श्रृंगार रस (Shringar Ras)

श्रृंगार रस (Shringar Ras) नायक-नायिका के सौन्दर्य एवं प्रेम संबंधी वर्णन की सर्वोच्च (परिपक्व) अवस्था को श्रृंगार रस कहा जाता है। श्रृंगार रस को रसों का…

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रस – हिन्दी व्याकरण

“विभावानुभावव्यभिचारि संयोगाद्रसनिष्पत्तिः।” अर्थात् विभाव, अनुभाव एवं व्यभिचारी भावों के संयोग से रस की निष्पत्ति होती है। यह रस-दशा ही हृदय का स्थाई भाव है। रस…

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वाक्य

वाक्य  सार्थक शब्द या शब्दों का वह समूह जिससे वक्ता का भाव स्पष्ट हो जाए, वाक्य कहलाता है।  वाक्य के दो अंग होते है: 1.…

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अनेक शब्दों के लिए एक शब्द

अनेक शब्दों के लिए एक शब्द वाक्य  शब्द  जो शब्दों द्वारा व्यक्त न किया जा सके  अवर्णनीय  जिसका कोई शत्रु न हो  अजातशत्रु  ऊपर लिख…

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विराम-चिह्न 

विराम-चिह्न  भाषा रचना में विराम चिह्न बड़े सहायक होते हैं। अभिव्यक्ति की पूर्णता के लिए बोलते समय शब्दों पर भी जोर देना पड़ता है, कभी…

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हिन्दी भाषा और उसकी बोलियाँ

हिन्दी भाषा और उसकी बोलियाँ भारत की भाषाओं पर 20वीं शताब्दी के प्रारम्भ में व्यापक कार्य करने वाले सर जार्ज ग्रियर्सन ने हिन्दी का क्षेत्र…

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प्रत्यय (Suffix)

प्रत्यय (Suffix) वे शब्दांश जो किसी शब्द के अन्त में लगकर उस शब्द के अर्थ में परिवर्तन कर देते हैं, अर्थात् नये अर्थ का बोध…

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उपसर्ग (Prefix)

उपसर्ग (Prefix) वे शब्दांश जो किसी मूल शब्द के पूर्व में लगकर नये शब्द का निर्माण करते हैं अर्थात् नये अर्थ का बोध कराते हैं,…

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समास

समास ‘समास’ शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है ‘छोटा一रूप’ अतः जब दो या दो से अधिक शब्द (पद) अपने बीच की विभक्तियों का लोप कर…

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कारक

कारक  वाक्य में जिस शब्द का सम्बन्ध क्रिया से होता है, उसे कारक कहते हैं। इन्हें विभक्ति या परसर्ग (बाद में जुड़ने वाले) भी कहा…

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