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Mahoba District in Uttar Pradesh

महोबा जनपद (Mahoba District)

महोबा जनपद का परिचय (Introduction of Mahoba District)

महोबा की स्थिति (Location of Mahoba)

  • मुख्यालय – महोबा 
  • पुराना नाम व उपनाम – महोत्सव नगर 
  • मंडल – चित्रकूट
  • स्थापना – 11 फरवरी, 1995
  • क्षेत्रफल – 2884 वर्ग किमी 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – मध्यप्रदेश राज्य 
    • पश्चिम में झाँसी
    • उत्तर में – हमीरपुर
    • दक्षिण में – मध्यप्रदेश राज्य 
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-086, NH-076

महोबा की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Mahoba)

  • विधानसभा क्षेत्र – 5 (चरखारी, महोबा, कबरई, कुलपहाड़, खरेला )
  • लोकसभा सीट – 1 (महोबा)
  • तहसील – 3 (चरखारी, महोबा, कुलपहाड़)
  • विकासखंड (ब्लाक)   4 (कबरई, चरखारी, जैतपुर, पनवाड़ी)
  • कुल ग्राम 521
  • कुल ग्राम पंचायत 273
  • नगर पालिका परिषद –2 (चरखारी, महोबा )
  • नगर पंचायत – 3 (कबरई, खरेला, कुलपहाड)

महोबा की जनसंख्या (Population of Mahoba)

  • जनसंख्या – 8,75,958
    • पुरुष जनसंख्या – 4,66,358
    • महिला जनसंख्या – 4,09,600
  • शहरी जनसंख्या – 1,85,381 (21.16%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 6.90,577 (78.84%) 
  • साक्षरता दर – 65.27%
    • पुरुष साक्षरता – 75.83%
    • महिला साक्षरता – 53.22%
  • जनसंख्या घनत्व – 279
  • लिंगानुपात – 878
  • जनसंख्या वृद्धि दर –23.64% 
  • हिन्दू जनसंख्या – 8,15,142 (93.06%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 57,454 (6.56%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 965 (0.11 %)

Population Source – census2011.co.in

महोबा के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Mahoba)

  • तीर्थ स्थल – जैन तीर्थंकर, चंडिका देवी, शिव तांडव
  • उद्योग – गौरा पत्थर, स्टोरेज बैटरी, रेडी-मेड गारमेंट्स, जूता और चमड़ा उत्पाद, खाद्य प्रसंस्करण
  • अभयारण्य – विजयासागर पक्षीविहार 

Notes –

  • महोबा बुंदेलखंड क्षेत्र में भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश में स्थित एक शहर है।
  • महोबा का नाम महोत्सव नगर से आता है, अर्थात महान त्योहारों का शहर। बार्डिक परंपरा शहर के तीन अन्य नामों को संरक्षित करती है: केकेईपुर, पाटनपुर और रतनपुर।
  • यहां पर गोखार पहाड़ी पर पवित्र राम-कुंड और सीता-रसोई गुफा का अस्तित्व राम के दौरे के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण माना जाता है, जिन्होंने चित्रिकूट में 14 साल के निर्वासन में व्यापक रूप से इस पहाड़ी क्षेत्र का कष्ट निवारण किया।
  • जनश्रुति है कि चन्देलों के आदिपुरुष चंद्रवर्मा ने यहाँ महोत्सव किया था, जिससे इस स्थान का नाम महोत्सवपुर या उससे बिगड़ कर महोबा हुआ।
  • महोबा अपने पान (बेटेल पत्ती) के लिए भी प्रसिद्ध है।

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