उत्तराखण्ड की प्रमुख पत्रिकाएँ | TheExamPillar
Major Magazines of Uttarakhand

उत्तराखण्ड की प्रमुख पत्रिकाएँ

उत्तराखण्ड की पत्रकारिता के इतिहास के प्रमुख पत्रिकाएँ, उनके संपादक और प्रकाशित वर्ष –  

पत्रिका प्रकाशित सम्पादन भाषा
हिल्स सन् 1842  जॉन मेकिनन, डॉ0 स्मिथ अंग्रेज़ी
मेफिसलाइट सन् 1850  मि0 जान लेंग अंग्रेज़ी
समय विनोद सन् 1868  जयदत्त जोशी हिन्दी
मंसूरी एक्सचेंज सन् 1870  अंग्रेज़ी
अल्मोड़ा अखबार सन् 1871  बुद्धिबल्लभ पंत, मुंशी इम्तियाज अली, जीवानन्द जोशी, मुंशी सदानन्द सनवाल, विष्णु दत्त जोशी तथा बद्रीदत्त पांडे    हिन्दी
मंसूरी सीजन सन् 1872  कोलमेन व नार्थम अंग्रेज़ी
हिमालय क्रान्तिकाल सन् 1875  जॉन नार्थम अंग्रेज़ी
द ईगल सन् 1878  मौर्टन अंग्रेज़ी
रियासत टिहरी सन् 1901 
द मसूरी टाइम्स सन् 1878  एफ0 बॉडीकार, जे0 एच0 जॉन्सन अंग्रेज़ी, हिन्दी
गढ़वाली सन् 1905  पंडित विशम्भरदत्त चन्दोला
कास्मोपोलिटिन (साप्ता) सन् 1910  बैरिस्टर बुलाकी राम, बद्रीदत्त पाण्डेय अंग्रेजी
निर्बल सेवक (साप्ता) सन् 1913  महेन्द्र प्रताप हिंदी
विशाल कीर्ति सन् 1913  सदानन्द कुकरेती
गढ़वाल समाचार सन् 1902  गिरिजादत्त नैथाणी
शक्ति (साप्ताहिक) सन् 1918  बद्रीदत्त पाण्डे
क्षत्रिय वीर सन् 1922  प्रताप सिंह नेगी
कुमाऊँ कुमुद सन् 1922  बसन्त कुमार जोशी
तरूण कुमाऊँ सन् 1922  बैरिस्टर मुकुन्दी लाल
अभय सन् 1928  स्वामी विचारानन्द सरस्वती
पुरूषार्थ सन् 1917  गिरिजादत्त नैथाणी
स्वाधीन प्रजा (साप्ता) सन् 1930  मोहन जोशी
गढ़देश सन् 1929  कृपाराम मिश्र ‘मनहर’, महेशानन्द थपलियाल
स्वर्गभूमि सन् 1934  देवकीनन्दन ध्यानी
समता सन् 1934  मुंशी हरिप्रसाद टम्टा, श्रीमती लक्ष्मी देवी टम्टा
हादी-ए-आजम (मासिक) सन् 1936  मोहम्मद इकबाल सिद्दकी   उर्दू
हितैषी (पाक्षिक) सन् 1936  पीताम्बर दत्त पसबोला
उत्तर भारत सन् 1936  महेशानन्द
उत्थान (सप्ता) सन् 1937  ज्योति प्रसाद माहेश्वरी
जागृत जनता सन् 1938  पीताम्बर पाण्डे
सन्देश सन् 1940  हरिराम ‘चंचल’
समाज सन् 1942  राम प्रसाद बहुगुणा
मंसूरी एडवरटाइजर सन् 1942  के0 एफ0 मेकागोन
स्वराज संदेश सन् 1942  हुलास वर्मा
युगवाणी (साप्ता/मासिक) सन् 1947  भगवती प्रसाद पांथरी
प्रजाबन्धु (साप्ता0) सन् 1947  जयदत्त वैला

 

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1 Comment

  1. ऊँटेश्वर महादेव मंदिर का नाम इसमें शामिल नहीं है ! एक हज़ार वर्ष प्राचीन यह मंदिर पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है ! इसमें 12 प्राचीन देवालय विद्यमान हैं ! यह शिव जिव्हा के रूप में प्रकट हुए ! इसमें अर्पित जल आलोप हो जाता है ! यह जमीन से 7 फीट उंचा शिव लिंग है ! इसका पता लगाने हेतु हफ़्तों खुदाई की गई पर इसका पारावार नहीं मिला ! यह अद्भुत शिव लिंग है l मेरी जानकारी में ऐसा शिव लिंग कहीं नहीं है ! अल्मोड़ा से इसकी दूरी 43 किलोमीटर है ! इस हेतु अल्मोड़ा-लमगड़ा-चायखान-कनरा तोक से कनरा कार आदि से पहुंचा जा सकता है ! हमारा प्रयास है कि इस सरकार की मानस खंड मंदिर माला मिशन में शामिल किया जाय ! इस हेतु हमने प्रधान मंत्री व मुख्य मंत्री को लिखा है ! इसके फोटो, वीडियो आपको भेजे जा सकते हैं ! धन्यवाद ! डीएन बड़ोला, निवासी ग्राम कनरा, अध्यक्ष प्रेस क्लब, रानीखेत !

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