SDG India Index 2018

सतत विकास लक्ष्य (SDG) भारत सूची 2018

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नीति आयोग ने 21 दिसंबर 2018 को सतत विकास लक्ष्य (SDG – Sustainable Development Goals ) भारत सूची 2018 जारी की। यह सूची 2030 SDG लक्ष्यों को लागू करने में भारत के राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों की प्रगति दर्शाती है।
SDG भारत सूची को सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) ने ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट और संयुक्त राष्ट्र (भारत) के सहयोग से तैयार किया है।  इस सूची को नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार, सदस्य डॉ. रमेश चन्द्र, डॉ. वी.के.पॉल व डॉ. वी.के.सारस्वत, आयोग के सीईओ श्री अमिताभ कांत, संयुक्त राष्ट्र संयोजक श्री यूरी अफानासिव और सांख्यिकी व कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव तथा सीएसआई श्री प्रवीन श्रीवास्तव ने लांच किया।

SDG क्या है 

  1. नीति आयोग दोहरी जिम्मेदारी निभाता है। आयोग को एक तरफ देश में एसडीजी के कार्यान्वयन की निगरानी की जिम्मेदारी है तो दूसरी तरफ राज्यों व केन्द्र शासित प्रदेशों के बीच प्रतिस्पर्धात्मक और सहयोगी संघवाद को प्रोत्साहित करने की भी जिम्मेदारी है। 
  2. एसडीजी भारत सूची इन दोनों जिम्मेदारियों के बीच एक सेतु का काम करती है। एसडीजी को प्रधानमंत्री के “सबका साथ-सबका विकास” कार्यक्रम से भी जोड़कर देखा जा सकता है। इस कार्यक्रम में वैश्विक एसडीजी के पांच पी को शामिल किया गया है – लोग (पीपुल)पृथ्वी  (प्लेनेट)समृद्धि (प्रोसपिरिटी)सहयोग (पार्टनरशिप) और शांति (पीस)
  3. विश्व अभी एसडीजी युग के तीसरे वर्ष में है। एसडीजी महत्वकांक्षी वैश्विक विकास लक्ष्य है जो सार्वभौमिक जन कल्याण से संबंधित है। ये लक्ष्य विभिन्न सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से संबंधित है तथा इनमें विकास के  आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों को शामिल किया गया है।
  4. भारत का राष्ट्रीय विकास एजेंडे की झलक एसडीजी में दिखाई पड़ती है। एसडीजी के क्षेत्र में भारत की प्रगति संपूर्ण विश्व के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत में विश्व की 17 प्रतिशत आबादी निवास करती है।

सतत विकास लक्ष्य (SDG)

सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) संयुक्त राष्ट्र द्वारा तय किये गये महत्वकांक्षी वैश्विक विकास लक्ष्य है जो सार्वभौमिक जन कल्याण से संबंधित है। ये लक्ष्य विभिन्न सामाजिक-आर्थिक, सांस्कृतिक और भौगोलिक पृष्ठभूमि वाले लोगों से संबंधित है तथा इनमें विकास के आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय आयामों को शामिल किया गया है। संयुक्त राष्ट्र का एजेंडा 2030 के तहत 17 सतत विकास लक्ष्य तय किये गये हैं, जो कि निम्नलिखित हैं:

  1. गरीबी के सभी रूपों की पूरे विश्व से समाप्ति।
  2. भूख की समाप्ति, खाद्य सुरक्षा और बेहतर पोषण और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा।
  3. सभी आयु के लोगों में स्वास्थ्य सुरक्षा और स्वस्थ जीवन को बढ़ावा।
  4. समावेशी और न्यायसंगत गुणवत्ता युक्त शिक्षा सुनिश्चित करने के साथ ही सभी को सीखने का अवसर देना।
  5. लैंगिक समानता प्राप्त करने के साथ ही महिलाओं और लड़कियों को सशक्त करना।
  6. सभी के लिए स्वच्छता और पानी के सतत प्रबंधन की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
  7. सस्ती, विश्वसनीय, टिकाऊ और आधुनिक ऊर्जा तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  8. सभी के लिए निरंतर समावेशी और सतत आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोजगार, और बेहतर कार्य को बढ़ावा देना।
  9. लचीले बुनियादी ढांचे, समावेशी और सतत औद्योगीकरण को बढ़ावा।
  10. देशों के बीच और भीतर असमानता को कम करना।
  11. सुरक्षित, लचीले और टिकाऊ शहर और मानव बस्तियों का निर्माण।
  12. स्थायी खपत और उत्पादन पैटर्न को सुनिश्चित करना।
  13. जलवायु परिवर्तन और उसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करना।
  14. स्थायी सतत विकास के लिए महासागरों, समुद्र और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और उपयोग।
  15. सतत उपयोग को बढ़ावा देने वाले स्थलीय पारिस्थितिकीय प्रणालियों, सुरक्षित जंगलों, भूमि क्षरण और जैव विविधता के बढ़ते नुकसान को रोकने का प्रयास करना।सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समितियों को बढ़ावा देने के साथ ही सभी स्तरों पर इन्हें प्रभावी, जवाबदेही बनना ताकि सभी के लिए न्याय सुनिश्चित हो सके।
  16. सतत विकास के लिए वैश्विक भागीदारी को पुनर्जीवित करने के अतिरिक्ति कार्यान्वयन के साधनों को मजबूत बनाना।

SDG भारत सूची 2018 का आधार

  • एसडीजी भारत सूची 62 प्राथमिक संकेतकों पर आधारित है।
  • इन संकेतकों का चयन नीति आयोग ने किया है।
  • इस सूची में 17 एसडीजी में से 13 के आंकड़ों को शामिल किया गया है।
  • एसडीजी 12, 13 और 14 का मापन संभव नहीं हो सका क्योंकि इनसे संबंधित आंकड़े राज्य/केन्द्रशासित प्रदेश द्वारा उपलब्ध नहीं कराए जा सके थे।
  • एसडीजी 17 पर विचार नहीं किया गया है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय सहयोग पर आधारित है।
  • कुल 13 एसडीजी के संदर्भ में प्रत्येक राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश के प्रदर्शन को 0-100 के पैमाने पर मापा गया है। यह राज्यों के औसत प्रदर्शन को दिखाता है।
  • यदि किसी राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश ने 100 प्राप्त किया है तो इसका अर्थ है कि राज्य ने 2030 के राष्ट्रीय लक्ष्यों को हासिल कर लिया है।

SDG भारत सूची के वर्गीकरण का आधार 

  1. आकांक्षी :- 0 – 49
  2. अच्छा प्रदर्शन : 50 – 64
  3. अग्रणी :- 65 – 99
  4. लक्ष्य प्राप्तकर्ता : 100

आकांक्षी

असम, बिहार और उत्तर प्रदेश

अच्छा प्रदर्शन

आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, ओडिशा, पंजाब, राजस्थान, सिक्किम, तेलंगाना, त्रिपुरा, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, दादर और नागर हवेली, दमन और दीव, दिल्ली और लक्षद्वीप

अग्रणी

हिमाचल प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, चंडीगढ़ और पुदुच्चेरी

लक्ष्य प्राप्तकर्ता

कोई नहीं
  1. एसडीजी भारत सूची इंटरएक्टिव डैशबोर्ड पर उपलब्ध है। नीति आयोग का यह निरंतर प्रयास है कि वह साक्ष्य आधारित नीति निर्माण करें और राज्यों व केन्द्रशासित प्रदेशों को विकास में समर्थन प्रदान करें। 
  2. इसके लिए यह आयोग प्राथमिक क्षेत्रों की पहचान करता है और सर्वोत्तम अभ्यासों को साझा करता है।

निष्कर्ष

विवरणराज्यकेन्द्रशासित प्रदेश
एसडीजी भारत सूची (अंक आधार)42-6957-68
बेहतर प्रदर्शन करने वालेहिमाचल प्रदेश और केरलचंडीगढ़
आकांक्षीउत्तर प्रदेशदादर और नागर हवेली
  1. स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता उपलब्ध कराने में, असमानता कम करने में और पर्वतीय पारिस्थितिकी को संरक्षित करने में हिमाचल प्रदेश ने उच्च स्थान प्राप्त किया है
  2. अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करने में, भूखमरी कम करने में, लैंगिक समानता हासिल करने में तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में केरल ने सर्वोच्च स्थान प्राप्त किया है।
  3. स्वच्छ पेयजल व स्वच्छता उपलब्ध कराने में, किफायती व स्वच्छ ऊर्जा प्रदान करने में, आर्थिक विकास करने में और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने में चंडीगढ़ ने अग्रणी स्थान प्राप्त किया है।

Note – 

  • NITI – National Institution for Transforming India.
  • नीति आयोग के उपाध्यक्ष – राजीव कुमार
  • सीईओ – अमिताभ कांत

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