गढ़वाली लोक साहित्य (Garhwali folk Literature) गढ़वाली लोक साहित्य का वर्गीकरण लोक गाथा गढ़वाली लोक साहित्य को विशेषकर लोक गाथाओं को डा. गोविन्द चातक ने चार भागों में बाँटा है
1815 में गोरखों को पराजित करने के उपरान्त कम्पनी ने सिगौली की संधि से कुमाऊँ तथा गढ़वाल को ईस्ट इण्डिया कम्पनी द्वारा शासित क्षेत्र के अन्तर्गत ले लिया गया ओर
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