Daily MCQs Science and Tec

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 10 January 2025 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
10 January, 2025 (Friday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जीन थेरेपी मानव शरीर की कोशिकाओं में डीएनए प्रत्यापित करने की एक कृत्रिम विधि है।

2. CRISPR/Cas9 तकनीक में कई बाल चिकित्सा स्थितियों के उपचार में क्रांतिकारी बदलाव लाने की क्षमता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – जीन उपचार एक ऐसी तकनीक है जिसमें आनुवंशिक विकारों के इलाज के लिए दोषपूर्ण जीन को स्वस्थ जीन से बदलना शामिल है। यह एक कृत्रिम विधि है जो मानव शरीर की कोशिकाओं में डीएनए का प्रवेश कराती है। पहला जीन उपचार वर्ष 1989 में सफलतापूर्वक संपन्न किया गया था। अतः कथन 1 सही है

CRISPR/Cas9 एक जीन संपादन तकनीक है जो डीएनए को बहुत सटीकता के साथ बदलने की अनुमति देती है। यह तकनीक अभी भी विकास के चरण में है, लेकिन इसमें कई बाल चिकित्सा स्थितियों के उपचार में महत्वपूर्ण प्रगति करने की क्षमता है। CRISPR/Cas9 का उपयोग कई तरह की बाल चिकित्सा स्थितियों के उपचार के लिए किया जा सकता है, जिनमेंआनुवंशिक विकार, कैंसर, इम्यूनोडेफिशियेंसी आदि शामिल हैं। अतः कथन 2 सही है

2. यह एक ऐसी तकनीक है जहां मशीनें केवल मानव उपयोगकर्ताओं द्वारा इनपुट की गई गणनाओं को पूरा करने के बजाय कार्य करना सीखती हैं। इसके के शुरुआती अनुप्रयोगों में ऐसी मशीनें शामिल थीं जो चेकर्स और शतरंज जैसे गेम खेल सकती थीं, और ऐसे प्रोग्राम शामिल हैं जो भाषा का अनुवाद पेश कर सकते थे। इस तकनीक का आशय कंप्यूटर या कंप्यूटर द्वारा नियंत्रित रोबोट के ऐसे कार्य करने की क्षमता से है जो आमतौर पर मनुष्यों द्वारा किये जाते हैं।
उपर्युक्त अवतरण निम्नलिखित में से किस तकनीक की व्याख्या करता है?
(a) कृत्रिम बुद्धिमत्ता

(b) मशीन लर्निंग
(c) तंत्रिका नेटवर्क
(d) डीप लर्निंग

Show Answer/Hide

उत्तर – (A) 

व्याख्या – यह अवतरण कृत्रिम बुद्धिमत्ता(एआई) का वर्णन करता है। यह कंप्यूटर विज्ञान का एक विशाल क्षेत्र है जो आमतौर पर मानव बुद्धिमत्ता की आवश्यकता वाले कार्यों को करने में सक्षम बुद्धिमान मशीनें बनाने पर केंद्रित है। जैसा कि अवतरण में बताया गया है, कृत्रिम बुद्धिमत्ताके शुरुआती अनुप्रयोगों में गेम-प्लेइंग प्रोग्राम और भाषा अनुवाद प्रणालियाँ शामिल था। हालाँकि, कृत्रिम बुद्धिमत्ताअब बहुत अधिक परिष्कृत हो गई है और इसका उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुप्रयोगों में किया जाता है।

3. निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. चिकित्सा

2. कृषि
3. इलेक्ट्रॉनिक्स
4. खाद्य पदार्थ
5. ईंधन
6. सौर बैटरी
उपर्युक्त में से किन क्षेत्रों में नैनो प्रद्यौगिकी का अनुप्रयोग संभव है?
(a) केवल तीन

(b) केवल चार
(c) केवल पाँच
(d) सभी छह

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्य – नैनो प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग निम्नलिखित सभी क्षेत्रों में संभव है: –

  • चिकित्सा
  • कृषि
  • इलेक्ट्रॉनिक्स
  • खाद्य पदार्थ
  • ईंधन
  • सौर बैटरी
  • पर्यावरण
  • रक्षा
  • निर्माण
  • प्रौद्योगिकी

नैनो प्रौद्योगिकी एक तेजी से विकसित हो रही तकनीक है, और इसके अनुप्रयोगों की संभावनाएं असीम हैं।

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. वर्तमान में भारत में ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स सूचना प्रदयौगिकी अधिनियम, 2002 द्वारा विनियमित होते हैं।

2.भारतीय कृषि परिदृश्य में इंटरनेट ऑफ थिंग्स को लागू करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं ।
3. डीप वेब वेबसाइटों तक टोर ब्राउजर की मदद से पहुंचा जा सकता है ।
4. श्रीकृष्णा समिति को भारत के लिए डेटा संरक्षण कानून तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

Show Answer/Hide

उत्तर – (C) 

व्याख्या: “ओवर-द-टॉप” (ओटीटी) मीडिया सेवा एक ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म को संदर्भित करती है जो स्ट्रीमिंग मीडिया को एक स्वतंत्र उत्पाद के रूप में उपलब्ध कराती है।सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2002 में ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स के लिए कोई विशिष्ट नियम या दिशानिर्देश नहीं हैं। इस कारण से, इन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सामग्री के संबंध में अक्सर विवाद होता है। सरकार ने हाल ही में ओवर-द-टॉप प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स को विनियमित करने के लिए एक नई नीति का प्रस्ताव दिया है। इस नीति के तहत, इन प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध सामग्री को लेकर अधिक सख्त नियम और दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे। अतः कथन 1 सही नहीं है

इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) का उपयोग करके भारतीय कृषि परिदृश्य में कई सुधार किए जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, IoT का उपयोग फसलों के उत्पादन, जल प्रबंधन और पशुपालन में किया जा सकता है। अतः कथन 2 सही है

टोर ब्राउज़र एक ओपन-सोर्स वेब ब्राउज़र है जो यूजर की पहचान और स्थान को छुपाने के लिए एंक्रिप्शन का उपयोग करता है। यह डीप वेब और डार्क वेब को एक्सेस करने के लिए आवश्यक है क्योंकि ये वेबसाइटें सार्वजनिक इंटरनेट से अलग हैं। अतः कथन 3 सही है। श्रीकृष्णा समिति को भारत के लिए डेटा संरक्षण कानून तैयार करने के लिए गठित किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट 2018 में प्रस्तुत की थी। अतः कथन 4 सही है

5. भारतीय संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:

1. पेटेंट अधिनियम 1970
2. ट्रैडमार्क अधिनियम 1999
3. कॉपीराइट अधिनियम 1957

उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित नहीं हैं
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (D) 

व्याख्या – भारतीय पेटेंट अधिनियम भारत में पेटेंट से संबंधित कानून है। यह अधिनियम 1970 में पारित हुआ था। अतः युग्म 1 सही है। भारतीय ट्रेडमार्क अधिनियम भारत में ट्रेडमार्क से संबंधित कानून है। यह अधिनियम 1999 में पारित हुआ था। अतः युग्म 2 सही है

भारतीय कॉपीराइट अधिनियम भारत में कॉपीराइट से संबंधित कानून है। यह अधिनियम 1957 में पारित हुआ था। अतः युग्म 3 सही है

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 03 January 2025 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
03 January, 2025 (Friday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
1. पौधों में श्वसन की प्रक्रिया में ग्लूकोज के टूटने से ऊर्जा मुक्त होती है।

2. रंध्र पत्तियों के एपिडर्मिस में छोटे छिद्र होते हैं जो गैस विनिमय को नियंत्रित करते हैं।
3. जाइलम पौधे के भीतर कार्बनिक पोषक तत्वों के परिवहन के लिए जिम्मेदार है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – पौधों में श्वसन की प्रक्रिया ग्लूकोज के टूटने और ऊर्जा मुक्त होने पर निर्भर करती है। यह प्रक्रिया पौधे की कोशिकाओं के माइटोकॉन्ड्रिया में होती है और पौधे के जीवित रहने और बढ़ने के लिए आवश्यक है। पौधों में कोशिकीय श्वसन के लिए रासायनिक समीकरण निम्न है:

C6H12O6 (ग्लूकोज) + 6O2 (ऑक्सीजन) → 6CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड) + 6H2O (पानी) + ऊर्जा अतः कथन 1 सही है

रंध्र वास्तव में पत्तियों के बाह्य त्वचा (एपिडर्मिस) में छोटे छिद्र होते हैं जो गैस विनिमय को नियंत्रित करते हैं। वे पौधे को कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करने की अनुमति देते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक है, और ऑक्सीजन का निष्कासन करते हैं, जो प्रकाश संश्लेषण का उप-उत्पाद है। इसके अतिरिक्त, रंध्र जल वाष्प के विनिमय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिससे पौधे को अपना तापमान नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अतः कथन 2 सही है

जाइलम मुख्य रूप से पूरे पौधे में पानी और घुले हुए खनिजों के परिवहन के लिए जिम्मेदार होता है। यह कार्बनिक पोषक तत्वों का परिवहन नहीं करता है, जो मुख्य रूप से फ्लोएम के माध्यम से होता है। अतः कथन 3 सही नहीं है

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:
कथन-I: एलिसा (ELISA) विशिष्ट प्रोटीनों का पता लगाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली तकनीक है।
कथन-II: एलिसा (ELISA) में पता लगाने के लिए एंजाइम-लेबल एंटीबॉडी का उपयोग किया जाता है।।
उपर्युक्त कथनों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन सा सही है?
(a) कथन-I और कथन- II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या करता है

(b) कथन-I और कथन -II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं करता है
(c) कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है
(d) कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसोर्बेंट परीक्षण (ELISA) एक इम्यूनोलॉजिकल परीक्षण है जो प्राय: जैविक नमूनों में एंटीबॉडी, एंटीजन, प्रोटीन और ग्लाइकोप्रोटीन को मापने के लिए उपयोग किया जाता है। अतः कथन-I सही है

एलिसा काफी हद तक एंजाइम-टैग एंटीबॉडी पर निर्भर करता है। यह एंटीबॉडी लक्ष्य अणु से जुड़ जाता है, जिससे एक एंजाइम प्रतिक्रिया होती है जो सिग्नल को बढ़ाती है, जिससे लक्ष्य की कम सांद्रता को भी देखा जा सकता है। यह एलिसा को लक्ष्य अणु का पता लगाने के साथ-साथ मापने में सक्षम बनाता है, जिससे यह अनुसंधान और निदान में एक महत्वपूर्ण उपकरण बन जाता है। अतः कथन-II सही है

परंतु कथन-I ,कथन -II की व्याख्या नहीं करता है क्योंकि कथन -II एलिसा प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण चरण का वर्णन करता है, यह पूरी तरह से यह नहीं बताता है कि एलिसा विशिष्ट प्रोटीन का पता कैसे लगाता है।

3. निम्नलिखित कथन पर विचार कीजिए:
1. संवर्धित वास्तविकता (AR) उपयोगकर्ताओं को डिजिटल जानकारी को अध्यारोपित करते हुए वास्तविक दुनिया के साथ अन्तःक्रिया करने की अनुमति देती है।

2. आभासी वास्तविकता (VR) में, भौतिक वातावरण को पूरी तरह से आभासी अनुरूपण द्वारा बदल दिया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – संवर्धित वास्तविकता (AR) वास्तविक दुनिया पर डिजिटल जानकारी को आरोपित करती है, जिससे उपयोगकर्ता दोनों के साथ एक साथ जुड़ सकते हैं। यह पोकेमोन गो जैसे खेलों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जहां आभासी जीव उपयोगकर्ता के वास्तविक वातावरण में दिखाई देते हैं। अतः कथन 1 सही है

आभासी वास्तविकता (VR): एक सिम्युलेटेड वातावरण बनाता है जो भौतिक दुनिया की जगह ले लेता है। VR एक वैकल्पिक वास्तविकता का कंप्यूटर-जनित अनुकरण है। इसका उपयोग 3D फिल्मों, वीडियो गेम, प्रशिक्षण, शिक्षा, विज्ञान और वर्चुअल टूर में किया जाता है। अतः कथन 2 भी सही है

4. इसमें चार चरणों वाली प्रणाली है जिसमें ठोस और तरल ईंधन वाले रॉकेट चरणों का संयोजन शामिल है। सबसे नीचे पहला चरण ठोस ईंधन वाला है जिसके चारों ओर छह स्ट्रैप-ऑन ठोस रॉकेट बूस्टर लगे हुए हैं। दूसरा चरण तरल ईंधन से संचालित होता है जबकि तीसरे चरण में ठोस ईंधन से चलने वाला रॉकेट मोटर होता है। चौथे चरण में, प्रक्षेपक बाहरी अंतरिक्ष में गति बढ़ाने के लिए द्रव ईंधन का उपयोग करता है। इसे उच्चतम सफलता दर मिली है और इसे इसरो का वर्क हॉर्स माना जाता है।
उपर्युक्त अनुच्छेद निम्नलिखित में से किसके बारे में है:
(a) GSLV

(b) PSLV
(c) SLV
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)   

व्याख्या – PSLV की सफलता दर 97% से भी अधिक है, जो इसे दुनिया के सबसे विश्वसनीय प्रक्षेपण वाहनों में से एक बनाता है। इस सफलता के साथ, इसका सामर्थ्य और मितव्ययता इसे इसरो के लिए “वर्कहॉर्स” बनाता है। PSLV ने अपने इतिहास में कई कई सफल प्रक्षेप किए हैं जो भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम में इसके महत्वपूर्ण योगदान को स्पष्ट करते हैं ।

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. DRDO स्वदेशी रक्षा तकनीकों के विकास के लिए जिम्मेदार है।

2. ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल के विकास के लिए भारत और रूस के बीच एक संयुक्त उद्यम है।
3. HAL भारत की प्राथमिक एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है।
4. तेजस भारत द्वारा विकसित एक स्वदेशी बहुउद्देश्यीय हल्का लड़ाकू विमान है।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) भारत की रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए विभिन्न अत्याधुनिक तकनीकों, प्रणालियों और उत्पादों को विकसित करने के लिए जिम्मेदार हैं। अतः कथन 1 सही है। 

ब्रह्मोस भारत और रूस के बीच सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों के विकास, उत्पादन और विपणन के लिए एक संयुक्त उद्यम है। अतः कथन 2 सही है

हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) एक भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की एयरोस्पेस और रक्षा कंपनी है, जिसका मुख्यालय बैंगलोर में है। 23 दिसंबर 1940 को स्थापित, HAL दुनिया के सबसे पुराने और सबसे बड़े एयरोस्पेस और रक्षा निर्माताओं में से एक है। अतः कथन 3 सही है

तेजस भारत द्वारा विकसित एक स्वदेशी बहुउद्देश्यीय हल्का लड़ाकू विमान है। यह परियोजना हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) के सहयोग से एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (ADA) द्वारा शुरू की गई थी । अतः कथन 4 सही है

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 27 December 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
27 December, 2024 (Friday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. पुनः संयोजक (रीकॉम्बिनेंट) डीएनए तकनीक में मेजबान जीवों में विदेशी डीएनए का सम्मिलन शामिल है।

2. पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन एक तकनीक है जिसका उपयोग डीएनए अनुक्रमों को बढ़ाने के लिए किया जाता है।
3. CRISPR-Cas9 एक जीनोम-संपादन उपकरण है जो विशिष्ट डीएनए अनुक्रमों को लक्षित करने के लिए RNA का उपयोग करता है।
4. जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस एक ऐसी विधि है जिसका उपयोग डीएनए टुकड़ों को उनके आकार के आधार पर अलग करने और उनका विश्लेषण करने के लिए किया जाता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – पुनः संयोजक (रीकॉम्बिनेंट) डीएनए तकनीक, जिसे जेनेटिक इंजीनियरिंग के रूप में भी जाना जाता है, विभिन्न जीवों के डीएनए को संयोजित करने और इसे एक मेजबान जीव में डालने की प्रक्रिया है। इसका लक्ष्य नए आनुवंशिक संयोजनों का उत्पादन करना है जो विज्ञान, चिकित्सा, कृषि और उद्योग में उपयोगी हों। अतः कथन 1 सही है। 

पॉलीमरेज़ चेन रिएक्शन (पीसीआर) एक शक्तिशाली और बहुमुखी तकनीक है जिसका उपयोग विशिष्ट डीएनए अनुक्रमों को बढ़ाने के लिए किया जाता है। यह आणविक जीव विज्ञान में सबसे महत्वपूर्ण उपकरणों में से एक है और अनुसंधान, निदान एवं फोरेंसिक में इसके विभिन्न अनुप्रयोग हैं। अतः कथन 2 सही है

CRISPR-Cas9 एक अत्याधुनिक जीनोम-संपादन तकनीक है जो विशिष्ट डीएनए अनुक्रमों को लक्षित करने और आनुवंशिक रोगों के लिए जिम्मेदार जीन की मरम्मत के लिए छोटे आरएनए अणुओं का उपयोग करती है। अतः कथन 3 सही है

जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस एक प्रयोगशाला तकनीक है जो डीएनए, आरएनए या प्रोटीन मिश्रण को आकार के आधार पर अलग करती है। इसका उपयोग प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड को उनके चार्ज, आकार या संरचना के आधार पर अलग करने और शुद्ध करने के लिए भी किया जाता है। अतः कथन 4 सही है

2. ब्लैक होल के बारे में निम्नलिखित कथन पर विचार कीजिए:
1. यह प्रकाश और अन्य प्रकार के विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित करता है।

2. ये अंतरिक्ष के ऐसे क्षेत्र हैं जहां गुरुत्वाकर्षण इतना मजबूत है कि कुछ भी, यहां तक कि प्रकाश भी, बच नहीं सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – ब्लैक होल स्वयं प्रकाश या अन्य प्रकार के विद्युत चुम्बकीय विकिरण उत्सर्जित नहीं करते हैं। हालाँकि, आस-पास के पदार्थ पर उनके प्रभाव को देखकर अप्रत्यक्ष रूप से उनका पता लगाया जा सकता है। जैसे ही पदार्थ ब्लैक होल में प्रवेश करता है, यह एक अभिवृद्धि डिस्क बनाता है, और तीव्र गुरुत्वाकर्षण बल एक्स-रे और अन्य विकिरण उत्पन्न कर सकते हैं। इसलिए, जबकि ब्लैक होल प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते हैं, उनकी उपस्थिति का अनुमान आसपास के पदार्थ से उत्सर्जित विकिरण से लगाया जा सकता है। अतः कथन 1 सही नहीं है

ब्लैक होल तब बनते हैं जब बड़े तारे अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण नष्ट हो जाते हैं, जिससे ऐसे क्षेत्र बनते हैं जहां गुरुत्वाकर्षण खिंचाव इतना मजबूत होता है कि कुछ भी, यहां तक कि प्रकाश भी, बच नहीं सकता है। यह सीमा जिसके पार कुछ भी नहीं बच सकता, इवेंट होराइजन (event horizon) कहलाती है। जो कुछ भी इस सीमा को पार करता है वह प्रभावी रूप से बाहरी ब्रह्मांड में खो जाता है, जिससे ब्लैक होल प्रत्यक्ष अवलोकन के लिए अदृश्य हो जाते हैं। अतः कथन 2 सही है

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
कथन-I: क्वांटम कंप्यूटर पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में कुछ गणनाएँ बहुत तेजी से कर सकते हैं।
कथन-II: क्वांटम कंप्यूटर सूचनाओं को समानांतर में संसाधित करने के लिए अध्यारोपण(superposition) और उलझाव (Entanglement) के सिद्धांतों पर कार्य करते हैं।
उपर्युक्त कथनों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा सही है?
(a) कथन-1 और कथन-II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या है

(b) कथन-I और कथन II दोनों सही हैं तथा कथन-II, कथन-I की सही व्याख्या नहीं है
(c) कथन-I सही है किन्तु कथन-II गलत है
(d) कथन-I गलत है किन्तु कथन-II सही है

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या – क्वांटम कंप्यूटर सूचनाओं को समानांतर में संसाधित करने के लिए क्वांटम यांत्रिकी के सिद्धांतों, जैसे सुपरपोजिशन (अध्यारोपण) और उलझाव (Entanglement), का उपयोग करते हैं। यह उन्हें पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में कुछ प्रकार की समस्याओं को बहुत तेजी से हल करने की अनुमति देता है, जो अनुक्रमिक प्रसंस्करण तक सीमित हैं। अतः कथन-I सही है

अध्यारोपण एक क्वांटम बिट (क्विबिट) को एक साथ 0 और 1 की स्थिति में होने की अनुमति देता है, जबकि उलझाव क्विबिट्स को एक साथ इस तरह से जोड़ने की अनुमति देता है जो पारंपरिक बिट्स नहीं कर सकते। ये अद्वितीय गुण क्वांटम कंप्यूटरों को समानांतर गणना करने में सक्षम बनाते हैं, जिससे उनकी प्रसंस्करण शक्ति में उल्लेखनीय वृद्धि होती है। अतः कथन-II सही है

अध्यारोपण और उलझाव का लाभ उठाकर, क्वांटम कंप्यूटर समानांतर प्रसंस्करण कर सकते हैं, जो उन्हें पारंपरिक कंप्यूटरों की तुलना में कुछ समस्याओं को तेजी से हल करने की अनुमति देता है। अतः कथन-II, कथन-I का सही स्पष्टीकरण है

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. 1986 में चेरनोबिल आपदा परमाणु संलयन अभिक्रिया के गलत हो जाने के कारण हुई थी।

2. परमाणु ऊर्जा संयंत्र परमाणु अभिक्रियाओं की दर को नियंत्रित करने के लिए नियंत्रण छड़ों का उपयोग करते हैं।
3. फुकुशिमा दाइची परमाणु आपदा एक बड़े भूकंप के कारण शुरू हुई थी।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – चेरनोबिल आपदा संलयन अभिक्रिया नहीं बल्कि परमाणु विखंडन अभिक्रिया के कारण हुई थी। 26 अप्रैल, 1986 को सोवियत संघ के चेरनोबिल परमाणु ऊर्जा संयंत्र में दुर्घटना घटी। रिएक्टर कोर अत्यधिक गर्म हो गया, जिससे भाप का विस्फोट हुआ और आग लग गई। विस्फोट रासायनिक था, जो गैसों और भाप से प्रेरित था। अतः कथन 1 सही नहीं है

नियंत्रण छड़ें उन सामग्रियों से बनी होती हैं जो न्यूट्रॉन को अवशोषित करती हैं, इस प्रकार विखंडन श्रृंखला प्रतिक्रिया को धीमा कर देती हैं और रिएक्टर के बिजली उत्पादन को नियंत्रित करती हैं। ऑपरेटर बिजली के स्थिर स्तर को बनाए रखने या आपात स्थिति में रिएक्टर को बंद करने के लिए नियंत्रण छड़ों की स्थिति को समायोजित कर सकते हैं। अतः कथन 2 सही है

2011 में, जापान के तट पर एक शक्तिशाली भूकंप के कारण सुनामी आई, जिसने फुकुशिमा दाइची परमाणु ऊर्जा संयंत्र में बिजली आपूर्ति और शीतलन प्रणाली को नष्ट कर दिया। इसके परिणामस्वरूप रिएक्टर कोर अधिक गरम हो गया और बाद में मेल्टडाउन हो गया, जिससे रेडियोधर्मी सामग्री पर्यावरण में फैल गई। अतः कथन 3 सही है

5.भारतीय रक्षा तकनीक के संदर्भ में निम्नलिखित पर विचार कीजिए:
1. अर्जुन

2. टी-72
3. आकाश
4. आईएनएस विक्रमादित्य
5. पिनाका
उपर्युक्त में से कितने भारत में घरेलू स्तर पर विकसित किए गए हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल तीन
(c) केवल चार
(d) सभी पाँच

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या –

अर्जुन: यह मुख्य युद्धक टैंक पूरी तरह से भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। यह उन्नत बख्तरबंद वाहन विकसित करने में भारत की स्वदेशी क्षमता को प्रदर्शित करता है।

आकाश: सतह से हवा में मार करने वाली यह मिसाइल प्रणाली भी पूरी तरह से डीआरडीओ द्वारा विकसित की गई है। यह वायु रक्षा प्रौद्योगिकी में भारत की आत्मनिर्भरता का उदाहरण है।

पिनाका: यह मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम भारत की स्वदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी विकास का एक और प्रमाण है। डीआरडीओ ने इस प्रणाली को डिजाइन और निर्मित किया, जिससे यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि बन गई।

टी-72: इसका मूल डिजाइन और विकास सोवियत संघ का है, भारत टी-72 टैंकों के उत्पादन का लाइसेंस देता है। हालाँकि भारत ने डिज़ाइन में कुछ संशोधन किए हैं, लेकिन यह मूल रूप से एक विदेशी तकनीक बनी हुई है।

आईएनएस विक्रमादित्य: यह विमानवाहक पोत मूल रूप से सोवियत नौसेना के एडमिरल गोर्शकोव का था। भारत ने इसे रूस से खरीदा और बाद में इसे आईएनएस विक्रमादित्य बनाने के लिए परिष्कृत किया। हालाँकि भारत ने इसके आधुनिकीकरण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है, लेकिन यह पूरी तरह से घरेलू स्तर पर विकसित जहाज नहीं है।

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 20 December 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
20 December, 2024 (Friday)

1. एक स्पेससूट अंतरिक्ष यात्रियों को निम्नलिखित में से कौन सा लाभ प्रदान करता है?
1. यह अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष विकिरण के साथ-साथ सूक्ष्म उल्कापिंडों और अंतरिक्ष में घूम रहे अन्य कणों से बचाता है।
2. यह अंतरिक्ष यात्रियों को उनके शरीर के चारों ओर हवा की निरंतर आपूर्ति और इष्टतम वायु दबाव प्रदान करता है।
3. यह अंतरिक्ष के अत्यधिक तापमान के उतार-चढ़ाव से मानव शरीर की रक्षा करता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – स्पेससूट के बिना मनुष्य बाहरी अंतरिक्ष या चंद्रमा की सतह की कठोर परिस्थितियों में लंबे समय तक जीवित नहीं रह पाएगा। सबसे पहले, स्पेससूट मानव शरीर को अंतरिक्ष के अत्यधिक तापमान में उतार-चढ़ाव से बचाते हैं। वायुमंडल के अभाव में, जिन क्षेत्रों पर सीधी धूप पड़ती है वे अत्यधिक गर्म हो जाते हैं जबकि अंधेरे वाले क्षेत्र ठंडे हो जाते हैं। स्पेस सूट का पहला काम अंतरिक्ष यात्री को अत्यधिक तापमान से बचाना है। दूसरा, स्पेससूट अंतरिक्ष यात्रियों को उनके शरीर के चारों ओर हवा की निरंतर आपूर्ति और इष्टतम वायु दबाव भी प्रदान करते हैं। उन पर इस आशय का दबाव डाला जाता है, जिससे वे कपड़ों के टुकड़े की तुलना में मानव आकार के अंतरिक्ष वाहनों की तरह बन जाते हैं। तीसरा, स्पेससूट अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष विकिरण से बचाता है जो बेहद हानिकारक हो सकता है, साथ ही अंतरिक्ष में अक्सर अविश्वसनीय गति से घूमने वाले माइक्रोमीटराइट्स और अन्य कणों से भी बचाता है। चंद्रमा की सतह पर, सूट अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा की धूल से भी बचाते हैं, जिसे नासा के विशेषज्ञ “चंद्रमा पर नंबर एक पर्यावरणीय समस्या” मानते हैं। पृथ्वी पर धूल की तुलना में कहीं अधिक अपघर्षक, यह अपने संपर्क में आने वाली हर चीज को संक्षारित कर देता है और संभावित रूप से फेफड़ों की बीमारियों का कारण बन सकता है। अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष की सबसे कठिन परिस्थितियों में भी जीवित रहने में मदद करके, स्पेससूट उन्हें अंतरिक्ष में कार्य करने, प्रयोग करने और अपने मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने की अनुमति देते हैं। अतः सभी कथन सही हैं

2. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1.ग्राफीन एक छत्ते के पैटर्न में बंधे कार्बन परमाणुओं की एक डबल-परमाणु-मोटी परत है।
2. ग्राफीन कमरे के तापमान पर विशाल मैग्नेटोरेसिस्टेंस (जीएमआर) की संपत्ति प्रदर्शित कर सकता है।
3. जाइंट मैग्नेटोरेसिस्टेंस (जीएमआर) एक कंडक्टर के विद्युत प्रतिरोध का परिणाम है जो आसन्न सामग्रियों में चुंबकीय क्षेत्र से प्रभावित होता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – नोबेल पुरस्कार विजेता आंद्रे गीम के नेतृत्व में यूके में शोधकर्ताओं ने ग्राफीन की एक और संपत्ति की खोज की है – एक छत्ते के पैटर्न में बंधे कार्बन परमाणुओं की एकल-परमाणु-मोटी परत – जो इस ‘आश्चर्यजनक’ सामग्री को और अलग करती है। डॉ. गीम एंड कंपनी. पाया गया कि ग्राफीन कमरे के तापमान पर एक असामान्य विशाल मैग्नेटो प्रतिरोध (जीएमआर) प्रदर्शित करता है। जीएमआर एक कंडक्टर के विद्युत प्रतिरोध का परिणाम है जो आसन्न सामग्रियों में चुंबकीय क्षेत्र से प्रभावित होता है। इसका उपयोग कंप्यूटर, बायोसेंसर, ऑटोमोटिव सेंसर, माइक्रोइलेक्ट्रो मैकेनिकल सिस्टम और मेडिकल इमेजर्स में हार्ड डिस्क ड्राइव और मैग्नेटो प्रतिरोधी रैम में किया जाता है। अतः कथन 1 सही नहीं है

3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. सौर मौसम में बदलाव से उपग्रहों की कक्षाएँ बदल सकती हैं या उनका जीवन छोटा हो सकता है।
2. सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 (एल1) के आसपास हेलो कक्षा में रखे गए उपग्रह को बिना किसी रुकावट के लगातार सूर्य को देखने का लाभ मिलता है।
3. लैग्रेंज पॉइंट्स में रखे गए उपग्रहों को स्थिति में बने रहने के लिए अधिक ईंधन की आवश्यकता होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – सौर मौसम और पर्यावरण पूरे सिस्टम के मौसम को प्रभावित करते हैं। इस मौसम में बदलाव उपग्रहों की कक्षाओं को बदल सकते हैं या उनके जीवन को छोटा कर सकते हैं, जहाज पर इलेक्ट्रॉनिक्स में हस्तक्षेप या क्षति पहुंचा सकते हैं, और पृथ्वी पर बिजली ब्लैकआउट और अन्य गड़बड़ी का कारण बन सकते हैं। अंतरिक्ष के मौसम को समझने के लिए सौर घटनाओं का ज्ञान महत्वपूर्ण है।

प्रत्येक तूफान जो सूर्य से निकलता है और पृथ्वी की ओर जाता है, L1 से होकर गुजरता है, और सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के L1 के चारों ओर प्रभामंडल कक्षा में रखे गए उपग्रह को बिना किसी ग्रहण/ग्रहण के सूर्य को लगातार देखने का प्रमुख लाभ होता है।

L1, लैग्रेंजियन/लैग्रेंज प्वाइंट 1 को संदर्भित करता है, जो पृथ्वी-सूर्य प्रणाली के कक्षीय तल में पांच बिंदुओं में से एक है। लैग्रेंज पॉइंट्स, जिसका नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफी-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है, अंतरिक्ष में स्थित हैं जहां दो-पिंड प्रणाली (जैसे सूर्य और पृथ्वी) के गुरुत्वाकर्षण बल आकर्षण और प्रतिकर्षण के उन्नत क्षेत्रों का उत्पादन करते हैं। इनका उपयोग अंतरिक्ष यान द्वारा स्थिति में बने रहने के लिए आवश्यक ईंधन की खपत को कम करने के लिए किया जा सकता है। L1 बिंदु सौर और हेलिओस्फेरिक वेधशाला उपग्रह (SOHO) का घर है, जो NASA और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) की एक अंतरराष्ट्रीय सहयोग परियोजना है। अतः कथन 3 सही नहीं है

4. म्यूकोर्मिकोसिस के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. म्यूकोर्मिकोसिस एक फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक फफूंद के समूह के कारण होता है।
2. यह साइनस, मस्तिष्क और फेफड़ों को प्रभावित करता है और मधुमेह और कैंसर रोगियों में जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – म्यूकोर्मिकोसिस एक गंभीर लेकिन दुर्लभ फंगल संक्रमण है जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक फफूंद के समूह के कारण होता है। ये साँचे पूरे वातावरण में रहते हैं। यह म्यूकर मोल्ड के संपर्क में आने के कारण होता है जो आमतौर पर मिट्टी, पौधों, खाद और सड़ते फलों और सब्जियों में पाया जाता है। यह साइनस, मस्तिष्क और फेफड़ों को प्रभावित करता है और मधुमेह या गंभीर रूप से कमजोर प्रतिरक्षा वाले व्यक्तियों, जैसे कैंसर रोगियों या एचआईवी/एड्स वाले लोगों में जीवन के लिए खतरा हो सकता है। अतः दोनों कथन सही हैं

5. एडीज एजिप्टी मच्छर मुख्य रूप से निम्नलिखित में से कौन सी बीमारी फैलाता है?
1. चिकनगुनिया
2. पीला बुखार
3. मलेरिया
4. जापानी एन्सेफलाइटिस
उपर्युक्त में से कितने विकल्प सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – एडीज एजिप्टी, पीला बुखार मच्छर, एक मच्छर है जो डेंगू बुखार, चिकनगुनिया, जीका बुखार, मायरो और पीले बुखार के वायरस और अन्य रोग एजेंटों को फैला सकता है। मलेरिया एनोफिलीज मच्छर द्वारा फैलता है। जापानी एन्सेफलाइटिस आम तौर पर मच्छरों द्वारा फैलता है, विशेष रूप से क्यूलेक्स प्रकार के मच्छरों द्वारा।

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 13 December 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
13 December, 2024 (Friday)

1. 3D बायोप्रिंटिंग तकनीक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. 3D बायोप्रिंटिंग बायोमेडिकल भागों को बनाने के लिए कोशिकाओं, विकास कारकों और बायोमटेरियल्स को संयोजित करने के लिए 3D प्रिंटिंग तकनीकों का उपयोग करती है।

2. 3D बायोप्रिंटिंग में ऊतक जैसी संरचनाएं बनाने के लिए परत-दर-परत विधि शामिल होती है जिसे बाद में विभिन्न चिकित्सा और ऊतक इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उपयोग किया जाता है।
3. 3D बायोप्रिंटिंग का उपयोग शरीर के विभिन्न क्षेत्रों से ऊतकों के पुनर्निर्माण के लिए किया जा सकता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – त्रि-आयामी (3D) बायोप्रिंटिंग, अक्सर प्राकृतिक ऊतक विशेषताओं की नकल करने के उद्देश्य से, बायोमेडिकल भागों को बनाने के लिए कोशिकाओं, विकास कारकों और/या बायोमटेरियल्स को संयोजित करने के लिए 3D प्रिंटिंग जैसी तकनीकों का उपयोग है। आम तौर पर, 3डी बायोप्रिंटिंग ऊतक जैसी संरचनाएं बनाने के लिए बायो-इंक के रूप में जानी जाने वाली सामग्री को जमा करने के लिए परत-दर-परत विधि का उपयोग कर सकती है जो बाद में विभिन्न चिकित्सा और ऊतक इंजीनियरिंग क्षेत्रों में उपयोग की जाती है। चिकित्सा क्षेत्र में 3D बायोप्रिंटिंग के कई अनुप्रयोग हैं। ट्रेकिओब्रोन्कोमालाशिया (टीबीएम) नामक दुर्लभ श्वसन रोग से पीड़ित एक शिशु रोगी को एक ट्रेकिअल स्प्लिंट दिया गया जो 3D प्रिंटिंग के साथ बनाया गया था। 3D बायोप्रिंटिंग का उपयोग शरीर के विभिन्न क्षेत्रों से ऊतकों के पुनर्निर्माण के लिए किया जा सकता है। अतः सभी कथन सही हैं

2. स्क्रैमजेट इंजन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह एयर ब्रीदिंग प्रोपल्शन सिस्टम की तकनीक पर काम करता है।
2. इसरो द्वारा डिज़ाइन किया गया स्क्रैमजेट इंजन ईंधन के रूप में हाइड्रोजन और ऑक्सीडाइज़र के रूप में वायुमंडलीय हवा से ऑक्सीजन का उपयोग करता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – एयर ब्रीथिंग प्रोपल्शन सिस्टम की प्राप्ति की दिशा में इसरो के स्क्रैमजेट इंजन का पहला प्रायोगिक मिशन 28 अगस्त, 2016 को सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार, श्रीहरिकोटा से सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। इसरो द्वारा डिज़ाइन किया गया स्क्रैमजेट इंजन ईंधन के रूप में हाइड्रोजन और ऑक्सीडाइज़र के रूप में वायुमंडलीय हवा से ऑक्सीजन का उपयोग करता है। अतः दोनों कथन सही हैं

3. आर्टेमिस कार्यक्रम के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. आर्टेमिस कार्यक्रम नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के नेतृत्व में एक रोबोटिक चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम है।
2. कार्यक्रम का दीर्घकालिक लक्ष्य चंद्रमा पर एक स्थायी आधार स्थापित करना है, ताकि मंगल ग्रह पर मानव मिशन को संभव बनाया जा सके।
3. आर्टेमिस कार्यक्रम चंद्रमा की सतह से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन चलाने की संभावना का अध्ययन करने का प्रयास करता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – आर्टेमिस कार्यक्रम एक रोबोटिक और मानव चंद्रमा अन्वेषण कार्यक्रम है जिसका नेतृत्व संयुक्त राज्य अमेरिका के नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के साथ-साथ तीन साझेदार एजेंसियों- यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA), जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA), और कनाडाई अंतरिक्ष एजेंसी (सीएसए)। आर्टेमिस कार्यक्रम का उद्देश्य 1972 में अपोलो 17 मिशन के बाद पहली बार चंद्रमा पर मानव उपस्थिति को फिर से स्थापित करना है। कार्यक्रम के मुख्य भाग स्पेस लॉन्च सिस्टम (एसएलएस), ओरियन अंतरिक्ष यान, लूनर गेटवे स्पेस हैं। स्टेशन, और वाणिज्यिक मानव लैंडिंग सिस्टम। कार्यक्रम का दीर्घकालिक लक्ष्य चंद्रमा पर एक स्थायी आधार स्थापित करना है, ताकि मंगल ग्रह पर मानव मिशन को संभव बनाया जा सके। अतः कथन 3 सही नहीं है

4. निम्नलिखित में से कौन सा कथन ‘ब्लैक गोल्ड’ शब्द का सबसे अच्छा वर्णन करता है:
(a) कोयला और उसके डेरिवेटिव

(b) प्लेसर जमा से सोना निकाला गया
(c) पेट्रोलियम और उसके डेरिवेटिव
(d) सोना निकालने के बाद बचे अवशेष

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – पेट्रोलियम चट्टानों की परतों के बीच पाया जाता है और इसे अपतटीय और तटीय क्षेत्रों में स्थित तेल क्षेत्रों से निकाला जाता है। फिर इसे रिफाइनरियों में भेजा जाता है जो कच्चे तेल को संसाधित करते हैं और डीजल, पेट्रोल, केरोसिन, मोम, प्लास्टिक और स्नेहक जैसे विभिन्न उत्पादों का उत्पादन करते हैं। पेट्रोलियम और उसके डेरिवेटिव को काला सोना कहा जाता है क्योंकि वे बहुत मूल्यवान हैं। अतः विकल्प (c) सही है

5. साइबर सुरक्षा के संदर्भ में, बॉटनेट क्या हैं?
(a) एक स्टैंड-अलोन मैलवेयर कंप्यूटर प्रोग्राम जो अन्य कंप्यूटरों में फैलने के लिए खुद की प्रतिकृति बनाता है।

(b) दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर से संक्रमित और मालिकों की जानकारी के बिना एक समूह के रूप में नियंत्रित निजी कंप्यूटरों का नेटवर्क।
(c) वेब पेजों का एक सेट जिसका उपयोग जानबूझकर वेब क्रॉलर को अनंत संख्या में अनुरोध करने के लिए किया जा सकता है।
(d) स्पैम भेजने में सहायता के लिए डिज़ाइन किया गया एक कंप्यूटर प्रोग्राम।

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – बॉटनेट रोबोट और नेटवर्क शब्दों से मिलकर बना है। बोटनेट को बढ़ते सुरक्षा खतरे के रूप में पहचाना गया है। निजी कंप्यूटरों का एक नेटवर्क जो दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर से संक्रमित होता है और मालिकों की जानकारी के बिना एक समूह के रूप में नियंत्रित होता है, उदाहरण के लिए स्पैम भेजने के लिए। अतः कथन (b) सही है

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 06 December 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
06 December, 2024 (Friday)

1. पारिस्थितिक तंत्र में खाद्य श्रृंखलाओं के संदर्भ में, निम्नलिखित में से किस प्रकार के जीव को डीकंपोजर जीव के रूप में जाना जाता है?
1. वायरस

2. कवक
3. बैक्टीरिया
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1

(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – अधिकांश वायरस को एक जीवित मेजबान जीव की आवश्यकता होती है – वे एक परजीवी की तरह होते हैं। कवक प्रकृति के प्रमुख अपघटक हैं; वे कार्बनिक पदार्थों को तोड़ देते हैं जिन्हें अन्यथा पुनर्चक्रित नहीं किया जा सकता। बैक्टीरिया कार्बनिक पदार्थों के अपघटन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, विशेषकर अपघटन के प्रारंभिक चरण में जब नमी का स्तर अधिक होता है। अपघटन के बाद के चरणों में, कवक हावी हो जाते हैं। बैसिलस सबटिलिस और स्यूडोमोनास फ्लोरेसेंस डीकंपोजर बैक्टीरिया के उदाहरण हैं। अतः विकल्प (b) सही है

2. ठंडे कक्ष में संग्रहीत फल लंबे समय तक भंडारण का प्रदर्शन करते हैं क्योंकि:
(a) सूरज की रोशनी के संपर्क को रोका जाता है

(b) पर्यावरण में कार्बन डाइऑक्साइड की सांद्रता में वृद्धि हुई
(c) श्वसन की दर कम हो गई
(d) आर्द्रता में वृद्धि हुई है

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – चयापचय क्रिया श्वसन द्वारा प्रकट होती है। तापमान में कमी श्वसन दर को कम करने का एक प्रभावी साधन है। फल और सब्जियां कटाई के बाद भी अपनी चयापचय गतिविधि जारी रखती हैं। अतः विकल्प (c) सही है

3. न्यूट्रिनो के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. न्यूट्रिनो दो प्रकार के होते हैं, इलेक्ट्रॉन न्यूट्रॉन और प्रोटॉन न्यूट्रिनो।

2. प्राकृतिक न्यूट्रिनो हानिकारक होते हैं क्योंकि वे विकिरण उत्पन्न करते हैं और बीमारियों का कारण बन सकते हैं।
3. न्यूट्रिनो सूर्य (सौर न्यूट्रिनो) और अन्य तारों से आते हैं, ब्रह्मांडीय किरणें जो सौर मंडल के पार से और बिग बैंग से आती हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – न्यूट्रिनो के तीन प्रकार या “स्वाद” मौजूद हैं: इलेक्ट्रॉन न्यूट्रिनो, म्यूऑन न्यूट्रिनो और ताऊ न्यूट्रिनो। न्यूट्रिनो का द्रव्यमान बहुत छोटा होता है। यह अन्य पदार्थ कणों के साथ बहुत कमजोर ढंग से संपर्क करता है और इतना कमजोर है कि हर सेकंड खरबों न्यूट्रिनो हम पर गिरते हैं और हमारे शरीर से होकर गुजर जाते हैं, जिन पर किसी का ध्यान नहीं जाता। न्यूट्रिनो सूर्य (सौर न्यूट्रिनो) और अन्य तारों से आते हैं, ब्रह्मांडीय किरणें जो सौर मंडल के पार से आती हैं, और बिग बैंग से आती हैं। अतः कथन 3 सही है

4. भारत के सौर मिशन आदित्य-एल1 के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1.आदित्य एल1 सूर्य के कोरोना के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने वाला पहला उपग्रह है। 2. आदित्य एल1 यह अध्ययन करने में मदद करेगा कि सूर्य की गहरी परत प्रकाशमंडल, कोरोना की तुलना में बहुत कम तापमान पर क्यों है।
उपर्युक्त दिए गए कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – आदित्य एल1 सूर्य के कोरोना के चुंबकीय क्षेत्र का अध्ययन करने वाला पहला उपग्रह है। आदित्य एल1 यह अध्ययन करने में मदद करेगा कि सूर्य की गहरी परत प्रकाशमंडल, कोरोना की तुलना में बहुत कम तापमान पर क्यों है। अतः दोनों कथन सही हैं

5. कॉर्ड ब्लड बैंकिंग के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कॉर्ड ब्लड बैंकिंग में गर्भनाल रक्त लेना शामिल है, जो स्टेम कोशिकाओं का एक समृद्ध स्रोत है, और इसे भविष्य में उपयोग के लिए संरक्षित करना है।
2. कैंसर के उपचार के दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए गर्भनाल रक्त में स्टेम कोशिकाओं का उपयोग किया जा सकता है।
3. गर्भनाल रक्त से स्टेम कोशिकाएं अधिक लोगों को दी जा सकती हैं और अस्थि मज्जा की तुलना में अस्वीकृति की संभावना कम होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – कॉर्ड ब्लड बैंकिंग में गर्भनाल रक्त लेना, जो स्टेम कोशिकाओं का एक समृद्ध स्रोत है, और इसे भविष्य में उपयोग के लिए संरक्षित करना शामिल है। किसी बीमारी के इलाज के लिए गर्भनाल रक्त में स्टेम कोशिकाओं का उपयोग करने से अस्थि मज्जा में उपयोग करने की तुलना में निम्नलिखित लाभ होते हैं: अस्थि मज्जा की तुलना में गर्भनाल रक्त से स्टेम कोशिकाएं अधिक लोगों को दी जा सकती हैं। अस्थि मज्जा प्रत्यारोपण की तुलना में जब गर्भनाल रक्त प्रत्यारोपण का उपयोग किया जाता है तो अधिक मिलान संभव होते हैं। इसके अलावा, अस्थि मज्जा की तुलना में गर्भनाल रक्त में मौजूद स्टेम कोशिकाओं में अस्वीकृति की संभावना कम होती है। अस्थि मज्जा एकत्र करना गर्भनाल रक्त एकत्र करने की तुलना में कठिन है। अस्थि मज्जा एकत्र करने में कुछ जोखिम होते हैं और दाता के लिए यह दर्दनाक हो सकता है। गर्भनाल रक्त को जमाकर संग्रहित किया जा सकता है। यह किसी भी व्यक्ति के लिए तैयार है जिसे इसकी आवश्यकता है। अस्थि मज्जा को एकत्र करने के तुरंत बाद उपयोग किया जाना चाहिए। कैंसर के उपचार के दौरान प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए गर्भनाल रक्त में स्टेम कोशिकाओं का उपयोग किया जा सकता है। अस्थि मज्जा स्टेम कोशिकाओं में यह क्षमता नहीं होती है।

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 29 November 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
29 November, 2024 (Friday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. समुद्री ऊर्जा के विभिन्न रूपों जैसे ज्वार, लहर और समुद्री तापीय ऊर्जा रूपांतरण का उपयोग करके उत्पादित ऊर्जा को गैर-नवीकरणीय ऊर्जा माना जाता है।
2. आसमाटिक ऊर्जा खारे पानी के भंडार और मीठे पानी के भंडार के बीच एक झिल्ली में पानी की गति से उत्पन्न ऊर्जा है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – सरकार ने समुद्री ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा घोषित किया है। तदनुसार, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि समुद्री ऊर्जा के विभिन्न रूपों जैसे ज्वार, लहर, समुद्री तापीय ऊर्जा रूपांतरण आदि का उपयोग करके उत्पादित ऊर्जा को नवीकरणीय ऊर्जा माना जाएगा और गैर-सौर नवीकरणीय खरीद को पूरा करने के लिए पात्र होगा। दायित्व (आरपीओ)। आसमाटिक ऊर्जा एक ऐसी तकनीक है जो खारे पानी के भंडार और मीठे पानी के भंडार के बीच एक झिल्ली में पानी की गति से ऊर्जा उत्पन्न करती है। अतः कथन 1 सही नहीं है

2. माइक्रोबियल ईंधन सेल (एमएफसी) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. ये ऐसे उपकरण हैं जो सूक्ष्मजीवों की क्रिया द्वारा कार्बनिक अणुओं के ऑक्सीकरण द्वारा रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।

2. एमएफसी में किसी गतिमान इलेक्ट्रॉन या कैथोड/एनोड की आवश्यकता नहीं होती है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या – माइक्रोबियल ईंधन सेल (एमएफसी) एक जैव-इलेक्ट्रोकेमिकल उपकरण है जो कार्बनिक सब्सट्रेट्स को सीधे विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए श्वसन करने वाले रोगाणुओं की शक्ति का उपयोग करता है। इसके मूल में, एमएफसी एक ईंधन सेल है, जो ऑक्सीकरण कमी प्रतिक्रियाओं का उपयोग करके रासायनिक ऊर्जा को बिजली में परिवर्तित करता है। बेशक मुख्य अंतर नाम में है, माइक्रोबियल ईंधन कोशिकाएं एनोड पर ईंधन के पारंपरिक रासायनिक रूप से उत्प्रेरित ऑक्सीकरण और कैथोड पर कटौती के बजाय अपने सिस्टम में इलेक्ट्रॉनों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए जीवित जैव उत्प्रेरक पर निर्भर करती हैं। एमएफसी में एक एनोड और एक कैथोड होता है जो एक धनायन विशिष्ट झिल्ली से अलग होता है। एनोड पर सूक्ष्मजीव कार्बनिक ईंधन पैदा करने वाले प्रोटॉन को ऑक्सीकरण करते हैं जो झिल्ली से कैथोड तक गुजरते हैं, और इलेक्ट्रॉन जो एनोड से बाहरी सर्किट में गुजरते हैं ताकि करंट उत्पन्न हो सके। निस्संदेह चाल बैक्टीरिया द्वारा सांस लेते समय छोड़े गए इलेक्ट्रॉनों को एकत्र करना है। अतः कथन 2 सही नहीं है

3. निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए:
1. . ग्रे हाइड्रोजन: हाइड्रोजन जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न नहीं होता है

2. ब्लू हाइड्रोजन: कार्बन कैप्चर और भंडारण विकल्पों के साथ जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न हाइड्रोजन।
3. हरित हाइड्रोजन: हाइड्रोजन पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न होता है
उपर्युक्त में से कितने युग्म सही सुमेलित हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – जिन स्रोतों और प्रक्रियाओं से हाइड्रोजन प्राप्त होता है, उन्हें रंग टैब द्वारा वर्गीकृत किया जाता है। जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न हाइड्रोजन को ग्रे हाइड्रोजन कहा जाता है; यह आज उत्पादित हाइड्रोजन का बड़ा हिस्सा है। कार्बन कैप्चर और भंडारण विकल्पों के साथ जीवाश्म ईंधन से उत्पन्न हाइड्रोजन को ब्लू हाइड्रोजन कहा जाता है; पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों से उत्पन्न हाइड्रोजन को हरित हाइड्रोजन कहा जाता है। अंतिम प्रक्रिया में, नवीकरणीय ऊर्जा से उत्पन्न बिजली का उपयोग पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करने के लिए किया जाता है। अतः युग्म 1 सही सुमेलित नहीं है

4. जैव ईंधन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1.आज उपयोग में आने वाले सबसे आम प्रकार के जैव ईंधन इथेनॉल और बायोडीजल हैं जो जैव ईंधन प्रौद्योगिकी की पहली पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं।

2. इथेनॉल नवीकरणीय है और विभिन्न प्रकार की पादप सामग्रियों से बनाया गया है।
3. बायोडीजल का उत्पादन नए और प्रयुक्त वनस्पति तेलों और पशु वसा के साथ अल्कोहल को मिलाकर किया जाता है।
4. जैव ईंधन का उपयोग रॉकेट ईंधन के रूप में नहीं किया जा सकता क्योंकि इनमें चिपचिपाहट अधिक होती है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – 31 जनवरी को, स्टारडस्ट 1.0 को अमेरिका के मेन में लोरिंग कॉमर्स सेंटर से लॉन्च किया गया था, जो जैव ईंधन द्वारा संचालित पहला वाणिज्यिक अंतरिक्ष प्रक्षेपण बन गया, जो पारंपरिक रूप से उपयोग किए जाने वाले रॉकेट ईंधन के विपरीत पर्यावरण के लिए गैर विषैले है। जैव ईंधन बायोमास से प्राप्त किया जाता है, जिसे सीधे तरल ईंधन में परिवर्तित किया जा सकता है जिसका उपयोग परिवहन ईंधन के रूप में किया जा सकता है। आज उपयोग में आने वाले दो सबसे आम प्रकार के जैव ईंधन इथेनॉल और बायोडीजल हैं और ये दोनों जैव ईंधन प्रौद्योगिकी की पहली पीढ़ी का प्रतिनिधित्व करते हैं। उदाहरण के लिए, इथेनॉल नवीकरणीय है और विभिन्न प्रकार की पौधों की सामग्रियों से बनाया गया है। दूसरी ओर बायोडीजल का उत्पादन नए और प्रयुक्त वनस्पति तेलों, पशु वसा या पुनर्नवीनीकृत खाना पकाने वाले ग्रीस के साथ अल्कोहल के संयोजन से किया जाता है। अतः कथन 4 सही नहीं है

5.ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह डेटा के अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड की एक टाइम-स्टैम्प्ड श्रृंखला है जिसे किसी एक इकाई के स्वामित्व वाले कंप्यूटरों के समूह द्वारा प्रबंधित किया जाता है।

2. ब्लॉकचेन नेटवर्क का कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है।
3. इसमें कोई लेनदेन लागत नहीं है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – ब्लॉकचेन, सबसे सरल शब्दों में, डेटा के अपरिवर्तनीय रिकॉर्ड की एक टाइम-स्टैम्प्ड श्रृंखला है जिसे किसी एक इकाई के स्वामित्व वाले कंप्यूटरों के समूह द्वारा प्रबंधित किया जाता है। डेटा के इनमें से प्रत्येक ब्लॉक (यानी ब्लॉक) क्रिप्टोग्राफ़िक सिद्धांतों (यानी श्रृंखला) का उपयोग करके सुरक्षित और एक दूसरे से बंधे हैं। ब्लॉकचेन नेटवर्क में कोई केंद्रीय प्राधिकरण नहीं है – यह एक लोकतांत्रिक प्रणाली की परिभाषा है। चूँकि यह एक साझा और अपरिवर्तनीय बहीखाता है, इसमें मौजूद जानकारी किसी और सभी के देखने के लिए खुली है। ब्लॉकचेन में कोई लेनदेन लागत नहीं होती है। (एक बुनियादी ढांचे की लागत हां, लेकिन कोई लेनदेन लागत नहीं है।) अतः सभी कथन सही हैं

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 22 November 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
22 November, 2024 (Friday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1.एक्स-रे प्रतिदीप्ति का उपयोग आमतौर पर गैर-विनाशकारी तरीके से सामग्रियों की संरचना का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।
2. जब सूर्य सौर ज्वालाएं छोड़ता है, तो बड़ी मात्रा में एक्स-रे विकिरण चंद्रमा पर गिरता है, जिससे एक्स-रे प्रतिदीप्ति शुरू हो जाती है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रमा की सतह पर सोडियम के वैश्विक वितरण का नक्शा तैयार किया है। उन्होंने चंद्रयान-2 द्वारा ले जाए गए क्लास उपकरण (चंद्रयान-2 बड़े क्षेत्र सॉफ्ट एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर) का उपयोग किया। एक्स-रे फ्लोरोसेंट स्पेक्ट्रा का उपयोग करके चंद्र सतह पर सोडियम का वैश्विक स्तर पर माप प्रदान करने का यह पहला प्रयास है। एक्स-रे प्रतिदीप्ति का उपयोग आमतौर पर गैर-विनाशकारी तरीके से सामग्रियों की संरचना का अध्ययन करने के लिए किया जाता है। जब सूर्य सौर ज्वालाएं छोड़ता है, तो बड़ी मात्रा में एक्स-रे विकिरण चंद्रमा पर गिरता है, जिससे एक्स-रे प्रतिदीप्ति शुरू हो जाती है। अतः दोनों कथन सही हैं

2. हाइड्रोजन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. आवर्त सारणी में हाइड्रोजन सबसे हल्का और पहला तत्व है।
2. जल पृथ्वी पर पाया जाने वाला हाइड्रोजन का सबसे प्रचुर यौगिक है।
3. अपने अत्यधिक दहनशील गुण के कारण, ईंधन के रूप में हाइड्रोजन का उपयोग केवल आंतरिक दहन इंजनों में किया जा सकता है, अंतरिक्ष यान प्रणोदन में नहीं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – आवर्त सारणी में हाइड्रोजन सबसे हल्का और पहला तत्व है। चूँकि हाइड्रोजन का भार हवा से कम होता है, यह वायुमंडल में ऊपर उठता है और इसलिए अपने शुद्ध रूप, H2, में शायद ही पाया जाता है। हाइड्रोजन ईंधन ऑक्सीजन के साथ जलाया जाने वाला शून्य-उत्सर्जन ईंधन है। इसका उपयोग ईंधन सेल या आंतरिक दहन इंजन में किया जा सकता है। इसका उपयोग अंतरिक्ष यान के प्रणोदन के लिए ईंधन के रूप में भी किया जाता है। यह ब्रह्माण्ड में सबसे प्रचुर मात्रा में पाया जाने वाला तत्व है। सूर्य और अन्य तारे मुख्यतः हाइड्रोजन से बने हैं। खगोलविदों का अनुमान है कि ब्रह्मांड में 90% परमाणु हाइड्रोजन परमाणु हैं। हाइड्रोजन किसी भी अन्य तत्व की तुलना में अधिक यौगिकों का एक घटक है। जल पृथ्वी पर पाया जाने वाला हाइड्रोजन का सबसे प्रचुर यौगिक है। अतः कथन 3 सही नहीं है

3. वायु-स्वतंत्र प्रणोदन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह एक ऐसी तकनीक है जो एक गैर-परमाणु पनडुब्बी को वायुमंडलीय ऑक्सीजन का उपयोग करके संचालित करने की अनुमति देती है।
2. यह बैटरी चालित प्रणोदन को बढ़ाने के लिए ऑक्सीजन और इथेनॉल के दहन पर आधारित है।
3. वायु-स्वतंत्र प्रणोदन पर चलने वाली गैर-परमाणु पनडुब्बियां वस्तुतः मौन हो सकती हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – यह एक ऐसी तकनीक है जो एक गैर-परमाणु पनडुब्बी को वायुमंडलीय ऑक्सीजन तक पहुंचने की आवश्यकता के बिना (सतह पर या स्नोर्कल का उपयोग करके) संचालित करने की अनुमति देती है। यह गैर-परमाणु जहाजों की डीजल-इलेक्ट्रिक प्रणोदन प्रणाली को बढ़ा या प्रतिस्थापित कर सकता है। यह बैटरी चालित प्रणोदन को बढ़ाने के लिए संग्रहीत ऑक्सीजन और इथेनॉल के दहन पर आधारित है। एआईपी गोपनीयता में काफी सुधार करता है क्योंकि यह एक पनडुब्बी को पूरी तरह से जलमग्न होने पर सेवाओं और बैटरी चार्जिंग और प्रणोदन के लिए बिजली उत्पन्न करने में सक्षम बनाता है। एआईपी सिस्टम बिजली भी उत्पन्न करते हैं, पनडुब्बी को संचालित करने के लिए शक्ति प्रदान करते हैं और चालक दल के लिए ऑक्सीजन, प्रकाश और सुविधाएं भी उत्पन्न करते हैं। बैटरी पावर या एआईपी पर चलने वाली गैर-परमाणु पनडुब्बियां वस्तुतः शांत हो सकती हैं। अतः कथन 1 सही नहीं है

4. परमाणु संलयन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. परमाणु संलयन प्रतिक्रिया उस प्रकार के तापमान पर संभव है जो सूर्य और तारों के केंद्र में मौजूद है।
2. संलयन प्रतिक्रिया लगभग कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं करती है और विखंडन की तुलना में बहुत कम रेडियोधर्मी अपशिष्ट पैदा करती है।
3. संलयन अभिक्रिया का एकमात्र नुकसान यह है कि कच्चा माल पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक
(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या – परमाणु संलयन बहुत उच्च तापमान पर संभव है, कुछ सौ मिलियन डिग्री सेल्सियस के क्रम में, उस तरह का तापमान जो सूर्य और तारों के मूल में मौजूद है। इतने चरम तापमान को दोबारा बनाना कोई आसान काम नहीं है। रिएक्टर बनाने वाली सामग्रियों को भी इतनी बड़ी मात्रा में गर्मी का सामना करने में सक्षम होना चाहिए। और भी कई जटिलताएँ हैं. इतने उच्च तापमान पर, पदार्थ केवल प्लाज्मा अवस्था में मौजूद होता है, जहां अत्यधिक गर्मी के कारण परमाणु सकारात्मक और नकारात्मक आयनों में टूट जाते हैं। प्लाज्मा, जिसकी प्रवृत्ति बहुत तेजी से फैलने की होती है, को संभालना और उसके साथ काम करना बेहद मुश्किल है। लेकिन संलयन प्रतिक्रिया के लाभ बहुत अधिक हैं। अधिक ऊर्जा उत्पन्न करने के अलावा, संलयन से कोई कार्बन उत्सर्जन नहीं होता है, कच्चे माल की पर्याप्त आपूर्ति होती है, विखंडन की तुलना में बहुत कम रेडियोधर्मी अपशिष्ट उत्पन्न होता है और इसे अधिक सुरक्षित माना जाता है। अतः कथन 3 सही नहीं है

 

5. पृथ्वी पर एक ही स्थान पर रहने के लिए, एक भूस्थैतिक उपग्रह को इसके ठीक ऊपर होना चाहिए:
(a) कर्क रेखा
(b) उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव
(c) भूमध्य रेखा
(d) मकर रेखा

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – आज अधिकांश संचार उपग्रह भूस्थैतिक कक्षा में स्थापित हैं। कक्षाओं में भूस्थैतिक उपग्रह उसी गति से पृथ्वी का चक्कर लगाते हैं जिस गति से पृथ्वी घूमती है। पृथ्वी को पृथ्वी के चारों ओर एक पूर्ण चक्कर लगाने में लगभग 24 घंटे लगते हैं जिससे उन्हें पृथ्वी पर किसी स्थान का लगातार निरीक्षण करने की अनुमति मिलती है क्योंकि पृथ्वी भी उसी गति से घूमती है। तो केपलर के ग्रहों की गति के नियमों के आधार पर, यह उपग्रह को पृथ्वी से लगभग 35,790 किमी ऊपर स्थापित करेगा। उपग्रह भूमध्य रेखा के निकट स्थित हैं क्योंकि इस अक्षांश पर सभी दिशाओं से निरंतर गुरुत्वाकर्षण बल लगता है। अन्य अक्षांशों पर, पृथ्वी के केंद्र पर उभार उपग्रह को नीचे खींच लेगा। अतः विकल्प (c) सही है

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 15 November 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
15 November, 2024 (Friday)

1. वितरित खाता प्रौद्योगिकी (डीएलटी) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) परिसंपत्तियों के लेनदेन को रिकॉर्ड करने के लिए एक डिजिटल प्रणाली है जिसमें विवरण एक ही समय में कई स्थानों पर दर्ज किए जाते हैं।
2. पारंपरिक डेटाबेस के विपरीत, वितरित लेजर में केंद्रीय डेटा स्टोर या प्रशासन कार्यक्षमता होती है।
3. ब्लॉकचेन तकनीक एक विशिष्ट प्रकार की डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर तकनीक है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – 

  • डिस्ट्रीब्यूटेड लेजर टेक्नोलॉजी (डीएलटी) परिसंपत्तियों के लेनदेन को रिकॉर्ड करने के लिए एक डिजिटल प्रणाली है जिसमें लेनदेन और उनके विवरण एक ही समय में कई स्थानों पर दर्ज किए जाते हैं। अतः कथन 1 सही है
  • पारंपरिक डेटाबेस के विपरीत, वितरित लेजर में कोई केंद्रीय डेटा स्टोर या प्रशासन कार्यक्षमता नहीं होती है। अतः कथन 2 सही नहीं है
  • ब्लॉकचेन तकनीक एक विशिष्ट प्रकार की डीएलटी है जो बिटकॉइन के बाद प्रमुखता से आई, एक क्रिप्टोकरेंसी जो इसका उपयोग करती थी, लोकप्रिय हो गई। बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी लेनदेन को एन्क्रिप्ट करने और उन्हें ब्लॉकों में जमा करने के लिए कोड का उपयोग करती है, जिससे ब्लॉकचेन बनती है। यह कोड का उपयोग है जो क्रिप्टोकरेंसी को अन्य आभासी मुद्राओं से अलग करता है। अतः कथन 3 सही है

2. जैव-एंजाइमों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जैव-एंजाइम कार्बनिक समाधान हैं जो फलों, सब्जियों के छिलकों और फूलों जैसे कार्बनिक अपशिष्टों को चीनी, गुड़/गुड़ और पानी में मिलाकर किण्वित करके उत्पादित किए जाते हैं।
2. किण्वन की प्रक्रिया को धीमा करने के लिए खमीर का उपयोग किया जा सकता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (A)

व्याख्या – जैव-एंजाइम विभिन्न फलों, सब्जियों के छिलकों और फूलों सहित कार्बनिक अपशिष्टों को चीनी, गुड़/गुड़ और पानी में मिलाकर किण्वित करके उत्पादित कार्बनिक समाधान हैं। जैविक कचरे को किण्वित करने में 60-100 दिन लगते हैं। किण्वन को तेज़ करने के लिए, खमीर को 45-50 दिनों में तैयार करने के लिए कल्चर के रूप में उपयोग किया जा सकता है। अतः कथन 1 सही है

3. प्रोटीन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. कार्यात्मक इकाई बनने के लिए प्रोटीन को एक सटीक त्रि-आयामी आकार लेने की आवश्यकता होती है।

2. प्रोटीन के गलत तरीके से बनने से पार्किंसंस रोग और मोतियाबिंद जैसी कई बीमारियाँ हो सकती हैं।
3. अधिकांश समय, प्रोटीन वलन स्वतः ही होता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – डीएनए न्यूक्लियोटाइड्स की एक रैखिक श्रृंखला है, जिसके हिस्से ईमानदारी से रैखिक दूत आरएनए में स्थानांतरित होते हैं। इस आरएनए में संदेश को अमीनो एसिड – प्रोटीन के तारों में अनुवादित किया जाता है। कार्यात्मक इकाई बनने के लिए प्रोटीन को एक सटीक त्रि-आयामी आकार लेने की आवश्यकता होती है। यह प्रोटीन तह अपने आप नहीं होती, कम से कम अधिकांश समय। प्रोटीन का एक विशेष गुच्छा जिसे आणविक चैपरोन कहा जाता है, प्रोटीन को सही ढंग से मोड़ने में सहायता करता है। प्रोटीन के गलत तरीके से नष्ट होने से कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं। पार्किंसंस रोग में न्यूरॉन्स में मौजूद अल्फा-सिन्यूक्लिन प्रोटीन गलत तरीके से मुड़ जाता है। आँख के लेंस के क्रिस्टलिनों के असामान्य रूप से मुड़ने से मोतियाबिंद हो जाता है। आंखों के लेंस में, अल्फा-क्रिस्टलिंस नामक प्रोटीन का एक प्रचुर उपसमूह स्वयं चैपरोन के रूप में कार्य करता है। अतः कथन 3 सही नहीं है

4. मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग इसके उपचार में किया गया है:
1. एचआईवी

2. इबोला
3. कोविड-19
नीचे दिए गए कूट का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1
(d) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (D)

व्याख्या – कोविड-19 के अलावा, मोनोक्लोनल एंटीबॉडी का उपयोग कैंसर के साथ-साथ इबोला और एचआईवी के इलाज में भी किया गया है। अतः सभी सही हैं

5. कभी-कभी समाचार में देखे जाने वाले ‘न्यूरल नेटवर्क’ शब्द का अर्थ है:
(a) डिसएंगेज्ड कंप्यूटर क्लाउड का एक नेटवर्क

(b) साइबर अपराध मामलों में तत्काल सहायता के लिए एक पॉइंट टू पॉइंट नेटवर्क
(c) एक प्रक्रिया जो मानव मस्तिष्क के संचालन के तरीके की नकल करती है।
(d) कोशिकाओं के बीच उनके एमआरएनए के आधार पर नेटवर्किंग

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – तंत्रिका नेटवर्क एल्गोरिदम की एक श्रृंखला है जो मानव मस्तिष्क के संचालन के तरीके की नकल करने वाली प्रक्रिया के माध्यम से डेटा के एक सेट में अंतर्निहित संबंधों को पहचानने का प्रयास करता है। इस अर्थ में, तंत्रिका नेटवर्क न्यूरॉन्स की प्रणालियों को संदर्भित करता है, जो या तो कार्बनिक या कृत्रिम प्रकृति की होती हैं। तंत्रिका नेटवर्क बदलते इनपुट के अनुकूल हो सकते हैं; इसलिए नेटवर्क आउटपुट मानदंड को फिर से डिज़ाइन किए बिना सर्वोत्तम संभव परिणाम उत्पन्न करता है। तंत्रिका नेटवर्क की अवधारणा, जिसकी जड़ें कृत्रिम बुद्धिमत्ता में हैं, ट्रेडिंग सिस्टम के विकास में तेजी से लोकप्रियता हासिल कर रही है। अतः विकल्प (C) सही है

 

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here

Daily MCQs – विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – 08 November 2024 (Friday)

Daily MCQs : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी (Science and Technology)
08 November, 2024 (Friday)

1. सूखी बर्फ के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. सूखी बर्फ कार्बन डाइऑक्साइड का ठोस रूप है।

2. इसका तापमान पानी की बर्फ की तुलना में अधिक होता है।
3. इसका उपयोग अनाज और अनाज उत्पादों के बंद कंटेनरों में कीड़ों की गतिविधि को रोकने के लिए किया जाता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – सूखी बर्फ कार्बन डाइऑक्साइड का ठोस रूप है। इसका उपयोग मुख्य रूप से शीतलन एजेंट के रूप में किया जाता है। इसके फायदों में पानी की बर्फ की तुलना में कम तापमान और कोई अवशेष नहीं छोड़ना (वायुमंडल में नमी से आकस्मिक ठंढ के अलावा) शामिल है। यह जमे हुए खाद्य पदार्थों को संरक्षित करने के लिए उपयोगी है जहां यांत्रिक शीतलन उपलब्ध नहीं है। यह अत्यधिक ठंड ठंड (शीतदंश) के कारण जलने के कारण ठोस को बिना सुरक्षा के संभालना खतरनाक बना देती है। हालांकि आम तौर पर यह बहुत जहरीला नहीं होता है, लेकिन इससे निकलने वाली गैस सीमित स्थानों में जमा होने के कारण हाइपरकेनिया (रक्त में असामान्य रूप से ऊंचा कार्बन डाइऑक्साइड का स्तर) का कारण बन सकती है। सूखी बर्फ का उपयोग अनाज और अनाज उत्पादों के बंद कंटेनरों में कीड़ों की गतिविधि को रोकने और रोकने के लिए किया जा सकता है, क्योंकि यह ऑक्सीजन को विस्थापित करता है, लेकिन खाद्य पदार्थों के स्वाद या गुणवत्ता में कोई बदलाव नहीं करता है। इसी कारण से, यह खाद्य तेलों और वसा को बासी होने से रोक या धीमा कर सकता है। जब सूखी बर्फ को पानी में रखा जाता है, तो उर्ध्वपातन तेज हो जाता है, और कम डूबने वाले, धुएं जैसे कोहरे के घने बादल बन जाते हैं। इसका उपयोग फॉग मशीनों, थिएटरों, प्रेतवाधित घरों के आकर्षणों और नाइट क्लबों में नाटकीय प्रभावों के लिए किया जाता है। अतः कथन 2 सही नहीं है

2. मशीन टू मशीन संचार (M2M) के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. मशीन से मशीन संचार स्वचालित अनुप्रयोगों को संदर्भित करता है जिसमें मानव हस्तक्षेप के बिना नेटवर्क के माध्यम से संचार करने वाली मशीनें या उपकरण शामिल होते हैं।
2. यह वायर्ड और वायरलेस संचार नेटवर्क के माध्यम से डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक प्रसारित करने में सक्षम बनाता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1

(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – M2M संचार स्वचालित अनुप्रयोगों को संदर्भित करता है जिसमें मानवीय हस्तक्षेप के बिना नेटवर्क के माध्यम से संचार करने वाली मशीनें या उपकरण शामिल होते हैं। सेंसर और संचार मॉड्यूल एम2एम उपकरणों के भीतर एम्बेडेड होते हैं, जो वायर्ड और वायरलेस संचार नेटवर्क के माध्यम से डेटा को एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक प्रसारित करने में सक्षम बनाते हैं। अतः दोनों कथन सही हैं

3. एसिनेटोबैक्टर बाउमानी, एंटरोकोकस फ़ेकैलिस, एस्चेरिचिया कोली हैं:
(a) पशुओं को दर्द निवारक/सूजन रोधी दवाओं के रूप में दी जाने वाली दवाएं।

(b) वेक्टर जो डेंगू और मलेरिया का कारण बनते हैं
(c) ऐसे रोगजनक जिनमें एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित करने की क्षमता होती है।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या – ध्यान देने योग्य कुछ रोगजनकों में एसिनेटोबैक्टर बाउमानी, एंटरोकोकस फ़ेकेलिस, एस्चेरिचिया कोली, साल्मोनेला टाइफी, स्ट्रेप्टोकोकस निमोनिया और कई अन्य शामिल हैं। इन रोगजनकों को आमतौर पर एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति प्रतिरोध विकसित करने की क्षमता के कारण स्वास्थ्य देखभाल से जुड़े संक्रमणों के प्रेरक एजेंट के रूप में शामिल किया जाता है। अतः विकल्प (C) सही है

4. विटामिन डी की कमी के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. विटामिन डी की कमी अक्सर रिकेट्स से जुड़ी होती है।

2. रिकेट्स में, हड्डी के ऊतक कैल्शियम और फास्फोरस को सही ढंग से खनिज नहीं करते हैं, जिससे हड्डियां नरम हो जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप कंकाल की विकृति होती है।
3. विटामिन डी अवसाद, मूड में बदलाव, चिंता और नींद की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (C)

व्याख्या: विटामिन डी की कमी अक्सर रिकेट्स से जुड़ी होती है। रिकेट्स में, हड्डी के ऊतक कैल्शियम और फास्फोरस को सही ढंग से खनिज नहीं करते हैं, जिससे हड्डियां नरम हो जाती हैं जिसके परिणामस्वरूप कंकाल की विकृति होती है। यह अवसाद, मूड में बदलाव, चिंता और नींद की गुणवत्ता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अतः सभी कथन सही हैं

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित मादा मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है।

2. जब कोई मच्छर काटता है तो वह न केवल खून चूसता है बल्कि लार भी छोड़ता है जो रक्तप्रवाह में मिल जाती है।
3. डेंगू के इलाज के लिए विशिष्ट दवाएं और टीके उपलब्ध हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं/हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

Show Answer/Hide

उत्तर – (B)

व्याख्या – डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। बीमारी फैलाने वाले प्राथमिक वाहक मादा एडीज एजिप्टी मच्छर और कुछ हद तक एई हैं। एल्बोपिक्टस. डेंगू/गंभीर डेंगू का कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। गंभीर डेंगू से जुड़ी बीमारी की प्रगति का शीघ्र पता लगाने और उचित चिकित्सा देखभाल तक पहुंच से गंभीर डेंगू की मृत्यु दर 1% से कम हो जाती है। जब कोई मच्छर काटता है तो वह न केवल खून चूसता है बल्कि लार भी छोड़ता है। यह लार रक्त में मिल जाती है। मच्छर और रक्तप्रवाह के बीच तरल पदार्थों का आदान-प्रदान होता है। अतः कथन 3 सही नहीं है

Read Also :
All Daily MCQs  Click Here
Uttarakhand Exam Daily MCQs Click Here
Uttarakhand Study Material in Hindi Language (हिंदी भाषा में) Click Here
Uttarakhand Study Material in English Language
Click Here 
Uttarakhand Study Material One Liner in Hindi Language
Click Here
Previous Year Solved Paper  Click Here
UP Study Material in Hindi Language   Click Here
Bihar Study Material in Hindi Language Click Here
MP Study Material in Hindi Language Click Here
Rajasthan Study Material in Hindi Language Click Here
1 2 3
error: Content is protected !!