्रम परिपथ, अनुनाद प्रत्यावर्ती धारा परिपथों में शक्ति, वाटहीन धारा, प्रत्यावर्ती धारा जनित्र और परिवर्तक ।
यूनिट 7: कार्य, ऊर्जा और शक्ति
कार्य, गतिज ऊर्जा, कार्य-ऊर्जा प्रमेय, शक्ति, किसी स्प्रिंग की स्थितिज ऊर्जा, संरक्षित बल, यांत्रिक ऊर्जा का संरक्षण, गैर-संरक्षित बल, एक और दो आयामों में प्रत्यास्थ और अप्रत्यास्थ टक्कर।
यूनिट 8: गुरूत्वाकर्षण
केपलर के ग्रहों की गति के नियम, गुरूत्वाकर्षण का नियम, गुरुत्वीय त्वरण तथा इसका सीधी ऊँचाई तथा गहराई के साथ परिवर्तन, गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा, गुरुत्वीय विभव, पलायन वेग, उपग्रह का कक्षीय वेग, भूस्थिर उपग्रह।
यूनिट 09: वैद्युत चुम्बकीय तरंगे
विस्थापन धारा, वैद्युत चुम्बकीय तरंगें और उनकी अभिलक्षणतायें, वैद्युत चुम्बकीय तरंगों की अनुप्रस्थ प्रकृति, वैद्युत चुम्बकीय वर्णक्रम मुक्त आकाश और रेखिय समदैशिक माध्यम में मैक्सवेल के समीकरण, अन्तरफलक पर क्षेत्र के लिए परिसीमा प्रतिबंध,
सदिश और अदिश विभव, प्रमापी निश्चरता, मुक्त आकाश में वैद्युत चुम्बकीय तरंगें, प्वाइन्टिंग सदिश, प्वाइन्टिंग प्रमेय, वैद्युत चुम्बकीय तरंगों की ऊर्जा और संवेग ।
यूनिट 10: प्रकाशीकी
प्रकाश का परावर्तन, गोलाकार दर्पण, दर्पण सूत्र, प्रकाश का अपवर्तन, पूर्ण आंतरिक परावर्तन और उसके अनुप्रयोग, प्रकाशीय फाइबर, गोलाकार सतहों से अपवर्तन, लेंस पतले लेंस का सूत्र, लेन्समेकर्स का सूत्र, आवर्धन क्षमता, लेंस की शक्ति, सम्पर्क में रखे पतले लेंसों का संयोजन, प्रिज्म द्वारा प्रकाश का अपवर्तन और परिक्षेपण, प्रकाश का प्रकीर्णन – आकाश का नीला रंग और सूर्योदय और सूर्यास्त में सूरज की लाल प्रतीति ( दिखावट) ।
प्रकाशीय यंत्र, मानव आँख, छवि निर्माण और समंजन, लेंसो के द्वारा आखों के दोषों में सुधार, सूक्ष्मदर्शी और खगोलीय दूरबीन और उनकी आवर्धक शक्तियाँ । तरंग प्रकाशीकीः तरंगाग्र और हाइगेन्स का सिद्धान्त, किसी समतल तरंग के समतल पृष्ठ से तरंगाग्र का उपयोग करते हुए परावर्तन और अपवर्तन, हाइगेन्स के सिद्धान्त का उपयोग कर परावर्तन और अपवर्तन के नियमों को सिद्ध करना, व्यतिकरण, यंग का द्विस्लीट प्रयोग और फ्रिंज की चौड़ाई का सूत्र, कलासंबद्ध स्रोत और प्रकाश का प्रतिपालित व्यतिकरण, एकल स्लिट के द्वारा विवर्तन, केन्द्रीय महत्तम की चौड़ाई, सूक्ष्मदर्शी और खगोलीय दूरबीनों की विभेदन क्षमता, ध्रुवीकरण, समतल ध्रुवित प्रकाश, ब्रेवस्टर का नियम, समतल ध्रुवित प्रकाश के उपयोग और पोलोराइड्स ।
यूनिट 11: पदार्थ और विकिरण की द्वैत प्रकृति
विकिरण की द्वैत प्रकृति, प्रकाश-वैद्युत प्रभाव, हर्त्स और लिनार्ड की टिप्पणियॉ, आइंस्टीन का प्रकाश वैद्युत प्रभाव का समीकरण, प्रकाश की कण प्रकृति, पदार्थ तरंगे, कणों की तरंग प्रकृति, द ब्रोग्ली सम्बन्ध, डेविसन – जरमर का प्रयोग, तरंग और कण की द्वैत प्रकृति, तरंग फलनों का निर्देशांक और संवेग निरूपण, क्रमविनिमक और हाइजेनबर्ग का अनिश्चितता का सिद्धान्त, स्थिति वेक्टर के लिए डिराक की अंकन (नोटेशन), श्राउदींगर समीकरण (समय निर्भर और समय अनिर्भरता), अभिलक्षणिक मान प्रश्न ( बाक्स में कण, प्रसंवादी दोलन इत्यादि), किसी प्रतिबाधा से टनलिंग।
यूनिट 12: परमाणु और नाभिक
अल्फा कण प्रकीर्णन का प्रयोग, रदरफोर्ड का परमाणु मॉडल, बोहर मॉडल, ऊर्जा स्तर, हाइड्रोजन स्पेक्ट्रम, नाभिक की संरचना और आकार, परमाणु द्रव्यमान, समस्थानिक, समदाबी और आइसोटोन्स, रेडियोधर्मिता, अल्फा, बीटा और गामा कण और उनके गुण, रेडियोधर्मी क्षय नियम, द्रव्यमान-ऊर्जा सम्बन्ध, द्रव्यमान क्षति, बन्धन ऊर्जा प्रति न्यूक्लियॉन और द्रव्यमान संख्या के साथ इसकी परिवर्तनशीलता, परमाणु विखण्डन, परमाणु रिएक्टर, परमाणु संलयन।
यूनिट 13: इलेक्ट्रॉनिक उपकरण
अर्द्धचालक, अर्द्धचालक डायोड, डायोड रेगुलेटर की तरह, प्रकाश उर्त्सजक डायोड, फोटो डायोड, सौर सेल और जेनर डायोड, जेनर डायोड एक विभव रेगुलेटर की तरह, संधि ट्रांजिस्टर, ट्राजिस्टर क्रिया, ट्रांजिस्टर की अभिलाक्षणतांयें, ट्रांजिस्टर एक प्रर्वधक और दोलित्र की तरह, संख्या प्रणालीः द्विआधारी, आक्टल, हेक्साडेसिमल, बीसीडी कोड, ग्रे कोड, द्वि अंकी बीजगणित, डी-मॉर्गन का नियम, तर्क परिपथः OR -द्वार, AND द्वार, NOT – द्वार, NAND – द्वार, NOR – द्वार, और XOR – द्वार, अंकीय तकनीकों और अनुप्रयोगों (रजिस्टरों, काउटर, तुलनिन और समान परिपथ), परिचालनात्मक प्रवर्धक और उनके अनुप्रयोग।
यूनिट 14: संचार प्रणाली
संचार प्रणाली के तत्व, संकेतों की बैण्ड चौड़ाई, संचार माध्यम की बैण्ड चौड़ाई, वायुमण्डल में वैद्युत चुम्बकीय तरंगों का प्रसार, आकाश और अतंरिक्ष तरंग प्रसार, मॉडुलन की आवश्यकता, आयाम संग्राहक तरंग का उत्पादन और प्राप्त करना, संगणक और संचार, संचार नेटवर्क की आवश्यकता, इन्टरनेट, बर्ल्ड वाइड वेब, संचार प्रोटोकॉल, लोकल एरिया नेटवर्क ।
यूनिट 15: परमाणु और आणविक भौतिकी
किसी परमाणु में इलेक्ट्रान की क्वांटम स्थिति, इलेक्ट्रॉन स्पिन, हुंड का नियम, पाँली का बहिष्कार सिद्धान्त, स्टर्न-गेर्लाच का प्रयोग, जीमान प्रभाव, पाष्चेन – बैफ प्रभाव और स्टार्क प्रभाव, एक्स-रे स्पेक्ट्रोस्कोपी, लेजर, सहज और उत्तेजित उत्सर्जन, आइंस्टीन के ए और बी गुणांक, प्रकाशिक पंपन, जनसंख्या व्युत्क्रमण, दर समीकरण, अनुनादों के प्रकार और संबद्धता लम्बाई।
यूनिट 16: संघनित पदार्थ भौतिकी
ब्रेवेस जालक, व्युत्क्रम जालक, विवर्तन और संरचना का कारक, ठोस पदार्थों में बन्धन, प्रत्यास्थ गुणधर्म, फोनोन, जालक विशिष्ट ऊष्मा, मुक्त इलेक्ट्रॉन सिद्धान्त और इलेक्ट्रॉन विशिष्ट ऊष्मा, अनुक्रिया और श्रांति की घटनाए, तापीय चालकता का डोड माडल, ठोसों का बन्धन सिद्धान्तः चालक, अर्द्धचालक और कुचालक, अति चालकता ।
यूनिट 17: नाभकीय और कण भौतिकी
मौलिक परमाणु गुण : आकार, आकृति और आवेश वितरण, स्पिन और समता, बन्धन ऊर्जा, सेमि-आनुभाविक संहति सूत्र, द्रव बूंद माडल, नाभिकीय बल की प्रकृति, परमाणु त्वरक और डिटेक्टर, मौलिक कणों का वर्गीकरण, मूल इन्टेरैक्शन्स, प्राथमिक कण और उनकी क्वांटम संख्याएं, सममितता और संरक्षण नियम, लेप्टान और बेरियान संख्याऐं, जेलमान-निशिजीमा सूत्र, क्वार्क मॉडल ।
यूनिट 18: भौतिकी के गणितीय तरीके
सदिश बीजगणित और सदिश कलन, गौस, स्टोक्स और ग्रीन के प्रमेय, आव्यूहः लांबिक, एकात्मक और हेर्मिटियन आव्यूह, आव्यूह के अभिलक्षणिक मान और अभिलक्षणिक सदिश, विशिष्ट फलन (लीजेंड्रे, बेसेल, हर्मिट और लेग्रेरे फलन), प्रदिशः सहपरिवर्ती, प्रतिपरिवर्त और मिश्रित प्रदिश, एपिसलॉन, क्रिस्टोफेल और रिची प्रदिश ।
यूनिट 19 : क्लासीकल यांत्रिकी
डी- अलेम्बर्ट का सिद्धान्त, केन्द्रीय बल गति, केप्लर के समीकरण तथा नियम, कृत्रिम उपग्रह, लैग्रेज और पॉजियन कोष्ठक, विहित रूपान्तरण, हैमिल्टन – जैकोबी समीकरण, कोण क्रियाचर, लैग्रेंजियन और हैमिल्टनियन वैधिकता और गति के समीकरण, सापेक्षता का विशिष्ट सिद्धान्त-लोरेन्ट्र्ज रूपान्तरण, सापेक्षित शुद्धगतिकी और द्रव्यमान-ऊर्जा तुल्यता।
यूनिट 20: ऊष्मागतिकी
ऊष्मागतिकी का शून्य नियम, ऊष्मा, कार्य और आन्तरिक ऊर्जा, ऊष्मागतिकी का पहला व दूसरा नियम, प्रतिवर्ती और अपरिवर्तनीय प्रक्रियाएं, ताप इंजन और रेफ्रिजरेटर, ऊष्मागतिक का तीसरा नियम ।
यूनिट 21: परफेक्ट गैस का व्यवहार और गतिक सिद्धान्त
एक परफेक्ट गैस की स्थिति का समीकरण, गैसों का गतिक सिद्धान्त – मान्यताऐं, दाब की अवधारणा, गतिज ऊर्जा और तापमान, गैस अणुओं की आर. एम. एस. गति, स्वतन्त्रता की कोटि, ऊर्जा के समविभाजन का नियम, गैसों की विशिष्ट ऊष्मा के लिए इसके अनुप्रयोग, मध्यमान मुक्त पथ और आवोगाद्रो संख्या ।
यूनिट 22: दोलन तथा तरंग
आवधिक गति, आवधिक फलन, सरल आवर्त गति और इसके समीकरण, अवस्था (फेज), स्प्रिंग का दोलनः बहालशक्ति और बल नियतांक, सरल आवर्त गति में ऊर्जाः गतिज और स्थितिज ऊर्जाऐं, सरल लोलकः लोलक के समय अवधि के लिए अभिव्यक्ति सूत्र, मुक्त, प्रतिप्रभावित (बलात्) और अवमंदित दोलन, अनुनाद, तरंग गति, अनुदैर्ध्य और अनुप्रस्थ तरंगें, तरंग की गति, एक प्रगतिशील तरंग के लिए विस्थापन संबंध, तरंगों का अध्यारोपण सिद्धान्त, तरंगो का परावर्तन, स्ट्रिंग तथा आर्गन पाइपों में खड़ी तरंगें, मौलिक मोड और हार्मोनिक्स, विस्पन्दन, डाप्लर प्रभाव ।