Polity Study Notes in Hindi Archives | TheExamPillar

Polity Study Notes in Hindi

भारत के उप-राष्ट्रपति (Vice President of India)

उप-राष्ट्रपति का पद देश का दूसरा सर्वोच्च पद होता है। आधिकारिक क्रम में उसका पद राष्ट्रपति के बाद आता है। उप-राष्ट्रपति का पद, अमेरिका के उप-राष्ट्रपति की तर्ज पर बनाया गया है।

निर्वाचन

संविधान के अनुच्छेद 66 के अनुसार उपराष्ट्रपति का निर्वाचन संसद के दोनों सदनों के सदस्यों से मिलकर बनने वाले निर्वाचकगण के सदस्यों द्वारा आनुपातिक प्रतिनिधित्व पद्धति के अनुसार एकल संक्रमणीय मत द्वारा होगा और ऐसे निर्वाचन में मतदान गुप्त होगा। (इसमें विधान सभाओं के सदस्य शामिल नहीं होते हैं)।

अर्हताएँ

अनुच्छेद 66 के अनुसार उप-राष्ट्रपति के चुनाव हेतु निम्नलिखित अर्हताएँ होना चाहिए –

  • वह भारत का नागरिक हो।
  • वह 35 वर्ष आयु पूरी कर चुका हो।
  • वह राज्यसभा का सदस्य बनने के लिए अर्हित हो।
  • वह लाभ का पद धारण नहीं करता है।

शपथ

उपराष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करने से पहले राष्ट्रपति अथवा उसके द्वारा नियुक्ति किसी व्यक्ति के सम्मुख पद व गोपनीयता की शपथ लेता है।

पदावधि (अनुच्छेद 67) पदमुक्ति (अनुच्छेद 68)

  • उपराष्ट्रपति की पदावधि पद ग्रहण की तारीख से पाँच वर्ष की होती है।
  • वह अपना त्याग पत्र राष्ट्रपति को संबोधित कर के देता है।
  • उपराष्ट्रपति, राज्यसभा के ऐसे संकल्प द्वारा अपने पद से हटाया जा सकता है, जिसे राज्यसभा के तत्कालीन समस्त सदस्यों ने बहुमत पारित किया हो और जिससे लोकसभा सहमत है, लेकिन ऐसे प्रस्ताव को लाने हेतु 14 दिन की पूर्व सूचना उपराष्ट्रपति को देना आवश्यक है।
  • उपराष्ट्रपति का पद निम्न कारणों से रिक्त हो सकता है
    • पाँच वर्षीय पदावधि समाप्त होने पर
    • उसके द्वारा त्यागपत्र देने पर
    • उसकी मृत्यु होने पर
    • उसे बर्खास्त करने पर
  • उपराष्ट्रपति पदावधि पूर्ण होने के बाद भी पद पर बना रह सकता है, जब तक कि उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर लेता।
क्र. सं. निर्वाचन वर्ष उपराष्ट्रपति
1 1952 डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
2 1957 डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
3 1962 डॉ. जाकिर हुसैन
4 1967 वी.वी. गिरि
5 1969 गोपालस्वरूप पाठक
6 1974 बी.डी. जत्ती
7 1979 न्यायमूर्ति मो. हिदायतुल्ला
8 1984 आर. वेंकटरमण
9 1987 डॉ. शंकरदयाल शर्मा
10 1992 के.आर. नारायणन
11 1997 कृष्णकांत
12 2002 भैरोसिंह शेखावत
13 2007 मो. हामिद अंसारी
14 2012 मो. हामिद अंसारी
15 2017 एम. वेंकैया नायडू

कार्य एवं शक्तियाँ

उपराष्ट्रपति के कार्य दो तरह हैं-

  • राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में इस संदर्भ में उसकी शक्तियाँ लोकसभा अध्यक्ष के समान होती हैं। वह राज्यसभा की बैठकों की अध्यक्षता करता है और सभी कार्यवाहियों का संचालन करता है। उपराष्ट्रपति राज्यसभा का सदस्य नहीं होता है, इसलिए उसे मतदान का अधिकार नहीं है, किन्तु सभापति के रूप में उसे निर्णायक मत देने का अधिकार है।
  • राष्ट्रपति के रूप में : अनुच्छेद 65 के अनुसार राष्ट्रपति की मृत्यु, पदत्याग या पद से हटाए जाने या अन्य कारणसे उसके पद में हुई रिक्ति की दशा में उपराष्ट्रपति उस तारीख तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करेगा, जिस तारीख को ऐसी रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित नया राष्ट्रपति अपना पद ग्रहण करता है।
  • उपराष्ट्रपति को वेतन राज्यसभा अध्यक्ष होने के कारण मिलता है, लेकिन जब उपराष्ट्रपति किसी अवधि में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में कार्य करता है, तो उसे राज्यसभा के सभापति के रूप में मिलने वाला वेतन नहीं मिलता है, अपितु उसे राष्ट्रपति को प्राप्त होने वाले वेतन व भत्ते आदि मिलते हैं।

उपराष्ट्रपति विविध तथ्य

  • डॉ. राधाकृष्णन सर्वाधिक समय तक उपराष्ट्रपति रहे हैं।
  • उपराष्ट्रपतियों में गोपाल स्वरूप पाठक, बी.डी. जत्ती, मो. हिदायतुल्ला, कृष्णकांत व भैरोसिंह शेखावत ही ऐसे उपराष्ट्रपति हैं, जो राष्ट्रपति नहीं बन सके। (मो. हिदायतुल्ला कार्यवाहक राष्ट्रपति बने हैं।
  • वी.वी. गिरि इस पद पर सबसे कम समय तक रहे।
  • अब तक डॉ. राधाकृष्णन, मो. हिदायतुल्ला तथा डॉ. शंकरदयाल शर्मा ही निर्विरोध उपराष्ट्रपति चुने गए।

उप-राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेदः एक नजर में

  • अनुच्छेद 63 – भारत के उप-राष्ट्रपति
  • अनुच्छेद 64 – उप-राष्ट्रपति का राज्यों की परिषद का पदेन सभापति होना
  • अनुच्छेद 65 – उप-राष्ट्रपति का आकस्मिक रिक्तियों अथवा राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन
  • अनुच्छेद 66 – उप-राष्ट्रपति का चुनाव
  • अनुच्छेद 67 – उप-राष्ट्रपति का कार्यकाल
  • अनुच्छेद 68 – उप-राष्ट्रपति कार्यालय की रिक्ति की पूर्ति के लिए चुनाव का समय निर्धारण तथा आकस्मिक रिक्ति की पूर्ति के लिए चुने गए व्यक्ति का कार्यकाल
  • अनुच्छेद 69 – उप-राष्ट्रपति द्वारा शपथ ग्रहण
  • अनुच्छेद 70 – अन्य आकस्मिकताओं में राष्ट्रपति के कर्तव्यों का निर्वहन
  • अनुच्छेद 71 – उप-राष्ट्रपति के चुनाव संबंधी अथवा उससे जुड़े मामले
Read More :

Read More Polity Notes

 

error: Content is protected !!