Rajasthan PTET 2025 Answer Key

Rajasthan PTET Exam Paper – 15 June 2025 (Answer Key)

191. निम्नलिखित में से ‘अध’ उपसर्ग से बना शब्द है-
(A) अधर्म
(B) अधकचरा
(C) अधिमास
(D) अध:पतन

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Answer – (B)

192. निम्न में से कौनसा विकल्प अमूल्य है?
(A) घुटने टेकना – हार मान लेना
(B) गिद्ध दृष्टि – लालच
(C) छक्के छुड़ाना – पराजित कर देना
(D) नाक काटना – गायब हो जाना

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Answer – (D)

193. निम्नलिखित में से परिमाणबोधक विशेषण नहीं है –
(A) बहुत दूध
(B) सारा देश
(C) वह लड़का
(D) पूरा आनंद

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Answer – (C)

194. निम्नलिखित में से किसमें स्वर संधि है?
(A) पुनश्च
(B) वयोवृद्ध
(C) सज्जन
(D) महात्मा

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Answer – (D)

195. निम्नलिखित में से तद्भव शब्द नहीं है-
(A) आश्चर्य
(B) अनूठा
(C) अदरक
(D) अँधेरा

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Answer – (A)

निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए (196 से 200 के) उत्तर दीजिए-

गीता मानव जीवन के लिए रचनात्मक कार्यक्रम है। यह मानव धर्म का सुन्दर महाकाव्य है जो जीवन को उत्साह, आनंद और कर्म की भावना से भर देता है। मानव मात्र की उन्नत और उदार आवश्यकताओं की पूर्ति गीता से होती है। गीता योगेश्वर श्रीकृष्ण की बंशी का संगीत है जिसकी प्रत्येक ध्वनि ‘सत्यं शिवं और सुंदरम्’ से सम्पन्न आध्यात्मिक जीवन को जगाने वाली है। गीता का अमृत सन्देश जीवन को स्फूर्ति और रूप देकर उभारता है। सत्य को सुन्दर बनाकर व्यवहार में लाना और विश्व भोग को भोगते हुए सच्चिदानंद से दूर न जाना, गीता के कर्म-योग की विलक्षणता है। इस दुखी संसार में वही सुखी है जो कर्म करते हुए भी गीता के गुण गुनगुनाता रहता है। कर्तव्य-बोध के लिए गीता ज्ञान की कामधेनु है।

196. इस गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक है –
(A) गीता मानव जीवन के लिए ज़रूरी है
(B) भगवान कृष्ण और गीता का सार
(C) गीता का महत्व
(D) गीता जीवन की रूप देती है

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Answer – (C)

197. गीता जीवन को किस भाव से नहीं भरती है?
(A) उत्साह
(B) आनंद
(C) कर्म
(D) अकर्मण्यता

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Answer – (D)

198. गीता को इस गद्यांश में क्या कहा गया है?
(A) पांचजन्य का नाद
(B) श्री कृष्ण की बंशी का संगीत
(C) शिव धनुष की टंकार
(D) मंदिर की घंटी का नाद

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Answer – (B)

199. गीता को ज्ञान की कामधेनु क्यों कहा गया है?
(A) कर्तव्य बोध के लिए
(B) स्वार्थपूर्ति के लिए
(C) मोक्ष के लिए
(D) अपरिग्रह के लिए

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Answer – (A)

200. सुख को सुंदर बनाकर व्यवहार में लाना और विश्व भोग को भोगते हुए सच्चिदानंद से दूर न जाना, गद्यांश में इसे कहा है –
(A) भावयोग की विलक्षणता
(B) कर्मयोग की विलक्षणता
(C) मोक्ष की विलक्षणता
(D) जीवन सौन्दर्य की विलक्षणता

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Answer – (B)

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