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Daily MCQs – भारत एवं विश्व का भूगोल – 18 February 2025 (Tuesday)

Daily MCQs : भारत एवं विश्व का भूगोल (India and World Geography)
18 February, 2025 (Tuesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पैग्मेलियन पॉइंट भारत का सबसे उत्तरी बिंदु है।
2. सौराष्ट्र और अरुणाचल प्रदेश के बीच देशांतरीय अंतर लगभग 30° है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – भारत 8°4′ उत्तर से 37°6′ उत्तरी अक्षांश और 68°7′ पूर्व से 97°25′ पूर्वी देशांतर तक फैला हुआ है। इस प्रकार इसका अक्षांशीय एवं देशांतरीय विस्तार लगभग तीस डिग्री है। भारत की मुख्य भूमि से दूर, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में देश का सबसे दक्षिणी बिंदु, पैग्मेलियन पॉइंट या इंदिरा पॉइंट 6° 45′ उत्तरी अक्षांश पर स्थित है। कश्मीर में इंदिरा पॉइंट से कन्याकुमारी तक इसकी उत्तर-दक्षिण सीमा 3,214 किमी है जबकि कच्छ के रण से अरुणाचल प्रदेश तक इसकी पूर्व-पश्चिम चौड़ाई 2,933 किमी है। अतः कथन 1 सही नहीं है

भारत का अक्षांशीय विस्तार भूमध्य रेखा और उत्तरी ध्रुव के बीच की कोणीय दूरी का लगभग एक तिहाई है और इसका देशांतरीय विस्तार भूमध्य रेखा की परिधि का लगभग बारहवां हिस्सा है। पश्चिम में सौराष्ट्र और पूर्व में अरुणाचल प्रदेश के बीच अनुदैर्ध्य अंतर लगभग 30° है। पृथ्वी अपनी धुरी पर 24 घंटे में 360° घूमती है। अतः कथन 2 सही है

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कर्क रेखा भारत के कुल7 राज्यों से होकर गुजरती है।
2. भारत का सबसे उत्तरी अक्षांश37°6’E है।
3. केवल दो द्वीप भारत के पड़ोसी देश है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – भारत देश, दक्षिण एशिया में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश में कुल 28 राज्य तथा 8 केंद्र शासित प्रदेश है। दक्षिण में समुद्र पार भारत के दो पड़ोसी द्वीप समूह राष्ट्र श्रीलंका एवं मालद्वीप है।  भारत विश्व के भौगोलिक क्षेत्रफल का 2.4 प्रतिशत है तथा विश्व का सातवाँ बड़ा देश है। यह उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। भारत पृथ्वी के उत्तरी-पूर्वी गोलार्द्ध में 8°4′ से 37°6′ उत्तरी अक्षांश तथा 68°7′ से 97°25 पूर्वी देशान्तर के मध्य स्थित है। अक्षांश और देशांतर का विस्तार लगभग 30° है। परंतु फिर भी पूर्व-पश्चिम का विस्तार उत्तर-दक्षिण के विस्तार की अपेक्षा कम प्रतीत होता है। कर्क रेखा भारत के आठ राज्यों (गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मिजोरम) से होकर गुजरती है। 82°30′ पूर्व देशांतर रेखा को भारत की मानक याम्योत्तर माना गया है जो कि उत्तर प्रदेश में मिर्जापुर से गुजरती है। अक्षांश का प्रभाव दक्षिण से उत्तर की ओर, दिन और रात की अवधि पर पड़ता है। अतः कथन 1 गलत है और कथन 2 सही है

दक्षिण में समुद्र पार हमारे पड़ोसी दो द्वीप समूह राष्ट्र श्रीलंका और मालदीव हैं। भारत और श्रीलंका के बीच में छोटा समुद्री रास्ता पाक जलसंधि तथा मन्नार की खाड़ी है। मालदीव, लक्षद्वीप समूह के दक्षिण में स्थित है। अतः कथन 3 सही है

3. भूमंडलीय तापन के क्या प्रभाव हो सकते हैं?
1. समुद्र के स्तर में वृद्धि
2. ध्रुवीय बर्फ का पिघलना
3. चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – भूमंडलीय तापन के कई संभावित प्रभाव हो सकते हैं, जिनमें शामिल हैं-समुद्र के स्तर में वृद्धि, ध्रुवीय बर्फ का पिघलना, चरम मौसम की घटनाओं में वृद्धि, कृषि उत्पादन में कमी, जैव विविधता में कमी इत्यादि। अतः विकल्प (c) सही उत्तर है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. उत्तरी मैदान जलोढ़ निक्षेपों से बने हैं।
2. प्रायद्वीपीय पठार आग्नेय तथा रूपांतरित शैलों वाली कम ऊँची पहाड़ियों एवं चौड़ी घाटियों से बना है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – भारत की भूमि बहुत अधिक भौतिक विभिन्नताओं को दर्शाती है। भूगर्भीय तौर पर प्रायद्वीपीय पठार पृथ्वी की सतह का प्राचीनतम भाग है। इसे भूमि का एक बहुत ही स्थिर भाग माना जाता था। परंतु हाल के भूकंपों ने इसे गलत साबित किया है। हिमालय एवं उत्तरी मैदान हाल में बनी स्थालाकृतियाँ हैं। भूगर्भ वैज्ञानिकों के अनुसार हिमालय पर्वत एक अस्थिर भाग है। हिमालय की पूरी पर्वत श्रृंखला एक युवा स्थलाकृति को दर्शाती है। जिसमें ऊँचे शिखर, गहरी घाटियाँ तथा तीव्र तेज बहने वाली नदियाँ है। भारत के उत्तरी मैदान सिंधु, गंगा और ब्रह्मपुत्र नदियों और उनकी सहायक नदियों के द्वारा लाए गए जलोढ़ निक्षेपों से बने हैं। अतः कथन 1 सही है

प्रायद्वीपीय पठार, भारत का प्राचीन भूभाग है। यह पठार त्रिकोणीय है और उत्तर में चौड़ा है। कन्याकुमारी के पास पहुंचने पर यह दक्षिण में संकीर्ण हो जाता है। प्रायद्वीपीय पठार, पश्चिम में अरावली पर्वतमाला से लेकर पूर्व में छोटा नागपुर पठार तक फैला हुआ है। प्रायद्वीपीय पठार, आग्नेय और रूपांतरित कठोर क्रिस्टलीय चट्टानों से बना है। इसका निर्माण गोंडवाना भूमि के टूटने और खिसकने से हुआ।  यह पठार, चौड़ी और उथली घाटियों और गोलाकार पहाड़ियों से बना है। अतः कथन 2 सही है

5. भारत की भौगोलिक आकृतियों को निम्नलिखित वर्गों में विभाजित किया जा सकता है:
1. हिमालय पर्वत शृंखला
2. दक्षिणी मैदान
3. तटीय मैदान
उपर्युक्त में से कितने सही सुमेलित हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – भारत की भौगोलिक आकृतियों को कुल छह भागों में विभाजित गया है: हिमालय पर्वत शृंखला, उत्तरी मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, भारतीय मरुस्थल, तटीय मैदान और द्वीप समूह। भारत की उत्तरी सीमा पर विस्तृत हिमालय भूगर्भीय रूप से युवा एवं बनावट के दृष्टिकोण से वलित पर्वत शृंखला है। ये पर्वत शृंखलाएँ  पश्चिम-पूर्व दिशा में सिंधु से लेकर ब्रह्मपुत्रा तक फैली हैं। इसमें हिमालय के सभी मुख्य शिखर हैं। हिमालय के कुछ ऊँचे शिखर माउंट एवरेस्ट (नेपाल), कंचनजुंगा (भारत), मकालु (नेपाल), धौलागिरि (नेपाल), नंगा पर्वत (भारत), अन्नपूर्णा (नेपाल), नंदादेवी (भारत), कामेट (भारत), नामचा बरुआ (भारत) और गुरुला मंधाता (नेपाल)। उत्तरी मैदान तीन प्रमुख नदी प्रणालियों- सिंधु,  गंगा एवं ब्रह्मपुत्रा तथा इनकी सहायक नदियों से बना है। यह मैदान जलोढ़ मृदा से बना है। प्रायद्वीपीय पठार के किनारों संकीर्ण तटीय पट्टियों का विस्तार है। यह पश्चिम में अरब सागर से लेकर पूर्व में बंगाल की खाड़ी तक विस्तृत है। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है

 

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 17 February 2025 (Monday)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
17 February, 2025 (Monday)

1. 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के मामलों को नियंत्रित और विनियमित करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा उठाया गया पहला कदम था।

2. इसने बंगाल के राज्यपाल को ‘भारत के गवर्नर-जनरल’ के रूप में नामित किया और उन्हें प्रमुख कार्यकारी शक्तियाँ प्रदान कीं।
3. इसने कलकत्ता प्रेसीडेंसी में एक सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना का प्रावधान किया।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – यह अधिनियम संवैधानिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के संचालन को नियंत्रित और विनियमित करने के लिए ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई पहली कार्रवाई थी; इसने पहली बार कंपनी के राजनीतिक और प्रशासनिक कार्यों को भी मान्यता दी; और इसने भारत में केंद्रीय प्रशासन के लिए रूपरेखा स्थापित की। बंगाल के गवर्नर का समर्थन करने के लिए, इसने चार सदस्यों वाली एक कार्यकारी परिषद की स्थापना की और उसे “बंगाल का गवर्नर-जनरल” नाम दिया। 1773 के रेगुलेटिंग एक्ट के माध्यम से नियुक्त लॉर्ड वारेन हेस्टिंग्स बंगाल के प्रथम गवर्नर जनरल थे। । इस ऐक्ट से कलकत्ता में सर्वोच्च न्यायालय की स्थापना का प्रावधान किया गया । अतः कथन 2 सही नहीं है

2. ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ ने संवैधानिक संरचना के मूल सिद्धांतों और दर्शन को निर्धारित किया।

2. यह प्रस्ताव संविधान सभा द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – दिसंबर, 1946 में जवाहरलाल नेहरू ने विधानसभा में ऐतिहासिक ‘उद्देश्य प्रस्ताव’ प्रस्तुत किया। इसने संवैधानिक संरचना के मूल सिद्धांतों और दर्शन को निर्धारित किया। इसमें संप्रभुता, गणतंत्र, मौलिक अधिकार, निदेशक सिद्धांत, अहस्तक्षेप आदि के प्रमुख मूल्य और आदर्श शामिल थे। इसने अल्पसंख्यकों, पिछड़े और आदिवासी क्षेत्रों, दलित तथा अन्य पिछड़े वर्गों के लिए पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की। इस प्रस्ताव को 22 जनवरी, 1947 को विधानसभा द्वारा सर्वसम्मति से अपनाया गया था। इसने इसके बाद के सभी चरणों के माध्यम से संविधान के अंतिम आकार को प्रभावित किया। इसका संशोधित संस्करण वर्तमान संविधान की प्रस्तावना है। अतः दोनों कथन सही हैं

3. चार्टर अधिनियम, 1813 के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इस अधिनियम द्वारा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार (चाय और चीन के साथ व्यापार पर एकाधिकार बना रहा) समाप्त कर दिया गया।

2. इस अधिनियम में भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए प्रति वर्ष एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया।
3. भारत का राजस्व ब्रिटिश संसद के नियंत्रण में आ गया।
उपर्युक्त में से कौन सा कथन सही है?
(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2 और 3

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – चार्टर एक्ट, 1813 द्वारा ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी का व्यापारिक एकाधिकार (चाय और चीन के व्यापार पर एकाधिकार बना रहा) समाप्त कर दिया गया। साथ ही, इस अधिनियम के माध्यम से कंपनी के नियंत्रण वाले भारतीय क्षेत्रों पर ब्रिटिश क्राउन की संप्रभुता भी मजबूत हो गई। अतः कथन 1 सही है। इस अधिनियम में भारत में शिक्षा के प्रसार के लिए प्रति वर्ष एक लाख रुपये का प्रावधान किया गया। 1823 में सार्वजनिक शिक्षण की सामान्य समिति का गठन किया गया, जिसकी जिम्मेदारी में शिक्षा के लिए एक लाख रुपये देने का प्रावधान था। अतः कथन 2 भी सही है। 1858 ई. के अधिनियम द्वारा भारत का राजस्व ब्रिटिश संसद के सीधे नियंत्रण में ला दिया गया। अतः कथन 3 सही नहीं है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कानून के समक्ष समानता

2. भेदभाव के विरुद्ध अधिकार
3. चुनाव लड़ने का अधिकार
4. देश में स्वतंत्र रूप से घूमने की आजादी
उपर्युक्त में से कौन सा अधिकार भारत में सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध नहीं हैं?
(a)केवल 1, 2 और 4

(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2, 3 और 4
(d) केवल 1, 2 और 3

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – संविधान के अनुच्छेद 14 में उल्लिखित कानून के समक्ष समानता का अधिकार भारत में नागरिकों सहित सभी व्यक्तियों को उपलब्ध है। अतः कथन 1 सही नहीं है। विचाराधीन अन्य तीन अधिकार केवल भारतीय नागरिकों के लिए उपलब्ध हैं।

5. गांधीवादी सिद्धांतों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए, जो राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में परिलक्षित हैं:
1. ग्राम पंचायतों का एकीकरण

2. समान नागरिक संहिता
3. ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना।
4. अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति तथा समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षिक एवं आर्थिक हितों को बढ़ावा देना।
उपर्युक्त में से कितने सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – गांधीवादी दर्शन पर आधारित डीपीएसपी इस प्रकार हैं- ग्राम पंचायतों का संगठन (अनुच्छेद 40), ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देना (अनुच्छेद 43), अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति और समाज के कमजोर वर्गों के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा देना (अनुच्छेद 46), राज्य को पोषण स्तर और जीवन स्तर को ऊपर उठाने का निर्देश है (अनुच्छेद 47), गायों और बछड़ों और अन्य दुधारू जानवरों के वध और उनकी नस्लों में सुधार पर प्रतिबंध (अनुच्छेद 48) जबकि समान नागरिक संहिता (अनुच्छेद 44) के उदारवादी सिद्धांत अंतर्गत आता है। अतः कथन 2 सही नहीं है

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 15 February 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
15 February, 2025 (Saturday)

1. ‘आर्द्रभूमि’ के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. आर्द्रभूमि स्थायी या मौसम के अनुरूप जल से संतृप्त भूमि क्षेत्र है,यह अपने स्वयं के अनूठे पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताओं को विकसित करता है।
2. अष्टमुडी आर्द्रभूमि को रामसर कन्वेंशन के तहत अंतरराष्ट्रीय महत्व की पहली भारतीय आर्द्रभूमि के रूप में नामित किया गया था।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A)

व्याख्या – आर्द्रभूमि एक भूमि क्षेत्र है जो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से पानी से संतृप्त होता है, जिससे यह अपने स्वयं के अनूठे पारिस्थितिकी तंत्र की विशेषताओं को विकसित करता है। आर्द्रभूमियाँ आम तौर पर जलीय मिट्टी की बनी होती हैं, जो जलीय पौधों को सहारा देती हैं। अतः कथन 1 सही है

चिल्का झील को रामसर कन्वेंशन के तहत वर्ष 1981 में अंतर्राष्ट्रीय महत्व की पहली भारतीय आर्द्रभूमि नामित किया गया था। केरल के कोल्लम जिले स्थित अष्टमुडी झील, दूसरी सबसे बड़ी और गहरी आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी तंत्र है। इसे 19 अगस्त, 2002 को रामसर कन्वेंशन द्वारा परिभाषित अंतर्राष्ट्रीय महत्व की आर्द्रभूमि की सूची में शामिल किया गया था। अतः कथन 2 सही नहीं है

2. निम्नलिखित जानवरों पर विचार कीजिए:
1. ज़ेबरा
2. काला हिरण
3. कंगारू चूहा
4. सींग वाला टोड
5. ऊँट
उपर्युक्त जानवरों में से कौन सा/से मरुस्थलीय परिस्थितियों के लिए अनुकूलित नहीं है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 1 और 2
(C) केवल 2, 3 और 4
(D) केवल 3, 4 और 5

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उत्तर – (B)

व्याख्या – कंगारू चूहा, सींग वाला टोड और ऊँट मरुस्थलीय जीवन के लिए अनुकूलित हैं, जबकि ज़ेबरा और काला हिरण मरुस्थलीय जीवन के लिए अनुकूलित नहीं हैं।

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कार्बन डाइऑक्साइड सौर विकिरण के लिए पारदर्शी जबकि पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है।
2. ओजोन एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है,जो सूर्य द्वारा उत्सर्जित पराबैंगनी प्रकाश को अवशोषित करता है।
3. जलवाष्प एक कंबल की तरह कार्य करता है,जो पृथ्वी को बहुत गर्म या बहुत ठंडा नहीं होने देता है।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

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उत्तर – (D)

व्याख्या – कार्बन डाई आक्साइड मौसम विज्ञान की दृष्टि से एक बहुत ही प्रभावकारी गैस है, यह सौर विकिरण के लिए पारदर्शी जबकि पार्थिव विकिरण के लिए अपारदर्शी है। यह स्थलीय विकिरण के एक भाग को अवशोषित करता है और उसके कुछ भाग को वापस पृथ्वी की सतह की ओर परावर्तित कर देता है। ओजोन वायुमंडल का एक अन्य महत्वपूर्ण घटक है जो पृथ्वी की सतह से 10 से 50 किमी ऊपर स्थित है तथा एक फिल्टर के रूप में कार्य करता है, यह सूर्य से आने वाली पराबैंगनी किरणों को अवशोषित करता है। जलवाष्प वायुमंडल में एक परिवर्तनशील गैस है, जो ऊंचाई के साथ घटती जाती है। यह सूर्य से निकलने वाले सूर्यातप का कुछ भाग अवशोषित करता है और पृथ्वी की विकिरणित गर्मी को संरक्षित करता है। इस प्रकार, यह एक कंबल की तरह कार्य करता है जिससे पृथ्वी न तो अधिक ठंडी होती है और न ही अधिक गर्म। जलवाष्प हवा में स्थिरता और अस्थिरता में योगदान देता है। अतः सभी कथन सही हैं

4. एक ‘बायोम’ को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है:
(A) विशिष्ट परिस्थितियों में परस्पर क्रिया करने वाले पौधों और जानवरों की प्रजातियों का कुल संयोजन।
(B) नियंत्रित वातावरण में पौधे उगाने की तकनीक।
(C) जीव और उनके पर्यावरण के बीच संबंध।
(D) पर्यावरण पर पौधों और जानवरों का प्रभाव।

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उत्तर – (A)

व्याख्या – पारिस्थितिकी तंत्र दो प्रमुख प्रकार के होते हैं: स्थलीय और जलीय। स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र को आगे ‘बायोम’ में वर्गीकृत किया जा सकता है। बायोम भौगोलिक रूप से वितरित पौधों और पशुओं का समुदाय है। भूमि पर विभिन्न बायोम की सीमाएँ मुख्य रूप से जलवायु से निर्धारित होती हैं। अतः, बायोम को विशिष्ट परिस्थितियों में परस्पर क्रिया करने वाले पौधों और जानवरों की प्रजातियों के कुल संयोजन के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। इनमें वर्षा, तापमान, आर्द्रता और मिट्टी की स्थिति शामिल होती  है। विश्व के कुछ प्रमुख बायोम हैं: वन घास के मैदान, रेगिस्तान और टुंड्रा बायोम। अतः विकल्प (a) सही है

5. भारत सरकार लुप्तप्राय और संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा और संरक्षण हेतु विशेष उपाय करती है। निम्नलिखित में से कौन से बाह्य–स्थाने संरक्षण के उदाहरण हैं?
1. जेनेटिक इंजीनियरिंग
2. बीज बैंक
3. वानस्पतिक उद्यान
4. पराग बैंक
5. वन्यजीव अभ्यारण्य
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1 और 5
(B) केवल 2, 3 और 4
(C) केवल 1, 2, 3 और 4
(D) 1, 2, 3, 4 और 5

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उत्तर – (C)

व्याख्या – वन्यजीव अभयारण्यों को छोड़कर सभी पूर्व-स्थिति संरक्षण के उदाहरण हैं। वन्यजीव अभयारण्य राष्ट्रीय उद्यान, बायोस्फीयर रिजर्व, विश्व धरोहर स्थलों, सांस्कृतिक परिदृश्य आदि के साथ इन-सीटू संरक्षण से संबंधित हैं।

 

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 14 February 2025 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
14 February, 2025 (Friday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पहली पीढ़ी की जीएम फसलों में हर्बिसाइड-प्रतिरोधी फसलों और कीट प्रतिरोधी फसलों जैसे लक्षणों में सुधार हुआ है।
2. दूसरी पीढ़ी की जीएम फसलों में उच्च गुणवत्ता वाले गुण शामिल हैं,जैसे उच्च पोषक तत्व।
3. गोल्डन राइस एक जीएम फसल है जो विटामिनA की कमी को दूर करने के लिए बायोफोर्टिफाइड है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B)
केवल दो
(C)
सभी तीन
(D)
कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – प्लांट जेनेटिक इंजीनियरिंग के तरीकों को 30 साल पहले विकसित किया गया था, और तब से, आनुवंशिक रूप से संशोधित (जीएम) फसलें या ट्रांसजेनिक फसलें व्यावसायिक रूप से उपलब्ध हो गई हैं और कई देशों में व्यापक रूप से अपनाई गई हैं। पहली पीढ़ी की जीएम फसलों में हर्बिसाइड-प्रतिरोधी फसलों (सोयाबीन और मक्का), कीट प्रतिरोध (कपास और मक्का) जैसे गुणों में सुधार हुआ है। दूसरी पीढ़ी की जीएम फसलों में उच्च गुणवत्ता वाले गुण शामिल हैं, जैसे उच्च पोषक तत्व। “गोल्डन राइस,” सबसे पहली जीएम फसलों में से एक है, जिसे विटामिन ए की कमी को दूर करने के लिए बायोफोर्टिफाइड किया गया है। अन्य बायोफोर्टिफिकेशन परियोजनाओं में उन्नत खनिजों और विटामिनों के साथ मकई, ज्वार, कसावा और केले के पौधे शामिल हैं। पौधों के विषाणुओं या कवक को दूर करने के लिए फसलों को भी संशोधित किया जा सकता है। अतः सभी कथन सही हैं

2. आरएनए हस्तक्षेप’ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. यह एक जीन साइलेंसिंग तकनीक है जो कोशिका में जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करती है।
2. इसपर आधारित दवाओं के माध्यम से लोगों के कोलेस्ट्रॉल में के स्तर में कमी लाई जा सकती है।
3. यह तकनीक आनुवंशिक परिवर्तन के लिए उपयोगी उपकरण नहीं है।
4. इसका उपयोग जीवाणु रोगों,के इलाज के लिए किया जा सकता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B)
केवल दो
(C)
केवल तीन
(D)
सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – आरएनए हस्तक्षेप एक जीन साइलेंसिंग तकनीक है जो कोशिका में जीन अभिव्यक्ति को नियंत्रित करती है। इसका उपयोग विभिन्न रोगों के इलाज के लिए किया जा रहा है, जिनमें कैंसर, वायरल संक्रमण, और हृदय रोग शामिल हैं। अतः कथन 1 सही है

आरएनए हस्तक्षेप पर आधारित दवाओं के माध्यम से लोगों के कोलेस्ट्रॉल में के स्तर में कमी लाई जा सकती है। उदाहरण के लिए, जीन साइलेंसिंग तकनीक का उपयोग करके, एथेरोस्क्लेरोसिस के इलाज के लिए एक दवा विकसित की गई है। यह दवा एक प्रकार के माइक्रोआरएनए का उपयोग करती है जो एथेरोस्क्लेरोसिस के लिए जिम्मेदार जीन की अभिव्यक्ति को रोकता है।अतः कथन 2 सही है

आरएनए हस्तक्षेप तकनीक का उपयोग आनुवंशिक परिवर्तन के लिए भी किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, आरएनए हस्तक्षेप का उपयोग करके, कैंसर कोशिकाओं में उत्परिवर्तन उत्पन्न किया जा सकता है जो उन्हें मरने के लिए प्रेरित करते हैं। अतः कथन 3 सही नहीं है

आरएनए हस्तक्षेप का उपयोग जीवाणु रोगों, के इलाज के लिए किया जा रहा है। उदाहरण के लिए, आरएनए हस्तक्षेप का उपयोग जीवाणुओं में एंटीबायोटिक प्रतिरोध के विकास को रोकने के लिए किया जा सकता है। अतः कथन 4 सही है

3. माइटोकॉन्ड्रिया के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार किजिए:
1. लोकप्रिय रूप से कोशिका के ‘पावर हाउस’के रूप में जाना जाता है और यह कोशिकीय श्वसन का श्वसन स्थल है।
2. एक बच्चे को माइटोकॉन्ड्रियल रोग पूरी तरह से मां से विरासत में मिलते हैं न कि पिता से।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C)

व्याख्या – माइटोकॉन्ड्रिया कोशिका द्रव्य में पाए जाने वाले बेलनाकार, छड़ के आकार या गोलाकार संरचनाएं हैं। यह कोशिकीय श्वसन का श्वसन स्थल है। इसे कोशिका का ‘पावर हाउस’ भी कहा जाता है। अतः कथन 1 सही है

माइटोकॉन्ड्रिया वह अंग है जिसमें गोलाकार रूप में डीएनए होता है, और जानवरों में, यह नाभिक के अलावा एकमात्र अंग होता है जिसमें डीएनए और जीन होते हैं। शुक्राणु में बहुत कम संख्या में माइटोकॉन्ड्रिया और माइटोकॉन्ड्रियल जीन होते हैं। संतान में, माइटोकॉन्ड्रियल जीन मां से विरासत में मिलते हैं, इस प्रकार, माइटोकॉन्ड्रियल जीन दोष वाला पिता अपनी संतानों को रोग नहीं पहुंचा सकता है। अतः कथन 2 सही है

4. निम्नलिखितपर विचार कीजिए:
1. अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण,
2. उच्च कक्षीय उपग्रह प्रक्षेपण,
3. भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण
4. रॉकेट प्रक्षेपण वाहन,
5. पनडुब्बियां
6. बिजली उत्पादन
उपर्युक्त में से कितने में क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग किया जा सकता है?
(A) केवल दो
(B) केवल तीन
(C) केवल पाँच
(D) सभी छह

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उत्तर – (D)

व्याख्या – क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग तब किया जाता है जब उच्च मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, जैसे कि अंतरिक्ष यान या रॉकेट प्रक्षेपण के लिए।

  • अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण: अंतरिक्ष यान को पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकालने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। क्रायोजेनिक इंजन द्रवित हाइड्रोजन और ऑक्सीजन का उपयोग करके उच्च थ्रस्ट प्रदान करते हैं, जो अंतरिक्ष यान को आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने में सक्षम बनाते हैं।
  • उच्च कक्षीय उपग्रह प्रक्षेपण: उच्च कक्षीय उपग्रहों को पृथ्वी के वायुमंडल से ऊपर उठाने के लिए भी उच्च ऊर्जा की आवश्यकता होती है। क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग इन उपग्रहों को प्रक्षेपित करने के लिए किया जाता है।
  • भू-स्थिर उपग्रह प्रक्षेपण: भू-स्थिर उपग्रहों को पृथ्वी के चारों ओर एक स्थिर कक्षा में रखने के लिए बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है। क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग इन उपग्रहों को प्रक्षेपित करने और उन्हें स्थिर कक्षा में रखने के लिए भी किया जाता है।
  • रॉकेट प्रक्षेपण वाहन: रॉकेट प्रक्षेपण वाहन बड़े उपग्रहों या अंतरिक्ष यान को प्रक्षेपित करने के लिए उपयोग किए जाते हैं। क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग इन वाहनों को प्रक्षेपित करने के लिए किया जाता है।
  • पनडुब्बियां: पनडुब्बियों को पानी के नीचे लंबे समय तक रहने के लिए आवश्यक ऊर्जा प्रदान करने के लिए क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग किया जा सकता है।
  • बिजली उत्पादन: क्रायोजेनिक इंजन का उपयोग बिजली उत्पादन के लिए भी किया जा सकता है। हालांकि, यह अभी भी एक विकासशील क्षेत्र है।

 

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह मशीन को पिछले डेटा से स्वायत्त रूप से सीखने की अनुमति देता है।
2. यह पूर्वानुमानित मॉडल तैयार करने के लिए स्व-शिक्षण एल्गोरिदम का उपयोग करता है।
3. नया डेटा दिए जाने परयह सिस्टम सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करके स्वयं को सही कर सकता है।
उपरोक्त कथन निम्नलिखित में से किसकी सही व्याख्या है?
(A) मशीन लर्निंग
(B) क्वांटम कंप्यूटिंग
(C) स्वायत्त रोबोटिक्स
(D) उपर्युक्त में से कोई नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – मशीन लर्निंग एक प्रकार का कृत्रिम बुद्धिमत्ता है जो मशीनों को पिछले डेटा से सीखने और पूर्वानुमानित मॉडल तैयार करने की अनुमति देता है। नया डेटा दिए जाने पर, मशीन लर्निंग सिस्टम सांख्यिकीय मॉडल का उपयोग करके स्वयं को सही कर सकता है।

Daily MCQs – अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकास – 13 February 2025 (Thursday)

Daily MCQs : अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकास (Economy and Social Development)
13 February, 2025 (Thursday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन-I: सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) एक निश्चित अवधि में किसी देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापता है।
कथन-II: जीडीपी की गणना व्यय विधि, आय विधि या उत्पादन विधि का उपयोग करके की जाती है।
उपर्युक्त कथनों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(A) कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं और कथन-II कथन-I की सही व्याख्या है।
(B)
कथन-I और कथन-II दोनों सही हैं, लेकिन कथन-II कथन-I की सही व्याख्या नहीं है।
(C) 
कथन-I सही है, लेकिन कथन-II गलत है।
(D)
कथन-I गलत है, लेकिन कथन-II सही है।

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उत्तर – (B)

व्याख्या – जीडीपी वास्तव में एक विशिष्ट अवधि के दौरान देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं के कुल बाजार मूल्य को मापता है। यह देश के भीतर समग्र आर्थिक गतिविधि को दर्शाता है। अतः कथन-I सही है

जीडीपी की गणना के लिए तीन मुख्य दृष्टिकोण हैं:

  • व्यय दृष्टिकोण: देश के भीतर घरों, व्यवसायों और सरकार द्वारा किए गए वस्तुओं और सेवाओं पर अंतिम व्यय को जोड़कर सकल घरेलू उत्पाद को मापता है।
  • आय दृष्टिकोण: उत्पादन प्रक्रिया में उपयोग किए जाने वाले श्रम, पूंजी और भूमि जैसे उत्पादन के कारकों द्वारा अर्जित आय को जोड़कर सकल घरेलू उत्पाद को मापता है।
  • उत्पादन दृष्टिकोण: देश के भीतर विभिन्न उद्योगों द्वारा उत्पादन के प्रत्येक चरण में जोड़े गए मूल्य को जोड़कर सकल घरेलू उत्पाद को मापता है।

अतः दोनों कथन सही हैंलेकिन कथन-II कथन-I का विस्तृत विवरण प्रदान नहीं करता है, क्योंकि कथन-I जीडीपी की परिभाषा है और कथन-II इसे मापने की विधि है।

2. इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज (इंडिया INX) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (IFSC)में स्थित है।
2. यह अंतरराष्ट्रीय निवेशकों को दुनिया भर में कहीं से भी व्यापार करने की अनुमति देता है।
3. एक्सचेंज कम सुरक्षा लेनदेन करों के मामले में अन्य भारतीय एक्सचेंजों के मुकाबले प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करता है।
4. यह दिन में चौबीस घंटे संचालित होने वाला दुनिया का पहला एक्सचेंज है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) केवल तीन
(D) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – India-INX, IFSC गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंशियल टेक (GIFT) सिटी, गांधीनगर में भारत का पहला अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज है। यह अपने वैश्विक एक्सचेंज के माध्यम से बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। यह 4 माइक्रो सेकंड के टर्न-अराउंड समय के साथ दुनिया के सबसे उन्नत और सबसे तेज़ ट्रेडिंग प्रौद्योगिकी प्लेटफार्मों में से एक है। यह इक्विटी डेरिवेटिव, मुद्रा डेरिवेटिव, इंडेक्स और स्टॉक सहित कमोडिटी डेरिवेटिव में कारोबार करता है। यह डिपॉजिटरी रसीदें और बांड भी प्रदान करता है। इसका दृष्टिकोण “प्रौद्योगिकी, उत्पाद नवाचार और ग्राहक सेवा में सर्वोत्तम श्रेणी के वैश्विक अभ्यास के साथ अग्रणी अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज के रूप में उभरना है।” अतः कथन 1 और 2 सही हैं

सिटी में स्थित एक्सचेंज , कर संरचना और सहायक नियामक ढांचे के संदर्भ में प्रतिस्पर्धात्मक लाभ प्रदान करता है। इनमें सुरक्षा लेनदेन कर, वस्तु लेनदेन कर, लाभांश वितरण कर और दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ कर छूट और कोई आयकर नहीं शामिल हैं। अतः कथन 3 सही है

अंतर्राष्ट्रीय व्यापार समय का पालन करते हुए, यह अनूठा स्टॉक एक्सचेंज जापानी स्टॉक एक्सचेंज में व्यापार शुरू होने पर शुरू होगा, और सूर्योदय से सूर्यास्त तक अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज बंद होने पर समाप्त होगा। इसलिए , यह दिन में 22 घंटे संचालित होता है जिससे अंतरराष्ट्रीय निवेशकों और एनआरआई को दुनिया भर में कहीं से भी व्यापार करने की अनुमति मिलती है। अतः कथन 4 सही नहीं है

3. स्टेबलकॉइन्स के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. वे क्रिप्टो मुद्राएं हैं जो फ़िएट मुद्रा या कमोडिटी जैसी आरक्षित संपत्ति द्वारा समर्थित हैं।
2. बिटकॉइन के विपरीत,इन्हें ऋण प्राप्त करने के लिए संपार्श्विक के रूप में उपयोग नहीं किया जा सकता है।
3. उनका मूल्य संपार्श्विक संपत्ति रखने वाली कंपनी में लोगों के भरोसे पर आधारित है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा सही है?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

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उत्तर – (C)

व्याख्या – स्टेबलकॉइन्स क्रिप्टो मुद्राएं हैं जो फिएट करेंसी या कमोडिटी जैसी आरक्षित संपत्ति द्वारा समर्थित हैं। उनका मूल्य संपार्श्विक संपत्ति रखने वाली कंपनी में लोगों के भरोसे पर आधारित है। अतः कथन 1 और 3 सही हैं

बिटकॉइन और स्टेबलकॉइन दोनों ऋण प्राप्त करने के लिए संपार्श्विक के रूप में उपयोग किया जा सकता है । स्टेबलकॉइन का उपयोग करके , ऋणदाता स्मार्ट अनुबंधों की कम परिचालन लागत से जुड़े उच्च रिटर्न का उपयोग कर सकते हैं, और उधारकर्ता कम ब्याज दरों के साथ ऋण प्राप्त करने के लिए उचित स्टेबलकॉइन संपार्श्विक पोस्ट कर सकते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

 

4. प्रति व्यक्ति आय के संदर्भ में, निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. इसकी गणना राष्ट्रीय आय को कुल जनसंख्या से विभाजित करके की जाती है।
2. यह किसी देश में प्रति व्यक्ति अर्जित औसत आय को दर्शाता है।
3. यह आर्थिक खुशहाली का माप है लेकिन आय वितरण को ध्यान में नहीं रखता है।
4. उच्च प्रति व्यक्ति आय हमेशा धन के समान वितरण का संकेत देती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) केवल तीन
(D) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – प्रति व्यक्ति आय की गणना वास्तव में किसी देश की कुल राष्ट्रीय आय को उसकी कुल जनसंख्या से विभाजित करके की जाती है। यह देश में प्रत्येक व्यक्ति की औसत आय का आंकड़ा देता है। अतः, कथन 1 सही है

प्रति व्यक्ति आय को किसी देश में प्रति व्यक्ति अर्जित औसत आय के प्रतिबिंब के रूप में देखा जा सकता है। हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि यह केवल एक औसत है और प्रत्येक व्यक्ति की आय का प्रतिनिधित्व नहीं करता है। अतः कथन 2 सही है

प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय स्तर पर आर्थिक खुशहाली का माप है। यह किसी देश की समग्र आर्थिक समृद्धि को दर्शाता है। हालाँकि, यह जनसंख्या के भीतर आय के वितरण के बारे में कोई जानकारी प्रदान नहीं करता है। उच्च प्रति व्यक्ति आय अमीर और गरीब के बीच एक बड़े अंतर के साथ-साथ मौजूद हो सकती है। अतः कथन 3 सही है

उच्च प्रति व्यक्ति आय हमेशा धन के समान वितरण का संकेत नहीं देती है। किसी देश में उच्च औसत आय होना संभव है, जबकि धन कुछ व्यक्तियों के हाथों में केंद्रित है, जिससे अधिकांश आबादी काफी कम आय के साथ रह जाती है। इससे धन का असमान वितरण होता है। अतः कथन 4 सही नहीं है

 

5. निम्नलिखित घटकों पर विचार कीजिए:
1. नई मशीनरी और उपकरण की खरीद
2. नये भवनों एवं संरचनाओं का निर्माण
3. अनुसंधान एवं विकास व्यय
4. भंडार में वृद्धि
5. भूमि की खरीद
उपर्युक्त में से कितने घटक आम तौर पर सकल स्थिर पूंजी निर्माण ( जीएफसीएफ) में शामिल होते हैं?
(A) केवल दो
(B) केवल तीन
(C)
केवल चार
(D) केवल पाँच

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उत्तर – (B)

व्याख्या – जीएफसीएफ में शामिल:

  • नई मशीनरी और उपकरणों की खरीद: यह सीधे तौर पर किसी अर्थव्यवस्था की उत्पादक क्षमता में इजाफा करता है।
  • नई इमारतों और संरचनाओं का निर्माण: यह भौतिक बुनियादी ढांचे का विस्तार करता है और भविष्य की उत्पादन क्षमता में योगदान देता है ।
  • अनुसंधान और विकास व्यय: इससे नवीन प्रौद्योगिकियों और बेहतर उत्पादन प्रक्रियाओं को बढ़ावा मिल सकता है।

जीएफसीएफ में शामिल नहीं:

  • इन्वेंट्री में वृद्धि: वस्तुओं के मौजूदा स्टॉक में वृद्धि उत्पादक परिसंपत्तियों में नए निवेश का प्रतिनिधित्व नहीं करती है।
  • भूमि की खरीद: राष्ट्रीय खातों में भूमि को स्वयं उत्पादित संपत्ति नहीं माना जाता है, और इसकी खरीद से उत्पादन क्षमता में वृद्धि नहीं होती है।

 

Daily MCQs – इतिहास एवं कला-संस्कृति – 12 February 2025 (Wednesday)

Daily MCQs : इतिहास एवं कला-संस्कृति (History and Art & Culture)
12 February, 2025 (Wednesday)

1. चतुर्थ बौद्ध संगीति के संबंध में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसका आयोजन कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में वैशाली में किया गया था।
2. इसकी अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने थे।
3. इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया था।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(A) केवल एक
(B)
केवल दो
(C)
सभी तीन
(D)
कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – महात्मा बुद्ध के परिनिर्वाण के अल्प समय के पश्चात से ही उनके उपदेशों को संगृहीत करने, उनका पाठ करने आदि के उद्देश्य से संगीति की प्रथा चल पड़ी थी। इन्हें धम्म संगीति कहा जाता है। बौद्ध परंपरा के अनुसार परिनिर्वाण के बाद राजगृह में प्रथम बौद्ध संगीति हुई थी। दूसरी बौद्ध संगीति वैशाली में हुई। महावंस के अनुसार उस समय मगध का राजा कालाशोक था। तीसरी बौद्ध संगीति अशोक के संरक्षण में पाटलिपुत्र में आयोजित की गई थी। चतुर्थ बौद्ध संगीति का आयोजन कुषाण शासक कनिष्क के राज्यकाल में कश्मीर के कुंडलवन में हुई, न कि पाटलिपुत्र में। अतः कथन 1 सही नहीं है।

चतुर्थ बौद्ध संगीति की अध्यक्षता वसुमित्र ने की तथा अश्वघोष इसके उपाध्यक्ष बने। इस सभा में महासांघिक का वर्चस्व था। यहां बौद्ध ग्रंथों के कठिन अंशों पर सम्यक विचार किया गया तथा प्रत्येक पिटक पर भाष्य लिखकर उन्हें ‘विभाषाशास्त्र’ नामक टीकाओं में संकलित कर दिया गया। इसी समय बौद्ध धर्म हीनयान एवं महायान नामक दो स्पष्ट संप्रदायों में विभक्त हो गया। अतः कथन 2 तथा 3 सही है

2. प्राचीन भारतीय इतिहास के संदर्भ में, निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

साहित्यिक कृति रचनाकार
मिलिंद-पन्ह नागसेन
मालविकाग्निमित्र कालिदास
मृच्छकटिकम विशाखदत्त
देवीचंद्रगुप्तम हर्षवर्धन

उपर्युक्त युग्मों में से कितने सही सुमेलित हैं?
(A) केवल एक
(B)
केवल दो
(C)
केवल तीन
(D)
सभी चार

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उत्तर – (B)

व्याख्या – मिलिन्द-पन्ह, पालि भाषा में रचित एक बौद्ध ग्रन्थ है जिसका रचनाकाल लगभग 100 ई॰पूर्व है। इसमें बौद्ध भिक्षु नागसेन तथा भारत-यूनानी शासक मिलिन्द के बीच हुए वार्तालाप का वर्णन किया गया है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित है। 

‘मालविकाग्निमित्र’ पांच अंकों का एक नाटक है, जिसमें मालविका और अग्निमिन्त्र की प्रणय कथा वर्णित है। अग्निमित्र शुंग शासक, पुष्यमित्र शुंग का पुत्र था। ‘मालविकाग्निमित्र’ के रचनाकार कालिदास है। अतः युग्म 2 सही सुमेलित है

मृच्छकटिकमएक प्राचीन संस्कृत ग्रंथ है। इस ग्रंथ के रचनाकर महाराज शूद्रक हैं। शूद्रक द्वारा रचित इस नाटक से गुप्तकालीन सांस्कृतिक इतिहास की जानकारी मिलती है। अतः युग्म 3 सही सुमेलित नहीं है

‘देवीचंद्रगुप्तम’ नाटक के रचनाकार विशाखदत्त है। यह एक ऐतिहासिक नाटक है, जिसमें चंद्रगुप्त के दुश्मनों के खिलाफ चाणक्य की चतुराई का वर्णन किया गया है। अतः युग्म 4 सही सुमेलित नहीं है

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. शुंग वंश के अंतिम शासक देवभूति की हत्या कर उसके मंत्री वसुदेव ने कण्व वंश की स्थापना की थी।
2. कण्व वंश के अंतिम शासक सुशर्मन की हत्या सिमुक ने की और एक नवीन ब्राह्मण वंश आंध्र सातवाहन की स्थापना की।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C)

व्याख्या – शुंग वंश की स्थापना पुष्यमित्र शुंग ने की थी शुंग वंश के अंतिम शासक देवभूति की हत्या कर उसके मंत्री वसुदेव ने 75 ई.पू. में कण्व वंश की स्थापना की थी। कण्व वंश एक ब्राह्मण वंश था, इसमें केवल चार शासक वसुदेव, भूमिमित्र, नारायण तथा सुशर्मन थे। शुंग वंश के अंतिम शासक सुशर्मन की हत्या 30 ई.पू. में सिमुक ने की और एक नवीन ब्राह्मण वंश आंध्र सातवाहन की स्थापना की। अतः कथन 1 तथा 2 दोनों सही है

4. जैन साहित्यिक स्रोतों के संबंध में,निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जैन ग्रंथों की रचना प्राकृत भाषा में हुई थी।
2. जैन साहित्यिक स्रोतों को ईसा की सातवीं सदी में वल्लभी में संकलित किया गया था।
3. जैन ग्रंथों में व्यापार और व्यापारियों के उल्लेख बार-बार मिलते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही नहीं हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – बौद्ध ग्रंथ के साथ-साथ जैन ग्रंथ भी एक महत्त्वपूर्ण साहित्यिक स्रोत रहे हैं, जिनकी रचना प्राकृत भाषा में की गई है। अतः कथन 1 सही है

जैन साहित्यिक स्रोतों को ईसा की सातवीं सदी में नहीं, बल्कि छठी सदी में गुजरात के वल्लभी नगर में अंतिम रूप से संकलित किया गया था। अतः कथन 2 सही नहीं है

जैन ग्रंथों के अनेक ऐसे अंश हैं, जिनके आधार पर हमें महावीर कालीन बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के राजनीतिक, इतिहास के पुनर्निर्माण में सहायता प्राप्त होती है। इस ग्रंथ में व्यापार और व्यापारियों से संबंधित उल्लेख बार-बार मिलते हैं। अतः कथन 3 सही है

5. निम्नलिखित में से किस चोलकालीन रचना को ‘पाँचवें वेद’ की संज्ञा दी गई है?
(A) तमिल रामायण
(B) तिक्कन्ना
(C) कन्नड़ काव्य
(D) तिरुमुरई

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उत्तर – (A)

व्याख्या – चोलकालीन रचना ‘तिरुमुरई’ को ‘पाँचवें वेद’ की संज्ञा दी गई है। तिरुमुरई को बारहवीं सदी के आरंभ में संकलित किया गया था। इसे अलवार तथा नयनार संतों द्वारा रचित एक पवित्र ग्रंथ की श्रेणी में सूचीबद्ध किया जाता है।

 

Daily MCQs – संविधान एवं राजव्यवस्था – 10 February 2025 (Monday)

Daily MCQs : संविधान एवं राजव्यवस्था (Constitution and Polity)
10 February, 2025 (Monday)

1. मौलिक अधिकारों बनाम राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों की स्थिति के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. गोलकनाथ केस, 1967 में सुप्रीम कोर्ट ने माना कि भारतीय संविधान मौलिक अधिकारों और निदेशक सिद्धांतों के बीच संतुलन की आधारशिला पर आधारित है।
2. संसद किसी भी मौलिक अधिकार के प्रशासन में सुधार के लिए राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में पूरी तरह से संशोधन कर सकती है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (D) 

व्याख्या – मिनर्वा मिल्स मामले (1980) में, सुप्रीम कोर्ट ने यह भी माना कि ‘भारतीय संविधान मौलिक अधिकारों और निदेशक सिद्धांतों के बीच संतुलन की आधारशिला पर स्थापित किया गया है। दोनों के बीच यह सामंजस्य और संतुलन संविधान की मूल संरचना की एक अनिवार्य विशेषता है। संसद निदेशक सिद्धांतों को लागू करने के लिए मौलिक अधिकारों में संशोधन कर सकती है, जब तक कि संशोधन संविधान की मूल संरचना को नुकसान या नष्ट नहीं करता है। हालाँकि, संसद अपनी सनक और सनक के आधार पर निदेशक सिद्धांतों में संशोधन नहीं कर सकती है और भारतीय संविधान की ‘कल्याणकारी राज्य’ की साख को प्रभावित नहीं कर सकती है क्योंकि यह मूल संरचना का एक हिस्सा है। अतः दोनों कथन सही नहीं हैं

2. राज्यपाल की विधायी शक्तियों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यदि राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कोई विधेयक राज्य उच्च न्यायालय की स्थिति को खतरे में डालता है, तो राज्यपाल उस विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए आरक्षित कर देगा।
2. यदि राज्यपाल द्वारा राज्य विधानमंडल में पुनर्विचार के लिए भेजा गया कोई विधेयक बिना किसी संशोधन के दोबारा पारित हो जाता है, तो राज्यपाल पर विधेयक पर अपनी सहमति देने की कोई संवैधानिक बाध्यता नहीं है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – अनुच्छेद 200 में प्रावधान है कि जब राज्य विधानमंडल द्वारा पारित कोई विधेयक राज्यपाल के समक्ष प्रस्तुत किया जाता है, तो राज्यपाल घोषित करेगा-
(a) कि वह विधेयक पर सहमति देता है; या
(b) कि वह उस पर सहमति रोक देता है; या
(c) कि वह विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित रखता है; या
(d) राज्यपाल, यथाशीघ्र, राज्य विधानमंडल द्वारा पुनर्विचार के लिए एक संदेश के साथ विधेयक (धन विधेयक के अलावा) को वापस कर सकता है। लेकिन, यदि विधेयक विधानमंडल द्वारा संशोधन के साथ या बिना संशोधन के फिर से पारित हो जाता है, तो राज्यपाल उस पर अपनी सहमति नहीं रोकेंगे; या
(e) यदि राज्यपाल की राय में, विधेयक, यदि यह कानून बन जाता है, तो उच्च न्यायालय की शक्तियों को इतना कम कर देगा कि इसकी संवैधानिक स्थिति को खतरे में डाल देगा, वह इस पर सहमति नहीं देगा, लेकिन इसे विचार के लिए आरक्षित कर देगा। अध्यक्ष।

अतः कथन 2 सही नहीं है

3. भारत का संविधान निम्नलिखित में से किस तरीके से राज्य के अंगों का कार्यात्मक पृथक्करण निर्धारित करता है?
1. राष्ट्रपति या राज्यपाल अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग और प्रदर्शन के लिए किसी भी न्यायालय के प्रति जवाबदेह नहीं होंगे।

2. संसद और विधानमंडलों की कार्यवाही की वैधता पर किसी भी न्यायालय में प्रश्न नहीं उठाया जा सकता है।
3. संसद न्यायाधीशों के आचरण पर चर्चा नहीं कर सकती, सिवाय इसके कि जब किसी न्यायाधीश को हटाने की कार्यवाही चल रही हो।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

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उत्तर – (D)

व्याख्या – भारत का संविधान राज्य के अंगों को निम्नलिखित तरीके से कार्यात्मक पृथक्करण प्रदान करता है :-   

अनुच्छेद 50: राज्य न्यायपालिका को कार्यपालिका से अलग करने के लिए कदम उठाएगा। इसका उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता सुनिश्चित करना है। 

अनुच्छेद 122 और 212: संसद और विधानमंडलों की कार्यवाही की वैधता पर किसी भी न्यायालय में प्रश्न नहीं उठाया जा सकता। यह प्रक्रियात्मक अनियमितता के आरोप पर न्यायिक हस्तक्षेप से विधायिकाओं की पृथक्करण और प्रतिरक्षा सुनिश्चित करता है। 

संविधान के अनुच्छेद 121 और 211 के अनुसार, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीश के न्यायिक आचरण पर संसद और राज्य विधानमंडल में चर्चा नहीं की जा सकती है। 

क्रमशः अनुच्छेद 53 और 154 में प्रावधान है कि संघ और राज्य की कार्यकारी शक्ति राष्ट्रपति और राज्यपाल में निहित होगी और उन्हें नागरिक और आपराधिक दायित्व से छूट प्राप्त होगी। 

अनुच्छेद 361: राष्ट्रपति या राज्यपाल अपने कार्यालय की शक्तियों और कर्तव्यों के प्रयोग और प्रदर्शन के लिए किसी भी न्यायालय के प्रति जवाबदेह नहीं होंगे।

अतः सभी कथन सही हैं

4. यदि कोई प्रश्न उठता है कि कोई मामला राज्यपाल के विवेकाधीन है या नहीं, तो किसका निर्णय अंतिम होगा और क्यों?
(a) मुख्यमंत्री क्योंकि वह मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है
(b) राज्य विधानमंडल क्योंकि यह राज्य के भीतर सर्वोच्च कानून बनाने वाली संस्था है
(c) राज्य का राज्यपाल क्योंकि संविधान उसे यह अधिकार प्रदान करता है
(d) भारत के राष्ट्रपति जो राज्यपाल को सलाह देते हैं

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – यदि कोई प्रश्न उठता है कि कोई मामला राज्यपाल के विवेक के अंतर्गत आता है या नहीं, तो राज्यपाल का निर्णय अंतिम होगा, और राज्यपाल द्वारा किए गए किसी भी काम की वैधता पर इस आधार पर प्रश्न नहीं उठाया जाएगा कि उसे कार्य करना चाहिए था या नहीं करना चाहिए था। उसके विवेक में. साथ ही, संविधान कहता है कि मंत्रियों द्वारा राज्यपाल को दी गई सलाह की किसी भी अदालत में जांच नहीं की जाएगी। अतः कथन (c) सही है

5. भारतीय संविधान के अनुच्छेद 32 के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. अनुच्छेद 32 भारतीय संविधान के भाग III में प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन के लिए सर्वोच्च न्यायालय में जाने के अधिकार की पुष्टि करता है।
2. अनुच्छेद 32 के तहत गारंटीकृत अधिकार पूर्ण नहीं है और इसे निलंबित किया जा सकता है।
3. मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के लिए अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना स्वयं एक मौलिक अधिकार है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – यह संविधान में सूचीबद्ध मौलिक अधिकारों में से एक है जिसका प्रत्येक नागरिक हकदार है। अनुच्छेद 32 ‘संवैधानिक उपचारों के अधिकार’ से संबंधित है, या संविधान के भाग III में प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन के लिए उचित कार्यवाही द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में जाने के अधिकार की पुष्टि करता है। 1975 के आपातकाल के दौरान, एडीएम जबलपुर बनाम शिवाकांत शुक्ला मामले में सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की पीठ ने फैसला सुनाया था कि अनुच्छेद 32 के तहत संवैधानिक उपचार का अधिकार राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान निलंबित रहेगा। 44वें संशोधन में यह भी कहा गया है कि अनुच्छेद 359 के अनुसार, राष्ट्रपति राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान, अनुच्छेद 32 के तहत, मौलिक अधिकारों के प्रवर्तन के लिए किसी भी अदालत में जाने के अधिकार को निलंबित करने के आदेश जारी कर सकते हैं, अनुच्छेद 20 के अपवाद के साथ (की सुरक्षा से संबंधित है) अपराधों के लिए दोषसिद्धि के मामले में कुछ अधिकार) और अनुच्छेद 21 (जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा)। दीवानी या आपराधिक मामलों में, पीड़ित व्यक्ति के लिए उपलब्ध पहला उपाय ट्रायल कोर्ट है, उसके बाद उच्च न्यायालय और फिर सुप्रीम कोर्ट में अपील की जाती है। जब मौलिक अधिकारों के उल्लंघन की बात आती है, तो कोई व्यक्ति अनुच्छेद 226 के तहत उच्च न्यायालय या अनुच्छेद 32 के तहत सीधे सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है। अनुच्छेद 226, हालांकि, अनुच्छेद 32 की तरह मौलिक अधिकार नहीं है। अतः कथन 3 सही नहीं है

 

Daily MCQs – पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी – 08 February 2025 (Saturday)

Daily MCQs : पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी (Environment and Ecology)
08 February, 2025 (Saturday)

1. निम्नलिखित पर विचार कीजिए :
1. मक्खियाँ

2. कॉकरोच
3. केंकड़े
4. जेलीफिश
उपर्युक्त जीवों में से कितने अपरदाहारी हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (C)

व्याख्या – एक अपरदाहारी अपरद अपशिष्टों का भक्षण करते हैं, जिसमें जैविक कचरा, मलवा और जंतुओं के सूखे मल आदि शामिल होते हैं। अपरदाहारों के उदाहरण हैं-मक्खियाँ, कॉकरोच, केंकड़े, केंचुए, दीमक और काष्ठ चींटी , जबकि जेलीफ़िश अपरदहारी नहीं है । अपघटक और अपरदाहारी दोनों मृत और सड़े-गले पदार्थों के वियोजन या अपघटन में सहायता करते हैं। दोनों अपशिष्ट पदार्थों से अपनी ऊर्जा प्राप्त करते हैं। यदि उनका योगदान न होगा तो पृथ्वी मृत पदार्थ और मृत शरीरों से भर जाएगी।

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन-I :  भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन भारत को इसकी बाध्यताओं से छूट दी गई है।

कथन-II : भारत का मानना है कि विकसित देशों को ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए अधिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए।
उपर्युक्त कथनों के बारे में, निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही है?
(a) कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन- II, कथन-I की सही व्याख्या है

(b) कथन-I और कथन-II दोनों सही है तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
(c) कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है
(d) कथन-1 गलत है किन्तु कथन-II सही है

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उत्तर – (A)

व्याख्या – भारत ने 2002 में क्योटो प्रोटोकॉल (1997) पर हस्ताक्षर किए और इसका अनुमोदन किया। भारत, चीन और अन्य विकासशील देशों को क्योटो प्रोटोकॉल की बाध्यताओं से छूट दी गई है क्योंकि औद्योगीकरण के दौर में ग्रीनहाऊस गैसों के उत्सर्जन के मामले में इनका कुछ ख़ास योगदान नहीं था। अतः कथन-I सही है

2005 के जून में ग्रुप-8 के देशों की बैठक हुई। इसमें भारत ने ध्यान दिलाया कि विकासशील देशों में ग्रीन हाऊस गैसों की प्रति व्यक्ति उत्सर्जन दर विकसित देशों की तुलना में नाममात्र हैं। साझी परंतु विभेदीकृत उत्तरदायित्व के सिद्धांत के अनुरूप भारत का विचार है कि उत्सर्जन दर में कमी करने की सबसे ज्यादा जिम्मेदारी विकसित देशों की है क्योंकि इन देशों ने एक लंबी अवधि तक बहुत ज्यादा उत्सर्जन किया है। अतः कथन-II सही है

कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है, क्योंकि यह बताता है कि क्यों भारत ने क्योटो प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए हैं तथा भारत को क्यों इसकी बाध्यताओं से छूट दी गई है।

3. जलीय पारितंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. बेन्थोस, वे जीव हैं जो जल के तल में निवास करते हैं।

2. नेक्टन, ऐसे जीव हैं जो जड़ वाले पौधों के तनों और पत्तियों से जुड़े रहते हैं।
3. न्यूस्टन, अनासक्त जीव हैं जो वायु और जल के अंतरापृष्ठ में निवास करते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही है?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – बेन्थोस : बैंथिक जीव वे हैं जो जल के तल में रहते हैं। व्यावहारिक रूप से प्रत्येक जलीय पारितंत्र में सुविकसित बेंथोस पाए जाते हैं। अतः कथन 1 सही है

नेक्टन : यह पानी या समुद्री जीवों का एक समूह है जो एक साथ स्वतंत्र रूप से यात्रा करते हैं. ये जीव मछली, क्रस्टेशियंस या मोलस्क हो सकते हैं जो समुद्र या झील में रहते हैं। अतः कथन 2 सही नहीं है

न्यूस्टन : ये अनासक्त जीव हैं जो वायु और जल के अंतरापृष्ठ में निवास करते हैं, जैसे- तैरते पौधे आदि। अतः कथन 3 सही है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. औद्योगीकरण के दौर को मौजूदा वैश्विक तापवृद्धि का जिम्मेदार माना जाता है।

2. भारत ने 2 अक्तूबर 2017 को पेरिस जलवायु समझौते को अनुमोदित किया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न दो

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उत्तर – (A)

व्याख्या – औद्योगिक क्रांति के दौरान जीवाश्म ईंधन के जलने, वनों की कटाई और अन्य मानवीय गतिविधियों के कारण ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई। ग्रीनहाउस गैसें वायुमंडल में गर्मी को रोकती हैं, जिससे पृथ्वी का तापमान बढ़ता है। अतः कथन 1 सही है

पेरिस समझौता(2015) एक ऐतिहासिक समझौता है, जो देशों से जलवायु परिवर्तन से निपटने और वैश्विक तापमान वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस से नीचे सीमित करने का आह्वान करता है। भारत ने 2 अक्टूबर, 2016 को पेरिस समझौते अनुमोदित किया। अतः कथन 2 सही नहीं है

5. निम्नलिखित में से कौन-सा पारिस्थितिकी तंत्र किसी दिए गए क्षेत्र की इकाई के लिए सबसे अधिक कार्बन का प्रच्छादन करेगा?
(a) लवणीय भूमि

(b) घास का मैदान
(c) अनावृत मिट्टी
(d) परिपक्व उष्णकटिबंधीय वन

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उत्तर – (A)

व्याख्या – लवणीय आर्द्रभूमियाँ महत्वपूर्ण तटीय ‘ब्लू कार्बन’ पारिस्थितिकी तंत्र हैं क्योंकि इनमें जमीन के ऊपर और नीचे के बायोमास और तलछट में कार्बन जमा करने की क्षमता होती है। उष्णकटिबंधीय वनों की तुलना में लवणीय मिट्टी दो से चार गुना अधिक कार्बन अवशोषित करती है।

 

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 07 February 2025 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
07 February, 2025 (Friday)

1. स्टेम सेल थेरेपी के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह एक प्रकार का उपचार है जो क्षतिग्रस्त ऊतक और चोटों की मरम्मत के लिए रोगी की अपनी स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करता है।

2. स्टेम सेल आमतौर पर ऊपरी जांघ या पेट में अस्थि मज्जा या वसा ऊतक से ली जाती हैं।
3. बोन मैरो ट्रांसप्लांट का उपयोग ल्यूकेमिया, तपेदिक और सिकल सेल एनीमिया में किया जाता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही नहीं हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (A)

व्याख्या – स्टेम सेल थेरेपी में रोगी के अपने स्टेम सेल का उपयोग क्षतिग्रस्त ऊतकों और चोटों की मरम्मत के लिए किया जाता है। इसका उपयोग न्यूरोमस्कुलर और अपक्षयी विकारों सहित कई विकारों के इलाज के लिए किया जाता है। स्टेम सेल आमतौर पर अस्थि मज्जा या ऊपरी जांघ या पेट में वसा ऊतक से लिए जाते हैं। चूँकि शरीर के संग्रहित वसा वाले हिस्सों से स्टेम सेल को हटाना आम बात है, कुछ लोग स्टेम सेल थेरेपी को ‘एडिपोज स्टेम सेल थेरेपी’ के रूप में संदर्भित करते हैं। अतः कथन 1 और 2 सही हैं

अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण का उपयोग ल्यूकेमिया सेल एनीमिया और अन्य इम्यूनोडिफीसिअन्सी विकारों में किया जाता है न कि तपेदिक के लिए। अतः कथन 3 सही नहीं है

2. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. प्रतिबंध एंजाइम

2. पॉलिमरेज एंजाइम
3. लाइगेज
4. संवाहक
5. परपोषी
उपर्युक्त में से कितने पुनर्योगज डीएनए तकनीक के साधन हैं?
(a) केवल दो

(b) केवल तीन
(c) केवल चार
(d) सभी पाँच

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उत्तर – (D)

व्याख्या – पुनर्योगज डीएनए तकनीक के लिए आवश्यक साधन हैं:

  • प्रतिबंध एंजाइम: ये एंजाइम डीएनए अणुओं को विशिष्ट स्थानों पर काटते हैं।
  • पॉलिमरेज एंजाइम: ये एंजाइम डीएनए अणुओं की प्रतिकृति बनाते हैं।
  • लाइगेज: ये एंजाइम डीएनए अणुओं को एक साथ जोड़ते हैं।
  • संवाहक: ये डीएनए अणु होते हैं जो एक जीव से दूसरे जीव में डीएनए को स्थानांतरित कर सकते हैं।
  • परपोषी: ये जीव हैं जिनमें संवाहक डीएनए को डाला जाता है।

 

3. भारत ने ‘बुडापेस्ट कन्वेंशन’ के गैर-सदस्य के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है, यह निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
(a) साइबर अपराध
(b) बाह्य अंतरिक्ष
(c) जैव-उपचार
(d) वैश्विक तापन

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उत्तर – (A)

व्याख्या – साइबर अपराध पर कन्वेंशन, जिसे बुडापेस्ट कन्वेंशन के नाम से भी जाना जाता है, इंटरनेट और कंप्यूटर अपराधों को संबोधित करने वाली पहली अंतरराष्ट्रीय संधि है। बुडापेस्ट कन्वेंशन के तहत, साइबर अपराधों को प्रत्यर्पण योग्य अपराध माना जाता है।

साइबर अपराध पर बुडापेस्ट कन्वेंशन, यूरोपीय परिषद की एक संधि है। यह 2001 में अस्तित्व में आयी थी और 1 जुलाई 2004 को लागू हुई थी तथा 23 नवंबर 2001 को कनाडा, जापान, संयुक्त राज्य अमेरिका, और दक्षिण अफ़्रीका ने इस कन्वेंशन पर हस्ताक्षर किए थे ।

भारत, साइबर अपराध पर बुडापेस्ट कन्वेंशन का सदस्य नहीं है। भारत का मानना है कि विदेशी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ डेटा साझा करना राष्ट्रीय संप्रभुता का उल्लंघन है।

4. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

प्रक्षेपास्त्र प्रक्षेप
1. अग्नि सतह से सतह
2. त्रिशूल सतह से हवा
3. नाग सतह से सतह

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक युग्म

(b) केवल दो युग्म
(c) सभी तीन युग्म
(d) उपर्युक्त मे से कोई नहीं

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – अग्नि – यह सतह से सतह पर मार करने वाली माध्यम से अंतर महाद्वीपीय रेंज की बैलिस्टिक मिसाइलों का परिवार है। इनमें विद्यमान ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम(जीपीएस) के कारण इन्हे नियंत्रित किया जाना संभव है। अग्नि-1 से 5 मिसाइलें रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा डिज़ाइन और विकसित की गई हैं। अग्नि मिसाइल की रेंज:

  • अग्नि-1 की मारक क्षमता 700 किमी है.
  • अग्नि-2 की मारक क्षमता 2000 किमी है.
  • अग्नि-3 की मारक क्षमता 3000 किमी है.
  • अग्नि-4 की मारक क्षमता 4000 किमी है.
  • अग्नि-5 की मारक क्षमता 5000 किमी है.

त्रिशूल – त्रिशूल, रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन द्वारा विकसित सतह से हवा में मार करने में सक्षम पहला स्वदेशी प्रक्षेपास्त्र है । यह कम दूरी की मारक क्षमता वाला प्रक्षेपास्त्र है। इसका इस्तेमाल वायु सेना, थल सेना, और नौसेना तीनों कर सकते हैं। नाग नाग मिसाइल, तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (एटीजीएम) है। इसको रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है।

5. गोल्डीलॉक्स ज़ोन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह संबंधित तारे द्वारा उत्पन्न विकिरण पर निर्भर करता है।
2. पृथ्वी सूर्य के गोल्डीलॉक्स ज़ोन मे परिक्रमा करती है ।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (C)

व्याख्या – गोल्डीलॉक्स ज़ोन एक तारे के चारों ओर का वह क्षेत्र है जहाँ पृथ्वी जैसा ग्रह अपनी सतह पर द्रव अवस्था में पानी रख पाए और वहाँ पर जीवन संभव हो । इस प्रकार, गोल्डीलॉक्स ज़ोन का आकार संबंधित तारे द्वारा उत्पन्न विकिरण पर निर्भर करता है। तारे के आकार और प्रकार के आधार पर, गोल्डीलॉक्स ज़ोन की दूरी अलग-अलग हो सकती है। अतः कथन 1 सही है। पृथ्वी का कक्षा सूर्य से लगभग 150 मिलियन किलोमीटर की दूरी पर है, जो गोल्डीलॉक्स ज़ोन के भीतर है। इस दूरी पर, पृथ्वी पर पानी तरल रूप में मौजूद है, जो जीवन के लिए आवश्यक है। अतः कथन 2 सही है

 

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Daily MCQs – अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकास – 06 February 2025 (Thursday)

Daily MCQs : अर्थव्यवस्था एवं सामाजिक विकास (Economy and Social Development)
06 February, 2025 (Thursday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कोर मुद्रास्फीति के विपरीत,हेडलाइन मुद्रास्फीति भोजन और ऊर्जा की कीमत में बदलाव को ध्यान में रखती है।
2. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति के उद्देश्य के लिए प्रमुख मुद्रास्फीति उपाय के रूप में सीपीआई-संयुक्त का उपयोग करता है।
3. औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक औद्योगिक श्रमिकों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की एक निश्चित टोकरी की कीमतों में समय के साथ बदलाव को मापती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(A) केवल एक
(B) केवल दो
(C) सभी तीन
(D) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – कोर मुद्रास्फीति के विपरीत, हेडलाइन मुद्रास्फीति भोजन और ऊर्जा की कीमत में बदलाव को ध्यान में रखती है। चूँकि खाद्य और ऊर्जा की कीमतें अत्यधिक अस्थिर हैं, हेडलाइन मुद्रास्फीति एक अर्थव्यवस्था कैसे व्यवहार कर रही है इसकी सटीक व्याख्या नहीं कर सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति के प्रयोजन के लिए प्रमुख मुद्रास्फीति उपाय के रूप में सीपीआई-संयुक्त का उपयोग करता है। औद्योगिक श्रमिकों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक जो औद्योगिक श्रमिकों द्वारा उपभोग की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं की एक निश्चित टोकरी की कीमतों में समय के साथ बदलाव को मापता है, अपनी स्थापना के बाद से श्रम ब्यूरो द्वारा संकलित और बनाए रखा जाता है। अतः सभी कथन सही हैं

2. निम्नलिखित में से कौन मध्यम आय जाल शब्द का सबसे अच्छा वर्णन करता है:
(A) देश जानबूझकर मध्य-आय स्तर पर हैं ताकि डब्ल्यूटीओ से लाभ प्राप्त किया जा सके।
(B) तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं मध्यम-आय स्तर पर स्थिर हो रही हैं तथा उच्च आय वाले देशों की श्रेणी में शामिल होने में विफल हो रही हैं।
(C) वे देश जो डब्ल्यूटीओ के गठन के बाद से मध्य-आय स्तर पर हैं और उच्च आय श्रेणी तक नहीं बढ़ पा रहे हैं।
(D) उपर्युक्त में से कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – मध्यम आय वाले देशों के बारे में एक विडंबना यह है कि उनमें से कई उच्च आय वर्ग में नहीं जा रहे हैं। मध्यम आय स्तर पर गिरावट की इस स्थिति को अर्थशास्त्री मध्यम आय जाल कहते हैं । “मध्यम-आय जाल” अब तक तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं के मध्य-आय स्तर (प्रति व्यक्ति आय) पर स्थिर होने और उच्च आय वाले देशों की श्रेणी में शामिल होने में असफल होने की घटना है। साथ ही, कई अन्य देशों ने औद्योगीकरण के माध्यम से महत्वपूर्ण प्रगति की है। वे राष्ट्रीय आय और इस प्रकार प्रति व्यक्ति आय का विस्तार करने में सक्षम थे। अतः विकल्प (B) सही है

3. विदेशी मुद्रा बाजार में मुद्रा विनिमय दर में मुक्त समायोजन में निम्नलिखित में से कौन सी बाधाएँ हैं?
1. केंद्रीय बैंक द्वारा बाजार में निरंतर तरलता का प्रवाह और निष्कर्षण ।
2. किसी ऐसी वस्तु का निर्यात करना जो किसी राष्ट्र के लिए तुलनात्मक लाभ की हो।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B)
केवल 2
(C)
1 और 2 दोनों
(D)
न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A)

व्याख्या – अवरूधीकरण में अर्थव्यवस्था में कुल धन आपूर्ति को नियंत्रित करने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा बाजार में तरलता का प्रवाह और निष्कर्षण शामिल है। यह विनिमय दर को स्थिर रखता है और इस प्रकार इसके मुक्त समायोजन को अवरुद्ध करता है। अतः, कथन 1 सही है

एक राष्ट्र आमतौर पर अपने तुलनात्मक लाभ की वस्तु का निर्यात करता है जिसका अर्थ है कि वह उन वस्तुओं के निर्यात में माहिर है जिनका उत्पादन वह वैश्विक अर्थव्यवस्था की तुलना में सस्ते या अधिक प्रतिस्पर्धी दरों पर कर सकता है। यह व्यापार में सहायता करता है और विनिमय दरों में मुक्त समायोजन को अवरुद्ध नहीं करता है। अतः कथन 2 सही नहीं है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. समष्टि अर्थशास्त्र एक अर्थव्यवस्था के समग्र प्रदर्शन पर केंद्रित होता है।
2. समष्टि अर्थशास्त्र घरों और फर्मों जैसी व्यक्तिगत निर्णय लेने वाली इकाइयों का अध्ययन करता है।
3. मुद्रास्फीति,बेरोजगारी और आर्थिक विकास प्रमुख व्यापक आर्थिक चिंताएँ हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
(A) केवल एक
(B)
केवल दो
(C)
सभी तीन
(D)
कोई भी नहीं

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उत्तर – (B)

व्याख्या – समष्टि अर्थशास्त्र वास्तव में अर्थव्यवस्था के समग्र प्रदर्शन पर ध्यान केंद्रित करता है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी), मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और आर्थिक विकास जैसे पहलू शामिल हैं। अतः कथन 1 सही है

व्यष्‍टि अर्थशास्त्र  घरों और फर्मों जैसी व्यक्तिगत निर्णय लेने वाली इकाइयों का अध्ययन करता है। समष्टि अर्थशास्त्र इन इकाइयों को समग्र रूप से देखता है। अतः कथन 2 सही नहीं है

मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और आर्थिक विकास तीन सबसे महत्वपूर्ण व्यापक आर्थिक चिंताएं हैं क्योंकि वे किसी अर्थव्यवस्था की समग्र स्थिरता और भलाई पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते हैं। अतः कथन 3 सही है

5. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था: सरकार आर्थिक निर्णयों में सीमित भूमिका निभाती है।
2. समाजवादी अर्थव्यवस्था : केन्द्रीय नियोजन आर्थिक गतिविधियों को निर्धारित करता है।
3. मिश्रित अर्थव्यवस्था: पूंजीवादी और समाजवादी अर्थव्यवस्था के दोनों तत्वों को जोड़ती है।
उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(A) केवल एक युग्म
(B)
केवल दो युग्म
(C)
सभी तीन युग्म
(D)
कोई भी युग्म नहीं

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उत्तर – (C)

व्याख्या – पूंजीवादी अर्थव्यवस्था: यह पूंजीवाद का एक मूल सिद्धांत है, जहां निजी व्यक्ति और व्यवसाय उत्पादन के साधनों के मालिक हैं और उन्हें नियंत्रित करते हैं, और आपूर्ति और मांग जैसी बाजार ताकतें आर्थिक गतिविधि को निर्देशित करती हैं। सरकार की भागीदारी आमतौर पर कानूनी ढांचा प्रदान करने, अनुबंध लागू करने और कुछ उद्योगों को विनियमित करने तक सीमित है।

समाजवादी अर्थव्यवस्था: समाजवादी व्यवस्था में, सरकार उत्पादन के साधनों का मालिक है और उन्हें नियंत्रित करती है, और केंद्रीय योजना अधिकारी यह तय करते हैं कि क्या, कितना और किसके लिए सामान और सेवाओं का उत्पादन किया जाता है। बाज़ार की ताकतें कम भूमिका निभाती हैं, और कीमतें अक्सर सरकार द्वारा निर्धारित की जाती हैं।

मिश्रित अर्थव्यवस्था: आज अधिकांश वास्तविक दुनिया की अर्थव्यवस्थाएँ मिश्रित अर्थव्यवस्थाएँ हैं, जिनमें पूँजीवाद और समाजवाद के तत्व मिश्रित हैं। इसका मतलब यह है कि निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्र अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, बाजार की ताकतें कुछ क्षेत्रों को चलाती हैं और सरकारी हस्तक्षेप दूसरों को प्रभावित करता है। विभिन्न मिश्रित अर्थव्यवस्थाओं में सरकारी भागीदारी की डिग्री भिन्न हो सकती है। 

 

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