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Daily MCQs – इतिहास एवं कला-संस्कृति – 29 May 2024 (Wed)

Daily MCQs : इतिहास एवं कला-संस्कृति (History and Art & Culture)
29 May, 2024 (Wednesday)

1. पालों और प्रतिहारों के प्रशासन के संदर्भ में, ‘उपरिका’ शब्द का तात्पर्य है:
(A) भुक्ति या प्रांत का प्रमुख

(B) न्यायिक व्यवस्था के प्रमुख
(C) मुख्य राजस्व अधिकारी
(D) सैन्य प्रमुख

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – पाल साम्राज्य की भूमि जो सीधे प्रबंधित की जाती थी, उन्हें कई प्रांतों में विभाजित किया गया था, जिन्हें भुक्ति कहा जाता था और उपारिका नामक अधिकारियों द्वारा शासित किया जाता था। उपरीका ने लेवी एकत्र की और प्रांत की कानून और व्यवस्था को संरक्षित किया। इन भुक्तियों (प्रांतों) को आगे विषय (प्रभागों) और मंडला (जिलों) में विभाजित किया गया। अतः विकल्प (A) सही है

2. निम्नलिखित में से कौन सा नवपाषाण स्थल गड्ढे-घर आवास के लिए जाना जाता था?
(A) कोल्डिहवा
(B) हल्लूर
(C) बुर्जहोम
(D) चिरांद

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उत्तर – (C)

व्याख्या – नवपाषाण स्थल बुर्जहोम (वर्तमान कश्मीर में) में लोगों ने गड्ढे वाले घर बनाए, जो जमीन में खोदे गए थे, जिनमें सीढ़ियाँ बनी हुई थीं। हो सकता है कि इन्होंने ठंड के मौसम में आश्रय प्रदान किया हो। अतः विकल्प (C) सही है

3. बक्सर की लड़ाई (1764) के बाद ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय राज्यों में रेजिडेंट्स की नियुक्ति की। वह थे:
(A) राज्यों में सहायक गठबंधन के तहत आकस्मिक सेना इकाइयों के प्रमुखों को रखा गया।
(B) रियासतों के प्रतिनिधि मूल निवासी जो ब्रिटिश विधान परिषद का भी हिस्सा थे।
(C) राज्यों में कंपनी के राजनीतिक और वाणिज्यिक एजेंट।
(D) ब्रिटिश प्रेसीडेंसी के पूर्व गवर्नर जिन्होंने राज्यों को नियंत्रित किया।

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उत्तर – (C)

व्याख्या – वे राजनीतिक या वाणिज्यिक एजेंट थे और उनका काम कंपनी की सेवा करना और उसके हितों को आगे बढ़ाना था। रेजिडेंट्स के माध्यम से कंपनी के अधिकारी भारतीय राज्यों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने लगे। उन्होंने यह तय करने का प्रयास किया कि सिंहासन का उत्तराधिकारी कौन होगा और प्रशासनिक पदों पर किसे नियुक्त किया जाएगा। अतः विकल्प (C) सही है

4. वेदांत विचारधारा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह विद्यालय उपनिषदों में वर्णित जीवन दर्शन का समर्थन करता है।
2. वेदांत सिद्धांत पुनर्जन्म के सिद्धांत को नकारता है।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1
(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1 और न ही 2

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उत्तर – (A)

व्याख्या –

  • वेदांत दो शब्दों से बना है- ‘वेद’ और ‘अंत’, यानी वेदों का अंत। यह विद्यालय उपनिषदों में वर्णित जीवन दर्शन का समर्थन करता है। यह तर्क आत्मा और ब्रह्म को एक ही मानता है और यदि कोई व्यक्ति आत्मज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह स्वतः ही ब्रह्म को समझ लेगा और मोक्ष प्राप्त कर लेगा। यह तर्क ब्रह्म और आत्मा को अविनाशी और शाश्वत बना देगा। अतः कथन 1 सही है
  • वेदांत सिद्धांत भी कर्म सिद्धांत को विश्वसनीयता प्रदान करता है। यह सिद्धांत पुनर्जन्म या पुनर्जन्म में विश्वास करता है। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि एक व्यक्ति को अपने पिछले जन्म के कर्मों का खामियाजा अगले जन्म में भुगतना होगा। अतः कथन 2 सही नहीं है

5. महावीर की शिक्षाओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. महावीर मानते थे कि सभी वस्तुओं, सजीव और निर्जीव दोनों में आत्मा और चेतना की विभिन्न डिग्री होती हैं।
2. महावीर ने वेदों के अधिकार को अस्वीकार कर दिया और वैदिक अनुष्ठानों पर आपत्ति जताई।
3. वे कृषि कार्य को सबसे शुद्ध एवं विश्वसनीय व्यवसाय मानते थे।
उपर्युक्त में से कौन सा कथन सही है?
(A) केवल 1 और 2
(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

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उत्तर (A)

व्याख्या –

  • महावीर मानते थे कि सजीव और निर्जीव दोनों ही सभी वस्तुओं में आत्मा और चेतना के विभिन्न स्तर होते हैं। उनमें जीवन है और जब वे घायल होते हैं तो दर्द महसूस करते हैं। अतः कथन 1 सही है
  • महावीर ने वेदों के अधिकार को अस्वीकार कर दिया और वैदिक अनुष्ठानों पर आपत्ति जताई। उन्होंने अत्यंत पवित्र एवं नैतिक जीवन संहिता की वकालत की। अतः कथन 2 सही है
  • यहाँ तक कि कृषि कार्य को भी पाप माना जाता था क्योंकि इससे पृथ्वी, कीड़ों और जानवरों को नुकसान पहुँचता है। अतः कथन 3 सही नहीं है
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Daily MCQs – इतिहास एवं कला-संस्कृति – 22 May 2024 (Wed)

Daily MCQs : इतिहास एवं कला-संस्कृति (History and Art & Culture)
22 May, 2024 (Wednesday)

1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इस दर्शन के अनुसार, वेद शाश्वत हैं और सभी ज्ञान से युक्त हैं।
2. धर्म का अर्थ है वेदविहित कर्तव्यों का पालन करना।
3. यह दर्शन न्याय-वैशेषिक प्रणालियों को शामिल करता है और वैध ज्ञान की अवधारणा पर जोर देता है।
उपर्युक्त कथन निम्नलिखित में से किस से संबंधित हैं?
(A) मीमांसा दर्शन

(B) वेदांत दर्शन
(C) योग दर्शन
(d) सांख्य दर्शन

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उत्तर – (A)

व्याख्या – मीमांसा दर्शन मूल रूप से वेद के संहिता और ब्राह्मण भागों के पाठ की व्याख्या, अनुप्रयोग और उपयोग का विश्लेषण है। मीमांसा दर्शन के अनुसार, वेद शाश्वत हैं और सभी ज्ञान से युक्त हैं, और धर्म का अर्थ वेदों द्वारा निर्धारित कर्तव्यों की पूर्ति है। यह दर्शन न्याय-वैशेषिक प्रणालियों को शामिल करता है और वैध ज्ञान की अवधारणा पर जोर देता है। अतः विकल्प (A) सही है

2. निम्नलिखित में से कौन सा धर्म खजुराहो मंदिरों से जुड़ा है/हैं?
1. जैन धर्म

2. हिन्दू धर्म
3. तांत्रिक विद्या
4. बौद्ध धर्म
नीचे दिए गए कोड का उपयोग करके सही उत्तर चुनिए:
(A) केवल 1

(B) केवल 2 और 3
(C) केवल 1, 2 और 3
(D) उपर्युक्त सभी

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उत्तर – (C)

व्याख्या – खजुराहो में कई मंदिर हैं, जिनमें से अधिकांश हिंदू देवताओं को समर्पित हैं। यहां कुछ जैन मंदिरों के साथ-साथ एक चौसंत योगिनी मंदिर भी है, जो दिलचस्प है। दसवीं शताब्दी से पहले का, यह मोटे तौर पर तराशे गए ग्रेनाइट ब्लॉकों से बने छोटे, चौकोर मंदिरों का एक मंदिर है, प्रत्येक सातवीं शताब्दी के बाद तांत्रिक पूजा के उदय से जुड़ी गूढ़ देवियों या देवियों को समर्पित है। ऐसे कई मंदिर मध्य प्रदेश, ओडिशा और यहां तक कि दक्षिण में तमिलनाडु तक योगिनियों के पंथ को समर्पित थे। इनका निर्माण सातवीं और दसवीं शताब्दी के बीच हुआ था, लेकिन इनमें से कुछ ही बचे हैं। अतः विकल्प (C) सही है

3. अखिल भारतीय किसान सभा के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. उस समय के अन्य राजनीतिक संगठनों के विपरीत, किसान सभा ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से स्वतंत्र रूप से काम किया और कभी भी इसके साथ नहीं जुड़ी।

2. इसका गठन 1936 में सहजानंद सरस्वती द्वारा किया गया था।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही है/हैं?
(A) केवल 1

(B) केवल 2
(C) 1 और 2 दोनों
(D) न तो 1, न ही 2

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उत्तर – (B)

व्याख्या: अखिल भारतीय किसान सभा (AIKS) 1936 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) के लखनऊ सत्र में सहजानंद सरस्वती द्वारा गठित एक महत्वपूर्ण किसान आंदोलन था। स्वामी सहजानंद को अध्यक्ष चुना गया, और एन.जी. रंगा, आंध्र में किसान आंदोलन के प्रणेता और कृषि समस्या के प्रसिद्ध विद्वान, महासचिव थे। अतः कथन 1 सही नहीं है

4. मौर्य साम्राज्य में कुप्याध्यक्ष निम्नलिखित में से किसका एक प्रभारी अधिकारी था?
(A) जेल
(B) स्वास्थ्य क्लीनिक
(C) कराधान
(D) वन विभाग

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उत्तर – (D)

व्याख्या: चन्द्रगुप्त मौर्य के प्रशासन में कुप्याध्यक्ष (वन उत्पाद अधीक्षक) द्वारा प्रशासित एक नियमित वन विभाग था। उनका कर्तव्य जंगलों की उत्पादकता बढ़ाना, पेड़ों की कीमत तय करके उन्हें बेचना, मजबूत पेड़ों का वर्गीकरण करना आदि था। अतः विकल्प (D) सही है

5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. यह गुफा बाराबर पहाड़ियों की कठोर-अखंड ग्रेनाइट चट्टान पर बनाई गई है, जिसके बाईं ओर छोटी सुदामा गुफा है।
2. गुफा के “घुमावदार वास्तुशिल्प” पर अलंकरण में स्तूपों की ओर जाते हुए हाथियों की नक्काशी शामिल है।
उपर्युक्त कथनों का संदर्भ निम्नलिखित में से किस से है?
(A) उदयगिरि गुफाएँ
(B) कन्हेरी गुफाएँ
(C) लोमस ऋषि गुफाएँ
(D) एलीफेंटा गुफाएं

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उत्तर – (C)

व्याख्या: लोमस ऋषि गुफा बराबर पहाड़ियों की कठोर-अखंड ग्रेनाइट चट्टान पर बनाई गई है, जिसके बाईं ओर छोटी सुदामा गुफा है। चट्टान को काटकर बनाई गई यह गुफा एक अभयारण्य के रूप में बनाई गई थी। इसका निर्माण तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में मौर्य साम्राज्य के अशोक काल के दौरान आजीवकों की पवित्र वास्तुकला के हिस्से के रूप में किया गया था। यह भारत में कई अन्य बौद्ध और जैन गुफाओं में बने ऐसे सभी धनुषाकार प्रवेश द्वारों के लिए एक मॉडल बन गया, जैसे कि महाराष्ट्र में अजंता या कार्ली के बहुत बड़े बौद्ध चैत्य हॉल। अतः विकल्प (C) सही है

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Daily MCQs – इतिहास एवं कला-संस्कृति – 15 May 2024 (Wed)

Daily MCQs : इतिहास एवं कला-संस्कृति (History and Art & Culture)
15 May, 2024 (Wednesday)

1. निम्नलिखित प्राचीन भारतीय महाजनपदों के संदर्भ में विचार कीजियेः
1. कोशल
2. वज्जि
3. मगध
4. शाक्य
उपर्युक्त में से कौन-से महाजनपद प्रशासन की राजतंत्रीय पद्धति का अनुसरण नहीं करते थे?
केवल 1 और 2
केवल 1, 2 और 3
केवल 2 और 3
केवल 2 और 4 

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उत्तर – (D)   

व्याख्या –

  • वज्जि आठ गणराज्यों का समूह था। जिसमें प्रमुख थेः वैशाली, लिच्छवी, विदेह, मिथिला, ज्ञात्रिक आदि।
  • शाक्य (कपिलवस्तु) बुद्ध का जन्म इसी गणराज्य में हुआ था।

 

2. वैदिक धर्म की प्रतिक्रिया स्वरूप उभरे नवीन बौद्धिक आंदोलनों के संदर्भ में निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजियेः
1. पूरन कस्सपः ये अक्रियावादी अथवा अकर्मवाद के प्रचारक थे।
2. मक्खलि गोसालः ये नियतिवादी थे।
3. अजित केसकम्बलिनः ये उच्छेदवादी थे।
4. पकुध कच्चायनः ये नित्यवादी थे।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से युग्म सही सुमेलित है/हैं?
केवल 1
केवल 2 और 3
केवल 2, 3 और 4
1, 2, 3 और 4

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उत्तर – (D)   

व्याख्या –

  • मक्खलि गोशालः ये नियतिवादी थे, 6 वर्षों तक महावीर के साथ रहे बाद में आजीवक नामक स्वतंत्र सम्प्रदाय स्थापित किया। बिन्दुसार ने इस धर्म को संरक्षण दिया तथा अशोक एवं दशरथ ने गुफाएँ प्रदान की।
  • पूरन कस्सपः ये अक्रियावादी अथवा अकर्मवाद के प्रचारक थे।
  • पकुध कच्चायनः ये नित्यवादी थे।
  • अजित केसकम्बलिनः ये उच्छेदवादी थे तथा भारत के पहले भौतिकवादी चिंतक थे। आगे चलकर इसी को आधार बनाकर चार्वाक ने लोकायत दर्शन का प्रतिपादन किया।
  • संजय बेट्ठलिपुत्तः ये अनिश्चयवादी या संदेहवादी थे।

 

3. बौद्ध धर्म की विभिन्न शाखाओं के मतों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा असत्य है?
महायान शाखा में बोधिसत्व की अवधारणा उभरी।
वज्रयान के तहत प्रज्ञापारमिता बुद्ध एवं बोधिसत्व को उनकी कल्पित पत्नियों के साथ संयुक्त कर दिया गया।
महायानी बुद्ध को एक शिक्षक के रूप में देखते हैं एवं उनके प्रतीकों और उनसे सम्बन्धित स्थलों को ही महत्त्व देते हैं।
बोधिसत्व समस्त सचेतन प्रणालियों को उनके प्रबोध के मार्ग पर चलने में सहायता करने के लिये स्वयं की निर्वाण प्राप्ति विलम्बित करता है।

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उत्तर – (C) 

व्याख्या – कथन (C) असत्य है क्योंकि महायानी बुद्ध को देवता मानते हैं और उनकी पूजा मूर्ति बनाकर करते हैं जबकि हीनयानी बुद्ध को शिक्षक मानते हैं तथा उनके प्रतीकों तथा सम्बद्ध स्थलों को महत्त्व देते हैं। अन्य तीनों कथन सही हैं।

4. निम्नलिखित राज्यों में से किसका/किनका संबंध बुद्ध के जीवन से था?
1. गांधार
2. अवंति
3. मगध
4. कोसल
नीचे दिये गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिये।
केवल 1 और 2
केवल 3 और 4
केवल 4
1, 2, 3 और 4

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उत्तर – (B) 

व्याख्या –

  • महात्मा बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति मगध साम्राज्य में शामिल ‘बोध-गया’ में हुई तथा कोसल उनका मुख्य प्रचार क्षेत्र रहा।
  • महात्मा बुद्ध का विभिन्न स्थानों से संबंध निम्नलिखित हैः-
    • वैशाली के समीप इनकी भेंट अलार कलाम से हुई जो सांख्य दर्शन के आचार्य थे।
    • बुद्ध का जन्म कपिलवस्तु के निकट लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था।
    • कोसल में बुद्ध ने सर्वाधिक प्रचार किया।
    • कुशीनगर में इनकी मृत्यु हुई।
    • गांधार तथा अवंति से इनका कोई प्रत्यक्ष संबंध नहीं रहा।

 

5. बौद्ध धर्म की महायान शाखा के माध्यमिक या शून्यवाद के संदर्भ में कौन-सा कथन सही है?
इसके प्रतिपादक मैत्रेय थे।
इस शाखा के प्रमुख विद्वान असंग, वसुबंधु, धर्मकीर्ति स्थिरमति, दिंगनाग थे।
इसके अनुसार शून्य एक परमसत्ता है जो वर्णनातीत है। इसी आधार को लेकर शंकर का दर्शन आगे बढ़ा।
समाधि प्रज्ञा प्राप्ति का मार्ग नहीं है।

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उत्तर – (C) 

व्याख्या –

  • माध्यमिक अथवा शून्यवाद के प्रतिपादक नागार्जुन हैं, इनकी पुस्तक ‘माध्यमिककारिका’ है। इन्होंने इसमें स्पष्ट किया है कि प्रत्येक वस्तु किसी अन्य वस्तु पर निर्भर है। शून्य एक परमसत्ता है जो वर्णनातीत है।
  • शंकर ने इसे ही अपने दर्शन का आधार बताया, अतः इन्हें प्रच्छन्न बौद्ध भी कहा जाता है।
  • नागार्जुन ने समाधि के माध्यम से प्रज्ञा प्राप्ति को सम्भव बताया है। इस दर्शन को आइंस्टीन के सापेक्षवाद का पूर्वगामी भी माना जाता है। इसके प्रमुख विद्वान चन्द्र- कीर्ति, आर्यदेव, शांतिदेव, और बुद्धपालित थे।

 

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Daily MCQs – इतिहास एवं कला-संस्कृति – 08 May 2024 (Wed)

Daily MCQs : इतिहास एवं कला-संस्कृति (History and Art & Culture)
08 May, 2024 (Wednesday)

1. निम्नलिखित में कौन-सा एक बौद्ध मत में निर्वाण की अवधारणा की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या करता है?
धारणातीत मानसिक अवस्था

परमानन्द एवं विश्राम की स्थिति
स्वयं की पूर्णतः अस्तित्वहीनता
तृष्णा रूपी अग्नि का शमन

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उत्तर – (D) 

व्याख्याः

  • बौद्ध दर्शन में जीवन का सर्वोच्च लक्ष्य मोक्ष या निर्वाण की प्राप्ति है। बौद्ध साहित्य में निर्वाण की तुलना बुझे हुए दीपक से की गई है।
  •  बुद्ध ने कहा कि जिस प्रकार तेल और बत्ती के रहने से दीपक जलता है और तेल व बत्ती के समाप्त हो जाने पर दीपक बुझ जाता है उसी प्रकार तृष्णा के क्षय से जीवन-मरण की प्रक्रिया समाप्त हो जाती है।

2. जैन धर्म के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
इसका मूल आधार ‘चार आर्य सत्य’ है।
इसमें पाँच महाव्रतों के पालन का विधान है।
इसमें मति, श्रुति, अवधि तथा मनः पर्याय ज्ञान को महत्त्व दिया गया है।
जैन संघ के सदस्य 4 वर्गों भिक्षुणी, भिक्षु, श्रावक तथा श्राविका में विभक्त थे।

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उत्तर – (A)   

व्याख्या –

  • जैन धर्म का मूल आधार ‘त्रिरत्न’  हैः सम्यक् दर्शन, सम्यक् ज्ञान तथा सम्यक् आचरण। सत् में विश्वास को ही सम्यक् दर्शन कहा गया है। शंकाविहीन ज्ञान सम्यक् ज्ञान है। सांसारिक विषयों से उत्पन्न सुख-दुःख के प्रति समभाव सम्यक् आचरण है।
  • मति का संबंध इन्द्रिय जनित ज्ञान से है श्रवण ज्ञान को श्रुति, दिव्य ज्ञान को अवधि तथा मन मस्तिष्क की बात जान लेने को ‘मनः पर्याय’ कहा गया है। इसके अतिरिक्त सर्वश्रेष्ठ ज्ञान को ‘केवल’ कहा जाता है।
  • श्रावक तथा श्राविका गृहस्थ जीवन बिताते थे।

 

3. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन बौद्ध संघ की कार्य प्रणाली की सही व्याख्या नहीं करता है?
संघ में प्रविष्ट होने को ‘उपसम्पदा’ कहा जाता था।
संघ की सभा में तीन बार प्रस्ताव (नन्ति) का पाठ होता था। प्रस्ताव तीन बार पढ़ने पर कोई आपत्ति नहीं होने पर प्रस्ताव स्वीकृत माना जाता था।
प्रस्ताव पाठ को ‘अनुसावन’ कहते थे।
मतभेद की स्थिति में अन्तिम निर्णय संघ प्रमुख का होता था। 

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उत्तर – (D) 

व्याख्या –

  • संघ के कार्य संपादन के लिये एक निश्चित विधान था जो गणतांत्रिक आधार पर निर्मित था। मतभेद अथवा विवाद की स्थिति में मतदान द्वारा समस्या का समाधान किया जाता था। मतदान गुल्हक (गुप्त) तथा विवतक (प्रत्यक्ष) दोनों प्रकार से हो सकता था।
  • सभा में आसन (बैठने)  की व्यवस्था करने वाला अधिकारी ‘आसन-प्रज्ञापक’ होता था। सभा की वैध कार्रवाई के लिये न्यूनतम उपस्थिति संख्या (कोरम) 20 थी।

 

4. प्राचीन भारत के बौद्ध मठों में ‘पावरन’ समारोह का संबंध किससे है?
संघ प्रमुख के चुनाव से।
वर्षा ऋतु में मठों में प्रवास के समय भिक्षुओं द्वारा किये गए अपराधों के स्वीकारोक्ति से।
किसी नए व्यक्ति के संघ में प्रवेश से।
वर्षा ऋतु के दौरान चार महीने के लिये निवास के हेतु निश्चित स्थान के चुनाव से।

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – ‘पावरन’ का संबंध वर्षा ऋतु के दौरान मठों में प्रवास के समय भिक्षुओं द्वारा किये गए अपराधों की स्वीकारोक्ति के अवसर से है।

5. जैन धर्म के संबंध में निम्न में से कौन-सा कथन सही है?
बौद्धों के विपरीत जैन धर्म की प्रारम्भिक अवस्था में, जैन धर्म के लोग चित्रों का पूजन करते थे।
प्रथम सदी ई.पू. में जैन धर्म को कलिंग के राजा खारवेल का समर्थन मिला।
पाटलिपुत्र में हुई परिषद के पश्चात् जो जैन धर्म के लोग भद्रबाहु के नेतृत्व में रहे, वे श्वेताम्बर कहलाये।
स्थूलभद्र के नेतृत्व में दक्षिण में जैन धर्म का प्रचार हुआ।

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उत्तर – (B)

व्याख्या – 

  • प्रथम सदी ई.पू. में जैन धर्म को कलिंग के राजा खारवेल का समर्थन मिला।
  • दक्षिण प्रवास करने वाले जैन संत भद्रबाहु थे।
  • श्वेताम्बरों के नेता स्थूलभद्र थे। प्रारम्भिक वर्षों में नहीं, अपितु बाद के वर्षों में जैन धर्म में चित्रों का पूजन आरंभ हुआ।
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Daily MCQs – इतिहास एवं कला-संस्कृति – 01 May 2024 (Wed)

Daily MCQs : इतिहास एवं कला-संस्कृति (History & Art-Culture)
01 May 2024 (Wednesday)

1. धौलावीरा के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिएः
1. धौलावीरा की नगर संरचना दो भागों में विभाजित है।

2. धौलावीरा से खगोलीय वेधशाला के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं।
3. धौलावीरा से सफेद पत्थरों के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं।
उपर्युक्त में से कौन सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
(A) केवल 1

(B) केवल 1 और 2
(C) केवल 1 और 3
(D) 1, 2 और 3

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उत्तर – (A) 

व्याख्या – 

  • हड़प्पा सभ्यता के नगरों को दो भागों में विभाजित किया गया था, जिसे किला या दुर्ग नगर कहा जाता था जिसमें शासक वर्ग रहता था और निचला नगर जिसमें आम लोग रहते थे। लेकिन धौलावीरा को तीन भागों में बांटा गया था – दुर्ग नगर, मध्यमा नगर और निचला नगरअतः कथन 1 सही नहीं है।
  • धोलावीरा में दो गोलाकार संरचनाएँ मिली हैं, जिन्हें खगोलीय वेधशालाएँ कहा जाता है। अतः कथन 2 सही है।
  • धोलावीरा के मध्य नगर में बड़े पैमाने पर सफेद पत्थरों के प्रयोग के प्रमाण मिले हैं। अतः कथन 3 सही है।

 

2. स्थायी बंदोबस्त के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. जमींदारों द्वारा एकत्रित राजस्व का 80% सरकार के लिए निर्धारित किया गया था।

2. इसमें सूर्यास्त कानून का प्रावधान था।
3. आर.सी. दत्त ने इसका विरोध किया था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1 और 2

(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2, और 3

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उत्तर – (B) 

व्याख्या –  

  • लॉर्ड कार्नवालिस के समय 1790 में 10 वर्षों के लिए स्थायी बंदोबस्त शुरू किया गया था जिसे 1793 में स्थायी कर दिया गया था। इस व्यवस्था में सरकार का 10/11वां हिस्सा (90%) और जमींदार का 1/11वां हिस्सा (10%) होता था। सुनिश्चित किया। अतः कथन 1 सही नहीं है।
  • स्थायी बंदोबस्त में सनसेट एक्ट का प्रावधान था, जिसके तहत समय पर लगान न चुकाने पर जमींदारी एक्ट को नीलाम कर दिया जाता था। अतः कथन 2 सही है।
  • आर.सी दत्त ने स्थायी बंदोबस्त का समर्थन किया। अतः कथन 3 सही नहीं है।

 

3. जैन धर्म में ‘संवर’ शब्द का क्या अर्थ है?
(a) अज्ञानता के कारण कर्म का जीव की ओर प्रवाह।

(b) कर्म का जीव की ओर बहाव का रुक जाना।
(c) पहले से व्याप्त कर्म का समाप्त होना।
(d) जीव का आवगमन के चक्र से मुक्त हो जाना।

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उत्तर – (B) 

व्याख्या – जैन धर्म के अनुसार प्रत्येक जीव में दो तत्व विद्यमान होते हैं- एक आत्मा और दूसरा उसे घेरने वाला भौतिक तत्व, जिसके अनुसार वह कर्म बंधन का कारण है। अज्ञानता के कारण कर्म आत्मा की ओर आकर्षित होने लगता है। इसे आस्रव कहा जाता है। बंधन आत्मा के साथ कर्म का मिलन है। तीन रत्नों का पालन करने से आत्मा की ओर कर्म का प्रवाह रुक जाता है जिसे संवर कहते हैं। इसके बाद पहले से मौजूद कर्म समाप्त होने लगते हैं। इस अवस्था को निर्जरा कहा जाता है। जब कर्म के अवशेष समाप्त हो जाते हैं, तो आत्मा मोक्ष प्राप्त करती है। अतः विकल्प (b) सही है।

4. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों में मुहम्मद-बिन-तुगलक पहला सुल्तान था, जो हिन्दुओं के त्योहारों में भाग लेता था।

2. फिरोज शाह तुगलक ने सल्तनत काल में पहली बार लोक निर्माण विभाग की स्थापना की।
3. अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का पहला सुल्तान था, जिसने ‘घरी कर’ और ‘चराई कर’ लगाया था।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) सभी तीन
(d) कोई भी नहीं

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उत्तर – (C) 

व्याख्या –  

  • मुहम्मद-बिन-तुगलक दिल्ली सल्तनत के सुल्तानों में पहला सुल्तान था, जो हिन्दुओं के त्योहारों (विशेषकर होली) में भाग लेता था। अतः कथन 1 सही है।
  • सल्तनत काल में सर्वप्रथम फिरोज शाह तुगलत ने लोक निर्माण विभाग की स्थापना की। अतः कथन 2 सही है।
  • अलाउद्दीन खिलजी दिल्ली का पहला सुल्तान था, जिसने दो नए कर लगाए। घरों और झोपड़ियों पर घरी कर लगाया जाता था और दुधारू पशुओं पर चराई कर लगाया जाता था। अतः कथन 3 सही है।

 

5. 1940 में, पूरे देश में कांग्रेसियों द्वारा व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रस्तावित करने के लिए निम्नलिखित में से कौन से कारण थे?
1. एक राष्ट्रीय सरकार के लिए कांग्रेस की मांग अस्वीकार कर दी गयी थी।

2. युद्ध के प्रयास के खिलाफ बोलने की स्वतंत्रता से वंचित कर दिया गया।
3. ब्रिटिश शासक यह मानने को तैयार नहीं थे कि भारत अपनी मर्जी से युद्ध नहीं कर रहा है।
4. गांधी ने सरकार के लिए और अधिक उलझन पैदा करते हुए स्वयं सत्याग्रह प्रस्तावित किया।
उपर्युक्त कथनों में से कितने सही हैं?
(a) केवल एक

(b) केवल दो
(c) केवल तीन
(d) सभी चार

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उत्तर – (C) 

व्याख्या –  उपर्युक्त कथन 1, 2, 3 सही हैं लेकिन कथन 4 सही नहीं है क्योंकि गांधीजी और कांग्रेस व्यापक संघर्ष करके ब्रिटेन के संकट का लाभ उठाने और युद्ध की तैयारी में बाधा डालने में हिचकिचा रहे थे। इसलिए गांधीजी ने व्यक्तिगत सत्याग्रह प्रारंभ किया।

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