भारत के तटीय मैदान और भारतीय द्वीप

हमारे देश का विशाल पठार चारों ओर से घिरा हुआ है। उत्तर में उत्तरी विशाल मैदान तथा दक्षिण, पूर्व और पश्चिम में तटीय मैदान हैं।

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पूर्वी तटीय मैदान उत्तर में गंगा नदी के मुहाने से ले कर कन्याकुमारी तक बंगाल की खाड़ी के तट के साथ-साथ फैला है। पश्चिमी तटीय मैदान की तुलना में यह अधिक चौड़ा है।

  • इस मैदान में महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नदियों के डेल्टा सम्मिलित हैं।
  • इस मैदान में चिल्का और पुलीकट दो बड़े-बड़े अनूप (लैगून) हैं।
  • ये झीलें बंगाल की खाड़ी के थोड़े से जलीय भाग के बालू-भित्ति के द्वारा घिर जाने से बनी हैं।
  • चिल्का महानदी डेल्टा के दक्षिण में हैं। यह 75 किलोमीटर लम्बी है।
  • पुलीकट झील चेन्नई नगर के उत्तर में है।
  • गोदावरी और कृष्णा नदियों के डेल्टाओं के मध्य में कोल्लेरू झील है।
  • पूर्वी तटीय मैदान बहुत उपजाऊ है। इसमें धान की फसल बहुत अच्छी होती है।

भारत का भौतिक पश्चिमी तटीय मैदान उत्तर में कच्छ के तट से लेकर दक्षिण में कन्याकुमारी तक अरब विन्यास सागर के साथ-साथ फैला है।

  • गुजरात के मैदान को छोड़कर यह मैदान पूर्वी तटीय मैदान से कम चौड़ा है।
  • दक्षिणी गुजरात से लेकर मुंबई तक पश्चिमी तटीय मैदान अपेक्षाकृत चौड़ा है और दक्षिण की ओर संकरा होता गया है।
  • गुजरात, कच्छ के रन तथा काठियावाड़ के मैदानों में कहीं-कहीं चट्टानी टीले और छोटी पहाड़ियां दिखाई पड़ती हैं।
  • गुजरात का मैदान काली मिट्टी से बना है।
  • उत्तर में दमण से लेकर दक्षिण में गोवा तक लगभग 500 कि.मी. का तटीय भाग कोंकण कहलाता है। यह कटा-फटा है।
  • इसमें कई छोटी-छोटी नदियां बहती हैं।
  • गोवा से मंगलोर तक के तट को कर्नाटक तट कहते हैं।
  • मंगलौर से कन्याकुमारी तक के तट को मलाबार तट कहते हैं।
  • यहां तटीय मैदान कुछ चौड़ा है।
  • मलाबार तट में अनेक लंबे और सकरे अनूप हैं।
  • 80 कि.मी. से भी अधिक लंबा वेम्बनाड ऐसा ही एक अनूप है। इसी पर कोच्चि बन्दरगाह बसा है।
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भारतीय द्वीप (Indian Islands)

भारत में छोटे-छोटे द्वीप समूह भी हैं। एक द्वीप समूह बंगाल की खाड़ी में म्यांमार के तट से कुछ दूरी पर अंडमान और निकोबार द्वीप समूह है। दूसरा लक्षद्वीप द्वीप समूह केरल तट से कुछ दूरी पर अरब सागर में स्थित है

अंडमान द्वीप

अंडमान द्वीपों में (i) उत्तरी (ii) मध्य (iii) दक्षिणी तथा (iv) लघु अंडमान द्वीप सम्मिलित है।

  • पोर्टब्लेअर नगर इस संपूर्ण संघ राज्य क्षेत्र की राजधानी है। यह दक्षिण अंडमान में स्थित है।
  • 10° जलमार्ग इस द्वीप समूह को निकोबार द्वीप समूह से अलग करता है।
  • निकोबार द्वीप समूह की स्थिति अंडमान द्वीप समूह के दक्षिण में है। इस द्वीप समूह में कार निकोबार, लघु निकोबार तथा वृहत् निकोबार द्वीप सम्मिलित हैं।
  • भारत संघ का दक्षिणतम छोर वृहत् निकोबार द्वीप में है। श्रीमती इन्दिरा गांधी के नाम पर इसका नाम इन्दिरा पाइण्ट रखा गया है।
  • ये द्वीप समूह समुद्री जल में डूबी पर्वत श्रृंखला के जैसा प्रतीत होता है।
  • अंडमान का बैरन द्वीप भारत का अकेला जागृत ज्वालामुखी है।
  • सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होने के कारण इन द्वीपों में वायु सेना और नौसेना के अड्डे हैं।
  • सात देशों – बांग्लादेश, म्यांमार, थाईलैण्ड, मलेशिया, सिंगापुर, इण्डोनेशिया और श्रीलंका के सम्मुख इस द्वीप समूह की स्थिति है।

लक्षद्वीप

  • लक्षद्वीप समूह केरल तट के पश्चिम में अरब सागर में स्थित है।
  • ये सभी प्रवाल द्वीप हैं।
  • इनका निर्माण प्रवाल जैसे अत्यन्त सूक्ष्म जीवों के चूने से बने कवचों के लगातार जमाव से हुआ है। ये सभी द्वीप बहुत छोटे हैं।
  • इनमें सबसे बड़े द्वीप मिनीकाय का क्षेत्रफल 4.5 वर्ग कि.मी. है।
  • कवारत्ती इस द्वीप समूह की राजधानी है।
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