उद्योगों और अवसंरचना
- 2018-19 में आठ बुनियादी उद्योगों के कुल सूचकांक में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि।
- विश्व बैंक के कारोबारी सुगमता रिपोर्ट 2019 में भारत दुनिया के 190 देशों में 77वें स्थान पर पहुंचा। पहले की तुलना में 23स्थान ऊपर उठा।
- 2018-19 में देश में सड़क निर्माण कार्यों में 30 किलोमीटर प्रति दिन के हिसाब से तरीकी हुई। 2014-15 में सड़क निर्माण 12 किलोमीटर प्रति दिन था।
- 2017-18 की तुलना में 2018-19 में रेल ढुलाई और यात्री वाहन क्षमता में क्रमशः 5.33 और 0.64 की वृद्धि हुई।
- देश में 2018-19 के दौरान कुल टेलीफोन कनेक्शन 118.34 करोड़ पर पहुंच गया।
- बिजली की स्थापित क्षमता 2019 में 3,56,100 मेगावाट रही, जबकि 2018 में यह 3,44,002 मेगावाट थी।
- अवसंरचना कमियों को पूरा करने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी जरूरी।
- प्रधानमंत्री आवास योजना और सौभाग्य योजनाओं जैसे प्रमुख सरकारी कार्यक्रमों के माध्यम से टिकाऊ और लचीली अवसंरचनाओं को खास महत्व दिया गया।
अवसंरचना क्षेत्र से जुड़़े विवादों का नीयत समय पर निपटान करने के लिए संस्थागत प्रणाली की आवश्यकता।
सेवा क्षेत्र
- सेवा क्षेत्र (निर्माण को छोड़कर) की भारत के जीवीए में 54.3 प्रतिशत की हिस्सेदारी है और इसने 2018-19 में जीवीए की वृद्धि में आधे से अधिक योगदान दिया है।
- 2017-18 में आईटी-बीपीएम उद्योग 8.4 प्रतिशत बढ़कर 167 अरब अमरीकी डॉलर पर पहुंच गया और इसके 2018-19 में 181 अरब अमरीकी डॉलर पर पहुंचने का अनुमान है।
- सेवा क्षेत्र की वृद्धि 2017-18 के 8.1 प्रतिशत से मामूली रूप से गिरकर 2018-19 में 7.5 प्रतिशत पर आ गई।
- त्वरित गति से बढ़े उप-क्षेत्र : वित्तीय सेवाएं, रियल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं।
- धीमी गति से बढ़ने वाले क्षेत्र : होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण सेवाएं।
- वर्ष 2017 में रोजगार में सेवाओं की हिस्सेदारी 34 प्रतिशत थी।
- पर्यटन
- वर्ष 2018-19 में 10.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आए, जबकि 2017-18 में इनकी संख्या 10.4 मिलियन थी।
- पर्यटकों से विदेशी मुद्रा की आमदनी 2018-19 में 27.7 अरब अमरीकी डॉलर रही, जबकि 2017-18 में 28.7 अरब अमरीकी डॉलर थी।
सामाजिक बुनियादी ढांचा, रोजगार और मानव विकास
- समग्र विकास के लिए सामाजिक बुनियादी ढांचे जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास और संपर्क स्थापित करने में सार्वजनिक निवेश महत्वपूर्ण है।
- जीडीपी के प्रतिशत के रूप में निम्न पर सरकारी व्यय (केन्द्र+राज्य)
- स्वास्थ्य : 2018’19 में 1.5 प्रतिशत वृद्धि की कई, जो 2014-15 में 1.2 प्रतिशत थी।
- शिक्षा : इस अवधि के दौरान 2.8 प्रतिशत से बढ़ाकर 3 प्रतिश किया गया।
- शिक्षा के मात्रात्मक और गुणात्मक संकेतकों में पर्याप्त प्रगति आएगी, जिसमें नाम लिखवाने के सकल अनुपात, लिंग समानता सूचकांक और प्राइमरी स्कूल के स्तर पर पढ़ाई के नतीजों में सुधार दिखाई दिया।
- कौशल विकास को इस प्रकार प्रोत्साहन :
- वित्तीयन साधन के रूप में कौशल प्रमाण पत्रों की शुरूआत, ताकि युवा किसी भी मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण संस्थान से प्रशिक्षण प्राप्त कर सकें।
- पीपीपी मोड में; पाठ्यक्रम विकासृ उपकरण के प्रावधान, प्रशिक्षुओं के प्रशिक्षण आदि के लिए प्रशिक्षण संस्थान स्थापित करने में उद्योग को शामिल करना।
- रेलवे कर्मियों और अर्द्ध सैनिकों को कठिन स्थानों में प्रशिक्षण देने के लिए मनाया जा सकता है।
- मांग-आपूर्ति अंतरालों के आकलन के लिए स्थानीय निकायों को शामिल करके प्रशिक्षकों का डेटाबेस बनाकर, ग्रामीण युवकों के कौशल की मैपिंग कुछ अन्य प्रस्तावित पहलें हैं।
- ईपीएफ के अनुसार औपचारिक क्षेत्र में मार्च 2019 में रोजगार सृजन उच्च स्तर पर 8.15 लाख था, जबकि फरवरी 2018 में यह 4.87 लाख था।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के अंतर्गत 2014 से करीब 1,90,000 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का निर्माण किया गया।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अंतर्गत करीब 1.54 करोड़ घरों का निर्माण कार्य पूरा किया गया, जबकि 31 मार्च, 2019 तक मूलभूत सुविधओं के साथ एक करोड़ पक्के मकान बनाने का लक्ष्य था।
- स्वस्थ भारत के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और आयुष्मान भारत योजना के जरिए पहुंच योग्य, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।
- देश भर में वैकल्पिक स्वास्थ्य सेवाएं, राष्ट्रीय आयुष मिशन की शुरूआत की गई, ताकि सस्ती और आयुष स्वास्थ्य सेवा के बराबर सेवा दी जा सके, ताकि इन सेवाओं की पहुंच में सुधार हो और सस्ती सेवाएं मिलें।
बजटीय आवंटन पर वास्तविक व्यय को बढ़ाकर और पिछले चार वर्ष में बजट आवंटन बढ़ाकर रोजगार सृजन योजना मनरेगा को प्राथमिकता दी गई।
Source – PIB