Microsoft Access

माइक्रोसॉफ्ट एक्सेस (Microsoft Access)

एम एस-एक्सेस के तत्त्व (Elements of MS Access)

एम एस-एक्सेस में प्रत्येक कार्य के लिए निम्नलिखित तत्त्व होते हैं।

1. फील्ड नेम (Field Name)

यह एक लेबल होता है जो किसी विशेष फील्ड के बारे में बताता है कि इस फील्ड में किस प्रकार की सूचनाएँ या डेटा स्टोर कर सकते हैं। किसी टेबल में फील्ड का नाम अद्वितीय (Unique) होना चाहिए। इसे फील्ड आइडेन्टिटी (Field Identity) भी कह सकते हैं।

2. फील्ड टाइप/डेटा टाइप (Field Type/Data Type)

ये बताता है कि फील्ड में किस प्रकार का डेटा स्टोर किया जा सकता है। डेटा केवल टेक्स्ट भी हो सकता है और केवल नम्बर भी हो सकता है। या इन दोनों के संयोग (Combination) से भी डेटा बन सकता है। एम एस-एक्सेस में किसी डेटा टाइप की डिफॉल्ट साइज (Default Size) 50 होती हैं।

इसमें विभिन्न प्रकार के डेटा टाइप होते हैं।

Data type Field length of field Size
Text 0-255 characters
Memo 0-65535 characters
Date/Time 8 bytes
Number 1, 2, 4 or 8 bytes
Currency 8 bytes
Auto Number 4 bytes
Yes/No 1 bit (0 या 1)
OLE object upto 1GB
Hyperlink प्रत्येक भाग में 2048 कैरेक्टर होते हैं

3. फील्ड लेन्थ (Field length)

फील्ड लेन्थ (Field length) का तात्पर्य है कि किसी फील्ड में अधिकसे अधिक कितने कैरेक्टर स्टोर किए जा सकते हैं।

4. प्राइमरी की (Primary Key)

यह विशेष प्रकार की की (Key) होती है, जिसका प्रयोग किसी रिकार्ड को अद्वितीय रूप से पहचानने के लिए करते हैं। यदि किसी फील्ड को प्राइमरी की बना दिया गया है तो उस फील्ड को खाली नहीं छोड़ सकते हैं।

5. वेलिडेशन रूल (Validation Rule)

यह एक प्रकार की वैलिडिटी चेकिंग है। इसमें डेटा को फील्ड में भरने | से पहले उसकी वैधता की जाँच होती है यदि डेटा की वैधता सही है तो डेटा फील्ड में भर जाता है अन्यथा त्रुटिसन्देश प्रिन्ट करता है।

6. एम एस एक्सेस व्यू (MS-Access View)

एम एस-एक्सेस व्यू में दो प्रकार के व्यू होते हैं जिनका प्रयोग टेबल बनाने तथा उसके फील्ड (कॉलम) को सेट करने के लिए करते हैं।

(i) डेटा शीट व्यू (Data Sheet View)

इसका प्रयोग डेटा बेस में डेटा को दिखाने के लिए करते हैं यह डेटा बेस में डेटा को एण्टर करने तथा उसे एडिट (Edit) करने की अनुमति प्रदान करता है किन्तु इस व्यू में डेटा बेस को बदला नहीं जा सकता है। इस व्यू में कॉलम का नाम भी सेट कर सकते हैं और नए कॉलम को जोड़ भी सकते हैं।

(ii) डिजाइन व्यू (Design View)

इस व्यू का प्रयोग किसी टेबल को डिजाइन करने तथा डिजाइन की गयी टेबल में परिवर्तन करने के लिए होता है। टेबल डिजाइन करने का तात्पर्य यह है कि टेबल में फील्ड का नाम तथा उसका डेटा टाइप सेट करना। इसके द्वारा हम टेबल में अनेक प्रकार की कीज (Keys) जैसे कि प्राइमरी की, कैन्डिडेट की आदि सेट करते हैं।

7. फिल्टरिंग डेटा (Filtering Data)

यह किसी विशेष फिल्टर क्राइटेरिया (Criteria) के आधार पर किसी टेबल से सिर्फ उन रिकार्डों को दिखाता है जो दी हुई क्राइटेरिया के अन्तर्गत आते हैं।

8. रिलेशनशिप (Relationship)

यह दो या दो से अधिक टेबल के बीच में अन्तर सम्बन्धों को बताता है। रिलेशनशिप को तीन भागों में बाँटा गया है- वन टू वन (One to One), टू मेनी (One to Many) और मेनी टू मेनी (Many to Many) ।

9. एट्रीब्यूट्स (Attributes)

किसी रिकॉर्ड की प्रोपर्टीज को एट्रीब्यूट्स (Attributes) कहते हैं। जिसके प्रयोग से हम किसी रिकार्ड को व्यवस्थित तरीके से पहचानते हैं।

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