The internet

इण्टरनेट (The internet)

इण्टरनेट कनेक्शन्स (Internet Connections)

बैण्डविड्थ व कीमत इन दो घटकों के आधार पर ही कौन से इण्टरनेट कनेक्शन को उपयोग में लाना है यह सर्वप्रथम निश्चित किया जाता है। इण्टरनेट की गति बैण्डविड्थ पर निर्भर करती है। इण्टरनेट एक्सेस के लिए कुछ इण्टरनेट कनेक्शन इस प्रकार है।

1. डायल-अप कनेक्शन (Dial-up Connection)

डायल-अप पूर्व उपस्थित टेलीफोन लाइन की सहायता से इण्टरनेट से जुड़ने का एक माध्यम है। जब भी उपयोगकर्ता डायल-अप कनेक्शन को चलाता है, तो पहले मॉडम इण्टरनेट सर्विस प्रोवाइडर (ISP) का फोन नम्बर डायल करता है। जिसे डायल-अप कॉल्स को प्राप्त करने के लिए तैयार किया गया है व फिर आई एस पी (ISP) कनेक्शन स्थापित करता है। जिसमें सामान्य रूप से दस सेकण्ड्स लगते हैं। सामान्यतः शब्द ISP उन कम्पनियों के लिए प्रयोग किया जाता है। जो उपयोगकर्ताओं को इण्टरनेट कनेक्शन प्रदान करती है।

उदाहरण के लिए, कुछ प्रसिद्ध ISP के नाम है – Airtel, BSNL, MTNL, Jio आदि।

2. ब्रॉडबैण्ड कनेक्शन (Broad Band Connection)

ब्रॉडबैण्ड का इस्तेमाल हाई स्पीड इण्टरनेट एक्सेस के लिए सामान्य रूप से होता है। यह इण्टरनेट से जुड़ने के लिए टेलीफोन लाइनों को प्रयोग करता है। ब्रॉडबैण्ड उपयोगकर्ता को डायल-अप कनेक्शन से तीव्र गति पर इण्टरनेट से जुड़ने की सुविधा प्रदान करता है। ब्रॉडबैण्ड में विभिन्न प्रकार की हाई स्पीड संचरण तकनीकें भी सम्मिलित है, जोकि इस प्रकार है

(a) डिजिटल सब्स्क्राइबर लाइन (DSL- Digital Subscriber Line)

यह एक लोकप्रिय ब्रॉडबैण्ड कनेक्शन है, जिसमें इण्टरनेट एक्सेस डिजिटल डेटा को लोकल टेलीफोन नेटवर्क के तारों (ताँबे के) द्वारा संचरित किया जाता है। यह डायल सेवा की तरह, किन्तु उससे अधिक तेज गति से कार्य करता है। इसके लिए DSL मॉडम की आवश्यकता होती है, जिससे टेलीफोन लाइन तथा कम्प्यूटर को जोड़ा जाता है।

(b) केबल मॉडम (Cable Modem)

इसके अन्तर्गत केबल ऑपरेटर्स कोएक्सीयल केबल के माध्यम से इण्टरनेट इत्यादि की सुविधाएँ भी प्रदान कर सकते हैं। इसकी ट्रांसमिशन स्पीड 1.5 Mbps या इससे भी अधिक हो सकती है।

(c) फाइबर ऑप्टिक (Fiber Optic)

फाइबर ऑप्टिक तकनीक वैद्युतीय संकेतों के रूप में उपस्थित डेटा को प्रकाशीय रूप में बदल उस प्रकाश को पारदर्शी ग्लास फाइबर, जिसका व्यास मनुष्य के बाल के लगभग बराबर होता है, के जरिए प्राप्तकर्ता तक भेजता है।

(d) ब्रॉडबैण्ड ऑवर पावर लाइन (Broad Band Over Power Line)

निम्न तथा माध्यम वोल्टेज के इलेक्ट्रिक पावर डिस्ट्रीब्यूशन नेटवर्क पर बॉडबैण्ड कनेक्शन की सर्विस को ब्रॉडबैण्ड ऑवर पॉवर लाइन कहते हैं, यह उन क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है, जहाँ पर पॉवर लाइन के अलावा कोई और माध्यम उपलब्ध नहीं है।
उदाहरण- ग्रामीण क्षेत्र इत्यादि।

3. वायरलेस कनेक्शन (Wireless Connection)

वायरलेस ब्रॉडबैण्ड ग्राहक के स्थान और सर्विस प्रोवाइडर के बीच रेडियो लिंक का प्रयोग कर घर या व्याापर इत्यादि को इण्टरनेट से जोड़ता है। वायरलैस ब्रॉडबैण्ड स्थिर या चलायमान होता है। इसे केबल या मॉडम इत्यादि की आवश्यकता नहीं होती व इसका प्रयोग हम किसी भी क्षेत्र में, जहाँ DSL व केबल इत्यादि नहीं पहुँच सकते, कर सकते हैं।

(a) वायरलैस फिडेलिटी (Wireless Fidelity- WiFi)

यह एक सार्वत्रिक वायरलैस तकनीक है, जिसमें रेडियो आवृत्तियों को डेटा ट्रांसफर करने में प्रयोग किया जाता है। वाई-फाई केबल या तारों के बिना ही उच्च गति से इण्टरनेट सेवा प्रदान करती है। इसका प्रयोग हम रेस्तराँ, कॉफी शॉप, होटल, एयरपोर्टस, कन्वेशन, सेण्टर और सिटी पार्को इत्यादि में कर सकते हैं।

(b) वर्ल्ड वाइड इण्टरऑपरेबिलिटी फॉर माइक्रोवेव एक्सेस (Wimax-World Wide Interoperability for Microwave Access)

वायमैक्स सिस्टम्स आवासीय तथा इण्टरप्राइजेज ग्राहकों को इण्टरनेट की सेवाएँ प्रदान करने के लिए बनाई गई है। यह वायरलेस मैक्स तकनीक पर आधारित है। वायमैक्स मुख्यतः बड़ी दूरियों व ज्यादा उपयोगकर्ता के लिए wi-fi की भाँति, किन्तु उससे भी ज्यादा गति से इण्टरनेट सुविधा प्रदान करने के लिए प्रयुक्त होता है। wi-max को Wimax forum ने बनाया था, जिसकी स्थापना जून, 2001 में हुई थी।

(c) मोबाइल वायरलेस ब्रॉडबैण्ड सर्विसेज (Mobile Wireless Broadband Services)

ब्रॉडबैण्ड सेवाएँ मोबाइल व टेलीफोन सर्विस प्रोवाइडर से भी उपलब्ध है। इस प्रकार की सेवाएँ सामान्य रूप से मोबाइल ग्राहकों के लिए उचित है। इससे प्राप्त होने वाली स्पीड बहुत कम होती है।

(d) सेटेलाइट (Satellite)

सेटेलाइट, टेलीफोन तथा टेलीविजन सेवाओं के लिए आवश्यक लिंक उपलब्ध कराते हैं। इसके साथ ब्रॉडबैण्ड सेवाओं में भी इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

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