बिहार के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य तथा जैविक उद्यान | TheExamPillar
Wildlife Sanctuary and Biological Park in Bihar

बिहार के प्रमुख वन्य जीव अभ्यारण्य तथा जैविक उद्यान

राज्य में कुल 12 वन्य जीव अभ्यारण्य तथा एक राष्ट्रीय पार्क है। बिहार प्राकृतिक वनस्पति की दृष्टि से एक समृद्ध राज्य है। यहाँ के वनों में हाथी, लंगूर, शेर, बार्किंग डीयर, भालू, बाघ, तेंदुआ, नीलगाय, सांभर आदि पाए जाते हैं। वन्य जीव संरक्षण हेतु यहाँ कई उद्यान तथा अभ्यारण्य हैं, जिनका पृथक्-पृथक् विवेचन समीचीन होगा –

गौतम बुद्ध वन्य जीव अभ्यारण्य (Gautam Buddha Wildlife Sanctuary)

  • स्थान – गया जिले
  • स्थापना – सन् 1976 ई०
  • क्षेत्रफल – 25.83 वर्ग किमी
  • इस अभ्यारण्य में मुख्यतः चीता, तेंदुआ, सांभर, हिरन, चीतल इत्यादि पाए जाते हैं।

भीमबाँध वन्य जीव अभ्यारण्य (Bhimbandh Wildlife Sanctuary)

  • स्थापना – सन् 1976 ई०
  • स्थान – मुंगेर जिले में
  • क्षेत्रफल – 631.99 वर्ग किमी
  • यहाँ भालू, तेंदुआ, सांभर, जंगली सूअर, भेड़िया, लंगूर, बन्दर, मगरमच्छ, नीलगाय, मोर, साँप आदि पाए जाते हैं।

संजय गाँधी जैविक उद्यान (Sanjay Gandhi Biological Park)

  • स्थान – पटना में
  • स्थापना – सन् 1973 ई०
  • पार्क को पहली बार 1969 में एक वनस्पति उद्यान के रूप में स्थापित किया गया था।
  • 1973 से, यह पार्क एक जैविक उद्यान के रूप में है।
  • इस उद्यान में विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी तथा वनस्पति को संरक्षित रखा गया है।
  • गैण्डा प्रजनन के सन्दर्भ में यह उद्यान देश के उद्यानों में प्रथम स्थान रखता है।
  • यहाँ 11 कमरों का एक साँपघर है जो आकर्षण का केन्द्र है।

वाल्मीकि नगर वन्य जीव अभ्यारण्य (Valmiki Nagar Wildlife Sanctuary)

  • स्थान – पश्चिम चम्पारण में
  • स्थापना – सन् 1973 ई०
  • क्षेत्रफल –  840 वर्ग किमी
  • यह बिहार की दूसरी बाघ परियोजना है जो बिहार के पश्चिम चम्पारण जिले के वाल्मीकि नगर में स्थित है।

परमान डॉल्फिन अभ्यारण्य (Paramount Dolphin Reserve)

  • स्थान – अररिया
  • स्थापना – 
  • परमान नदी के ऊपरी भाग में 15 डॉल्फिन मछलियों की खोज 1995 में सूडान सहाय नामक प्रकृति विज्ञानी ने की।

विक्रमशिला गंरप डॉल्फिन अभ्यारण्य (Vikramshila Gangetic Dolphin Reserve)

  • स्थान – भागलपुर जिले में
  • क्षेत्रफल – 50 वर्ग किमी
  • अभ्यारण्य भारत में अपनी तरह का पहला डॉल्फिन अभ्यारण्य है।
  • बिहार सरकार ने 1990 में इसे डॉल्फिन अभ्यारण्य के रूप में मान्यता दी।
  • यहाँ डॉल्फिन मछलियों की संख्या 240 से 480 के मध्य है।
  • डॉल्फिन सामान्यतः समुद्रों या गंगा नदी के निचले भागों में पायी जाती है।

बिहार के पक्षी विहार

कावर पक्षी विहार (Kawar Bird Sanctuary)

  • स्थान – बेगूसराय जिले में
  • क्षेत्रफल –  63.11 वर्ग किमी
  • स्थापना – 1989 ई० में
  • रूस, मंगोलिया तथा साइबेरियाई देशों से हजारों किमी की दूरी तय कर प्रवासी पक्षी यहाँ पहुँचते हैं।
  • इस पक्षी विहार की गणना विश्व के वेटलैण्ड में होती है।
  • इस पक्षी विहार में कुछ दुर्लभ किस्म के पक्षी हिमालय के ऊपरी भागों, चीन तथा श्रीलंका से भी आते हैं।

नक्टी पक्षी विहार (Nakti Bird Sanctuary)

  • स्थान – जमुई जिले में
  • स्थापना – 1987 में
  • क्षेत्रफल – 2.06 वर्ग किमी है।

गोगाबिल पक्षी विहार (Gogabil Bird Sanctuary)

  • स्थान – कटिहार जिले में
  • क्षेत्रफल – 217.99 एकड़ क्षेत्र में
  • स्थापना – सन् 1990 में
  • इस पक्षी विहार में धनुषाकार झील है जिसका नाम गोगाबिल है।

नगी पक्षी विहार (Nagi Bird Sanctuary)

  • स्थान – जमुई जिले में
  • क्षेत्रफल – 1.91 वर्ग किमी
  • स्थापना – 1987 में

कुशेश्वर पक्षी विहार (Kusheshwar Bird Sanctuary)

  • स्थान – दरभंगा जिले में
  • क्षेत्रफल – 100 वर्ग किमी
  • यह उत्तर भारत का सबसे बड़ा पक्षी विहार है। यहाँ साइबेरियाई प्रवासी पक्षी अक्टूबर माह में आने लगते हैं।

बक्सर पक्षी विहार (Buxar Bird Sanctuary)

  • स्थान – बक्सर जिले में
  • क्षेत्रफल – 25 वर्ग किमी
  • अक्टूबर माह में ‘लालशर’ नामक पक्षी कश्मीर से यहाँ प्रवास कर आते हैं जो मार्च में पुनः कश्मीर की घाटियों में लौट जाते हैं।

 

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