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Bahraich District in Uttar Pradesh

बहराइच जनपद (Bahraich District)

बहराइच जनपद का परिचय (Introduction of Bahraich District)

बहराइच की स्थिति (Location of Bahraich)

  • मुख्यालय – गोंडा
  • पुराना नाम व उपनाम – सैयद मसूद गाजी नगर, ऋषि भूमि 
  • मंडल – देवीपाटन
  • क्षेत्रफल – 5,237 वर्ग किमी. 
  • सीमा रेखा
    • पूर्व में – श्रावस्ती 
    • पश्चिम में लखीमपुर एवं सीतापुर
    • उत्तर में – नेपाल
    • दक्षिण में – बारांबकी
  • राष्ट्रीय राजमार्ग NH-730, NH-28C 
  • नदियाँ – शारदा , घाघरा, राप्ती 
  • परियोजनाएँ – सरयू या घाघरा नहर

बहराइच की प्रशासनिक परिचय (Administrative Introduction of Bahraich)

  • विधानसभा क्षेत्र – 6 (बहराइच, नानपारा, कैसरगंज, मटेरा, प्यागपुर, महसी)
  • लोकसभा सीट – 1 (बहराइच)
  • तहसील – 6 (पयागपुर, नानपारा, मोतीपुर ( मिहींपुरवा ), महसी, बहराइच, कैसरगंज)
  • विकासखंड (ब्लाक)   14 (हुजूरपुर, महसी, फखरपुर, चित्तौरा, मिहींपुरवा, शिवपुर, रिसिया, विशेश्वरगंज, जरवल, नवाबगंज, तेजवापुर, कैसरगंज, बलहा, पयागपुर)
  • कुल ग्राम 1,387
  • कुल ग्राम पंचायत 1,053
  • नगर पालिका परिषद 2 (नानपारा, बहराइच )
  • नगर पंचायत – 2

बहराइच की जनसंख्या (Population of Bahraich)

  • जनसंख्या – 34,87,731
    • पुरुष जनसंख्या – 18,43,884 
    • महिला जनसंख्या – 16,43,847
  • शहरी जनसंख्या – 2,84,044 (8.14%)
  • ग्रामीण जनसंख्या – 32,03,687 (91.86%)
  • साक्षरता दर – 49.36%
    • पुरुष साक्षरता – 58.34%
    • महिला साक्षरता – 39.18%
  • जनसंख्या घनत्व – 666
  • लिंगानुपात – 892
  • जनसंख्या वृद्धि दर – 46.48%
  • हिन्दू जनसंख्या – 22,91,892 (65.71%)
  • मुस्लिम जनसंख्या – 11,69,330 (33.53%)
  • इस्लाम जनसंख्या – 6,400 (0.18%)

Population Source – census2011.co.in

बहराइच के संस्थान व प्रमुख स्थान (Institution & Prime Location of Bahraich)

  • धार्मिक स्थान – दरगाह शरीफ, मारी माता मंदिर, संघारन मंदिर
  • उद्योग – चीनी मिलें, गेहूँ डंठल हस्तकला
  • अभयारण्य – सुहेलवन्यजीव विहार, कतरनिया (कतर्निया) घाट वन्यजीव विहार 

Notes –

  • पौराणिक तथ्य के अनुसार बहराइच भगवान ब्रह्मा की राजधानी, ब्रह्मांड के निर्माता के रूप में प्रसिद्ध था यह गंधर्व वन के हिस्से के रूप में भी जाना जाता था।
  • मध्य युग में कुछ अन्य इतिहासकारों के अनुसार, यह जगह “भर” राजवंश की राजधानी थी। इसलिए इसे “भारिच” कहा जाता था। जो बाद में “बहराइच” के रूप में जाना जाने लगा।
  • 1920 में कांग्रेस पार्टी की स्थापना के साथ बहराइच में दूसरी स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई।

 

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