महा-हिमालय अपने उत्तुंग अंगों, विस्तृत हिमानियों और हिमानी झीलों के लिए जितना प्रसिद्ध है, उतना ही अपनी चर-भूमियों (High-Level Pastures) के लिए भी है। वर्षाऋतु में अर्द्ध-यायावर पशुपालक अपने पशुओं के साथ यहाँ दिखाई देते हैं। हिम-रेखा से नीचे 3500 मीटर से 6000 मीटर ऊँचाई के मध्य, कोमल घास की ढलाने उत्तराखण्ड में ‘बुग्याल’ कहलाती हैं। ये ‘बुग्याल’, बुग्गी, ममला आदि मृदु घासों की। पौष्टिक चर-भूमियाँ हैं और ब्रह्मकमल, वत्सनाम, शालमपंजा, सोम, निरविषी, रुद्रवंती, विषकंडार आदि असंख्य प्रकार के पुष्पों के सागर हैं। ये गुग्गुल, बिल्ल, जटामासी जैसी घूप-बूटियाँ एवं कुट, ममीरी, रतनज्योति जैसी औषधियों के भंडार हैं। पशुचारण के लिए बुग्याल इतने लोकप्रिय हैं कि इन्हें पशुपालकों का स्वर्ग कहा जाता है। इन्हें कश्मीर में ‘मर्ग’ तथा कुल्लू में ‘थच’ कहते हैं। पशुचारक, अन्वाल, पालसी, चलघुमंतू, गूजर या गद्दी कहलाते हैं। कुमाऊँ मण्डल के पिथौरागढ़ जनपद में भेड़पालन आर्थिक सम्पन्नता का प्रतीक है। अनेक बुग्याल युक्त इस क्षेत्र में राजरम्भा, नागलिंग, बुफू चोटी, लाटूधुरा, त्रिशूली, हरदेवल, स्वीयीटिला, बम्बाधुरा, नन्दागोन तथा छोटा कैलाश भेड़ बाहुल्य स्थान हैं।
अल्पाइन पाश्चर, बुग्याल या पैयार, महाहिमालय क्षेत्र में ही पाए जाते हैं। बुग्याल पाँच प्रकार के होते हैं-
1. दुग या दुध बुग्याल (छोटी-छोटी घास वाले),
2. बस बुग्याल (पशुओं की बसा बढ़ाने वाले),
3. मोट बुग्याल (मोट बुग या फ्लूम प्रजाति की घास वाले),
4. धनिया बुग्याल (व्यांस-मालपा क्षेत्र वाले) तथा
5. धत्ती बुग्याल (धत्ती बुग वनस्पति वाले)।
उत्तराखंड के प्रमुख बुग्याल
क्र.सं. | नाम | स्थान | जनपद |
1 | बेदनी बुग्याल | रूपकुंड मार्ग पर | चमोली |
2 | पातर नचौणियाँ | वेदनी बुग्याल के समीप | चमोली |
3 | क्वारी पास | विरही के ऊपर | चमोली |
4 | गोरसों | औली के ऊपर | चमोली |
5 | औली | जोशीमठ के ऊपर | चमोली |
6 | पाण्डुसेरा | क्वारीपास के समीप | चमोली |
7 | रुद्रनाथ | गोपेश्वर से ऊपर | चमोली |
8 | नन्दनकानन | फूलों की घाटी के ऊपर | चमोली |
9 | सतोपंथ | माणा के ऊपर | चमोली |
10 | घसतोली | माणा के ऊपर | चमोली |
11 | रताकोण | माणा के ऊपर | टिहरी |
12 | लक्ष्मीबन | माणा के ऊपर | चमोली |
13 | कैलाबुग्याल | बदरीनाथ के चारों ओर | चमोली |
14 | हरकीदून | टोन्स के उद्गम के ऊपर | उत्तरकाशी |
15 | बर्मी बुग्याल | रुद्रनाथ के निकट | रुद्रप्रयाग |
16 | जली सेरा | बड़गाँव, तपोबन के ऊपर | चमोली |
17 | मनपे | नंदीकुंड से कालीमठ के ऊपर तक | चमोली |
18 | राज खर्क | पवांलीकाँठा के ऊपर | चमोली |
19 | हुण्या बुग्याल | बसुधारा के ऊपर | चमोली |
20 | देवदामिनी | यमुनोत्री के समीप | उत्तरकाशी |
21 | दयारा | उत्तरकाशी | उत्तरकाशी |
22 | पँवाली काँठा | टिहरी | टिहरी |
23 | दूधातोली | चमोली व पौड़ी जनपद के मध्य | चमोली व पौड़ी |
24 | भेटी बुग्याल | घाट के ऊपर | चमोली |
25 | मनणी | कालीमठ के ऊपर | चमोली |
26 | चौमासी | केदारनाथ के पूर्व में | चमोली |
27 | केदार खर्क | गंगोत्री के निकट | उत्तरकाशी |
28 | तपोबन | गोमुख के निकट | उत्तरकाशी |
29 | खादू खर्क | बसुधारा के निकट | चमोली |
30 | चम्बाखर्क–देवतोली | नन्दाघुघटी के निकट | चमोली |
31 | कसनी खर्क | मदमहेश्वर के निकट | रुद्रप्रयाग |
32 | लाताखर्क | तपोवन से लाता गाँव के ऊपर तक | चमोली |
33 | डाँग खर्क | तपोवन के ऊपर | चमोली |
34 | कोरा खर्क | नीती से आगे | चमोली |
35 | बागची बुग्याल | थराली से ऊपर | चमोली |
36 | अविन खर्क | थराली से ऊपर | चमोली |
37 | धामण सैण बुग्याल | नीती गमसाली | चमोली |
38 | अन्वाल लोड़ी | नीती गमसाली | चमोली |
39 | सुटिंग | नीती गमसाली | चमोली |
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बहुत खूब . धन्यवाद